IndianLawNotes.com

SEBI का बड़ा प्रहार: वित्तीय शिक्षा के नाम पर चल रही कथित सलाहकारी सेवाओं पर बैन — अवधूत साठे पर ₹546 करोड़ की रिकवरी, निवेशकों के नुकसान ने खोली पोल

SEBI का बड़ा प्रहार: वित्तीय शिक्षा के नाम पर चल रही कथित सलाहकारी सेवाओं पर बैन — अवधूत साठे पर ₹546 करोड़ की रिकवरी, निवेशकों के नुकसान ने खोली पोल


प्रस्तावना: फिनफ्लुएंसर संस्कृति पर SEBI की कड़ी निगरानी

       पिछले कुछ वर्षों में भारत में “फिनफ्लुएंसर” शब्द तेजी से लोकप्रिय हुआ है। सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कई लोग उभरे, जो शेयर बाज़ार में निवेश के तरीकों, ट्रेडिंग तकनीकों, और तेज़ मुनाफ़े के दावों के साथ आम निवेशकों को आकर्षित करते हैं। इनमें कई जिम्मेदारी से सलाह देते हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैं जो वित्तीय शिक्षा के नाम पर परोक्ष रूप से अवैध निवेश सलाह प्रदान करते हैं। भारत के बाज़ार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने हाल के समय में ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं पर कड़ी नज़र रखनी शुरू कर दी है।

       इसी कड़ी में सबसे चर्चित मामला सामने आया है फिनफ्लुएंसर अवधूत साठे (Avadhut Sathe) का, जिन्हें SEBI ने न सिर्फ बाजार से प्रतिबंधित किया, बल्कि लगभग ₹546 करोड़ की भारी-भरकम राशि को जब्त (impound) करने का आदेश भी जारी किया है। आरोप है कि उन्होंने “वित्तीय शिक्षा” का मुखौटा पहनकर हजारों निवेशकों से पैसे कमाए, जबकि वास्तव में वे बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश सलाह दे रहे थे। SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, उनके अधिकांश फॉलोअर्स को मुनाफ़ा नहीं, बल्कि भारी नुकसान हुआ।


अवधूत साठे कौन हैं? फिनफ्लुएंसर से मार्केट गुरू तक

      अवधूत साठे सोशल मीडिया, यूट्यूब और ट्रेडिंग वर्कशॉप्स के माध्यम से लोकप्रिय हुए। वे स्वयं को “trading mentor”, “market educator” और “stock market strategist” के रूप में प्रस्तुत करते थे।
उनके द्वारा संचालित Avadhut Sathe Trading Academy (ASTA) कई शहरों और ऑनलाइन माध्यम से वर्कशॉप आयोजित करती थी, जिसमें सदस्यता शुल्क बेहद ऊँचा था।

      क्लासेस और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वे कथित तौर पर “बाज़ार पढ़ना”, “price action strategy”, “trend following system” आदि सिखाने का दावा करते थे। इन वर्कशॉप्स में शामिल होने की फीस कई हजार से लेकर लाखों रुपये तक बताई जाती है। इतनी भारी फीस के बावजूद SEBI के अनुसार—

  • उनके ज़्यादातर ग्राहक loss में थे
  • किए गए दावे असत्य या अतिरंजित थे
  • शिक्षा के नाम पर वास्तविक में ट्रेडिंग सिग्नल और सलाह दी जा रही थी
  • यह सब निवेश सलाह का व्यवसाय था, जिसके लिए SEBI से पंजीकरण अनिवार्य है

SEBI का आरोप: शिक्षा के नाम पर ‘अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइस’

      SEBI ने अपनी विस्तृत जांच में पाया कि अवधूत साठे और उनकी टीम ने ट्रेडिंग वर्कशॉप के नाम पर बड़े पैमाने पर निवेशकों को जोड़कर उन्हें कथित ट्रेडिंग सलाह और रणनीतियाँ दीं। SEBI का कहना है कि यह गतिविधि SEBI (Investment Advisers) Regulations, 2013 के अंतर्गत आता है जिसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

लेकिन—

  • अवधूत साठे पंजीकृत व्यापारी या निवेश सलाहकार नहीं थे
  • फिर भी वे सीधे व प्रत्यक्ष रूप से निवेश संबंधी सुझाव दे रहे थे
  • कई लाइव ट्रेडिंग सत्रों में buy-sell संकेत (signals) दिए जाते थे
  • निजी Telegram/WhatsApp चैनल चलाए जा रहे थे
  • यह पूरी गतिविधि “education” के नाम पर छुपाई जा रही थी

यही SEBI के अनुसार सबसे बड़ा उल्लंघन था।


₹546 करोड़ की बड़ी वसूली: कैसे बनी इतनी बड़ी रकम?

SEBI के आदेश के अनुसार, अवधूत साठे और उनकी संबंधित कंपनियों ने अपने कार्यक्रमों, कोर्स, मेंबरशिप योजनाओं और प्रीमियम चैनलों के ज़रिए लगभग:

₹546 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की

यह रकम रजिस्ट्रेशन रहित निवेश के सुझावों और “गाइडेंस” से जुड़ी थी, जिसे SEBI ने अवैध आय माना।

SEBI ने इसे “illegal and unregistered investment advisory business” बताते हुए न सिर्फ बैन लगाया बल्कि आदेश दिया कि:

  • अवैध रूप से अर्जित राशि से प्राप्त आय को जब्त किया जाए
  • आगे किसी भी तरह की advisory, training या workshop संचालित न की जाए
  • सोशल मीडिया, वेबसाइट और सभी प्लेटफॉर्म पर misleading content हटाया जाए

निवेशकों को भारी नुकसान: दावों की हकीकत उजागर

SEBI की जांच में यह पाया गया कि:

  • अवधूत साठे द्वारा बताए गए ‘trend-following’ सिस्टम से शामिल निवेशकों को भारी नुकसान हुआ
  • कई लोगों ने लाखों की पूंजी गंवाई
  • workshops में दावा किया गया कि strategy “highly profitable” है
  • वास्तविक अकाउंट स्टेटमेंट में लगातार loss दिखा
  • किसी भी दावे का डेटा-आधारित प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जा सका

फिनफ्लुएंसर्स के कई वीडियो में दिखाया जाता था कि—

  • “99% success rate”
  • “monthly guaranteed profit”
  • “wealth multiplication strategy”

लेकिन SEBI के अनुसार ये दावे कई बार गलत, भ्रमित करने वाले, और गैर-पेशेवर थे।


फिनफ्लुएंसर संस्कृति और SEBI का बदलता रुख

भारत में फिनफ्लुएंसर उद्योग तेजी से बढ़ा है। यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम चैनलों के जरिए लाखों लोग शेयर बाजार में निवेश की जानकारी लेते हैं।

SEBI ने पहले भी कई फिनफ्लुएंसरों के खिलाफ कार्यवाही की है, जैसे—

  • बाजार को manipulate करना
  • paid partnerships छुपाना
  • misleading stock tips देना
  • affiliation income को disclose न करना

लेकिन अवधूत साठे का मामला बेहद बड़ा है क्योंकि—

  • शिकायतें बड़ी संख्या में थीं
  • पैसा बहुत अधिक था
  • नुकसान बड़े पैमाने पर था
  • “education” का आवरण उपयोग किया गया

यह मामला भविष्य में सभी फिनफ्लुएंसरों पर कठोर नियमों का संकेत है।


क्या केवल शिक्षा देना भी ‘Advisory’ माना जा सकता है?

यह प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण है।

SEBI कहता है कि—

  • यदि कोई व्यक्ति paid workshops चलाता है
  • और उसमें सीधे या परोक्ष रूप से buy-sell संकेत देता है
  • या ऐसी जानकारी देता है जिससे निवेशक सीधे ट्रेडिंग निर्णय ले रहे हैं
  • तो यह “investment advice” कहलाती है
  • चाहे उसे शिक्षा, mentorship, या training कुछ भी नाम दिया जाए

इसलिए, कई फिनफ्लुएंसर इस नियम को गलत समझते हैं और कहते हैं कि “हम education देते हैं, advisory नहीं”, लेकिन SEBI के नियम अधिक कठोर और स्पष्ट हैं।


कानूनी दृष्टिकोण: कौन-कौन से कानून लागू होते हैं?

SEBI के आदेश में कई प्रावधानों का उल्लेख है:

1. SEBI (Investment Advisers) Regulations, 2013

  • रजिस्टर्ड हुए बिना advisory देना गैरकानूनी है
  • live signal, paid community, buy-sell strategy देना advisory माना जाता है

2. SEBI Act, 1992 — Section 11, 11B, 12A

ये धाराएँ SEBI को यह शक्ति देती हैं कि वह—

  • जांच करे
  • दंड लगाए
  • बाजार से प्रतिबंधित करे
  • अवैध आय जब्त करे

3. Prevention of Fraudulent and Unfair Trade Practices (PFUTP) Regulations

यदि कोई व्यक्ति निवेशकों को गुमराह करता है या झूठा लाभ दिखाता है, तो यह धारा लागू होती है।


यह कार्रवाई निवेशकों के लिए क्या संदेश देती है?

इस मामले से निवेशकों को कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं:

1. सोशल मीडिया सलाह पर भरोसा न करें

यूट्यूब वीडियो, रील्स या टेलीग्राम चैनलों की सलाह कानूनन विश्वसनीय नहीं होती।

2. केवल SEBI-registered adviser से ही निवेश सलाह लें

SEBI के पास पंजीकृत सलाहकारों की सूची उपलब्ध है।

3. “Guaranteed profit” जैसे शब्द फरेब होते हैं

स्टॉक मार्केट में कोई भी व्यक्ति 100% सफलता की बात करे तो वह भ्रमित कर रहा है।

4. अत्यधिक शुल्क वाली workshops से बचें

अक्सर ये workshop केवल मोटा पैसा कमाने का साधन बन जाती हैं।

5. अपनी जोखिम क्षमता समझें

हर रणनीति हर निवेशक के लिए उपयुक्त नहीं होती।


फिनफ्लुएंसर इंडस्ट्री पर संभावित प्रभाव

SEBI की इस कार्रवाई का बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है:

  • कई फिनफ्लुएंसर अब अपनी गतिविधियों में बदलाव करेंगे
  • paid सेवाएँ बंद कर सकते हैं
  • advisory की जगह केवल “general education” देंगे
  • नियमों के अनुपालन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी
  • निवेशक भी ऐसे दावों की जांच करना सीखेंगे

संभावना है कि आने वाले समय में SEBI और कड़े नियम लाएगा, जैसे—

  • paid partnerships की अनिवार्य disclosure
  • financial content creators के लिए registration
  • social media monitoring tools का उपयोग

क्या अवधूत साठे अपील कर सकते हैं?

हाँ, SEBI के खिलाफ कानूनी उपाय मौजूद हैं।

अवधूत साठे SEBI के आदेश के विरुद्ध—

Securities Appellate Tribunal (SAT)

में अपील कर सकते हैं।

SAT यह जांचेगा कि—

  • SEBI का आदेश उचित है या नहीं
  • जांच में कोई प्रक्रिया संबंधी त्रुटि हुई या नहीं
  • आदेश को रद्द या संशोधित करने की आवश्यकता है या नहीं

हालाँकि, SEBI के आदेशों को अदालतें तभी पलटती हैं जब भारी सबूतों की कमी या प्रक्रिया का उल्लंघन सिद्ध हो।


निष्कर्ष: निवेशकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम

      SEBI द्वारा अवधूत साठे पर लिया गया यह कड़ा कदम सिर्फ एक व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे फिनफ्लुएंसर उद्योग के लिए चेतावनी है। शिक्षा के नाम पर निवेश सलाह देना, झूठे लाभ के दावे करना, और पंजीकरण के बिना advisory चलाना अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

      निवेशकों की सुरक्षा SEBI की प्राथमिकता है, और यह निर्णय इस बात को स्पष्ट करता है कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी, भ्रमित जानकारी या अनियमित वित्तीय गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

    आज के डिजिटल दौर में जहाँ हर कोई मोबाइल पर निवेश सीखना चाहता है, ऐसे में यह ज़रूरी है कि निवेशक सतर्क रहें, प्रमाणित सलाहकारों पर भरोसा करें, और “fast profit” के किसी भी दावे से दूरी बनाए रखें।