धारा 45 बीएनएसएस: विभिन्न क्षेत्राधिकारों में पुलिस का पीछा — एक विस्तृत विश्लेषण
प्रस्तावना
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (बीएनएसएस) के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों को अपराधियों को पकड़ने के लिए कई शक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण प्रावधान है धारा 45 बीएनएसएस, जो पुलिस अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तारी के लिए किसी अपराधी का पीछा करने का अधिकार देता है, भले ही वह अपराधी भारत के किसी भी भाग में भाग गया हो। यह प्रावधान पुलिस प्रशासन की प्रभावशीलता और न्यायिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
धारा 45 बीएनएसएस का मूल प्रावधान
धारा 45 बीएनएसएस के अनुसार:
“यदि कोई पुलिस अधिकारी, जो बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का प्राधिकार रखता है, यह देखता है कि कोई व्यक्ति उस पुलिस अधिकारी के क्षेत्राधिकार से बाहर भाग रहा है, तो वह पुलिस अधिकारी उस व्यक्ति का पीछा करके भारत के किसी भी कोने में जाकर उसे गिरफ्तार कर सकता है।”
इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अपराधी केवल क्षेत्राधिकार के अंतर का लाभ उठाकर पुलिस की पकड़ से बाहर न निकल पाए।
प्रावधान का उद्देश्य और औचित्य
इस प्रावधान का उद्देश्य स्पष्ट है — अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई को सक्षम बनाना और यह सुनिश्चित करना कि कानून के पालन से कोई बच न सके। यदि यह प्रावधान न होता, तो एक पुलिस अधिकारी को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर गिरफ्तारी के लिए अन्य क्षेत्राधिकार की पुलिस की सहायता लेनी पड़ती, जिससे गिरफ्तारी में देरी और अपराधी के भागने की संभावना बढ़ जाती।
पुलिस अधिकारी के अधिकार और सीमाएँ
इस प्रावधान के अंतर्गत: ✅ पुलिस अधिकारी को अधिकार है कि वह किसी भी राज्य में अपराधी का पीछा कर सकता है।
✅ पुलिस अधिकारी को अन्य राज्यों की पुलिस से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
✅ यह प्रावधान गिरफ्तारी के अधिकार को रोकता नहीं, बल्कि इसे अधिक प्रभावी बनाता है।
हालाँकि, इसका प्रयोग करते समय पुलिस अधिकारी को यह ध्यान रखना चाहिए कि: 🔸 गिरफ्तारी करते समय विधिक प्रक्रिया (जैसे उचित बल का प्रयोग) का पालन किया जाए।
🔸 गिरफ्तार व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो।
🔸 गिरफ्तारी के पश्चात निकटतम पुलिस थाने में लाकर आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी की जाए।
व्यावहारिक परिदृश्य
मान लीजिए एक पुलिस अधिकारी ने अपने क्षेत्र में एक अपराधी को चोरी के आरोप में गिरफ्तार करने का प्रयास किया। अपराधी भागकर दूसरे राज्य में चला गया। अब पुलिस अधिकारी को अपने क्षेत्राधिकार की बाध्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा। वह सीधे अपराधी का पीछा करते हुए उस राज्य में जाकर उसे गिरफ्तार कर सकता है। इससे न्याय की प्रक्रिया में तेजी आती है और अपराधियों के बचने की संभावना कम हो जाती है।
निष्कर्ष
धारा 45 बीएनएसएस भारतीय पुलिस प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो पुलिस अधिकारियों को अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक क्षेत्राधिकार प्रदान करता है। यह प्रावधान कानून के शासन की अवधारणा को सशक्त बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि अपराधी किसी भी राज्य की सीमा पार करके कानून की पकड़ से बच न सके।