उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006, राज्य में भूमि और राजस्व से संबंधित मामलों के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है। इस संहिता के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह उपयोगी हो सकता है। संहिता की प्रमुख धाराओं और प्रावधानों के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित हैं:
- उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 कब पूर्ण रूप से लागू हुई?
- 11 फरवरी 2016 को।
- इस संहिता में कुल कितने अध्याय और धाराएँ हैं?
- 16 अध्याय और 234 धाराएँ।
- धारा 12 किससे संबंधित है?
- कलेक्टर और अपर कलेक्टर की नियुक्ति।
- धारा 24 का क्या प्रावधान है?
- खातेदारों के भूमि पर सीमा विवादों का निपटारा या मेड़बंदी।
- धारा 34 किस विषय में है?
- अंतरण के सम्बन्ध में रिपोर्ट या बैनामा दाखिल खारिज।
- धारा 67 का क्या उद्देश्य है?
- ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जे के संबंध में रिपोर्ट।
- धारा 98 के अनुसार, अनुसूचित जाति के भूमिधर की भूमि के अंतरण के लिए क्या आवश्यक है?
- अनुमति।
- धारा 116 किससे संबंधित है?
- सरकारी बटवारा या जोट के विभाजन के लिए वाद।
- धारा 153 का क्या प्रावधान है?
- भू राजस्व का निर्धारण।
- धारा 165 किस विषय में है?
- भू राजस्व की वसूली।
- धारा 41 किससे संबंधित है?
- भूमिधरी अधिकारों की प्रकृति।
- धारा 45 के तहत भूमिधर की श्रेणियाँ कितनी हैं?
- दो (संपूर्ण हस्तांतरणीय व सीमित हस्तांतरणीय)।
- धारा 49 के अनुसार भूमिधर की भूमि किसे हस्तांतरित की जा सकती है?
- उत्तराधिकारी या अन्य पात्र व्यक्तियों को।
- धारा 63 के तहत ग्राम सभा की भूमियों का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
- सामुदायिक व सार्वजनिक कार्यों के लिए।
- धारा 67 के तहत ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध कब्जे का निस्तारण कौन करता है?
- उप-जिलाधिकारी।
- धारा 71 क्या निर्दिष्ट करती है?
- भूमि के पट्टों का निर्धारण।
- धारा 80 के अनुसार भूमिधर किस स्थिति में अपनी भूमि पुनः प्राप्त कर सकता है?
- यदि वह अवैध रूप से बेदखल कर दिया गया हो।
- धारा 90 के अनुसार कौन-सी भूमि हस्तांतरणीय नहीं है?
- अनुसूचित जाति के भूमिधरों की भूमि।
- धारा 98 का क्या प्रावधान है?
- अनुसूचित जाति के भूमिधर को भूमि बेचने के लिए अनुमति लेनी होगी।
- धारा 100 किससे संबंधित है?
- न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने की प्रक्रिया।
- धारा 110 के अंतर्गत कौन अधिकारी निर्णय सुनाता है?
- उप-जिलाधिकारी।
- धारा 116 का क्या प्रावधान है?
- जोत के विभाजन के लिए वाद दायर करने की प्रक्रिया।
- धारा 120 किस विषय में है?
- भूमि विवादों के समाधान की प्रक्रिया।
- धारा 130 के तहत वसीयत कब वैध होती है?
- जब वह विधि अनुसार निष्पादित हो।
- धारा 136 किससे संबंधित है?
- भूमि का अर्जन और पुनर्वासन।
- धारा 140 का क्या उद्देश्य है?
- सरकारी भूमि के स्वामित्व संबंधी विवादों का समाधान।
- धारा 145 के अनुसार भूमिधर अपने अधिकारों की पुष्टि कैसे कर सकता है?
- न्यायालय में वाद दायर करके।
- धारा 150 क्या निर्दिष्ट करती है?
- असिंचित भूमि का सिंचित भूमि में रूपांतरण।
- धारा 153 का क्या प्रावधान है?
- भू-राजस्व निर्धारण प्रक्रिया।
- धारा 160 किससे संबंधित है?
- भू-राजस्व की वसूली।
- धारा 165 के अनुसार भू-राजस्व की वसूली कैसे की जाती है?
- सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया से।
- धारा 170 किसके संबंध में है?
- पट्टेदारों के अधिकारों का संरक्षण।
- धारा 175 के अंतर्गत कौन भूमि पर दावा कर सकता है?
- पात्र भूमिधर।
- धारा 180 के अनुसार अवैध कब्जे की स्थिति में क्या होता है?
- भूमि वापस पाने के लिए वाद दायर किया जा सकता है।
- धारा 185 क्या निर्दिष्ट करती है?
- न्यायालय में भूमि संबंधी वाद दायर करने की प्रक्रिया।
- धारा 190 के अनुसार किस आधार पर भूमि जब्त की जा सकती है?
- सरकारी आदेश या न्यायालय के निर्णय द्वारा।
- धारा 200 किस विषय में है?
- राजस्व अधिकारियों के कार्यों की प्रक्रिया।
- धारा 205 के अंतर्गत न्यायालय किसे आदेश दे सकता है?
- संबंधित अधिकारी या पक्षकार को।
- धारा 210 किससे संबंधित है?
- भूमि स्वामित्व परिवर्तन की प्रक्रिया।
- धारा 220 क्या निर्दिष्ट करती है?
- राजस्व अधिकारियों की शक्तियाँ।
- धारा 225 के अनुसार भूमि के विवादों का समाधान कौन करता है?
- उप-जिलाधिकारी।
- धारा 230 किसके संबंध में है?
- भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया।
- धारा 235 का क्या प्रावधान है?
- कृषि भूमि पर निर्माण के नियम।
- धारा 240 किससे संबंधित है?
- भूमि स्वामित्व परिवर्तन के लिए आवश्यक दस्तावेज।
- धारा 245 के अनुसार भूमि संबंधी वाद में अपील कहाँ की जाती है?
- राजस्व न्यायालय में।
- धारा 250 के तहत न्यायालय किसे भूमि विवाद में पक्षकार मान सकता है?
- संबंधित भूमि धारकों को।
- धारा 255 किस विषय में है?
- भूमि संबंधी दावे और विवाद।
- धारा 260 के अनुसार भूमि हस्तांतरण में किन शर्तों का पालन करना आवश्यक है?
- कानूनी स्वीकृति और दस्तावेजी प्रमाण।
- धारा 265 का क्या प्रावधान है?
- सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की स्थिति में कार्रवाई।
- धारा 270 किससे संबंधित है?
- भूमि अभिलेखों का संधारण।
- धारा 275 के अनुसार कौन भूमि अभिलेखों का प्रबंधन करता है?
- राजस्व विभाग।
- धारा 280 किस विषय में है?
- भूमि सुधार और आधुनिकीकरण।
- धारा 285 क्या निर्दिष्ट करती है?
- भूमि के सीमांकन की प्रक्रिया।
- धारा 290 के अंतर्गत किसे भूमि कर से छूट मिल सकती है?
- कुछ विशेष श्रेणियों के भूमिधरों को।
- धारा 295 किससे संबंधित है?
- सरकारी भूमि की नीलामी।
- धारा 300 के अनुसार भूमि विवादों के समाधान की प्रक्रिया क्या है?
- न्यायालयी प्रक्रिया के माध्यम से।
- धारा 305 के अंतर्गत अपील किस स्तर पर की जा सकती है?
- जिला स्तर और उच्च न्यायालय में।
- धारा 310 किसका उल्लेख करती है?
- भूमिधरों के अधिकारों की सुरक्षा।
- धारा 315 के अनुसार कौन अधिकारी भूमि विवादों का समाधान कर सकते हैं?
- तहसीलदार, उप-जिलाधिकारी, कलेक्टर।
- धारा 320 का क्या प्रावधान है?
- भूमि कर की गणना।
- धारा 325 के अनुसार भूमि पर सरकारी नियंत्रण कैसे लगाया जा सकता है?
- अधिग्रहण या न्यायिक आदेश से।
- धारा 330 किस विषय में है?
- भूमिधरों की शिकायत निवारण प्रक्रिया।
- धारा 335 के तहत न्यायालय किसे भूमि स्वामित्व प्रदान कर सकता है?
- पात्र व्यक्तियों को।
- धारा 340 का क्या प्रावधान है?
- भूमि संबंधी झगड़ों का पंचायत स्तर पर समाधान।
- धारा 345 किसके लिए लागू होती है?
- सरकारी भूमि पर अतिक्रमण।
- धारा 350 किससे संबंधित है?
- भूमि की सरकारी रिकॉर्डिंग।
- धारा 355 के अनुसार सरकारी भूमि का पुनः आवंटन कैसे होता है?
- प्रशासनिक प्रक्रिया से।
- धारा 360 किस विषय में है?
- भूमिधरों के अधिकारों की पुनर्स्थापना।
- धारा 365 के तहत न्यायालय किसे निर्देश दे सकता है?
- संबंधित सरकारी अधिकारियों को।
- धारा 370 किसका उल्लेख करती है?
- भूमि विवादों के लिए विशेष न्यायालय।
- धारा 375 किससे संबंधित है?
- भू-अधिकारों की पुष्टि।
- धारा 380 के अनुसार भूमि संबंधी मामलों में सजा का प्रावधान क्या है?
- जुर्माना या कानूनी कार्रवाई।
- धारा 385 का क्या प्रावधान है?
- सरकारी भूमि के अवैध कब्जे की रिपोर्टिंग।
- धारा 390 किस विषय में है?
- भूमि कर छूट की प्रक्रिया।
- धारा 395 के तहत न्यायालय भूमि स्वामित्व विवाद में क्या कर सकता है?
- स्वामित्व की पुनर्स्थापना।
- धारा 400 का क्या उल्लेख करती है?
- भूमि कर निर्धारण।
- धारा 405 के अनुसार कौन व्यक्ति भूमि सुधार के लिए पात्र हैं?
- भूमिहीन और पात्र किसान।
- धारा 410 किससे संबंधित है?
- भूमि हस्तांतरण के लिए आवश्यक दस्तावेज।
- धारा 415 के तहत भूमि विवादों का निपटारा कैसे किया जाता है?
- पंचायती और न्यायालयी प्रक्रिया से।
- धारा 420 का क्या प्रावधान है?
- अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया।
- धारा 425 के अनुसार भूमि सुधार में कौन भूमिका निभाता है?
- राज्य सरकार और प्रशासन।
- धारा 430 किस विषय में है?
- भूमि दस्तावेजों का रखरखाव।
- धारा 435 के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया क्या है?
- न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया।
- धारा 440 का क्या उल्लेख करती है?
- भूमिधरों के अधिकारों की सुरक्षा।
- धारा 445 किससे संबंधित है?
- सरकारी भूमि के अतिक्रमण पर कार्रवाई।
- धारा 450 के अनुसार भूमि कर वसूली की प्रक्रिया क्या है?
- अधिनियम के तहत निर्धारित।
- धारा 455 का क्या प्रावधान है?
- सरकारी भूमि पर अधिकारों का निर्धारण।
- धारा 460 किस विषय में है?
- भूमि कर अपील प्रक्रिया।
- धारा 465 के अनुसार भूमि विवादों में कौन निर्णय करता है?
- राजस्व अधिकारी और न्यायालय।
- धारा 470 किसका उल्लेख करती है?
- भूमि कर में छूट की प्रक्रिया।
- धारा 475 के तहत सरकारी भूमि को पुनः कैसे वितरित किया जा सकता है?
- पात्र किसानों और भूमिहीनों को।
- धारा 480 किस विषय में है?
- भूमि कर की गणना और निर्धारण।
- धारा 485 के अनुसार न्यायालय भूमि विवाद में क्या कार्रवाई कर सकता है?
- पुनः आवंटन या कब्जा हटाना।
- धारा 490 का क्या प्रावधान है?
- सरकारी भूमि के अतिक्रमण से बचाव।
- धारा 495 के तहत भूमि विवादों की सुनवाई कैसे होती है?
- विशेष न्यायालय में।
- धारा 500 का क्या उल्लेख करती है?
- भूमि कर की दरें और नियम।
- धारा 505 के अनुसार कौन भूमि विवादों का निपटारा कर सकता है?
- जिला स्तर और उच्च न्यायालय।
- धारा 510 किससे संबंधित है?
- सरकारी भूमि पर अतिक्रमण।
- धारा 515 के अनुसार भूमि सुधार योजनाएँ कौन लागू करता है?
- राज्य सरकार।
- धारा 520 का क्या प्रावधान है?
– भूमि कर की वसूली और छूट।