धारा 45, भारतीय न्याय संहिता (BNSS) – क्षेत्राधिकार की सीमाओं से परे पुलिस का पीछा (Police Pursuit Across Jurisdictions)
प्रस्तावना:
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) की धारा 45 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो पुलिस अधिकारियों को किसी अपराधी का पीछा करते हुए भारत के किसी भी हिस्से में जाकर गिरफ्तारी करने का अधिकार प्रदान करती है। यह प्रावधान अपराध नियंत्रण और न्यायिक प्रक्रिया की प्रभावशीलता को सुनिश्चित करता है।
धारा 45 का सार:
धारा 45 यह स्पष्ट करती है कि यदि किसी पुलिस अधिकारी को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार है, तो वह उस व्यक्ति का भारत की किसी भी जगह तक पीछा कर सकता है और वहां जाकर उसे गिरफ्तार कर सकता है, भले ही वह स्थान उस पुलिस अधिकारी के नियमित कार्यक्षेत्र (jurisdiction) से बाहर हो।
प्रमुख बिंदु:
- बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार:
- यह धारा केवल उन्हीं मामलों में लागू होती है, जहां पुलिस को पहले से ही बिना वारंट गिरफ्तारी का कानूनी अधिकार प्राप्त हो (जैसे संज्ञेय अपराध – cognizable offence)।
- संपूर्ण भारत में पीछा करने की अनुमति:
- पुलिस अधिकारी अपराधी का पीछा करके किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में जाकर उसे पकड़ सकता है।
- क्षेत्राधिकार की बाधा समाप्त:
- यह प्रावधान राज्य की सीमाओं से जुड़ी बाधाओं को समाप्त करता है और एक एकीकृत पुलिस कार्रवाई की अनुमति देता है।
- अन्य राज्यों की पुलिस से सहयोग:
- व्यावहारिक रूप से, पुलिस अधिकारी आम तौर पर स्थानीय पुलिस की सहायता लेकर गिरफ्तारी करता है, लेकिन यह धारा उसे स्वतंत्र रूप से भी कार्रवाई की शक्ति देती है।
उदाहरण द्वारा स्पष्टता:
मान लीजिए कि एक अपराधी दिल्ली में कोई गंभीर अपराध करके भाग जाता है और राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर जाता है। यदि दिल्ली पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तारी करने का अधिकार है, तो वे धारा 45 के तहत राजस्थान में जाकर भी उस अपराधी को गिरफ्तार कर सकते हैं।
उद्देश्य और महत्व:
- एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना
- अपराधियों को राज्य सीमा का दुरुपयोग करने से रोकना
- त्वरित और प्रभावी गिरफ्तारी की सुविधा देना
- पुलिस कार्रवाई की निरंतरता बनाए रखना
संभावित सावधानियाँ:
- पुलिस को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनकी कार्रवाई कानून के अनुसार हो और किसी निर्दोष व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो।
- यदि अन्य राज्य में जाकर गिरफ्तारी होती है, तो गिरफ्तारी के पश्चात उचित न्यायालय में पेश करना आवश्यक होता है।
निष्कर्ष:
धारा 45, BNSS अपराधियों की गिरफ्तारी में प्रभावशीलता और गतिशीलता लाती है। यह प्रावधान भारतीय पुलिस को राज्य सीमाओं की बाधा से मुक्त करके अपराध से लड़ने में एकीकृत और राष्ट्रीय दृष्टिकोण प्रदान करता है। इस प्रकार, यह धारा देश में न्याय के प्रशासन को मज़बूती देने वाला एक सशक्त उपकरण है।