यहाँ Special Contract Law (विशेष अनुबंध विधि) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:
भाग 1: अनुबंध की मूल बातें
- विशेष अनुबंध क्या होता है?
- विशेष अनुबंध वे अनुबंध होते हैं जो भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के द्वितीय भाग में वर्णित होते हैं, जैसे कि जमानत, क्षतिपूर्ति, एजेंसी, विक्रय, साझेदारी आदि।
- अनुबंध कितने प्रकार के होते हैं?
- अनुबंध सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- सामान्य अनुबंध (General Contracts)
- विशेष अनुबंध (Special Contracts)
- अनुबंध सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं:
- भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 में विशेष अनुबंधों का उल्लेख कहाँ किया गया है?
- अनुबंध अधिनियम के धारा 124 से 238 तक विशेष अनुबंधों का वर्णन किया गया है।
- किसी विशेष अनुबंध की मुख्य विशेषताएँ क्या होती हैं?
- (i) सहमति (ii) कानूनी उद्देश्य (iii) योग्य पक्षकार (iv) कानूनी प्रवर्तन
- क्या सभी विशेष अनुबंध लिखित होने चाहिए?
- नहीं, लेकिन कुछ अनुबंध जैसे जमानत अनुबंध और साझेदारी अनुबंध लिखित होने चाहिए।
भाग 2: क्षतिपूर्ति (Indemnity) एवं जमानत (Guarantee)
- क्षतिपूर्ति अनुबंध क्या होता है?
- क्षतिपूर्ति अनुबंध वह अनुबंध है जिसमें एक पक्ष दूसरे पक्ष को किसी हानि से बचाने का वचन देता है।
- भारतीय अनुबंध अधिनियम में क्षतिपूर्ति अनुबंध की परिभाषा कहाँ दी गई है?
- धारा 124 में।
- जमानत अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- तीन:
- ऋणी (Principal Debtor)
- ऋणदाता (Creditor)
- जमानतकर्ता (Surety)
- तीन:
- धारा 126 क्या कहती है?
- यह जमानत अनुबंध की परिभाषा देती है।
- क्या जमानत अनुबंध मौखिक हो सकता है?
- हाँ, यह मौखिक या लिखित दोनों रूपों में हो सकता है।
भाग 3: एजेंसी (Contract of Agency)
- एजेंसी अनुबंध किस धारा के अंतर्गत आता है?
- धारा 182 से 238।
- एजेंट कौन होता है?
- वह व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति (प्रिंसिपल) की ओर से कार्य करता है।
- एजेंट की कितनी प्रकार की शक्तियाँ होती हैं?
- (i) वास्तविक शक्ति (Actual Authority)
- (ii) अपरोक्ष शक्ति (Implied Authority)
- एजेंसी कैसे समाप्त होती है?
- (i) उद्देश्य की पूर्ति पर
- (ii) प्रिंसिपल या एजेंट की मृत्यु
- (iii) एजेंसी की समय सीमा समाप्त होने पर
- एजेंसी में अटॉर्नी पावर क्या होता है?
- यह एक लिखित दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति किसी अन्य को विशेष कार्यों के लिए अधिकृत करता है।
भाग 4: बिक्री का अनुबंध (Contract of Sale of Goods)
- बिक्री का अनुबंध किस अधिनियम के अंतर्गत आता है?
- भारतीय विक्रय वस्तु अधिनियम, 1930।
- बिक्री और विनिमय में क्या अंतर है?
- बिक्री में वस्तु के बदले पैसे दिए जाते हैं, जबकि विनिमय में वस्तु के बदले वस्तु दी जाती है।
- बिक्री के अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- दो:
- विक्रेता (Seller)
- क्रेता (Buyer)
- धारा 4 के अनुसार बिक्री क्या है?
- एक ऐसा अनुबंध जिसमें विक्रेता वस्तु को क्रेता को हस्तांतरित करने के लिए सहमत होता है।
- कौन-सी आवश्यक शर्तें बिक्री के अनुबंध में होनी चाहिए?
- (i) वस्तु की पहचान
- (ii) मूल्य का निर्धारण
- (iii) हस्तांतरण की सहमति
भाग 5: साझेदारी (Partnership)
- साझेदारी का अनुबंध किस अधिनियम के अंतर्गत आता है?
- भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932।
- साझेदारी की न्यूनतम और अधिकतम संख्या कितनी होती है?
- न्यूनतम: 2, अधिकतम:
- साधारण व्यवसाय के लिए 50
- बैंकिंग व्यवसाय के लिए 10
- साझेदारी की समाप्ति किन कारणों से होती है?
- (i) साझेदार की मृत्यु
- (ii) साझेदार की दिवालियापन
- (iii) साझेदारी की समय-सीमा समाप्ति
- एकल साझेदार क्या होता है?
- यह एक गलत धारणा है; साझेदारी में कम से कम दो व्यक्ति होने चाहिए।
- साझेदारी में लाभ का विभाजन कैसे होता है?
- साझेदारी अनुबंध में दिए गए अनुपात के अनुसार, अन्यथा बराबर रूप से।
भाग 1: अनुबंध की मूल बातें
- विशेष अनुबंध क्या होता है?
- विशेष अनुबंध वे अनुबंध होते हैं जो भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के द्वितीय भाग में वर्णित होते हैं, जैसे कि जमानत, क्षतिपूर्ति, एजेंसी, विक्रय, साझेदारी आदि।
- अनुबंध कितने प्रकार के होते हैं?
- सामान्य अनुबंध (General Contracts)
- विशेष अनुबंध (Special Contracts)
- भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 में विशेष अनुबंधों का उल्लेख कहाँ किया गया है?
- अनुबंध अधिनियम के धारा 124 से 238 तक विशेष अनुबंधों का वर्णन किया गया है।
- किसी विशेष अनुबंध की मुख्य विशेषताएँ क्या होती हैं?
- सहमति, कानूनी उद्देश्य, योग्य पक्षकार, कानूनी प्रवर्तन
- क्या सभी विशेष अनुबंध लिखित होने चाहिए?
- नहीं, लेकिन कुछ अनुबंध जैसे जमानत अनुबंध और साझेदारी अनुबंध लिखित होने चाहिए।
भाग 2: क्षतिपूर्ति (Indemnity) एवं जमानत (Guarantee)
- क्षतिपूर्ति अनुबंध क्या होता है?
- जब एक पक्ष दूसरे पक्ष को किसी हानि से बचाने का वचन देता है।
- भारतीय अनुबंध अधिनियम में क्षतिपूर्ति अनुबंध की परिभाषा कहाँ दी गई है?
- धारा 124 में।
- जमानत अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- तीन: ऋणी (Principal Debtor), ऋणदाता (Creditor), जमानतकर्ता (Surety)।
- धारा 126 क्या कहती है?
- यह जमानत अनुबंध की परिभाषा देती है।
- क्या जमानत अनुबंध मौखिक हो सकता है?
- हाँ, यह मौखिक या लिखित दोनों रूपों में हो सकता है।
- जमानतकर्ता की देयता कब शुरू होती है?
- जब मूल ऋणी अपना दायित्व पूरा करने में असमर्थ रहता है।
- क्या जमानत अनुबंध निरर्थक हो सकता है?
- हाँ, यदि यह अनुचित प्रभाव, धोखाधड़ी या अयोग्यता के कारण किया गया हो।
- क्या जमानतकर्ता अनुबंध से बाहर निकल सकता है?
- हाँ, यदि उसने जमानत समाप्त करने की अधिसूचना दी हो या ऋणी ने अनुबंध की शर्तें तोड़ी हों।
भाग 3: एजेंसी (Contract of Agency)
- एजेंसी अनुबंध किस धारा के अंतर्गत आता है?
- धारा 182 से 238।
- एजेंट कौन होता है?
- जो किसी अन्य व्यक्ति (प्रिंसिपल) की ओर से कार्य करता है।
- एजेंट की कितनी प्रकार की शक्तियाँ होती हैं?
- वास्तविक शक्ति (Actual Authority) और अपरोक्ष शक्ति (Implied Authority)।
- एजेंसी कैसे समाप्त होती है?
- उद्देश्य की पूर्ति पर, मृत्यु, समय सीमा समाप्त होने पर।
- एजेंसी में अटॉर्नी पावर क्या होता है?
- यह एक लिखित दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति किसी अन्य को विशेष कार्यों के लिए अधिकृत करता है।
- एजेंसी किस प्रकार की हो सकती है?
- व्यापारिक एजेंसी, व्यक्तिगत एजेंसी, विशेष एजेंसी, सामान्य एजेंसी।
- एजेंट की देयता कब समाप्त होती है?
- जब उसने अपने कर्तव्य का पालन कर लिया हो या एजेंसी समाप्त हो जाए।
भाग 4: बिक्री का अनुबंध (Contract of Sale of Goods)
- बिक्री का अनुबंध किस अधिनियम के अंतर्गत आता है?
- भारतीय विक्रय वस्तु अधिनियम, 1930।
- बिक्री और विनिमय में क्या अंतर है?
- बिक्री में वस्तु के बदले पैसे दिए जाते हैं, जबकि विनिमय में वस्तु के बदले वस्तु दी जाती है।
- बिक्री के अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- दो: विक्रेता (Seller) और क्रेता (Buyer)।
- धारा 4 के अनुसार बिक्री क्या है?
- एक ऐसा अनुबंध जिसमें विक्रेता वस्तु को क्रेता को हस्तांतरित करने के लिए सहमत होता है।
- कौन-सी आवश्यक शर्तें बिक्री के अनुबंध में होनी चाहिए?
- वस्तु की पहचान, मूल्य का निर्धारण, हस्तांतरण की सहमति।
- विक्रय का अनुबंध कब समाप्त हो जाता है?
- जब क्रेता को वस्तु का स्वामित्व मिल जाता है और भुगतान हो जाता है।
भाग 5: साझेदारी (Partnership)
- साझेदारी का अनुबंध किस अधिनियम के अंतर्गत आता है?
- भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932।
- साझेदारी की न्यूनतम और अधिकतम संख्या कितनी होती है?
- न्यूनतम: 2, अधिकतम:
- साधारण व्यवसाय के लिए 50
- बैंकिंग व्यवसाय के लिए 10
- साझेदारी की समाप्ति किन कारणों से होती है?
- साझेदार की मृत्यु, दिवालियापन, साझेदारी की समय-सीमा समाप्ति।
- क्या साझेदारी का पंजीकरण अनिवार्य है?
- नहीं, लेकिन पंजीकृत साझेदारी को कानूनी लाभ मिलते हैं।
- साझेदारों के प्रकार कितने होते हैं?
- सक्रिय साझेदार, निदर्शक साझेदार, गुप्त साझेदार, नाममात्र साझेदार।
भाग 6: अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
- “सद्भावनापूर्ण अनुबंध” का क्या अर्थ है?
- ऐसा अनुबंध जिसमें दोनों पक्ष ईमानदारी से कार्य करें।
- विलयन (Novation) क्या होता है?
- जब पुराने अनुबंध को नए अनुबंध से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है।
- “अमान्य अनुबंध” क्या होता है?
- ऐसा अनुबंध जो प्रारंभ से ही गैर-कानूनी या निष्प्रभावी हो।
- “अपूरणीय क्षति” का क्या अर्थ है?
- ऐसी हानि जिसे पैसे से पूरा नहीं किया जा सकता।
- नैतिक अनुबंध (Moral Contracts) क्या होते हैं?
- जिनका कानूनी रूप से प्रवर्तन नहीं किया जा सकता, लेकिन नैतिक रूप से मान्य होते हैं।
भाग 1: अनुबंध की मूल बातें
- विशेष अनुबंध क्या होता है?
- भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के द्वितीय भाग में वर्णित अनुबंध, जैसे जमानत, क्षतिपूर्ति, एजेंसी, विक्रय और साझेदारी।
- भारतीय अनुबंध अधिनियम में विशेष अनुबंध कहाँ वर्णित हैं?
- धारा 124 से 238 के अंतर्गत।
- सामान्य और विशेष अनुबंध में क्या अंतर है?
- सामान्य अनुबंध सभी प्रकार के सामान्य समझौतों को कवर करता है, जबकि विशेष अनुबंध कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू होते हैं।
- अनुबंध के आवश्यक तत्व क्या हैं?
- प्रस्ताव, स्वीकृति, कानूनी उद्देश्य, विचार, पक्षकारों की योग्यता।
- विशेष अनुबंध के उदाहरण क्या हैं?
- क्षतिपूर्ति, जमानत, एजेंसी, विक्रय, साझेदारी।
भाग 2: क्षतिपूर्ति (Indemnity) अनुबंध
- क्षतिपूर्ति अनुबंध क्या होता है?
- एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को हानि से बचाने का वचन।
- क्षतिपूर्ति अनुबंध कौन-कौन से पक्षकारों के बीच होता है?
- क्षतिपूर्ति देने वाला और प्राप्त करने वाला।
- धारा 124 क्या कहती है?
- यह क्षतिपूर्ति अनुबंध को परिभाषित करती है।
- क्षतिपूर्ति अनुबंध के प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
- स्पष्ट (Express) और निहित (Implied)।
- क्या क्षतिपूर्ति अनुबंध लिखित होना चाहिए?
- हाँ, हालांकि मौखिक रूप में भी मान्य हो सकता है।
भाग 3: जमानत (Guarantee) अनुबंध
- जमानत अनुबंध क्या होता है?
- जब कोई तीसरा पक्ष ऋण की गारंटी देता है।
- जमानत अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- तीन: ऋणी, ऋणदाता, जमानतकर्ता।
- धारा 126 क्या कहती है?
- जमानत अनुबंध की परिभाषा देती है।
- क्या जमानत अनुबंध मौखिक हो सकता है?
- हाँ, लेकिन लिखित होना बेहतर होता है।
- जमानतकर्ता की देयता किस प्रकार की होती है?
- प्राथमिक और द्वितीयक।
भाग 4: एजेंसी (Contract of Agency)
- एजेंसी अनुबंध क्या होता है?
- जब एक व्यक्ति (एजेंट) किसी अन्य (प्रिंसिपल) के लिए कार्य करता है।
- धारा 182 किससे संबंधित है?
- एजेंट और प्रिंसिपल की परिभाषा।
- एजेंसी कितने प्रकार की होती है?
- विशेष, सामान्य और अनिर्दिष्ट।
- एजेंसी कैसे समाप्त होती है?
- उद्देश्य की पूर्ति, समयसीमा समाप्ति, मृत्यु।
- एजेंट के कर्तव्य क्या होते हैं?
- ईमानदारी, उचित देखभाल, सूचनाएं प्रदान करना।
भाग 5: विक्रय (Sale of Goods)
- बिक्री का अनुबंध किस अधिनियम में वर्णित है?
- भारतीय विक्रय अधिनियम, 1930।
- बिक्री और विनिमय में क्या अंतर है?
- बिक्री में वस्तु के बदले पैसे दिए जाते हैं, विनिमय में वस्तु के बदले वस्तु।
- बिक्री अनुबंध में कितने पक्ष होते हैं?
- दो: विक्रेता और क्रेता।
- बिक्री के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं?
- वस्तु की पहचान, मूल्य का निर्धारण, हस्तांतरण की सहमति।
- विक्रय अनुबंध कब समाप्त होता है?
- जब वस्तु का स्वामित्व स्थानांतरित हो जाता है।
भाग 6: साझेदारी (Partnership)
- साझेदारी का अनुबंध किस अधिनियम में आता है?
- भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932।
- साझेदारी में न्यूनतम कितने सदस्य होने चाहिए?
- कम से कम दो।
- साझेदारी की अधिकतम सीमा क्या है?
- सामान्य व्यवसाय: 50, बैंकिंग: 10।
- साझेदारी की समाप्ति कब होती है?
- साझेदार की मृत्यु, दिवालियापन, समय सीमा समाप्त।
- साझेदारी पंजीकरण अनिवार्य है?
- नहीं, लेकिन पंजीकृत साझेदारी को कानूनी लाभ मिलते हैं।
भाग 7: अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
- सद्भावनापूर्ण अनुबंध क्या होता है?
- ऐसा अनुबंध जिसमें दोनों पक्ष ईमानदारी से कार्य करें।
- विलयन (Novation) क्या होता है?
- पुराने अनुबंध को नए अनुबंध से प्रतिस्थापित करना।
- अमान्य अनुबंध क्या होता है?
- जो प्रारंभ से ही गैर-कानूनी या निष्प्रभावी हो।
- नैतिक अनुबंध (Moral Contracts) क्या होते हैं?
- जिनका कानूनी रूप से प्रवर्तन नहीं किया जा सकता।
- न्यायसंगत राहत (Equitable Relief) क्या होती है?
- अदालत द्वारा प्रदान की जाने वाली गैर-वित्तीय राहत।
विशेष अनुबंध विधि (Special Contract Law) – प्रश्न 1 से 11 के उत्तर
1. विशेष अनुबंध क्या होता है?
उत्तर:
विशेष अनुबंध वे अनुबंध होते हैं जो भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के द्वितीय भाग में वर्णित हैं। ये अनुबंध सामान्य अनुबंधों से अलग होते हैं और विशिष्ट कानूनी दायित्वों को स्थापित करते हैं। इसके प्रमुख प्रकार हैं:
- क्षतिपूर्ति (Indemnity) अनुबंध
- जमानत (Guarantee) अनुबंध
- एजेंसी (Agency) अनुबंध
- विक्रय (Sale of Goods) अनुबंध
- साझेदारी (Partnership) अनुबंध
2. भारतीय अनुबंध अधिनियम में विशेष अनुबंध कहाँ वर्णित हैं?
उत्तर:
भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के धारा 124 से 238 तक विशेष अनुबंधों का उल्लेख किया गया है।
3. सामान्य और विशेष अनुबंध में क्या अंतर है?
उत्तर:
| सामान्य अनुबंध | विशेष अनुबंध |
|——————|——————|
| यह सामान्य नियमों पर आधारित होता है। | यह विशिष्ट कानूनी दायित्वों से संबंधित होता है। |
| इसमें सभी प्रकार के अनुबंध आते हैं। | इसमें क्षतिपूर्ति, जमानत, एजेंसी, विक्रय और साझेदारी अनुबंध आते हैं। |
| यह भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के पहले भाग में आता है। | यह भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 के दूसरे भाग में आता है। |
4. अनुबंध के आवश्यक तत्व क्या हैं?
उत्तर:
किसी भी वैध अनुबंध के लिए निम्नलिखित तत्व आवश्यक होते हैं:
- प्रस्ताव (Offer) – एक पक्ष द्वारा प्रस्ताव किया जाना चाहिए।
- स्वीकृति (Acceptance) – दूसरा पक्ष प्रस्ताव को स्वीकार करे।
- कानूनी उद्देश्य (Lawful Object) – अनुबंध किसी गैरकानूनी उद्देश्य के लिए नहीं होना चाहिए।
- विचार (Consideration) – प्रत्येक पक्ष को कुछ न कुछ प्राप्त होना चाहिए।
- पक्षकारों की योग्यता (Capacity of Parties) – अनुबंध में शामिल व्यक्ति वयस्क, मानसिक रूप से स्वस्थ और सक्षम होना चाहिए।
5. विशेष अनुबंध के उदाहरण क्या हैं?
उत्तर:
विशेष अनुबंध के प्रमुख उदाहरण हैं:
- A किसी बैंक से ऋण लेता है और B उसकी गारंटी देता है → (जमानत अनुबंध)
- X, Y से कहता है कि यदि उसे कोई हानि होगी तो वह उसकी भरपाई करेगा → (क्षतिपूर्ति अनुबंध)
- एक बिजनेस पार्टनरशिप फर्म का निर्माण होता है → (साझेदारी अनुबंध)
- एक एजेंट किसी कंपनी के लिए व्यापार करता है → (एजेंसी अनुबंध)
- एक व्यक्ति किसी वस्तु को क्रय-विक्रय करता है → (विक्रय अनुबंध)
6. क्षतिपूर्ति अनुबंध क्या होता है?
उत्तर:
जब एक पक्ष (क्षतिपूर्ति दाता) दूसरे पक्ष (क्षतिपूर्ति प्राप्तकर्ता) को किसी हानि से बचाने का वचन देता है, तो उसे क्षतिपूर्ति अनुबंध कहा जाता है।
उदाहरण:
A कहता है कि यदि B को कोई हानि होगी, तो वह उसकी भरपाई करेगा। यहाँ A क्षतिपूर्ति दाता है और B क्षतिपूर्ति प्राप्तकर्ता है।
7. क्षतिपूर्ति अनुबंध कौन-कौन से पक्षकारों के बीच होता है?
उत्तर:
इस अनुबंध में दो पक्ष होते हैं:
- क्षतिपूर्ति दाता (Indemnifier) – जो हानि होने पर भरपाई करने का वादा करता है।
- क्षतिपूर्ति प्राप्तकर्ता (Indemnified/Indemnity Holder) – जिसे हानि से सुरक्षा दी जाती है।
8. धारा 124 क्या कहती है?
उत्तर:
भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 124 में क्षतिपूर्ति अनुबंध की परिभाषा दी गई है:
“जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को किसी तीसरे पक्ष द्वारा उत्पन्न क्षति से बचाने का वचन देता है, तो यह क्षतिपूर्ति अनुबंध कहलाता है।”
उदाहरण:
A, B को वचन देता है कि यदि B को किसी व्यवसायिक लेन-देन में हानि होती है, तो A उसकी भरपाई करेगा। यह एक क्षतिपूर्ति अनुबंध है।
9. क्षतिपूर्ति अनुबंध के प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
- स्पष्ट (Express) क्षतिपूर्ति अनुबंध – जब अनुबंध स्पष्ट रूप से लिखा या मौखिक रूप में किया जाता है।
- निहित (Implied) क्षतिपूर्ति अनुबंध – जब किसी व्यक्ति के कार्यों से यह स्पष्ट होता है कि वह क्षतिपूर्ति देगा।
10. क्या क्षतिपूर्ति अनुबंध लिखित होना चाहिए?
उत्तर:
नहीं, यह अनुबंध मौखिक या लिखित दोनों हो सकता है। हालांकि, लिखित अनुबंध कानूनी दृष्टिकोण से अधिक सुरक्षित होते हैं।
11. जमानत अनुबंध क्या होता है?
उत्तर:
जब एक पक्ष (जमानतकर्ता/Surety) किसी तीसरे पक्ष (ऋणी/Principal Debtor) के दायित्व को पूरा करने की गारंटी देता है, तो उसे जमानत अनुबंध (Contract of Guarantee) कहते हैं।
उदाहरण:
A बैंक से 50,000 रुपये का ऋण लेता है। B बैंक को गारंटी देता है कि यदि A ऋण नहीं चुकाएगा, तो वह उसे चुकाएगा। यहाँ B जमानतकर्ता है।