51. Form 16 क्या होता है?
Form 16 वह प्रमाणपत्र है जो नियोक्ता अपने कर्मचारी को देता है, जिसमें उसके वेतन से कटे गए TDS की पूरी जानकारी होती है। यह आयकर अधिनियम की धारा 203 के अंतर्गत जारी किया जाता है। इसमें कर्मचारी की कुल आय, छूट, कटौतियाँ और TDS का विवरण होता है। ITR फाइल करने में यह एक मुख्य दस्तावेज होता है, विशेषकर वेतनभोगी करदाताओं के लिए।
52. HUF (Hindu Undivided Family) का कराधान कैसे होता है?
HUF एक कर योग्य इकाई है जिसे हिंदू कानून के तहत एक परिवार के रूप में मान्यता दी जाती है। HUF की आय और संपत्ति उसके कर्ता (Karta) के माध्यम से प्रबंधित होती है। यह व्यक्ति के आयकर स्लैब के अनुसार कर योग्य होती है। HUF के लिए अलग PAN, रिटर्न फॉर्म और कर लाभ होते हैं, जैसे कि धारा 80C की छूट।
53. MAT (Minimum Alternate Tax) क्या होता है?
कुछ कंपनियाँ अपनी आय पर उपलब्ध छूटों के कारण शून्य कर देती थीं, इसे रोकने के लिए MAT की व्यवस्था की गई। यह आयकर अधिनियम की धारा 115JB के अंतर्गत लागू होता है, जिसमें कंपनी को बुक प्रॉफिट पर न्यूनतम 15% (लगभग) कर देना होता है। यह MAT Credit के रूप में आगे समायोजित किया जा सकता है।
54. किसान की कृषि आय पर कर क्यों नहीं लगता?
भारत में कृषि को विशेष दर्जा प्राप्त है। संविधान के अनुसार, कृषि कराधान राज्य का विषय है, और केंद्र सरकार ने कृषि आय को आयकर अधिनियम की धारा 10(1) के अंतर्गत कर से छूट दी है। इसका उद्देश्य किसानों की आजीविका की सुरक्षा करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
55. Surcharge और Cess में क्या अंतर है?
Surcharge वह अतिरिक्त कर है जो उच्च आय वर्ग वालों पर मूल आयकर के ऊपर लगाया जाता है, जैसे ₹50 लाख से अधिक आय पर 10% या उससे अधिक। वहीं, Cess एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए लगाया जाता है, जैसे Health & Education Cess (4%)। Cess सभी करदाताओं पर लगता है, जबकि Surcharge केवल उच्च आय वालों पर।
56. Section 80E के अंतर्गत किस प्रकार की छूट मिलती है?
धारा 80E के तहत, उच्च शिक्षा के लिए लिए गए शैक्षणिक ऋण (Education Loan) पर दिए गए ब्याज की पूरी राशि कर से छूट योग्य होती है। यह छूट अधिकतम 8 वर्षों तक या ऋण चुकाने तक, जो भी पहले हो, के लिए मिलती है। यह सुविधा छात्र के माता-पिता या स्वयं छात्र द्वारा ली जा सकती है।
57. Equalisation Levy क्या है?
Equalisation Levy एक डिजिटल कर है जो भारत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करने वाली विदेशी कंपनियों पर लगाया जाता है। यह उन कंपनियों पर लागू होता है जिनकी भारत में स्थायी स्थापन नहीं है लेकिन वे ऑनलाइन विज्ञापन या ई-कॉमर्स सेवाएं देती हैं। यह 6% से 2% की दरों पर लगाया जाता है और डिजिटल इकोनॉमी को टैक्स नेट में लाता है।
58. Section 54 के अंतर्गत Capital Gain में छूट कैसे मिलती है?
Section 54 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति अपनी आवासीय संपत्ति बेचने पर प्राप्त दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को नई आवासीय संपत्ति में निवेश करता है, तो उसे उस लाभ पर कर छूट मिलती है। यह छूट केवल व्यक्ति या HUF को मिलती है और संपत्ति की खरीद 1 वर्ष पहले या 2 वर्ष बाद तक होनी चाहिए।
59. Notices under Section 142(1) क्या होते हैं?
Section 142(1) के तहत नोटिस तब भेजा जाता है जब आयकर अधिकारी को लगता है कि किसी करदाता ने रिटर्न नहीं भरा है या विवरण अधूरा है। इसके द्वारा करदाता से आय के बारे में दस्तावेज या स्पष्टीकरण मांगा जाता है। इस नोटिस की अनदेखी करना दंडनीय अपराध हो सकता है।
60. Income Tax Settlement Commission क्या था?
यह आयोग उन करदाताओं को विवादों के शीघ्र समाधान हेतु सुविधा देता था जो अपने कर मामलों का निपटारा कराना चाहते थे। करदाता आयोग के समक्ष जाकर स्वेच्छा से पूरी जानकारी देकर मामला निपटा सकता था। हालांकि, यह आयोग अब समाप्त कर दिया गया है और इसकी जगह Interim Board for Settlement ने ले ली है।
61. Section 80G के अंतर्गत दान पर कर छूट कैसे मिलती है?
धारा 80G के तहत करदाता को पंजीकृत धर्मार्थ संस्थाओं को किए गए दान पर 50% या 100% तक की कर छूट मिलती है। छूट की पात्रता संस्था की श्रेणी पर निर्भर करती है। दानदाता को दान की रसीद और संस्था का पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक होता है। नकद दान ₹2,000 से अधिक नहीं होना चाहिए।
62. Goods और Services में GST की दरें कैसे निर्धारित होती हैं?
GST की दरें GST Council द्वारा तय की जाती हैं, जो वस्तुओं और सेवाओं की प्रकृति, उपयोगिता और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उन्हें 0%, 5%, 12%, 18%, और 28% की श्रेणियों में वर्गीकृत करती है। आवश्यक वस्तुएं जैसे खाद्य पदार्थ पर कम दर, जबकि विलासिता की वस्तुओं पर उच्च दर लागू होती है।
63. Section 80TTA और 80TTB में क्या अंतर है?
80TTA के अंतर्गत 10,000 रुपये तक की बचत खाता ब्याज पर छूट मिलती है और यह सभी व्यक्तियों के लिए लागू है।
80TTB वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष+) के लिए है, जिसमें बचत खाता और FD दोनों से प्राप्त ब्याज पर ₹50,000 तक की छूट मिलती है। दोनों एक साथ लागू नहीं होते।
64. Deferred Tax क्या होता है?
Deferred Tax वह कर होता है जो बुक्स ऑफ अकाउंट और इनकम टैक्स रिटर्न के बीच समय अंतराल के कारण उत्पन्न होता है। यह दो प्रकार का होता है – Deferred Tax Asset और Deferred Tax Liability। यह अक्सर लेखांकन उद्देश्यों में दिखाया जाता है, विशेषकर कंपनियों के लिए।
65. Self Declaration Form 15G और 15H क्या हैं?
Form 15G (60 वर्ष से कम उम्र) और Form 15H (60 वर्ष से अधिक) वे घोषणापत्र हैं जिन्हें करदाता बैंक या वित्तीय संस्थान को TDS से बचने के लिए देते हैं, जब उनकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम होती है। इसे हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जमा करना होता है।
66. Section 80CCD(1B) के अंतर्गत NPS निवेश पर कर छूट क्या है?
धारा 80CCD(1B) के अंतर्गत, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में किए गए निवेश पर ₹50,000 तक की अतिरिक्त कर छूट मिलती है। यह छूट 80C की ₹1.5 लाख सीमा से अलग होती है, यानी कुल ₹2 लाख तक की छूट ली जा सकती है। यह सुविधा केवल NPS में अंशदान करने वाले व्यक्तियों को उपलब्ध है, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या निजी क्षेत्र का।
67. Section 194IA क्या है और इसका उपयोग कब होता है?
धारा 194IA के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति ₹50 लाख या उससे अधिक की अचल संपत्ति (जैसे मकान, जमीन) खरीदता है, तो उसे विक्रेता को भुगतान करते समय 1% TDS काटकर सरकार को जमा करना होता है। यह नियम संपत्ति की खरीद में पारदर्शिता लाने और कर संग्रह सुनिश्चित करने हेतु बनाया गया है।
68. TDS और TCS में क्या अंतर है?
TDS (Tax Deducted at Source) वह कर है जो भुगतानकर्ता किसी सेवा या आय पर भुगतान करते समय काटता है, जैसे वेतन, ठेका, किराया आदि।
TCS (Tax Collected at Source) वह कर है जो विक्रेता द्वारा ग्राहक से कुछ विशेष वस्तुओं की बिक्री पर एकत्र किया जाता है, जैसे स्क्रैप, शराब, लकड़ी आदि।
दोनों का उद्देश्य कर पहले ही संग्रहित कर लेना है।
69. Capital Gains में Indexation क्या होता है?
Indexation एक प्रक्रिया है जिसमें संपत्ति की खरीद लागत को मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजित किया जाता है। यह केवल दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) पर लागू होता है और इससे करदाता की कर देनदारी कम होती है। CII (Cost Inflation Index) के माध्यम से यह समायोजन किया जाता है। उदाहरण: ₹1 लाख की संपत्ति यदि ₹2 लाख में बिकी हो, लेकिन CII अनुसार उसकी लागत ₹1.5 लाख बनती है, तो लाभ ₹50,000 ही माना जाएगा।
70. Section 44ADA किसके लिए है और इसका लाभ क्या है?
धारा 44ADA पेशेवरों (जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, आर्किटेक्ट) के लिए है जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख तक है। इसके तहत 50% आय को मुनाफा मानकर कर लिया जाता है और बाकी 50% को खर्च माना जाता है, जिसके लिए कोई लेखा जोखा नहीं देना पड़ता। यह Presumptive Taxation Scheme का एक भाग है।
71. Section 206AB क्या है और यह कब लागू होता है?
206AB के तहत, यदि कोई व्यक्ति पिछले दो वर्षों में ITR फाइल नहीं करता और उसके खाते से पिछले वर्ष में कुल TDS ₹50,000 से अधिक कटा है, तो उसे उच्च दर से TDS देना पड़ता है। यह दर सामान्य TDS दर से दोगुनी या 5% (जो अधिक हो) होती है। इसका उद्देश्य अनुपालना बढ़ाना है।
72. Tax Refund कैसे प्राप्त होता है?
यदि करदाता ने अधिक TDS या अग्रिम कर दिया है और उसकी कुल कर देनदारी उससे कम है, तो वह आयकर विभाग से रिफंड प्राप्त कर सकता है। ITR फाइल करने के बाद विभाग उसकी समीक्षा करता है और सही पाए जाने पर रिफंड सीधे बैंक खाते में भेजता है। रिफंड की स्थिति को ई-फाइलिंग पोर्टल पर देखा जा सकता है।
73. Section 80U किसके लिए है?
धारा 80U शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को कर छूट प्रदान करती है।
- सामान्य विकलांगता (40% या अधिक): ₹75,000 तक की छूट
- गंभीर विकलांगता (80% या अधिक): ₹1,25,000 तक की छूट
यह छूट सीधे कुल आय से घटाई जाती है, और इसके लिए मेडिकल प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
74. Permanent Account Number (PAN) क्यों जरूरी है?
PAN एक 10 अंकों की वर्णमाला-संख्या है जो आयकर विभाग द्वारा जारी की जाती है। यह हर वित्तीय लेन-देन, टैक्स भुगतान, बैंकिंग, निवेश, संपत्ति खरीद-बिक्री, आदि में आवश्यक होता है। इसके बिना अधिकांश कर-संबंधी कार्य नहीं किए जा सकते। यह करदाता की पहचान का प्रमुख दस्तावेज है।
75. HRA (House Rent Allowance) पर छूट कैसे मिलती है?
यदि कोई वेतनभोगी कर्मचारी किराए के मकान में रहता है, तो उसे HRA पर कर छूट मिल सकती है। छूट की गणना निम्नलिखित तीन में से जो कम हो, उस आधार पर की जाती है:
- HRA की प्राप्त राशि
- वेतन का 50% (महानगर) या 40% (अन्य शहर)
- कुल किराया – (10% × वेतन)
यह छूट धारा 10(13A) के अंतर्गत मिलती है।
76. Section 115BAC क्या है?
115BAC एक वैकल्पिक कर व्यवस्था है जो करदाताओं को कम दरों पर कर चुकाने की अनुमति देती है, लेकिन इसके तहत अधिकांश छूटें और कटौतियाँ नहीं मिलतीं। यह नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) है जो 2020 से लागू है और AY 2024-25 से इसे डिफ़ॉल्ट बनाया गया है। करदाता चाहें तो पुरानी व्यवस्था चुन सकते हैं।
77. GST Input Tax Credit Blocked Situations क्या हैं?
कुछ विशेष स्थितियों में Input Tax Credit (ITC) नहीं लिया जा सकता, जैसे:
- मोटर वाहन (कुछ अपवाद छोड़कर)
- भोजन, मनोरंजन, क्लब सदस्यता
- निर्माणाधीन संपत्ति
- फर्जी इनवॉइस
GST कानून की धारा 17(5) इन ब्लॉकेज की जानकारी देती है।
78. Section 80GG के अंतर्गत किराए पर छूट किसे मिलती है?
यदि कोई व्यक्ति वेतनभोगी नहीं है या उसे HRA नहीं मिल रहा, तो वह धारा 80GG के तहत किराए पर छूट पा सकता है। छूट की राशि निम्नलिखित तीन में से जो कम हो, वह होती है:
- ₹5,000 प्रति माह
- कुल आय का 25%
- किराया – (10% × कुल आय)
इसके लिए घोषणा (Form 10BA) देना जरूरी होता है।
79. GST Registration कब अनिवार्य होता है?
GST रजिस्ट्रेशन निम्न स्थितियों में अनिवार्य है:
- वार्षिक टर्नओवर ₹20 लाख (सेवा) या ₹40 लाख (वस्तु) से अधिक
- एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार
- ई-कॉमर्स से जुड़ा व्यवसाय
- RCM के अंतर्गत सेवाएं लेना
रजिस्ट्रेशन के बिना GST लागू व्यापार गैरकानूनी माना जाता है।
80. Tax Evasion और Tax Avoidance में अंतर क्या है?
Tax Evasion (कर चोरी) गैरकानूनी तरीका है जिसमें आय छुपाई जाती है या गलत विवरण दिया जाता है। यह अपराध है और दंडनीय है।
Tax Avoidance (कर से बचाव) एक कानूनी तरीका है जिसमें वैध प्रावधानों के तहत कर देनदारी कम की जाती है। हालांकि इसे नैतिक रूप से अनुचित माना जाता है।
81. Standard Deduction क्या है और कितनी होती है?
Standard Deduction वह कटौती है जो वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को स्वचालित रूप से मिलती है। वर्तमान में यह ₹50,000 तक है। यह आय से सीधे घटा दी जाती है और इसके लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होता। इससे कर देनदारी कम हो जाती है।
82. Section 56(2)(x) के अंतर्गत Gift Taxation क्या है?
यदि कोई व्यक्ति गैर-संबंधी से ₹50,000 या उससे अधिक मूल्य का उपहार (Gift) प्राप्त करता है, तो वह उसकी आय में जोड़ा जाता है और कर योग्य होता है। कुछ रिश्तेदारों से मिले उपहार, शादी के अवसर पर मिले उपहार, वसीयत, या धार्मिक संस्थाओं से प्राप्त उपहार छूट के अंतर्गत आते हैं।
83. Input Tax Credit (ITC) लेने की शर्तें क्या हैं?
ITC प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी चाहिए:
- वैध टैक्स इनवॉइस
- आपूर्ति प्राप्त हो चुकी हो
- विक्रेता ने GST जमा किया हो
- रिटर्न दाखिल किया गया हो
- 180 दिनों में भुगतान पूरा हुआ हो
इनमें से कोई शर्त अधूरी होने पर ITC अवरुद्ध हो सकता है।
84. E-invoicing क्या है और किसके लिए अनिवार्य है?
E-invoicing एक ऐसी प्रणाली है जिसमें B2B इनवॉइस GSTN पोर्टल पर जेनरेट होता है और IRN (Invoice Reference Number) प्राप्त होता है। यह प्रणाली उन व्यवसायों के लिए अनिवार्य है जिनका वार्षिक टर्नओवर ₹5 करोड़ से अधिक है। इससे फर्जी बिलिंग पर नियंत्रण होता है।
85. Anti-Profiteering प्रावधान क्या हैं?
GST कानून में Anti-Profiteering नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि टैक्स दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचे। यदि कोई व्यवसाय कर कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देता, तो उस पर पेनल्टी लग सकती है। यह जिम्मेदारी National Anti-Profiteering Authority (NAA) की होती है।
86. GST Audit क्या होता है?
GST Audit एक प्रक्रिया है जिसमें सरकार यह जांचती है कि टैक्स रिटर्न और वित्तीय विवरणों में कोई विसंगति नहीं है। Audit उन पंजीकृत व्यक्तियों पर लागू होता है जिनका टर्नओवर ₹5 करोड़ से अधिक है। इसमें इनवॉइस, ITC, E-way बिल आदि की जांच की जाती है।
87. Section 80DDB के अंतर्गत इलाज पर मिलने वाली कर छूट क्या है?
धारा 80DDB के तहत कुछ विशेष रोगों के इलाज पर खर्च की गई राशि पर आयकर छूट मिलती है। यदि करदाता स्वयं, आश्रित, या परिवार का कोई सदस्य गंभीर रोग (जैसे कैंसर, थैलेसीमिया, पार्किंसन आदि) से पीड़ित है, तो:
- सामान्य व्यक्ति के लिए अधिकतम ₹40,000
- वरिष्ठ नागरिक के लिए ₹1,00,000 तक की छूट उपलब्ध है।
इस छूट के लिए डॉक्टर का प्रमाणपत्र (Form 10I) आवश्यक होता है।
88. Advance Tax क्या है और यह किसे देना होता है?
Advance Tax वह कर है जो पूरे वर्ष की आय पर अनुमानित रूप से चार किश्तों में पहले ही सरकार को भुगतान किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कर देनदारी ₹10,000 से अधिक हो, तो उसे Advance Tax देना अनिवार्य है। यह आमतौर पर व्यवसायी, फ्रीलांसर और प्रोफेशनल्स पर लागू होता है।
89. Section 194J और 194C में क्या अंतर है?
- Section 194J प्रोफेशनल सेवाओं (जैसे वकील, डॉक्टर, CAs आदि) पर TDS की व्यवस्था है, जिसमें TDS दर 10% होती है।
- Section 194C ठेका या सब-ठेका कार्यों (जैसे परिवहन, मजदूरी) पर लागू होता है, जिसमें TDS दर व्यक्ति पर 1% और कंपनी पर 2% होती है।
दोनों में अलग-अलग सेवाओं पर अलग दरें लागू होती हैं।
90. Capital Gain Bonds में निवेश पर कर छूट कैसे मिलती है?
यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचने से प्राप्त दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को Section 54EC के अंतर्गत NHAI या REC द्वारा जारी Capital Gain Bonds में निवेश करता है, तो उसे ₹50 लाख तक की कर छूट मिलती है। ये बॉन्ड 5 वर्ष के लिए लॉक इन होते हैं, और ब्याज दर लगभग 5% होती है।
91. GST Annual Return (GSTR-9) क्या है और किन्हें भरना होता है?
GSTR-9 एक वर्षिक रिटर्न है जो GST रजिस्टर्ड व्यापारियों को भरना होता है जिनका टर्नओवर ₹2 करोड़ से अधिक है। इसमें पूरे वर्ष की बिक्री, खरीद, ITC, कर भुगतान आदि की जानकारी होती है। यह रिटर्न प्रत्येक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के बाद 31 दिसंबर तक दाखिल करना होता है।
92. Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) Act, 2015 क्या है?
यह अधिनियम उन भारतीय नागरिकों पर लागू होता है जिन्होंने विदेश में संपत्ति या आय को घोषित नहीं किया है। ऐसे मामलों में कर दर 30% और दंड 90% तक लगाया जा सकता है। इसमें जुर्माना और जेल की सजा भी निर्धारित है। इसका उद्देश्य विदेशों में जमा काले धन पर अंकुश लगाना है।
93. Section 80E और Education Loan Interest में क्या लाभ है?
धारा 80E के अंतर्गत शिक्षा ऋण पर दिए गए ब्याज की पूरी राशि आयकर से छूट योग्य होती है। यह छूट अधिकतम 8 वर्षों तक ली जा सकती है और इसके लिए कोई अधिकतम राशि सीमा नहीं है। यह भारत और विदेश दोनों की उच्च शिक्षा के लिए लिए गए ऋण पर लागू होती है।
94. GST Composition Scheme क्या है और इसके लाभ क्या हैं?
GST Composition Scheme छोटे व्यापारियों के लिए है जिनका टर्नओवर ₹1.5 करोड़ (सेवा क्षेत्र में ₹50 लाख) से कम है। इसके अंतर्गत कर दर 1% से 6% तक होती है और मासिक रिटर्न के स्थान पर तिमाही रिटर्न दाखिल करना होता है। इस योजना में ITC का लाभ नहीं मिलता लेकिन अनुपालना आसान हो जाती है।
95. Section 24(b) के अंतर्गत होम लोन ब्याज पर छूट क्या है?
धारा 24(b) के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति ने मकान खरीदने के लिए होम लोन लिया है, तो उसके ब्याज पर ₹2 लाख तक की कर छूट मिलती है (स्व-स्वामित्व मकान के लिए)। किराये पर दिए मकान के मामले में यह सीमा नहीं होती। यह छूट केवल तैयार मकान पर लागू होती है।
96. ITR Verification कैसे किया जाता है?
ITR दाखिल करने के बाद उसकी ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य होती है। इसे आधार OTP, नेट बैंकिंग, बैंक खाते, डीमैट खाते, या DSC के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, ITR-V फॉर्म को हस्ताक्षरित करके बेंगलुरु भेजकर भी वेरिफिकेशन किया जा सकता है। वेरिफिकेशन के बिना रिटर्न मान्य नहीं होगा।
97. Section 80C के अलावा कौन-कौन सी कर बचत योजनाएं हैं?
80C के अलावा कर बचत के लिए अन्य विकल्प हैं:
- 80D: हेल्थ इंश्योरेंस
- 80E: शिक्षा ऋण ब्याज
- 80CCD(1B): NPS
- 80G: दान
- 24(b): होम लोन ब्याज
- 80U/80DDB: विकलांगता व रोग उपचार
इन योजनाओं से कुल कर देनदारी में अच्छी बचत हो सकती है।
98. Digital Signature Certificate (DSC) का उपयोग कर मामलों में कैसे होता है?
DSC एक डिजिटल प्रमाणपत्र है जो इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए उपयोग होता है। यह ITR, ROC फाइलिंग, GST रिटर्न आदि में प्रयोग होता है, विशेष रूप से कंपनियों, LLPs, और ऑडिट वाले व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होता है। यह दस्तावेजों की सुरक्षा और प्रमाणिकता सुनिश्चित करता है।
99. GST Penalties किन स्थितियों में लगती हैं?
GST में दंड (Penalty) तब लगाया जाता है जब कोई व्यापारी:
- गलत जानकारी देता है
- समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करता
- फर्जी ITC क्लेम करता है
- E-way बिल नहीं बनाता
इस पर ₹10,000 या टैक्स का 10%, जो अधिक हो, दंड के रूप में लगाया जा सकता है।
100. Tax Planning, Tax Avoidance और Tax Evasion में अंतर क्या है?
- Tax Planning: वैधानिक प्रावधानों के तहत कर बचत (जैसे 80C, 80D आदि)।
- Tax Avoidance: नियमों की खामियों का उपयोग करके कर से बचना, जो कानूनी तो है लेकिन नैतिक नहीं।
- Tax Evasion: गलत जानकारी या आय छुपाकर कर चोरी करना, जो अपराध है और सजा योग्य है।
करदाताओं को वैध रूप से कर योजना बनानी चाहिए, कर चोरी से बचना चाहिए।