प्रभावी संप्रेषण (Communication) के तत्वों की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए तथा यह स्पष्ट कीजिए कि एक अच्छे संप्रेषक में कौन-कौन से गुण होने चाहिएं।

प्रश्न 1: प्रभावी संप्रेषण (Communication) के तत्वों की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए तथा यह स्पष्ट कीजिए कि एक अच्छे संप्रेषक में कौन-कौन से गुण होने चाहिएं।

उत्तर:


परिचय:

संप्रेषण (Communication) मानव जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह विचारों, भावनाओं, जानकारियों तथा अनुभवों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया है। एक प्रभावी संप्रेषण वही होता है, जिसमें प्रेषक का संदेश ग्रहणकर्ता तक सही अर्थों में, बिना किसी रुकावट के, पहुँचे और अपेक्षित प्रतिक्रिया उत्पन्न हो।


1. प्रभावी संप्रेषण के प्रमुख तत्व (Elements of Effective Communication):

  1. प्रेषक (Sender):
    वह व्यक्ति या संस्था जो विचारों, सूचना या भावनाओं को संप्रेषित करता है। प्रभावी संप्रेषण के लिए प्रेषक को विषय का स्पष्ट ज्ञान होना चाहिए।
  2. संदेश (Message):
    वह जानकारी, विचार या भावना जो संप्रेषित की जा रही है। संदेश स्पष्ट, संक्षिप्त और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए।
  3. माध्यम (Medium):
    वह साधन जिससे संदेश भेजा जाता है, जैसे- मौखिक, लिखित, दृश्य या श्रव्य माध्यम। माध्यम का चयन परिस्थिति और संदेश के अनुसार होना चाहिए।
  4. संचार चैनल (Channel):
    वह मार्ग जिससे संदेश प्रेषक से ग्रहणकर्ता तक पहुँचता है, जैसे – ईमेल, टेलीफोन, बातचीत, आदि।
  5. ग्रहणकर्ता (Receiver):
    वह व्यक्ति जो संदेश प्राप्त करता है। संप्रेषण तभी प्रभावी होता है जब ग्रहणकर्ता संदेश को सही ढंग से समझ सके।
  6. प्रतिक्रिया (Feedback):
    ग्रहणकर्ता द्वारा दी गई प्रतिक्रिया से पता चलता है कि संदेश कितनी सही समझा गया। यह संप्रेषण को दो-तरफा बनाती है।
  7. रुकावटें (Barriers):
    संप्रेषण के दौरान कई बाधाएँ आती हैं जैसे – भाषाई अंतर, शोर, सांस्कृतिक भिन्नता आदि। प्रभावी संप्रेषण इन्हें कम करके ही संभव होता है।

2. एक अच्छे संप्रेषक के गुण (Qualities of a Good Communicator):

  1. स्पष्टता (Clarity):
    संदेश में अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए। शब्दों का चयन सरल और उपयुक्त होना चाहिए।
  2. सुनने की क्षमता (Listening Skills):
    एक अच्छा संप्रेषक केवल बोलने वाला नहीं, बल्कि अच्छा श्रोता भी होता है।
  3. आत्मविश्वास (Confidence):
    संप्रेषण के दौरान आत्मविश्वास से भरा व्यवहार प्रभाव छोड़ता है।
  4. भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional Intelligence):
    सामने वाले की भावना को समझने और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने की क्षमता होनी चाहिए।
  5. अनुकूलन क्षमता (Adaptability):
    संप्रेषक को श्रोता, वातावरण और परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढालने की क्षमता होनी चाहिए।
  6. अच्छा भाषा ज्ञान:
    संप्रेषक को भाषा का सही प्रयोग आना चाहिए, ताकि कोई भ्रम न हो।
  7. सकारात्मकता:
    संप्रेषण में सकारात्मक दृष्टिकोण संप्रेषक को अधिक प्रभावशाली बनाता है।

निष्कर्ष:

प्रभावी संप्रेषण किसी भी सामाजिक, व्यावसायिक या विधिक परिप्रेक्ष्य में सफलता की कुंजी है। इसके तत्वों की सही समझ और एक अच्छे संप्रेषक के गुणों को आत्मसात करके कोई भी व्यक्ति अपनी संवाद क्षमता को सशक्त बना सकता है। आज के वैश्विक युग में यह एक अत्यंत आवश्यक कौशल बन गया है।