Read v. Lyons (1947) – Escape का अभाव होने पर दायित्व नहीं
भूमिका
टॉर्ट (Law of Torts) के अंतर्गत Strict Liability का सिद्धांत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस सिद्धांत की नींव Rylands v. Fletcher (1868) में रखी गई, जिसमें यह कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति अपनी भूमि पर खतरनाक वस्तु रखता है और वह वस्तु बाहर जाकर किसी अन्य व्यक्ति को हानि पहुँचाती है, तो उसका मालिक बिना किसी लापरवाही सिद्ध हुए भी उत्तरदायी होगा।
किन्तु इस नियम की सीमा और अपवाद समय-समय पर न्यायालयों द्वारा तय किए गए। इन्हीं मामलों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण मामला है Read v. Lyons & Co. Ltd. (1947), जिसमें न्यायालय ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि Strict Liability तभी लागू होगी जब खतरनाक वस्तु का “escape” (प्रस्थान/बाहर निकलना) हुआ हो। यदि कोई वस्तु बाहर नहीं निकली और उसी भूमि के अंदर हानि हुई, तो प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं होगा।
मामले के तथ्य (Facts of the Case)
- वादी (Plaintiff), मिसेज़ Read, एक निरीक्षक (Inspector) थीं जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गोला-बारूद (ammunition) बनाने वाली फैक्ट्री का निरीक्षण करने भेजा था।
- यह फैक्ट्री प्रतिवादी (Defendant) Lyons & Co. Ltd. द्वारा चलाई जा रही थी।
- निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री के भीतर एक ग्रेनेड विस्फोट हो गया। इस विस्फोट से मिसेज़ Read घायल हो गईं।
- वादी ने प्रतिवादी पर Strict Liability के अंतर्गत हर्जाने का दावा किया, यह कहते हुए कि प्रतिवादी ने अपनी भूमि पर खतरनाक वस्तु (explosives) रखी और उससे उन्हें नुकसान हुआ।
प्रमुख विधिक प्रश्न (Legal Issue)
- क्या प्रतिवादी (Defendant) Strict Liability के अंतर्गत उत्तरदायी होगा जब हानि फैक्ट्री के भीतर हुई, न कि बाहर?
- क्या “escape” का तत्व (Element of Escape) Rylands v. Fletcher के नियम के अंतर्गत आवश्यक है?
अदालत का निर्णय (Court’s Decision)
हाउस ऑफ लॉर्ड्स ने यह निर्णय दिया कि –
- Strict Liability तभी लागू होगी जब खतरनाक वस्तु प्रतिवादी की भूमि से बाहर निकलकर किसी अन्य की भूमि या व्यक्ति को हानि पहुँचाए।
- इस मामले में विस्फोट फैक्ट्री के भीतर ही हुआ और वादी को फैक्ट्री के अंदर ही चोट लगी।
- चूँकि कोई escape नहीं हुआ, अतः Rylands v. Fletcher का नियम लागू नहीं होगा।
इस प्रकार प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं ठहराया गया।
कानूनी सिद्धांत (Legal Principle Laid Down)
इस मामले में यह महत्वपूर्ण सिद्धांत प्रतिपादित हुआ कि –
- Escape आवश्यक शर्त है – Strict Liability का नियम तभी लागू होगा जब खतरनाक वस्तु प्रतिवादी की भूमि से बाहर निकल जाए।
- भूमि के भीतर हानि – यदि हानि उसी भूमि पर होती है जहाँ खतरनाक वस्तु रखी गई है, तो प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं होगा।
- Rylands v. Fletcher की सीमा – यह नियम केवल उन परिस्थितियों में लागू होता है जहाँ खतरे का विस्तार प्रतिवादी की सीमा से बाहर होता है।
Strict Liability और Escape का संबंध
Rylands v. Fletcher मामले में अदालत ने कहा था –
“The person who for his own purposes brings on his land and collects and keeps there anything likely to do mischief if it escapes, must keep it at his peril.”
अर्थात “escape” (बाहर निकलना) इस नियम का मूलभूत तत्व है।
- यदि खतरनाक वस्तु वहीं भूमि में सीमित रहती है, तो भले ही उससे किसी व्यक्ति को नुकसान क्यों न हो, Strict Liability लागू नहीं होगी।
- Read v. Lyons मामले ने इसी बात को स्पष्ट रूप से स्थापित किया।
मामले का महत्व (Significance of the Case)
- इस मामले ने Strict Liability के दायरे को सीमित किया।
- न्यायालय ने स्पष्ट किया कि केवल फैक्ट्री के भीतर कार्य करने वाला व्यक्ति, जो स्वयं जोखिम को जानता है, वह इस नियम के अंतर्गत दावा नहीं कर सकता।
- यह निर्णय कार्यस्थल (Workplace) से जुड़े दायित्वों को अलग करता है और इसे औद्योगिक दुर्घटनाओं के सामान्य श्रमिक कानून (Workmen’s Compensation) की ओर मोड़ देता है।
अन्य मामलों से तुलना
- Rylands v. Fletcher (1868) – प्रतिवादी उत्तरदायी ठहराया गया क्योंकि पानी का रिसाव उसकी भूमि से बाहर होकर दूसरे की भूमि पर पहुँचा।
- Ponting v. Noakes (1894) – यहाँ भी escape का अभाव था क्योंकि घोड़ा प्रतिवादी की भूमि पर घुसकर पौधा खा गया था। अतः प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं था।
- Read v. Lyons (1947) – escape का अभाव था क्योंकि विस्फोट फैक्ट्री के भीतर हुआ, इसलिए प्रतिवादी मुक्त हुआ।
इस तुलना से स्पष्ट है कि Strict Liability का नियम केवल तभी लागू होता है जब खतरनाक वस्तु प्रतिवादी की भूमि से बाहर जाकर नुकसान करे।
Plaintiff के दृष्टिकोण से
वादी (Mrs. Read) ने यह तर्क दिया कि –
- फैक्ट्री के भीतर मौजूद खतरनाक वस्तु (explosives) स्वयं में एक खतरा है।
- प्रतिवादी ने उचित सावधानी नहीं बरती और इसलिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
किन्तु अदालत ने कहा कि –
- वादी वहाँ अपनी ड्यूटी निभाने के लिए स्वेच्छा से उपस्थित थी।
- कोई escape नहीं हुआ।
- अतः Strict Liability लागू नहीं हो सकती।
प्रतिवादी के दृष्टिकोण से
प्रतिवादी (Lyons & Co. Ltd.) ने यह कहा कि –
- फैक्ट्री में गोला-बारूद बनाना युद्धकालीन आवश्यकता थी।
- वादी को पूर्ण जानकारी थी कि यह कार्य जोखिमपूर्ण है।
- हानि फैक्ट्री के भीतर हुई और कोई escape नहीं हुआ।
अदालत ने प्रतिवादी की इस दलील को स्वीकार किया।
भारतीय संदर्भ में प्रासंगिकता
भारत में भी इस सिद्धांत को विभिन्न मामलों में लागू किया गया है।
- M.C. Mehta v. Union of India (1987 – Oleum Gas Leak Case) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि Strict Liability का नियम भारत में पर्याप्त नहीं है और इसके स्थान पर Absolute Liability का सिद्धांत लागू होगा।
- Absolute Liability में escape की शर्त आवश्यक नहीं है। यदि खतरनाक गतिविधि से किसी को हानि होती है, तो उद्योग पूर्णतः उत्तरदायी होगा।
- इस प्रकार Read v. Lyons का सिद्धांत भारतीय विधि में आंशिक रूप से ही लागू होता है।
सैद्धांतिक विश्लेषण (Theoretical Analysis)
- न्यायसंगतता (Fairness) – यह उचित है कि प्रतिवादी तभी उत्तरदायी हो जब उसका खतरा दूसरों तक पहुँचे।
- कार्यस्थल सुरक्षा – फैक्ट्री के भीतर कर्मचारियों की सुरक्षा अलग कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत आती है, जैसे Workmen’s Compensation Act या Factories Act।
- सीमा (Limitation) – यह निर्णय बताता है कि Strict Liability पूर्ण रूप से सार्वभौमिक नियम नहीं है, बल्कि उसकी कुछ सीमाएँ हैं।
समकालीन दृष्टिकोण
आज के औद्योगिक और तकनीकी युग में जहाँ बड़े पैमाने पर खतरनाक रसायन, मशीनें और प्लांट मौजूद हैं, केवल escape के सिद्धांत पर आधारित जिम्मेदारी पर्याप्त नहीं मानी जाती।
इसीलिए भारतीय न्यायपालिका ने Absolute Liability का सिद्धांत विकसित किया, जिसमें escape का अभाव होने पर भी उद्योग उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Read v. Lyons (1947) एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसने Strict Liability के सिद्धांत में “escape” की आवश्यकता को स्पष्ट कर दिया। इस मामले में अदालत ने यह माना कि जब खतरनाक वस्तु प्रतिवादी की भूमि से बाहर नहीं निकली और हानि उसी भूमि पर हुई, तो प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं होगा।
यह मामला Rylands v. Fletcher के नियम की सीमाओं को दर्शाता है और बताता है कि कानून केवल उन्हीं परिस्थितियों में प्रतिवादी को उत्तरदायी ठहराता है जब खतरा उसकी भूमि से बाहर जाकर अन्य को प्रभावित करे।
हालाँकि, भारतीय परिप्रेक्ष्य में M.C. Mehta v. Union of India (1987) के बाद “escape” का तत्व आवश्यक नहीं रह गया और Absolute Liability का कठोर सिद्धांत लागू हुआ।
इस प्रकार, Read v. Lyons आधुनिक विधिशास्त्र में एक आधारभूत मिसाल है जो Strict Liability की सीमा और औचित्य को रेखांकित करती है।
तुलनात्मक तालिका (Comparison Table)
Strict Liability मामलों की तुलना
मामला (Case) | तथ्य (Facts) | प्रमुख प्रश्न (Issue) | न्यायालय का निर्णय (Decision) | कानूनी सिद्धांत (Principle) |
---|---|---|---|---|
Rylands v. Fletcher (1868) | प्रतिवादी ने अपनी भूमि पर जलाशय बनाया, जिससे पानी रिसकर वादी की खदान में पहुँच गया और नुकसान हुआ। | क्या प्रतिवादी बिना लापरवाही सिद्ध हुए भी उत्तरदायी होगा? | प्रतिवादी उत्तरदायी ठहराया गया। | यदि कोई खतरनाक वस्तु भूमि पर रखी जाए और वह escape होकर बाहर दूसरों को हानि पहुँचाए तो प्रतिवादी Strictly Liable होगा। |
Ponting v. Noakes (1894) | वादी का घोड़ा प्रतिवादी की भूमि पर घुसा और जहरीला पौधा खाकर मर गया। | क्या प्रतिवादी उत्तरदायी होगा जबकि escape नहीं हुआ? | प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं ठहराया गया। | यदि हानि Plaintiff की गलती (own fault) से हो और कोई escape न हो, तो प्रतिवादी जिम्मेदार नहीं है। |
Read v. Lyons (1947) | वादी फैक्ट्री निरीक्षक थी। फैक्ट्री के भीतर ग्रेनेड फटा और वह घायल हो गई। | क्या Strict Liability तब भी लागू होगी जब हानि फैक्ट्री के अंदर ही हो और escape न हो? | प्रतिवादी उत्तरदायी नहीं ठहराया गया। | Strict Liability तभी लागू होगी जब खतरनाक वस्तु प्रतिवादी की भूमि से बाहर escape होकर हानि पहुँचाए। यदि escape नहीं है, तो दायित्व नहीं। |
संक्षिप्त निष्कर्ष
- Rylands v. Fletcher → आधारभूत नियम: Escape आवश्यक है।
- Ponting v. Noakes → अपवाद: Plaintiff की गलती होने पर liability नहीं।
- Read v. Lyons → स्पष्ट किया: Escape के अभाव में Strict Liability लागू नहीं होती।
👉 इस तालिका से साफ़ है कि Strict Liability का नियम escape पर आधारित है और इसे बिना सोचे-समझे हर दुर्घटना पर लागू नहीं किया जा सकता।