भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर निम्नलिखित हैं:
1. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 का उद्देश्य आपदाओं, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकटों से निपटने के लिए नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह संहिता नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करती है।
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत कौन-कौन सी प्रमुख सुविधाएँ शामिल हैं?
उत्तर:
- नागरिक सुरक्षा उपायों का नियमन और उनका कार्यान्वयन।
- आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए प्रभावी तंत्र का निर्माण।
- प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं से बचाव के लिए सरकारी संस्थाओं का सहयोग।
- नागरिक सुरक्षा से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के लिए जनसमूहों का गठन।
3. इस संहिता के तहत कौन-कौन से संस्थान बनाए गए हैं?
उत्तर: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत विभिन्न संस्थान जैसे राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा बोर्ड, राज्य नागरिक सुरक्षा समितियाँ, और जिला नागरिक सुरक्षा समितियाँ स्थापित की गई हैं, जो आपातकालीन स्थिति में कार्य करने के लिए जिम्मेदार हैं।
4. आपदा प्रबंधन के लिए इस संहिता में क्या प्रावधान हैं?
उत्तर: संहिता में आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रक्रियाओं, आपातकालीन सेवाओं के संचालन, और राहत कार्यों के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। इसमें प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़, भूकंप, और महामारी, के लिए विशेष प्रावधान हैं।
5. नागरिक सुरक्षा की गुप्त जानकारी का संरक्षण इस संहिता में कैसे किया गया है?
उत्तर: संहिता में यह सुनिश्चित किया गया है कि नागरिक सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी का गुप्त रूप से संग्रहण और सुरक्षा की जाए। यह जानकारी केवल अधिकृत अधिकारियों के साथ साझा की जाएगी, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके।
6. इस संहिता के तहत नागरिकों की जिम्मेदारी क्या है?
उत्तर: नागरिकों को आपदा के समय सुरक्षात्मक कदम उठाने, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने और राहत कार्यों में सरकार और राहत संगठनों का सहयोग करने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें नागरिक सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक भी किया जाएगा।
7. क्या इस संहिता के तहत सरकार को आपातकालीन सेवाएं देने के लिए अधिक शक्ति प्राप्त होती है?
उत्तर: हाँ, संहिता के तहत सरकार को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने और नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए अधिक शक्ति प्राप्त होती है। इसके अलावा, विशेष आपातकालीन सेवाओं की तैनाती और प्रबंधन की क्षमता को भी बढ़ाया गया है।
8. क्या यह संहिता नागरिकों को भी किसी प्रकार का सुरक्षा कवच प्रदान करती है?
उत्तर: हाँ, संहिता नागरिकों को आपदाओं और संकट की स्थिति में बेहतर सुरक्षा, राहत, और पुनर्वास के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करती है। यह नागरिकों को त्वरित सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रभावी तंत्र तैयार करती है।
यहां कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से संबंधित हैं:
9. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपातकालीन स्थिति” के लिए क्या परिभाषा दी गई है?
उत्तर:
“आपातकालीन स्थिति” को उस स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है जब कोई प्राकृतिक या मानवजनित आपदा, जैसे भूकंप, बाढ़, महामारी, या आतंकवादी हमले जैसी घटनाएँ उत्पन्न होती हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं और जो त्वरित प्रतिक्रिया और राहत उपायों की आवश्यकता होती है।
10. क्या संहिता में नागरिक सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में नागरिक सुरक्षा उपायों से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सही कदम उठाने के लिए प्रशिक्षित करना है, जिससे आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
11. इस संहिता में “संवेदनशील क्षेत्रों” का क्या महत्व है?
उत्तर:
“संवेदनशील क्षेत्र” वे क्षेत्र होते हैं जो आपदाओं के लिए अधिक जोखिम में होते हैं, जैसे बाढ़-प्रवण इलाके, भूकंपीय क्षेत्र, या उच्चतम आतंकवाद संभावित क्षेत्र। संहिता में इन क्षेत्रों की पहचान की गई है और इन्हें विशेष सुरक्षा उपायों के तहत रखा गया है, जैसे विशेष राहत केंद्रों का गठन और पहले से तैयार आपातकालीन सेवाओं की तैनाती।
12. संहिता में राज्य और केंद्र सरकार की भूमिकाएँ क्या हैं?
उत्तर:
संहिता में राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका को स्पष्ट किया गया है। केंद्र सरकार आपातकालीन स्थिति में समन्वय और प्राथमिक दिशा-निर्देश प्रदान करती है, जबकि राज्य सरकारें आपदाओं के प्रबंधन और राहत कार्यों के स्थानीय स्तर पर संचालन के लिए जिम्मेदार होती हैं। दोनों सरकारें मिलकर नागरिक सुरक्षा उपायों को लागू करती हैं।
13. क्या संहिता में नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सजा का प्रावधान किया गया है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदाओं और संकटों के दौरान सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई नागरिक या संगठन आपातकालीन प्रबंधन की प्रक्रिया में बाधा डालता है या सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उन्हें जुर्माना या कारावास जैसी सजा दी जा सकती है।
14. नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सामाजिक सुरक्षा” का क्या महत्व है?
उत्तर:
सामाजिक सुरक्षा का उद्देश्य नागरिकों को आपदाओं या संकट की स्थिति में आर्थिक और मानसिक सहायता प्रदान करना है। संहिता में इस प्रकार की सहायता के लिए विशेष योजनाओं और उपायों का प्रावधान किया गया है, जैसे राहत सहायता, पुनर्वास, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ।
15. नागरिक सुरक्षा के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग की क्या भूमिका है?
उत्तर:
संहिता में यह सुनिश्चित किया गया है कि सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर नागरिक सुरक्षा उपायों को प्रभावी रूप से लागू करें। निजी कंपनियाँ जैसे चिकित्सा, राहत और पुनर्वास सेवाओं में योगदान कर सकती हैं, और सरकारी एजेंसियाँ इन सेवाओं को समन्वित करने और उपयुक्त दिशा-निर्देश देने का काम करती हैं।
16. क्या इस संहिता में संकट प्रबंधन के लिए तकनीकी उपायों का प्रावधान किया गया है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में तकनीकी उपायों का उपयोग करने पर जोर दिया गया है, जैसे आपदा प्रबंधन के लिए उन्नत उपकरणों और तकनीकी प्रणालियों का उपयोग। इसमें त्वरित सूचना प्रसारण, जीआईएस (गैस्ट्रोइंफॉर्मेशन सिस्टम) और ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है ताकि राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से चलाया जा सके।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
17. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत “आपदाओं की तैयारियों” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदाओं की तैयारी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिसमें आपदा के पहले, दौरान और बाद में नागरिक सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान, आपातकालीन बचाव दल की तैनाती, और आपदा से पहले समुदायों को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया शामिल है।
18. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल” (NDRF) की भूमिका क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया देने, बचाव कार्यों को सुनिश्चित करने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सहायता प्रदान करने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। यह बल केंद्र सरकार द्वारा संचालित होता है और विभिन्न आपदाओं में विशेषज्ञता रखने वाले कर्मियों से युक्त है।
19. क्या संहिता में “सामाजिक सुरक्षा” के उपायों के लिए कोई वित्तीय योजना है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा और संकट की स्थिति में प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्रावधान किया गया है। इसमें आपातकालीन राहत पैकेज, पुनर्वास कोष और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए धन का आवंटन किया गया है।
20. इस संहिता में “स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं” से संबंधित क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें आपदाओं के दौरान त्वरित चिकित्सा सहायता, राहत शिविरों में स्वास्थ्य सेवाएं, और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाइयों और चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान शामिल हैं।
21. संहिता में “पुनर्वास कार्य” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में पुनर्वास कार्यों के लिए एक संरचित योजना बनाई गई है। आपदाओं के बाद प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु सरकारी योजना के तहत पुनर्निर्माण, स्थायी आवास, और रोजगार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य प्रभावित नागरिकों की जीवन-यात्रा को शीघ्र सामान्य बनाना है।
22. इस संहिता में “आपातकालीन केंद्र” की स्थापना के बारे में क्या प्रावधान है?
उत्तर:
संहिता के तहत आपातकालीन राहत केंद्रों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जहां प्रभावित नागरिकों को तुरंत भोजन, पानी, चिकित्सा सेवाएं, और अन्य आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी। ये केंद्र प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
23. क्या इस संहिता में नागरिकों के लिए “बीमा और वित्तीय सुरक्षा” के प्रावधान हैं?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा प्रभावित नागरिकों के लिए बीमा और वित्तीय सुरक्षा की योजनाएं हैं। इसमें नागरिकों को आपदा के कारण हुई संपत्ति हानि, जीवन हानि या शारीरिक चोटों के लिए बीमा का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, प्रभावित व्यक्तियों को पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
24. क्या इस संहिता में “संचार और सूचना प्रणाली” के प्रबंधन का प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा के दौरान संचार और सूचना प्रणाली के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रावधान किया गया है। इसमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सूचना के त्वरित प्रसार के लिए रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल संदेश और सोशल मीडिया का उपयोग करने की व्यवस्था की गई है, ताकि नागरिकों को तत्काल जानकारी मिल सके।
25. इस संहिता के तहत राज्यों और केंद्र के बीच क्या समन्वय है?
उत्तर:
संहिता में राज्यों और केंद्र सरकार के बीच आपदा प्रबंधन में समन्वय स्थापित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। केंद्रीय सरकार राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करती है, जबकि राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर आपदा राहत कार्यों का संचालन करती हैं। दोनों स्तरों पर आपदा प्रबंधन के लिए एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है।
26. संहिता में “सभी नागरिकों की जिम्मेदारी” क्या बताई गई है?
उत्तर:
संहिता के तहत सभी नागरिकों की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि वे आपदा के समय सहायता और राहत कार्यों में सरकार और राहत एजेंसियों का सहयोग करें। इसके अलावा, नागरिकों को आपदा प्रबंधन की जानकारी प्रदान की जाएगी, ताकि वे संकट के समय उचित कदम उठा सकें।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
27. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपातकालीन स्थिति” के तहत कौन-कौन सी आपदाओं को शामिल किया गया है?
उत्तर:
संहिता में आपातकालीन स्थिति के तहत विभिन्न प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं को शामिल किया गया है, जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, महामारी, आतंकवादी हमले, रासायनिक और जैविक हमले, और अन्य आपातकालीन परिस्थितियाँ। इन सभी आपदाओं के लिए अलग-अलग राहत योजनाएँ और प्रबंधन प्रणालियाँ तैयार की गई हैं।
28. संहिता के तहत “आपातकालीन धन” का प्रावधान क्या है?
उत्तर:
संहिता में आपातकालीन धन का प्रावधान किया गया है, जिसे आपदा के दौरान त्वरित राहत कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह धन सरकार द्वारा संबंधित राज्य सरकारों और अन्य आपातकालीन संगठनों को प्रदान किया जाएगा, ताकि वे तुरंत बचाव कार्य शुरू कर सकें और प्रभावित नागरिकों को राहत प्रदान कर सकें।
29. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सार्वजनिक सुरक्षा” से संबंधित क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में सार्वजनिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसमें नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सुरक्षा उपायों और तंत्र की स्थापना की गई है। इसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों को मिलकर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि आपदाओं के दौरान जनसंख्या को त्वरित और प्रभावी सहायता मिल सके।
30. क्या इस संहिता में नागरिकों के लिए “आपदा चेतावनी” प्रणाली का प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में नागरिकों को आपदाओं से पहले चेतावनी देने के लिए एक सशक्त चेतावनी प्रणाली का प्रावधान किया गया है। इसमें विभिन्न आपदाओं के लिए पूर्वानुमान, अलर्ट और सूचना प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर केंद्रीय तंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे नागरिकों को आपदा आने से पहले तैयार किया जा सके।
31. संहिता के तहत “विशेष रूप से कमजोर समूहों” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में विशेष रूप से कमजोर समूहों जैसे वृद्ध, बच्चे, महिलाएं, और विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष सुरक्षा उपायों का प्रावधान किया गया है। इन समूहों को आपदाओं के दौरान विशेष ध्यान और सहायता दी जाएगी, ताकि वे आपदा के प्रभाव से सुरक्षित रह सकें और उन्हें उचित राहत मिल सके।
32. क्या इस संहिता में “नागरिक सुरक्षा हेल्पलाइन” की व्यवस्था की गई है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में नागरिकों के लिए एक नागरिक सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की गई है, जो आपदा के दौरान तत्काल सहायता प्रदान करता है। नागरिक इस हेल्पलाइन पर कॉल करके आपातकालीन स्थितियों की सूचना दे सकते हैं और राहत कार्यों में मदद प्राप्त कर सकते हैं।
33. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सामाजिक एवं मानसिक स्वास्थ्य” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदाओं के बाद प्रभावित नागरिकों के मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रावधान किया गया है। इसमें मनोवैज्ञानिक सहायता, तनाव प्रबंधन, और सामाजिक पुनर्वास की सेवाएँ प्रदान की जाएंगी, ताकि प्रभावित लोग मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें और समाज में पुनः समाहित हो सकें।
34. संहिता के तहत “सुरक्षा उपकरणों” के उपयोग के लिए क्या दिशा-निर्देश हैं?
उत्तर:
संहिता में नागरिकों और आपदा प्रबंधन कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं। इसमें हेलमेट, रेस्क्यू उपकरण, प्राथमिक चिकित्सा किट, जीवन रक्षक वस्त्र, और अन्य सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग आपदा के दौरान अनिवार्य किया गया है, ताकि दुर्घटनाओं और शारीरिक चोटों से बचा जा सके।
35. क्या इस संहिता में “प्राकृतिक संसाधनों” के संरक्षण के लिए कोई विशेष प्रावधान हैं?
उत्तर:
हाँ, संहिता में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रावधान किए गए हैं। आपदाओं के दौरान संसाधनों का उचित प्रबंधन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं, ताकि जल, वायु, और अन्य संसाधनों का प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सके और भविष्य में संसाधन संकट की स्थिति न उत्पन्न हो।
36. संहिता में “स्थानीय समुदायों” की भूमिका क्या है?
उत्तर:
संहिता में स्थानीय समुदायों को आपदा प्रबंधन के महत्वपूर्ण अंग के रूप में पहचाना गया है। स्थानीय समुदायों को आपदा से पहले, दौरान और बाद में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। उन्हें प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम, और संसाधन प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
37. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत आपदाओं के बाद “मुआवजे” के क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदाओं के बाद प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों को मुआवजा देने के लिए प्रावधान किया गया है। इसमें आपदा के कारण हुई संपत्ति की हानि, मृत्यु या शारीरिक चोटों के लिए मुआवजा राशि निर्धारित की जाती है। सरकार द्वारा प्रत्येक प्रकार की आपदा के लिए मुआवजे की दरों का निर्धारण किया जाएगा और प्रभावितों को शीघ्र भुगतान किया जाएगा।
38. संहिता के तहत “आधिकारिक निगरानी” का क्या महत्व है?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक निगरानी का प्रावधान किया गया है। राज्य और केंद्रीय स्तर पर निगरानी समितियाँ बनाई जाएंगी, जो आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया की समीक्षा करेंगी और समय-समय पर सुधारात्मक उपायों का सुझाव देंगी।
39. क्या इस संहिता में “स्वयंसेवकों” की भूमिका को मान्यता दी गई है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में स्वयंसेवकों की भूमिका को मान्यता दी गई है। आपदा के दौरान, स्वयंसेवक बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों में मदद करने के लिए तैयार रहेंगे। सरकार उन्हें प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी, ताकि वे प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
40. संहिता में “सुरक्षा संसाधनों” के बारे में क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा की स्थिति में आवश्यक सुरक्षा संसाधनों की उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें राहत सामग्री, चिकित्सा उपकरण, भोजन, पानी, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का संग्रहण और वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
41. क्या संहिता में “सामाजिक नेटवर्क और मीडिया” के उपयोग का प्रावधान किया गया है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा के दौरान सामाजिक नेटवर्क और मीडिया के उपयोग का प्रावधान किया गया है। आपदा के समय त्वरित जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी और मोबाइल ऐप्स का उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों को घटनाओं के बारे में जागरूक करना और त्वरित सहायता प्रदान करना है।
42. संहिता के तहत “आपदा के समय स्थानीय निकायों” की क्या भूमिका है?
उत्तर:
स्थानीय निकायों को आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका दी गई है। ये निकाय स्थानीय स्तर पर नागरिकों को सुरक्षा, राहत और पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करेंगे। साथ ही, इन निकायों के माध्यम से आपदा के दौरान त्वरित सूचना प्रसारण और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
43. संहिता में “विकसित देशों से सहयोग” का क्या प्रावधान है?
उत्तर:
संहिता में यह प्रावधान किया गया है कि भारत, आपदा की स्थिति में, विकसित देशों से विशेषज्ञता, तकनीकी सहयोग और संसाधन प्राप्त कर सकता है। इससे आपदा प्रबंधन में तेजी लाने और बचाव कार्यों को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
44. क्या संहिता में “आपदाओं की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान” के लिए तकनीकी उपायों का प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदाओं की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान के लिए तकनीकी उपायों का प्रावधान किया गया है। इसमें उन्नत मौसम विज्ञान, भू-वैज्ञानिक तकनीक और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, ताकि आपदाओं का पूर्वानुमान किया जा सके और नागरिकों को समय से चेतावनी दी जा सके।
45. संहिता के तहत “सुरक्षा तंत्र” को स्थापित करने के लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर:
संहिता के तहत सुरक्षा तंत्र की स्थापना के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगी। वे मिलकर आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक संरचनाएँ और तंत्र स्थापित करेंगे, जैसे कि आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र, राहत शिविर, और पुनर्वास सुविधाएँ।
46. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत “संवेदनशील क्षेत्रों” का क्या महत्व है?
उत्तर:
संहिता में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है, जैसे बाढ़-प्रवण क्षेत्र, भूकंप क्षेत्रों, और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र। इन क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा उपायों और आपदा प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता होती है। सरकार इन क्षेत्रों में आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए विशेष योजनाएँ तैयार करेगी।
47. क्या इस संहिता में “अंतर्राष्ट्रीय सहायता” की व्यवस्था की गई है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए प्रावधान किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय संगठन और देशों से आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है, ताकि आपदा से निपटने में सहायता मिल सके और प्रभावितों को जल्दी से राहत दी जा सके।
48. संहिता में “स्थानीय संसाधनों” के उपयोग का क्या महत्व है?
उत्तर:
संहिता में यह सुनिश्चित किया गया है कि आपदा के समय स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाए। इससे न केवल आपदा राहत कार्यों में तेज़ी आती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है। इसके लिए स्थानीय सामग्री, श्रम और अन्य संसाधनों का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
49. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत “सभी सरकारी विभागों” की भूमिका क्या है?
उत्तर:
संहिता में सभी सरकारी विभागों की भूमिका को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। प्रत्येक सरकारी विभाग को आपदा प्रबंधन के कार्यों में अपनी जिम्मेदारी निभानी होती है, जैसे कि स्वास्थ्य मंत्रालय को चिकित्सा सहायता प्रदान करना, परिवहन मंत्रालय को यातायात व्यवस्था की बहाली करना, और गृह मंत्रालय को सुरक्षा उपायों को लागू करना। सभी विभागों को एक साथ मिलकर आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होती है।
50. संहिता के तहत “मानवाधिकारों” का ध्यान कैसे रखा जाता है?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रबंधन के दौरान नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया गया है। इसमें प्रभावित लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी देने, उन्हें शरण और सुरक्षा प्रदान करने, और राहत कार्यों के दौरान उनके मानवीय अधिकारों का उल्लंघन न होने की गारंटी दी जाती है।
51. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा राहत कर्मचारियों” के लिए क्या सुरक्षा उपाय हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा राहत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। इनमें उनके लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE), प्रशिक्षण, चिकित्सा सहायता, और आपदा के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समर्थन शामिल हैं, ताकि वे अपनी जान जोखिम में डाले बिना राहत कार्यों में भाग ले सकें।
52. संहिता में “समान रूप से प्रभावित क्षेत्रों” के लिए क्या विशिष्ट योजना है?
उत्तर:
संहिता में समान रूप से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट योजना बनाई गई है, जिसमें इन क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर राहत सामग्री और सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों की योजना बनाई जाएगी, जिससे पुनर्वास और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तेज़ हो सके।
53. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा पुनर्वास योजना” क्या है?
उत्तर:
संहिता में आपदा पुनर्वास योजना को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के तहत, आपदाओं के बाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय बुनियादी ढाँचे का पुनर्निर्माण, आवासों की पुनर्स्थापना, और प्रभावित व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना बनाई जाएगी। इसके माध्यम से नागरिकों को उनके जीवन को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलेगी।
54. क्या संहिता में “आपदा प्रभावित क्षेत्रों” में शिक्षा प्रणाली को फिर से स्थापित करने के लिए कोई प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा प्रणाली को फिर से स्थापित करने के लिए प्रावधान किया गया है। इसमें स्कूलों और कॉलेजों की मरम्मत, छात्रवृत्तियाँ, और छात्रों के लिए विशेष मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान किया गया है, ताकि शिक्षा की प्रक्रिया जल्द से जल्द बहाल हो सके।
55. संहिता में “आपदा के बाद सूचना प्रसार” के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद सूचना प्रसार के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया गया है। इसमें रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, और मोबाइल संदेशों का उपयोग करके नागरिकों को राहत कार्यों, सुरक्षा निर्देशों, और पुनर्वास योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, एक केंद्रीकृत आपदा सूचना केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जो तात्कालिक जानकारी प्रदान करेगा।
56. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “डिजिटल संसाधनों” का उपयोग किस प्रकार से किया जाएगा?
उत्तर:
संहिता में डिजिटल संसाधनों का उपयोग आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में सुधार के लिए किया जाएगा। इसमें आपदा पूर्व, दौरान, और बाद में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सूचना साझा करने, ट्रैकिंग सिस्टम स्थापित करने, और राहत कार्यों के लिए मोबाइल ऐप्स विकसित करने का प्रावधान किया गया है। डिजिटल तकनीकों का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता और संसाधन वितरण के लिए किया जाएगा।
57. संहिता के तहत “संवेदनशील परिस्थितियों” में क्या अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में संवेदनशील परिस्थितियों जैसे आतंकवाद, सामूहिक हिंसा, और रासायनिक दुर्घटनाओं के लिए विशेष सुरक्षा और बचाव योजनाएँ बनाई गई हैं। इनमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उपाय, आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएँ, और प्रभावित व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं।
58. क्या संहिता में “नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण” का प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रत्येक नागरिक को आपदा के समय सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें प्राथमिक चिकित्सा, बचाव तकनीक, और आपदा के समय आवश्यक कदम उठाने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे।
59. संहिता के तहत “दूसरे देशों से सहयोग” कैसे किया जाएगा?
उत्तर:
संहिता में दूसरे देशों से सहयोग प्राप्त करने के लिए विशेष प्रावधान हैं। भारत आपदा के दौरान अन्य देशों से तकनीकी सहायता, बचाव दल, और संसाधन प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आपदा प्रबंधन के लिए सहयोग बढ़ाने की योजना है।
60. क्या इस संहिता में “विकासशील देशों के लिए सहायता” का प्रावधान है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में विकासशील देशों के लिए सहायता का प्रावधान किया गया है। भारत उन देशों को अपनी विशेषज्ञता, संसाधन, और आपदा प्रबंधन प्रणालियाँ प्रदान करेगा, जो प्राकृतिक या मानवजनित आपदाओं से जूझ रहे हैं। इसके लिए भारत अंतरराष्ट्रीय आपदा राहत और विकास कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेगा।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
61. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा शमन योजना” क्या है?
उत्तर:
आपदा शमन योजना एक संरचित योजना है, जिसका उद्देश्य आपदा के प्रभाव को कम करना और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया को त्वरित बनाना है। संहिता के तहत, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को अपनी आपदा शमन योजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें आपदा के प्रभाव को कम करने के उपाय, सुरक्षा उपाय और पुनर्वास योजना शामिल होंगी।
62. संहिता में “आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया टीम” की भूमिका क्या है?
उत्तर:
संहिता में त्वरित प्रतिक्रिया टीम (Quick Response Teams – QRTs) की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह टीम आपदा के तुरंत बाद राहत कार्यों को प्रारंभ करेगी, जैसे कि बचाव, चिकित्सा सहायता, और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करना। टीम में विभिन्न विशेषज्ञों, जैसे कि स्वास्थ्य कर्मी, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ, और सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे।
63. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सार्वजनिक सूचना तंत्र” को कैसे सुदृढ़ किया गया है?
उत्तर:
संहिता में सार्वजनिक सूचना तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए एक केंद्रीकृत सूचना प्रणाली विकसित की गई है। इसके तहत आपदा के समय विभिन्न माध्यमों जैसे कि टीवी, रेडियो, मोबाइल ऐप्स, और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाएगा, ताकि नागरिकों को जल्दी और सटीक जानकारी मिल सके। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन के लिए एक आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन भी स्थापित की जाएगी।
64. संहिता में “आपदा प्रभावित व्यक्तियों” के लिए पुनर्वास प्रावधान क्या हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं। इसमें प्रभावितों को अस्थायी आवास, आर्थिक सहायता, पुनः रोजगार की सुविधा, और मानसिक समर्थन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, पुनर्वास के दौरान उनके सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
65. क्या संहिता में “आपदा के बाद सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा” पर ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदा के बाद सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपदाओं के दौरान इन स्थलों को नुकसान न हो और इनकी मरम्मत और संरक्षण के लिए त्वरित उपाय किए जाएं।
66. संहिता में “नागरिकों की भागीदारी” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई गई हैं। इसमें आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया में नागरिकों को जागरूक करना, उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, और नागरिकों को आपदा राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल करना शामिल है। इससे स्थानीय स्तर पर आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
67. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के समय विशेष योजनाओं” का क्या महत्व है?
उत्तर:
संहिता में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए विशेष योजनाओं का प्रावधान किया गया है। इनमें जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाएँ, बाढ़, सूखा, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशिष्ट योजना बनाई गई है, ताकि प्रत्येक आपदा के लिए त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
68. संहिता के तहत “आपदाओं से प्रभावित श्रमिकों के लिए प्रावधान” क्या हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित श्रमिकों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें श्रमिकों को दुर्घटना बीमा, चिकित्सा सहायता, और पुनः रोजगार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, श्रमिकों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज और मजदूरी की भुगतान नीति तैयार की जाएगी, ताकि उन्हें आपदा के बाद आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
69. क्या संहिता में “आपदाओं के बाद मीडिया के लिए दिशा-निर्देश” दिए गए हैं?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदाओं के बाद मीडिया के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मीडिया को आपदा से संबंधित जानकारी प्रसारित करने के लिए सटीक और जिम्मेदार तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, नागरिकों को गलत सूचना से बचाने और तथ्य-आधारित जानकारी प्रदान करने के लिए मीडिया को प्रशिक्षित किया जाएगा।
70. संहिता के तहत “समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां स्थानीय समुदायों को आपदा प्रबंधन योजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। इसके तहत स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन टीमों का गठन किया जाएगा, और उन्हें प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे आपदा के समय त्वरित सहायता प्रदान कर सकें।
71. संहिता में “व्यावसायिक सुरक्षा” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के दौरान व्यावसायिक सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें कर्मचारियों की सुरक्षा, कार्यस्थल पर सुरक्षा उपाय, और व्यावसायिक संपत्ति के नुकसान को कम करने के उपाय शामिल हैं। इसके अलावा, छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए आपदा के बाद पुनर्निर्माण और वित्तीय सहायता की योजना भी बनाई गई है।
72. क्या संहिता में “आपदाओं के दौरान मानसिक स्वास्थ्य” की देखभाल के लिए कोई प्रावधान हैं?
उत्तर:
हाँ, संहिता में आपदाओं के दौरान मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें आपदा प्रभावित व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन सेवाओं की उपलब्धता, और आपदा के बाद मानसिक उपचार और काउंसलिंग कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया है।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
73. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रबंधन” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई है। इसमें जल, स्वच्छता, और स्वास्थ्य सुविधाओं की शीघ्र बहाली के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी फैलने की संभावना को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, दवाएं, और आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण समय पर प्रदान किए जाएंगे।
74. संहिता में “आपदा प्रबंधन के लिए वित्तीय प्रावधान” कैसे किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रबंधन के लिए एक विशेष वित्तीय योजना बनाई गई है, जिसमें आपदा के समय त्वरित राहत कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की जाती है। इसमें राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF), राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) और अन्य वित्तीय तंत्र के माध्यम से सहायता दी जाती है। सरकार द्वारा आपदा के दौरान त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तंत्र को सुदृढ़ किया गया है।
75. संहिता में “आपदा के दौरान बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और यौन हिंसा से बचाने के लिए आपदा प्रबंधन योजनाओं में सुरक्षा उपाय शामिल किए गए हैं। बच्चों के लिए आश्रय, चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था की जाती है, ताकि उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित की जा सके।
76. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के बाद पशु संरक्षण” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में पशु संरक्षण के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। इसमें पशुओं को आपदा से बचाने, उनके लिए सुरक्षित आश्रय, भोजन और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के उपाय शामिल हैं। पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी और उन्हें पुनः स्थापित करने के लिए भी आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
77. संहिता में “आपदा शरणार्थियों” के लिए क्या योजनाएं हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा शरणार्थियों के लिए विशेष पुनर्वास योजनाएं बनाई गई हैं। इन योजनाओं में प्रभावित व्यक्तियों को अस्थायी आवास, भोजन, चिकित्सा सुविधा, और सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें पुनः स्थायित्व की दिशा में सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
78. संहिता में “आपदाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं” का क्या प्रावधान है?
उत्तर:
संहिता में आपदाओं के दौरान नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। इसमें प्रभावितों के लिए पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, ताकि उनके जीवन स्तर को स्थिर किया जा सके और वे आपदा के प्रभाव से जल्दी उबर सकें।
79. संहिता में “आपदा के समय प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं” का क्या प्रावधान है?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जिसमें प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, मोबाइल क्लीनिक, और मेडिकल टीमों का गठन शामिल होगा। इसके अलावा, प्रभावितों के लिए दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की शीघ्र आपूर्ति की जाएगी।
80. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत “आपदा को रोकने के लिए पूर्व तैयारी” के क्या कदम हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा को रोकने के लिए पूर्व तैयारी के कई कदम उठाए गए हैं। इसमें आपदा की चेतावनी प्रणाली, प्रशिक्षित आपदा कर्मियों का दल, और आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए संरचनात्मक उपायों का निर्माण शामिल है। इसके अतिरिक्त, नागरिकों को आपदा से बचने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
81. संहिता में “प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण” के लिए क्या उपाय हैं?
उत्तर:
संहिता में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें आपदा के दौरान प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति को कम करने के लिए उपायों का सुझाव दिया गया है। इसके अंतर्गत जल, वायु और मृदा के संरक्षण के लिए विधियों को अपनाया जाएगा, ताकि आपदा के बाद पर्यावरणीय पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
82. संहिता में “आपदा के बाद आपातकालीन आश्रय स्थलों” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद प्रभावितों के लिए आपातकालीन आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है। इन स्थलों पर प्रभावित व्यक्तियों को अस्थायी आवास, भोजन, जल, और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए स्थानीय निकायों और नागरिक संगठनों के सहयोग से आश्रय स्थलों का निर्माण और प्रबंधन किया जाएगा।
83. संहिता में “आपदा के बाद नक्सल और आतंकवादी क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में नक्सल और आतंकवादी क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन क्षेत्रों में आपदा के समय सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा, ताकि राहत कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट न आए और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
84. संहिता में “आपदा और जलवायु परिवर्तन” के संबंध में क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन की योजना बनाई गई है। इसमें जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली आपदाओं के लिए विशेष तैयारी, जागरूकता कार्यक्रम, और नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ने वाली आपदाओं से निपटा जा सके।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
85. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के समय फंसे हुए लोगों के लिए बचाव अभियान” के क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय फंसे हुए लोगों के लिए त्वरित बचाव अभियान का प्रावधान है। इसमें सरकारी और निजी राहत संगठनों को बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा, जैसे कि हवाई और जमीनी बचाव टीमों का गठन। इन टीमों में प्रशिक्षित कर्मी, बचाव उपकरण, और संचार तंत्र का उपयोग किया जाएगा, ताकि प्रभावित व्यक्तियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जा सके।
86. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा जोखिम न्यूनीकरण” (Disaster Risk Reduction) पर क्या फोकस है?
उत्तर:
संहिता में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए योजना बनाई जाएगी, जिसमें आपदा-प्रतिरोधी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, उचित भूमि उपयोग नीति, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपायों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, आपदा जोखिम को पहचानने और उसे कम करने के लिए स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
87. संहिता में “आपदा के समय सूचना साझा करने” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय प्रभावी सूचना साझा करने के लिए एक केंद्रीकृत सूचना नेटवर्क का गठन किया गया है। यह नेटवर्क विभिन्न सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों और नागरिकों के बीच त्वरित और सटीक जानकारी का आदान-प्रदान करेगा। संचार के लिए मोबाइल ऐप्स, रेडियो, और इंटरनेट का उपयोग किया जाएगा, ताकि नागरिकों को आपदा के दौरान सही समय पर आवश्यक जानकारी मिल सके।
88. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के बाद पुनर्निर्माण और पुनःस्थापन” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद पुनर्निर्माण और पुनःस्थापन के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। इसके तहत प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों का त्वरित आरंभ किया जाएगा, जिसमें बुनियादी ढांचे की बहाली, आवासों का निर्माण, और रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। पुनर्निर्माण के दौरान स्थानीय संसाधनों और श्रमिकों का उपयोग किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
89. संहिता में “आपदा में लापता लोगों की पहचान और पुनःसंपर्क” के लिए क्या उपाय हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा में लापता लोगों की पहचान और पुनःसंपर्क के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का प्रावधान किया गया है। इसमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों से प्राप्त जानकारी का उपयोग किया जाएगा और पीड़ितों के परिजनों को सही जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, डीएनए परीक्षण, फोटोग्राफ और अन्य पहचान उपायों का उपयोग किया जाएगा।
90. संहिता में “सामाजिक मीडिया का उपयोग” आपदा प्रबंधन में कैसे किया जाएगा?
उत्तर:
संहिता में सामाजिक मीडिया का उपयोग आपदा प्रबंधन के तहत त्वरित और व्यापक जानकारी फैलाने के लिए किया जाएगा। आपदा के समय, सरकार और संबंधित संस्थाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपडेट्स प्रदान करेंगी, जैसे कि ट्विटर, फेसबुक, और इंस्टाग्राम, ताकि लोग जल्द से जल्द स्थिति का आकलन कर सकें और सुरक्षा उपायों को समझ सकें।
91. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा प्रभावित क्षेत्र में मीडिया की भूमिका” के क्या दिशा-निर्देश हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित क्षेत्र में मीडिया की भूमिका को जिम्मेदार तरीके से निभाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मीडिया को आपदा के बारे में सटीक और तथ्यात्मक जानकारी प्रसारित करने की जिम्मेदारी दी गई है, साथ ही, उसे अफवाहों और गलत सूचनाओं से बचने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। मीडिया को यह सुनिश्चित करना होगा कि राहत कार्यों में कोई विघ्न न आए और प्रभावित व्यक्तियों की गोपनीयता का उल्लंघन न हो।
92. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “प्राकृतिक आपदाओं के लिए ग्रामीण समुदायों को तैयार करना” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों को आपदाओं के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जैसे कि स्थानीय स्तर पर बचाव दल का गठन, आपदाओं के समय आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता, और समुदाय आधारित जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।
93. संहिता में “आपदा के बाद मानसिक और शारीरिक पुनर्वास” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद मानसिक और शारीरिक पुनर्वास के लिए विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं। इसमें मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग, शारीरिक उपचार, और पुनर्वास सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रभावित व्यक्तियों को विशेष मानसिक और शारीरिक देखभाल प्रदान की जाएगी, ताकि वे आपदा के मानसिक और शारीरिक प्रभावों से उबर सकें।
94. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा से प्रभावित कृषि क्षेत्र का पुनर्निर्माण” कैसे किया जाएगा?
उत्तर:
संहिता में कृषि क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। इसमें प्रभावित क्षेत्रों में फसल बीमा, कृषि उपकरणों की आपूर्ति, और प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा कृषि पुनर्निर्माण योजनाओं के तहत किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे जल्दी से अपनी कृषि गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें।
95. संहिता में “आपदाओं के समय त्वरित राहत संसाधनों की उपलब्धता” के लिए क्या व्यवस्था की गई है?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय त्वरित राहत संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीकृत आपदा आपूर्ति प्रणाली बनाई गई है। इसके तहत आवश्यक वस्तुएं जैसे कि खाद्य सामग्री, पानी, दवाइयां, और चिकित्सा उपकरण पहले से प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही, राहत सामग्री को त्वरित और प्रभावी रूप से वितरित करने के लिए आपूर्ति चैनलों को मजबूत किया जाएगा।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
96. संहिता में “आपदा प्रबंधन योजना में तकनीकी उपकरणों का उपयोग” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रबंधन योजनाओं में तकनीकी उपकरणों का उपयोग प्रमुख रूप से किया गया है। इसमें जीपीएस, ड्रोन, और सैटेलाइट इमेजरी जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि आपदा क्षेत्रों का सही मूल्यांकन किया जा सके और तत्काल सहायता प्रदान की जा सके। यह तकनीकी तंत्र बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाएगा और सूचना के आदान-प्रदान में मदद करेगा।
97. संहिता में “आपदा के समय सुरक्षित निकासी योजना” के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय सुरक्षित निकासी के लिए स्पष्ट और प्रभावी योजना बनाई गई है। इसमें प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। निकासी मार्गों की पहचान की जाएगी, और आपदा के समय इन मार्गों के इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, निकासी के समय उपयोग होने वाली परिवहन सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
98. संहिता में “आपदा के बाद जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आंकलन” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आंकलन करने के लिए एक विस्तृत ढांचा स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़, सूखा, और तूफान के संभावित प्रभावों का पूर्वानुमान और विश्लेषण किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले वर्षों में इन प्रभावों से निपटने के लिए सही नीतियां बनाई जा सकें।
99. संहिता में “आर्थिक सहायता और पुनर्निर्माण के लिए ऋण प्रावधान” पर क्या जानकारी है?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्निर्माण के लिए ऋण प्रावधान किए गए हैं। इसमें प्रभावित व्यक्तियों और व्यवसायों को कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे अपनी क्षति की भरपाई कर सकें। इसके अलावा, ऋण पुनर्भुगतान की अवधि को बढ़ाया जाएगा और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए वित्तीय संस्थानों से सहयोग लिया जाएगा।
100. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “स्थानीय समुदायों की भूमिका” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में स्थानीय समुदायों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि आपदा प्रबंधन में स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें अपनी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार किया जाए। इसके तहत आपदा के समय राहत कार्यों में समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
101. संहिता में “आपदा की चेतावनी और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली” के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा की चेतावनी और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए एक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नेटवर्क स्थापित किया गया है। इसके अंतर्गत मौसम विज्ञान विभाग, समुद्र विज्ञान विभाग, और अन्य संबंधित एजेंसियों द्वारा वास्तविक समय में आपदा चेतावनियां जारी की जाएंगी। यह प्रणाली नागरिकों को आपदा से पहले सचेत करने में मदद करेगी, ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें और बचाव कार्यों की तैयारी कर सकें।
102. संहिता में “शहरी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन” के लिए क्या विशेष योजनाएं हैं?
उत्तर:
शहरी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन के लिए संहिता में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इनमें आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे का निर्माण, इमारतों का सुरक्षा मानक, और शहरी क्षेत्रों में त्वरित निकासी योजना शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा, और नागरिकों को आपदा के समय आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
103. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संदर्भ में आपदा का प्रबंधन” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संदर्भ में आपदा का प्रबंधन करने के लिए संवेदनशील और समावेशी दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसमें आपदा के प्रभावों को विभिन्न समुदायों के संदर्भ में समझने और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर सहायता प्रदान करने के उपाय किए गए हैं। खासकर, कमजोर वर्गों जैसे कि महिला, बच्चा, वृद्ध और विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
104. संहिता में “आपदा के समय फर्जी जानकारी और अफवाहों से निपटने” के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के दौरान फर्जी जानकारी और अफवाहों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसमें सोशल मीडिया और अन्य सूचना चैनलों पर गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सही जानकारी के प्रसार के लिए सरकार और राहत संगठनों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, ताकि नागरिकों को सही समय पर सही जानकारी मिल सके।
105. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के बाद राहत कार्यों के लिए विदेशी सहायता” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली बनाई गई है। इसमें विदेशी सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठन, और गैर-सरकारी संगठनों से मदद प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया गया है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि प्राप्त सहायता का उपयोग सही तरीके से और जरूरतमंदों तक पहुंचे।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
106. संहिता में “प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आपातकालीन सेवाओं का संगठन” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आपातकालीन सेवाओं का संगठन करने के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र विकसित किया गया है। इसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों, और आपदा प्रबंधन संस्थानों को जोड़ने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान किया जाएगा। इन सेवाओं में चिकित्सा सहायता, खाद्य वितरण, आश्रय प्रदान करना और आपदा के समय जनसंचार सुनिश्चित करना शामिल होगा।
107. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन” के लिए क्या योजनाएं हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है। इसमें तात्कालिक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीमों का गठन किया जाएगा, जो प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, सर्जरी, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करेंगी। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
108. संहिता में “आपदा के बाद स्थानीय सरकारों की भूमिका” पर क्या विवरण है?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद स्थानीय सरकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें स्थानीय सरकारों को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना गया है। उन्हें स्थानीय संसाधनों का सर्वेक्षण करने, प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को संचालित करने, और पुनर्निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, स्थानीय सरकारों को नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
109. संहिता में “आपदा के समय बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा” के लिए क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों के तहत महिलाओं और बच्चों को आपदा के समय प्राथमिकता दी जाएगी, जैसे सुरक्षित आश्रय, स्वच्छता सुविधाएं, और चिकित्सा सहायता। इसके अलावा, महिला और बच्चों के खिलाफ हिंसा, शोषण और भेदभाव से बचाव के लिए त्वरित प्रतिक्रिया प्रणालियां स्थापित की जाएंगी।
110. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के समय आपदा प्रभावित लोगों की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन” के लिए क्या योजनाएं हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय प्रभावित व्यक्तियों की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य तंत्र स्थापित किया गया है। इसमें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम बनाई जाएगी जो प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों का मानसिक मूल्यांकन करेगी और उन्हें मानसिक समर्थन प्रदान करेगी। इसके अलावा, आपदा के बाद मानसिक पुनर्वास के लिए विशेष कार्यक्रम और काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे।
111. संहिता में “आवश्यक वस्तुओं और आपूर्ति की वितरण प्रणाली” को कैसे प्रबंधित किया जाएगा?
उत्तर:
संहिता में आवश्यक वस्तुओं और आपूर्ति की वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए एक केंद्रीकृत लॉजिस्टिक तंत्र स्थापित किया जाएगा। इसमें खाद्य, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, और अन्य आवश्यक सामग्री को प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित और सुरक्षित तरीके से भेजने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा, ताकि समय रहते सभी प्रभावितों तक सहायता पहुंच सके।
112. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के बाद पुनःस्थापन के लिए समाजिक सुरक्षा योजनाएं” के क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद पुनःस्थापन के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बनाई गई हैं। इनमें प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों को आर्थिक मदद, रोजगार के अवसर, और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, विशेष रूप से कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत सहायता दी जाएगी, ताकि वे आपदा के बाद जल्द से जल्द सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
113. संहिता में “आपदा के दौरान सूचना और संचार नेटवर्क की स्थिरता” के लिए क्या उपाय हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के दौरान सूचना और संचार नेटवर्क की स्थिरता बनाए रखने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। इसके तहत आपदा के समय संचार नेटवर्क के विघटन से बचने के लिए वैकल्पिक संचार चैनल और तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपदा के दौरान आवश्यक जानकारी का आदान-प्रदान बाधित न हो और बचाव कार्यों में कोई विघ्न न आए।
114. संहिता में “सामाजिक मीडिया के माध्यम से आपदा प्रतिक्रिया” पर क्या नीति है?
उत्तर:
संहिता में सोशल मीडिया के माध्यम से आपदा प्रतिक्रिया देने के लिए एक स्पष्ट नीति बनाई गई है। इसमें सरकारी एजेंसियों और अन्य संबंधित संस्थाओं को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आपदा की स्थिति से संबंधित अपडेट और जानकारी प्रसारित करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सही जानकारी नागरिकों तक पहुंचे, सोशल मीडिया का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
115. संहिता में “आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि पुनर्निर्माण” के लिए क्या योजना बनाई गई है?
उत्तर:
संहिता में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि पुनर्निर्माण के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है। इसके तहत किसानों को तात्कालिक वित्तीय सहायता, फसल बीमा, और कृषि उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही, कृषि को पुनर्निर्माण की दिशा में स्थायी उपायों को लागू करने के लिए बुनियादी ढांचे और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए जा रहे हैं:
116. संहिता में “आपदा के समय मीडिया की भूमिका” के लिए क्या दिशा-निर्देश दिए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के समय मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। मीडिया को सही, सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मीडिया केवल सत्यापन किए गए समाचार और डेटा प्रसारित करें, ताकि अफवाहों और गलत जानकारी से बचा जा सके। साथ ही, मीडिया को राहत कार्यों के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
117. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “सैन्य बलों का उपयोग आपदा राहत कार्यों में” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में सैन्य बलों के उपयोग के लिए एक स्पष्ट प्रावधान है, जो आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में उनकी भूमिका को परिभाषित करता है। सैन्य बलों को गंभीर आपदाओं के दौरान त्वरित राहत कार्यों में शामिल किया जाएगा, जैसे कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजना, खोज और बचाव कार्य करना, और तबाही के बाद सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना। इसके लिए सैन्य बलों के साथ सहयोग करने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
118. संहिता में “आपदा के दौरान संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग” के लिए क्या सुझाव दिए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के दौरान संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। इसमें मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट, और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से तत्काल सूचना वितरण और आपदा चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करने के लिए कदम उठाए गए हैं। विशेष रूप से, संचार तंत्र को आपदा के दौरान मजबूत और स्थिर बनाने के लिए बैकअप और वैकल्पिक संचार प्रणाली की स्थापना की जाएगी।
119. संहिता में “बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और पुनर्निर्माण” के लिए क्या योजनाएं हैं?
उत्तर:
संहिता में बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और पुनर्निर्माण के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। इसमें आपदा के बाद बुनियादी ढांचे जैसे सड़कें, पुल, विद्युत आपूर्ति, और जल आपूर्ति प्रणालियों की मरम्मत और पुनर्निर्माण की प्राथमिकता होगी। इसके लिए एक राष्ट्रीय पुनर्निर्माण कोष और राज्य स्तर पर पुनर्निर्माण समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों को पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी और समन्वय की जिम्मेदारी दी जाएगी।
120. संहिता में “आपदा के समय प्रवासी श्रमिकों की स्थिति” पर क्या ध्यान दिया गया है?
उत्तर:
संहिता में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया है। आपदा के समय प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें समय पर सहायता और उचित आश्रय सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, प्रवासी श्रमिकों को पुनःस्थापित करने और उनके लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के सहयोग से विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
121. संहिता में “आधिकारिक डेटा संग्रह और विश्लेषण” के लिए क्या निर्देश हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा से संबंधित आधिकारिक डेटा संग्रह और विश्लेषण के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत आपदा के प्रभावों का सही तरीके से आंकलन करने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर डेटा संग्रहण प्रणाली विकसित की जाएगी। यह प्रणाली आपदा के पूर्व, दौरान और बाद के डेटा को एकत्रित करेगी, ताकि भविष्य में आपदा के प्रभावों को कम करने के लिए बेहतर योजना बनाई जा सके।
122. संहिता में “आपदा की चेतावनियों और बचाव उपायों के लिए सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम” पर क्या प्रावधान हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा की चेतावनियों और बचाव उपायों के लिए व्यापक सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने का प्रावधान किया गया है। इसमें नागरिकों को आपदा के दौरान बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसके अलावा, रेडियो, टेलीविजन, और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से भी आपदा के समय आवश्यक जानकारी और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
123. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में “आपदा के दौरान चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाएं” पर क्या योजनाएं हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के दौरान चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समन्वित योजना बनाई गई है। इसमें प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा शिविरों की स्थापना, एंबुलेंस सेवाओं का विस्तार और आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि लोगों को मानसिक राहत मिल सके।
124. संहिता में “संघ और राज्य सरकारों के बीच आपदा प्रबंधन में समन्वय” के लिए क्या उपाय हैं?
उत्तर:
संहिता में संघ और राज्य सरकारों के बीच आपदा प्रबंधन में बेहतर समन्वय के लिए एक स्पष्ट ढांचा तैयार किया गया है। इसके तहत आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी एजेंसियों के बीच संवाद और समन्वय बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति आपदा के दौरान राहत कार्यों में समन्वय करेगी और संसाधनों का उचित वितरण सुनिश्चित करेगी।
125. संहिता में “आपदा के बाद पुनःनिर्माण कार्यों में निजी क्षेत्र की भूमिका” पर क्या विचार किए गए हैं?
उत्तर:
संहिता में आपदा के बाद पुनःनिर्माण कार्यों में निजी क्षेत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों को पुनःनिर्माण कार्यों में साझेदार बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, निजी क्षेत्र को आवश्यक वित्तीय सहायता, तकनीकी समर्थन, और बुनियादी ढांचा निर्माण के लिए संसाधन प्रदान किए जाएंगे, ताकि पुनःनिर्माण प्रक्रिया तेज़ी से और प्रभावी ढंग से पूरी की जा सके।