The Public Liability Insurance Act, 1991 (सार्वजनिक देयता बीमा अधिनियम, 1991)
प्रस्तावना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत में औद्योगिकीकरण के तेज़ी से विकास ने आर्थिक प्रगति को बढ़ाया है, लेकिन इसके साथ ही औद्योगिक दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। विशेषकर रासायनिक कारखानों, पेट्रोलियम उद्योगों, गैस प्लांट और अन्य खतरनाक उद्योगों में दुर्घटनाएं न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि मानव जीवन और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती हैं।
1984 की भोपाल गैस त्रासदी, जिसमें हजारों लोग मृत और लाखों प्रभावित हुए, इस बात का जीवंत उदाहरण है कि औद्योगिक दुर्घटनाओं से जनता को त्वरित और प्रभावी राहत की आवश्यकता होती है। इस घटना ने भारतीय संसद को औद्योगिक दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए क़ानून बनाने के लिए प्रेरित किया।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए Public Liability Insurance Act, 1991 को पारित किया गया। यह अधिनियम उन व्यक्तियों को त्वरित मुआवजा दिलाने के लिए है जो खतरनाक उद्योगों में दुर्घटनाओं से प्रभावित होते हैं। अधिनियम का उद्देश्य:
- औद्योगिक दुर्घटनाओं के दौरान पीड़ितों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- औद्योगिक इकाइयों को बीमा लेने के लिए बाध्य करना, ताकि दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा उपलब्ध हो।
- पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी स्पष्ट करना और औद्योगिक प्रबंधन को सुरक्षित संचालन के लिए प्रेरित करना।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ
1. परिभाषाएँ (Definitions)
- “Hazardous substance” (खतरनाक पदार्थ): अधिनियम के तहत किसी भी रासायनिक, पेट्रोलियम या खतरनाक पदार्थ को जिसमें मानव स्वास्थ्य या पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।
- “Occupier” (कर्मचारी/उद्योग मालिक): वह व्यक्ति या संस्था जो किसी औद्योगिक इकाई का संचालन करता है और दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होता है।
- “Public liability insurance policy” (सार्वजनिक देयता बीमा पॉलिसी): बीमा कंपनी द्वारा जारी पॉलिसी, जो दुर्घटना के समय पीड़ितों को मुआवजा देने का वचन देती है।
2. बीमा अनिवार्यता (Insurance Requirement)
अधिनियम के तहत हर खतरनाक उद्योग के लिए यह अनिवार्य है कि वह Public Liability Insurance करवाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को तुरंत वित्तीय राहत मिल सके।
3. मुआवजा वितरण (Compensation Distribution)
- उद्योग मालिक या “occupier” की जिम्मेदारी होती है कि वह किसी भी दुर्घटना के पीड़ितों को त्वरित मुआवजा प्रदान करे।
- बीमा पॉलिसी के माध्यम से मुआवजा राशि तत्काल जारी की जाती है।
- मुआवजा प्रभावित व्यक्ति की चोट, मृत्यु या संपत्ति के नुकसान के आधार पर तय किया जाता है।
4. प्रशासन और निगरानी (Administration & Monitoring)
- राज्य सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करते हैं।
- औद्योगिक इकाइयों को नियमित रूप से अपनी बीमा पॉलिसी और सुरक्षा उपायों का प्रमाण देना होता है।
5. दंड और अनुपालन (Penalty & Compliance)
- यदि कोई उद्योग या “occupier” बीमा करवाने में विफल रहता है, तो उसे क़ानूनी कार्रवाई और जुर्माना का सामना करना पड़ता है।
- साथ ही, दुर्घटना के मामले में बिना बीमा के मुआवजा भुगतान करना उद्योग मालिक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बन जाता है।
अधिनियम के धारा-दर-धारा प्रमुख बिंदु
धारा 1: नाम और प्रारंभ (Short title & commencement)
- अधिनियम को “Public Liability Insurance Act, 1991” कहा जाता है।
- यह अधिनियम अधिसूचना के दिन से लागू होगा।
धारा 2: परिभाषाएँ (Definitions)
- ‘खतरनाक पदार्थ’, ‘occupier’, ‘बीमा पॉलिसी’, ‘सरकारी प्राधिकरण’ आदि की स्पष्ट परिभाषा दी गई है।
धारा 3: बीमा की आवश्यकता (Insurance requirement)
- सभी औद्योगिक इकाइयों को खतरनाक पदार्थों के लिए सार्वजनिक देयता बीमा करना अनिवार्य है।
धारा 4: बीमा पॉलिसी की शर्तें (Insurance policy conditions)
- पॉलिसी में दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को मुआवजा देने की शर्तें और सीमाएँ स्पष्ट की गई हैं।
धारा 5: मुआवजा का भुगतान (Payment of compensation)
- दुर्घटना की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा त्वरित मुआवजा प्रदान करना।
- राज्य सरकार पीड़ितों को राहत में सहायता कर सकती है।
धारा 6: प्राधिकरण और निगरानी (Authorities & monitoring)
- केंद्रीय और राज्य स्तर पर औद्योगिक इकाइयों की निगरानी और रिपोर्टिंग अनिवार्य।
- सुरक्षा उपायों और बीमा पॉलिसी की नियमित समीक्षा।
धारा 7: दंड और कानूनी कार्रवाई (Penalties & legal action)
- बीमा न करवाने पर जुर्माना और दोषी पर कार्रवाई।
- गंभीर लापरवाही पर कारावास का प्रावधान।
धारा 8: विवाद समाधान (Dispute resolution)
- बीमा राशि वितरण या मुआवजा से संबंधित विवादों का निपटारा निर्धारित प्राधिकरण के माध्यम से।
अधिनियम का महत्व और प्रभाव
- त्वरित राहत:
यह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि औद्योगिक दुर्घटना में पीड़ितों को मुआवजा जल्दी और प्रभावी ढंग से मिले। - औद्योगिक सुरक्षा प्रोत्साहन:
बीमा अनिवार्यता उद्योगों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। - मानव जीवन और पर्यावरण सुरक्षा:
खतरनाक पदार्थों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए निगरानी और बीमा दोनों महत्वपूर्ण हैं। - कानूनी जिम्मेदारी स्पष्ट:
दुर्घटना की स्थिति में कौन जिम्मेदार है, और मुआवजा किससे मिलेगा, यह अधिनियम स्पष्ट करता है।
निष्कर्ष
Public Liability Insurance Act, 1991 भारत में औद्योगिक दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क़ानून है। यह अधिनियम न केवल त्वरित राहत और मुआवजा सुनिश्चित करता है, बल्कि औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षित संचालन के लिए बाध्य करता है। भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं से मिली सीख ने इसे और भी आवश्यक बना दिया।
इस अधिनियम की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि औद्योगिक इकाइयां बीमा और सुरक्षा मानकों का पालन करें और राज्य सरकार प्रभावी निगरानी करे। इस प्रकार, यह अधिनियम भारतीय औद्योगिक और सामाजिक परिदृश्य में मानव जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी उपकरण बन गया है।
ठीक है! यहाँ Public Liability Insurance Act, 1991 से संबंधित 10 प्रश्न-उत्तर (Short Q&A) और 30 Judiciary Exam MCQs दिए जा रहे हैं।
10 Short Question-Answer (प्रश्न-उत्तर)
1. प्रश्न: Public Liability Insurance Act, 1991 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत और मुआवजा प्रदान करना है। यह औद्योगिक इकाइयों को बीमा लेने के लिए बाध्य करता है ताकि दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
2. प्रश्न: अधिनियम किस दुर्घटना को ध्यान में रखकर बनाया गया था?
उत्तर: अधिनियम विशेष रूप से भोपाल गैस त्रासदी (1984) जैसी औद्योगिक दुर्घटनाओं के बाद बनाया गया, जिसमें हजारों लोगों की जान गई और लाखों लोग प्रभावित हुए।
3. प्रश्न: “Occupier” की परिभाषा क्या है?
उत्तर: “Occupier” वह व्यक्ति या संस्था है जो औद्योगिक इकाई का संचालन करता है और दुर्घटना के समय जिम्मेदार होता है।
4. प्रश्न: अधिनियम के तहत कौन सा बीमा अनिवार्य है?
उत्तर: Public Liability Insurance बीमा अनिवार्य है, जो दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को त्वरित मुआवजा देने का वचन देती है।
5. प्रश्न: बीमा न करवाने पर क्या कार्रवाई होती है?
उत्तर: यदि कोई उद्योग या occupier बीमा नहीं कराता है, तो उसे जुर्माना, कानूनी कार्रवाई और गंभीर लापरवाही में कारावास का सामना करना पड़ सकता है।
6. प्रश्न: अधिनियम में “Hazardous Substance” किसे कहा गया है?
उत्तर: किसी भी रासायनिक, पेट्रोलियम या खतरनाक पदार्थ को जिसे मानव स्वास्थ्य या पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
7. प्रश्न: मुआवजा किस आधार पर तय किया जाता है?
उत्तर: मुआवजा दुर्घटना की गंभीरता, चोट, मृत्यु और संपत्ति के नुकसान के आधार पर तय किया जाता है।
8. प्रश्न: राज्य सरकार का अधिनियम में क्या रोल है?
उत्तर: राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों की निगरानी करती है और बीमा एवं सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करती है।
9. प्रश्न: अधिनियम की धारा 4 क्या निर्धारित करती है?
उत्तर: धारा 4 बीमा पॉलिसी की शर्तें निर्धारित करती है, जिसमें दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को मुआवजा देने की शर्तें शामिल हैं।
10. प्रश्न: अधिनियम का सामाजिक महत्व क्या है?
उत्तर: यह अधिनियम मानव जीवन, पर्यावरण और औद्योगिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है और औद्योगिक दुर्घटनाओं में पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करता है।
1. Public Liability Insurance Act, 1991 किसके लिए बनाया गया?
a) उद्योग मालिकों के लिए
b) औद्योगिक दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों के लिए
c) सरकार के लिए
d) बीमा कंपनियों के लिए
उत्तर: b
2. अधिनियम का पारित वर्ष कौन सा है?
a) 1984
b) 1991
c) 2000
d) 1995
उत्तर: b
3. अधिनियम के तहत कौन सी बीमा अनिवार्य है?
a) Life Insurance
b) Health Insurance
c) Public Liability Insurance
d) Fire Insurance
उत्तर: c
4. अधिनियम में “Occupier” किसे कहते हैं?
a) दुर्घटना प्रभावित व्यक्ति
b) औद्योगिक इकाई का संचालक
c) बीमा कंपनी
d) राज्य सरकार
उत्तर: b
5. “Hazardous substance” का अर्थ क्या है?
a) कोई भी सुरक्षित रासायनिक पदार्थ
b) खतरनाक रासायनिक या पेट्रोलियम पदार्थ
c) केवल गैस पदार्थ
d) केवल ज्वलनशील पदार्थ
उत्तर: b
6. अधिनियम का उद्देश्य मुख्यतः क्या है?
a) उद्योग बढ़ाना
b) औद्योगिक दुर्घटना में पीड़ितों को मुआवजा देना
c) सरकार को कर वसूलना
d) बीमा कंपनियों को लाभ देना
उत्तर: b
7. अधिनियम के तहत मुआवजा किस माध्यम से प्रदान किया जाता है?
a) सरकारी कोष
b) निजी दान
c) बीमा पॉलिसी
d) उद्योग का शेयर
उत्तर: c
8. अधिनियम के अंतर्गत किसे दंड का प्रावधान है?
a) बीमा लेने वाले
b) बीमा न करवाने वाले
c) प्रभावित व्यक्ति
d) उद्योग कर्मचारियों
उत्तर: b
9. अधिनियम के तहत विवादों का निपटारा किसके माध्यम से होता है?
a) बीमा कंपनी
b) उद्योग संगठन
c) निर्धारित प्राधिकरण
d) राज्य विधानसभा
उत्तर: c
10. अधिनियम के तहत पीड़ितों को मुआवजा कब दिया जाता है?
a) केवल दुर्घटना के बाद जांच पूरी होने पर
b) तुरंत और त्वरित राहत के रूप में
c) सरकारी आदेश मिलने के बाद
d) बीमा प्रीमियम जमा होने के बाद
उत्तर: b
11. Public Liability Insurance Act, 1991 के तहत केंद्रीय प्राधिकरण कौन है?
a) केंद्र सरकार
b) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
c) राज्य सरकार
d) बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण
उत्तर: b
12. अधिनियम का मुख्य प्रेरक कारण कौन सी घटना थी?
a) भूकंप 1990
b) भोपाल गैस त्रासदी 1984
c) चेर्नोबिल 1986
d) मुंबई बाढ़ 2005
उत्तर: b
13. अधिनियम के तहत बीमा किसको कवर करता है?
a) केवल उद्योग मालिक
b) प्रभावित व्यक्तियों और पर्यावरण
c) सरकार
d) बीमा कंपनी
उत्तर: b
14. अधिनियम में “Compensation” का अर्थ क्या है?
a) उद्योग लाभ
b) दुर्घटना पीड़ितों को वित्तीय राहत
c) बीमा प्रीमियम
d) कर्मचारियों का वेतन
उत्तर: b
15. अधिनियम के तहत कौन सा क़ानूनी प्रावधान शामिल है?
a) जुर्माना
b) कारावास
c) दोनों a और b
d) कोई नहीं
उत्तर: c
16. Public Liability Insurance Act, 1991 में प्राधिकरणों की निगरानी किसके द्वारा की जाती है?
a) केवल राज्य सरकार
b) केवल केंद्र सरकार
c) केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
d) उद्योग संगठन
उत्तर: c
17. अधिनियम किस तरह की औद्योगिक इकाइयों पर लागू होता है?
a) केवल कृषि आधारित उद्योग
b) खतरनाक पदार्थों का उत्पादन/प्रयोग करने वाले उद्योग
c) सेवा उद्योग
d) शिक्षा संस्थान
उत्तर: b
18. अधिनियम का मुख्य लाभ क्या है?
a) उद्योग को लाभ देना
b) दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित मुआवजा देना
c) सरकारी राजस्व बढ़ाना
d) बीमा कंपनियों का विस्तार
उत्तर: b
19. अधिनियम में “Insurance policy” किसका वचन देती है?
a) सरकार का
b) उद्योग मालिक का
c) बीमा कंपनी का
d) न्यायालय का
उत्तर: c
20. अधिनियम की धारा 5 क्या बताती है?
a) बीमा पॉलिसी की शर्तें
b) मुआवजा का भुगतान
c) प्राधिकरण की शक्तियाँ
d) दंड का प्रावधान
उत्तर: b
21. अधिनियम किस प्रकार की दुर्घटनाओं को कवर करता है?
a) प्राकृतिक आपदाएँ
b) औद्योगिक/खतरनाक पदार्थों से होने वाली दुर्घटनाएँ
c) सड़क दुर्घटनाएँ
d) घरेलू दुर्घटनाएँ
उत्तर: b
22. अधिनियम का सामाजिक उद्देश्य क्या है?
a) केवल आर्थिक लाभ
b) मानव जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा
c) उद्योग विस्तार
d) सरकारी राजस्व बढ़ाना
उत्तर: b
23. यदि उद्योग बीमा न कराए तो क्या होगा?
a) उद्योग बंद हो जाएगा
b) जुर्माना और कानूनी कार्रवाई
c) उद्योग को अधिक लाभ होगा
d) कोई प्रभाव नहीं
उत्तर: b
24. Public Liability Insurance Act, 1991 की प्रमुख प्रेरणा कौन है?
a) औद्योगिक सुरक्षा और मानव जीवन संरक्षण
b) केवल बीमा कंपनी का लाभ
c) केंद्र सरकार का लाभ
d) केवल उद्योग मालिक का हित
उत्तर: a
25. अधिनियम के तहत मुआवजा देने का मुख्य स्रोत क्या है?
a) सरकारी कोष
b) बीमा पॉलिसी
c) दान और अनुदान
d) उद्योग का स्वयं का कोष
उत्तर: b
26. अधिनियम की धारा 2 में क्या निर्धारित है?
a) दंड
b) परिभाषाएँ
c) बीमा पॉलिसी
d) निगरानी
उत्तर: b
27. अधिनियम के तहत औद्योगिक इकाइयों को क्या प्रस्तुत करना होता है?
a) सुरक्षा उपायों और बीमा पॉलिसी का प्रमाण
b) केवल उद्योग लाभ की रिपोर्ट
c) केवल कर्मचारियों का विवरण
d) कोई दस्तावेज़ आवश्यक नहीं
उत्तर: a
28. अधिनियम का दंडात्मक प्रावधान किसे प्रभावित करता है?
a) बीमा लेने वाले उद्योग
b) बीमा न करवाने वाले उद्योग
c) प्रभावित व्यक्ति
d) सरकारी अधिकारी
उत्तर: b
29. अधिनियम के अनुसार पीड़ितों को मुआवजा देने में कौन मुख्य भूमिका निभाता है?
a) उद्योग मालिक
b) बीमा कंपनी
c) राज्य सरकार
d) केंद्र सरकार
उत्तर: b
30. Public Liability Insurance Act, 1991 का सबसे बड़ा सामाजिक लाभ क्या है?
a) उद्योग का विस्तार
b) औद्योगिक दुर्घटनाओं में त्वरित राहत और सुरक्षा
c) बीमा कंपनियों का लाभ
d) सरकारी कर वृद्धि
उत्तर: b