भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) में बच्चों से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं, जो उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
1. बच्चों के प्रति अपराधों के लिए कठोर दंड
नए कानून में बच्चों के खिलाफ हिंसा, यौन शोषण, तस्करी और अन्य अपराधों के लिए कड़े दंड निर्धारित किए गए हैं।
2. बाल तस्करी और शोषण
- धारा 107: बच्चों की तस्करी, जबरन श्रम, यौन शोषण या किसी अन्य अवैध कार्य में झोंकने पर कठोर दंड का प्रावधान है।
- सजा: 10 साल तक की कैद और भारी जुर्माना।
3. बाल यौन शोषण
- भारतीय न्याय संहिता में बाल यौन शोषण को लेकर कड़े नियम बनाए गए हैं, जो POCSO Act (Protection of Children from Sexual Offences Act) के साथ मिलकर लागू होंगे।
- किसी बच्चे का अश्लील वीडियो बनाना, साझा करना या उसका शारीरिक शोषण करना गंभीर अपराध माना गया है।
4. बच्चों के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार
- माता-पिता, शिक्षक या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बच्चों के प्रति हिंसा, मारपीट या दुर्व्यवहार को गंभीर अपराध माना गया है।
- दंड: 3 से 7 साल तक की सजा और जुर्माना।
5. बाल विवाह निषेध
- धारा 105: बाल विवाह को अपराध माना गया है, और इसमें शामिल लोगों को सजा दी जा सकती है।
- सजा: 2 से 10 साल तक की कैद और जुर्माना।
6. साइबर अपराध और बाल सुरक्षा
- धारा 126: ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को गुमराह करना, अश्लील सामग्री दिखाना या उनका शोषण करना दंडनीय अपराध है।
- इसमें साइबर बुलिंग, ऑनलाइन उत्पीड़न और बच्चों के खिलाफ डिजिटल अपराधों को शामिल किया गया है।
7. गोद लेने और देखभाल के नियम
- अनाथ बच्चों की तस्करी रोकने और अवैध गोद लेने को नियंत्रित करने के लिए भी सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।
निष्कर्ष
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई कठोर प्रावधान किए गए हैं। यह कानून न सिर्फ बच्चों को अपराधों से बचाने में मदद करेगा, बल्कि दोषियों को भी सख्त सजा दिलाने में प्रभावी रहेगा।