(Objective Questions)
1. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया :
(a) हालैण्ड
(b) ओपेनहाइम
(c) जेरेमी बेन्थम
(d) आस्टिन
उत्तर-(c)
2. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि विधिशास्त्र का लुप्तप्राय बिन्दु है’ यह कथन किसका है:
(a) हालैण्ड
(b) स्टार्क
(c) आस्टिन
(d) ओपेनहाइम
उत्तर-(a )
3. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि का पालन सौजन्यतापूर्वक किया जाता है।’ यह किसका कथन है :
(a) हालैण्ड
(b) आस्टिन
(c) स्टार्क
(d) कोई नहीं
उत्तर-(b)
4. संयुक्त राष्ट्र की घोषणा हेतु फ्रांसिस्को सम्मेलन किस वर्ष हुआ :
(a) 1944
(b) 1945
(c) 1946
(d) 1947
उत्तर-(b)
5. अन्तर्राष्ट्रीय प्रथा के लिए निम्नलिखित वादों में कौन सा वाद सही है :
(a) लोट्स वाद
(b) पाकेट हवाभा
(c) नार्थ सी फिसरीज वाद
(d) कोई नहीं
उत्तर-(b )
6. अन्तर्राष्ट्रीय विधि के किस निम्नांकित स्रोत का उल्लेख अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की संविधि के अनुच्छेद 38 में नहीं है, मगर यह अब एक सुस्थापित स्रोत बन चुका है ?
(a) अन्तर्राष्ट्रीय समझौते
(b) सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्यता प्राप्त विधि के सामान्य सिद्धान्त
(c) न्यायिक और मध्यस्थम अधिकरणों और विधिमूलक कार्यों के निर्णय
(d) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के अंगों के निर्णय और निर्धारण
उत्तर-(d)
7. सभ्य राष्ट्रों द्वारा स्वीकृत सामान्य सिद्धान्त अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की संविधि के किस अनुच्छेद में वर्णित है :
(a) अनुच्छेद 38 (1)
(b) अनुच्छेद 38 (1) (c)
(c) अनुच्छेद 38 (2) (c)
(d) कोई नहीं
उत्तर-(b)
8. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विश्व शान्ति है-यह कथन किसका है:
(a) केल्सन
(b) पोलक
(c) स्टेलिन
(d) रूजवेल्ट
उत्तर-(a)
9. आधुनिक अन्तर्राष्ट्रीय विधि किसकी देन है :
(a) इंग्लैण्ड की
(b) यूरोपीय प्रणाली की
(c) अमेरिकी
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(b )
10. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि’ विधि है, के समर्थक हैं:
(a) ब्राइरली
(b) ओपेनहाइम
(c) स्टार्क
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(d)
11. अन्तर्राष्ट्रिय विधि का स्रोत है :
(a) लोक सभा
(b) राज्य सभा
(c) भारत का उच्चतम न्यायालय
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(d )
12. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि, केवल शुद्ध नैतिकता नहीं है’ किसका कथन है :
(a) आस्टिन
(b) हाब्स
(c) हालैण्ड
(d) ओपेनहाइम
उत्तर-(d)
13. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि, एक दुर्बल विधि है’ किसका कथन है
(a) स्टार्क
(b) फ्रेन्विक
(c) ब्राइरली
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(a )
14. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हेतु सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन किसकी अध्यक्षता में हुआ :
(a) रूजवेल्ट
(b) लार्ड हैलीफैक्स
(c) मार्शल टीटो
(d) कर्नल नासिर
उत्तर-(b )
15. सुरक्षा परिषद का मुख्यालय है :
(a) जेनेवा
(b) न्यूयार्क
(d) द हेग
(c) वाशिंगटन
उत्तर-(b)
16. अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में नये राष्ट्रों का प्रवेश होता है :
(a) महासभा द्वारा
(b) सुरक्षा परिषद द्वारा
(c) सुरक्षा परिषद की संस्तुति पर महासभा द्वारा
(d) कोई नहीं
उत्तर-(c)
17. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का प्रथम स्रोत है :
(a) प्रथायें
(b) अभिसमय
(c) भाष्यकारों के मत
(d) न्यायिक निर्णय
उत्तर-(b)
18. ‘अन्तर्राष्ट्रीय विधि तथा राज्यविधियाँ नितान्त भिन्न हैं, इनमें कोई सम्बन्ध नहीं है। यह मत है :
(a) द्वैतवाद
(b) अद्वैतवाद
(c) रूपान्तरवाद
(d) समर्पणवाद
उत्तर-(a )
19. ‘ली ड्राफ्ट डेस जेन्स’ पुस्तक के लेखक हैं :
(a) एन्जीलाटी
(b) ग्रोटियश
(c) स्मिथ
(d) केल्सन
उत्तर-(a)
20. अन्तर्राष्ट्रीय विधि का जनक किसे कहते हैं :
(a) ओपेनहाइम
(b) स्टार्क
(c) केल्सन
(d) ग्रोटियश
उत्तर-(d)
21. “पैक्टा सन्ट सर्वेन्डा” के सिद्धान्त को प्रतिपादित किया :
(a) एन्जीलाटी
(b) स्मिथ
(c) स्वार्जनबर्जर
(d) हीगेलन
उत्तर-(a )
22. “सभ्य राष्ट्रों द्वारा स्वीकृत विधि के सामान्य नियम” दिये गये हैं।
(a) न्यायालय की संविधि के अनुच्छेद 38 में :
(b) चार्टर के अनुच्छेद 38 में
(c) चार्टर के अनुच्छेद 39 में
(d) न्यायालय की संविधि के अनुच्छेद 40 में
उत्तर-(a )
23. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है :
(a) महासभा द्वारा
(b) सुरक्षा परिषद द्वारा
(c) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा
(d) A और B दोनों द्वारा
उत्तर-(b)
24. एक राज्य दूसरे राज्य पर आक्रमण करता है, तो मुख्य जिम्मेदार होगी:
(a) महासभा
(b) सुरक्षा परिषद
(c) सचिवालय
(d) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
उत्तर-(b)
25. अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ :
(a) ‘जज कोजेन्स’ के ऐसे मानक हैं जिनमें अप्पीकरण की अनुमति नहीं है।
(b) विधि के रूप में स्वीकृत राज्यों के सामान्य व्यवहार हैं
(c) अन्तर्राष्ट्रीय प्रथाएँ हैं
(d) सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्य विधि के सामान्य सिद्धान्त हैं.
उत्तर-(b)
26. अन्तर्राष्ट्रीय विधि व्यवस्था :
(a) विधिक बाध्यताओं के प्रवर्तन हेतु आवश्यक अनुशास्तियों से रहित है।
(b) में एक मान्यता प्राप्त केन्द्रीय सत्ता है जिसके पास बल का एकाधिकार है
(c) विधि के प्रवर्तन के लिए अनन्य रूप से आत्म-सहायता पर आधारित है
(d) में अन्तर्राष्ट्रीय विधि के प्रवर्तन के लिए प्रभावी सांस्थानिक तन्त्र का अभाव है
उत्तर-(d)
27. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष मामलों में पक्षकार :
(a) व्यक्ति और राज्य हो सकते हैं
(b) केवल राज्य हो सकते हैं
(c) केवल व्यक्ति हो सकते हैं
(d) अन्तर्राष्ट्रीय संगठन और राज्य हो सकते हैं
उत्तर-(b )
28. द्वितीय विश्व मानव अधिकार सम्मेलन, 1993 :
(a) वियना
(b) पेरिस
(c) जेनेवा
(d) नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ था
उत्तर-(a)
29. मानव अधिकारों के सार्वजनिक घोषणापत्र के अन्तर्गत, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसम्बर, 1946 को ग्रहण किया था, व्यक्ति के कुछ अधिकारों को स्थापित किया है। अतः व्यक्ति :
(a) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष इस अधिकारों की माँग कर सकता है
(b) राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष अपने अधिकारों की माँग कर सकता है।
(c) संयुक्त राष्ट्र की महासभा के समक्ष अपने अधिकारों की
(d) अपने अधिकारों की माँग कहीं भी नहीं कर सकता
उत्तर-(d)
30. विधिवेत्ताओं ने अन्तर्राष्ट्रीय विधि के स्वरूप के सत्य स्वभाव पर संशय प्रकट किया है “यह प्रश्न करना कि क्या अन्तर्राष्ट्रीय विधि, विधि है वास्तव में दो प्रश्न पूछना है। प्रथम कि विधि का सत्य अवधारणा के अन्तर्गत आती है? उक्त विचार किसने प्रकट किया था ?”
(a) हालैण्ड
(b) जुलियस स्टोन
(c) केल्सन
(d) जाठच
उत्तर-(c)
31. इम्पीरियल विधायनी के अधिनियम के प्रावधानों में अन्तर्राष्ट्रीय विधि के बीच संघर्ष की स्थिति में प्राइज कोर्ट :
(a) अन्तर्राष्ट्रीय विधि को प्रशासित नहीं करेगी
(b) दोनों के बीच समन्वय स्थापित करेगी
(c) अन्तर्राष्ट्रीय विधि को प्रशासित करेगी
(d) तटस्थ देश की विधि को प्रशासित करेगी
उत्तर-(a )
32. अन्तर्राष्ट्रीय विधि के आधार को समझाने हेतु कौन सा प्रमुख व रूढ़िवादी सिद्धान्त :
(a) मौलिक अधिकारों व सहमति का नियम
(b) स्वास्थ्य सीमा का नियम
(c) पेक्टा सन्ट सर्वेन्डा का नियम
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
33. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए प्राथमिक दायित्व दिया गया है:
(a) महासचिव को
(b) महासभा को
(c) सुरक्षा परिषद और महासभा दोनों को
(d) सुरक्षा परिषद को
उत्तर-(d)
34. स्टिमसन का सिद्धान्त अन्तर्राष्ट्रीय विधि के कौन से विषम से सम्बन्धित है :
(a) मान्यता
(b) राज्य उत्तराधिकार
(c) हस्तक्षेप
(d) आश्रय
उत्तर-(a )
35. सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्यता प्राप्त विधि के सामान्य सिद्धान्त से अभिप्राय है :
(a) नियम जो अधिकतर राज्यों द्वारा अपनी राष्ट्रीय विधि में स्वीकार किये गये है।
(b) नैसर्गिक न्याय
(c) साम्या
(d) कोई नहीं
उत्तर-(a )
36. “राज्य का अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व केवल तथा अनन्य रूप से किसके द्वारा ही है तथा बनता है।” यह मत किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया है:
(a) ओपेनहाइम
(b) फेनविक
(c) लारेंस
(d) स्टार्क
उत्तर- (a)
37 “स्टिम्सन सिद्धान्त मिस्टर स्टिम्सन द्वारा प्रतिपादित किया गया था जो :
(a) संयुक्त राज्य अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे
(b) मेट ब्रिटेन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे
(c) कनाडा के विदेश सचिव थे
(d) ब्राजील के विदेश मन्त्री थे
उत्तर-(a)
38. निम्नलिखित में से कौन सा वाद ‘अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियों से सम्बन्धित है :
(a) पाकेट हवाना
(b) ऍग्लो-नारवेजियन फिशरीज केस
(c) दि किम
(d) दि अम्पस
उत्तर-(a)
39. अन्तर्राष्ट्रीय विधि के अन्तर्गत राज्यों की यह बाध्यता है कि वे नये राज्यों को मान्यता निम्नलिखित में से किसने यह विचार अभिव्यक्त किया :
(b) हीगेल
(a) लाटरपैट
(c) हालैण्ड
(d) ऐंजीलाटी
उत्तर-(d)
40. “जो पक्षकार रूढ़ि पर विश्वास करता है उसे यह अवश्य सिद्ध करना चाहिए कि यह रूढ़ि ऐसे ढंग से स्थापित है कि यह दूसरे पक्षकार पर बाध्यकारी बन गयी है।” निम्नलिखित में से किस बाद में उपरोक्त वर्णित किया गया :
(a) राइट ऑफ पैसेज ओवर इण्डियन टेरिटरी केस
(b) वेस्ट रैण्ड सेन्ट्रल गोल्ड माइनिंग कं० बनाम आर०
(c) डाईवर्जन ऑफ वाटर फ्रोम प्यूज केस
(d) असायलम केस
उत्तर-(a)
41. सूक्ति “पैक्टा टेरटिस नेक नोसेन्ट से तात्पर्यित है :
(a) केवल अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धियों के पक्षकारगण इससे आबद्ध हैं।
(b) यदि मौलिक या तात्यिक परिस्थितियाँ जिसके अधीन एक सन्धि की गयी है बदल जाती है तब यही परिवर्तन एक सन्धि की समाप्ति या बचने के लिये एक आधार हो जाता है।
(c) एक सन्धि शून्य है, यदि इसको निष्कर्षित करते समय यह सामान्य अन्तर्राष्ट्रीय विधि के अग्रयाधिकार मानकों के साथ संघर्ष की स्थिति में है।
(d) उपरोक्त का कोई नहीं।
उत्तर-(a)
42. मानव अधिकारों के परिप्रेक्ष्य में निम्नलिखित में से दण्ड का कौन सा सिद्धान्त अनुशंसित किया गया है।
(a) सुधारात्मक सिद्धान्त
(b) प्रतिशोधात्मक सिद्धान्त
(c) निरोधात्मक सिद्धान्त
(d) प्रतिरोधात्मक सिद्धान्त
उत्तर-(a)
43. निम्नलिखित में से किस मामले में न्यायमूर्ति मे ने टिप्पणी की थी “अन्तर्राष्ट्रीय कानून, हमारे कानून का भाग है और इस पर आधारित प्रश्नों को प्रशासन के लिए विधिवत प्रस्तुत किए जाने पर उपयुक्त क्षेत्राधिकार वाले न्यायालयों द्वारा इसे अवश्य ही अभिनिश्चित और प्रशासित किया जाना चाहिए।”
(a) निकारागुआ बनाम संयुक्त राज्य (अमेरिका)
(b) पाकेट हवाना मामला
(c) संयुक्त राज्य (अमेरिका) बनाम स्कूनर
(d) संयुक्त राज्य (अमेरिका) बनाम कनाडा
उत्तर-(b)
44. द्वैत सिद्धान्त कहता है :
(a) एक राज्य की अन्तर्राष्ट्रीय विधि एवं म्युनिसिपल विधियाँ दो भिन्न, पृथक और स्वयं समाविष्ट विधिक तन्त्र हैं।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय विधि एक राज्य की विधि का आन्तरिक भाग नहीं बनती है।
(c) उपरोक्त दोनों (a) और (b)
(d) उपरोक्त में कोई नहीं
उत्तर-(c)
45. “मान्यता” को निम्नवत् परिभाषित किया जा सकेगा :
(a) अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के विद्यमान सदस्यों द्वारा एक नवीन राज्य के अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व की अभिस्वीकृति से इन्कारी।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के विद्यमान सदस्यों द्वारा एक नवीन राज्य की अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व की औपचारिक अभिस्वीकृति।
(c) या तो (क) या (ख)।
(d) न तो (क) और न ही (ख) ।
उत्तर-(b)
46. राज्य उत्तराधिकार से तात्पर्यित है :
(a) एक क्षेत्र पर एक अन्य के द्वारा एक राज्य की प्रतिस्थापना
(b) एक अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्ति से एक अन्य व्यक्ति को क्षेत्रीय परिवर्तन के परिश्रम में अधिकारों एवं कर्तव्यों का अन्तरण
(c) दोनों (B) और (b)।
(d) न तो (a) और न ही (b))
उत्तर-(c)
47. एन्जिलोटी कहता है कि अन्तर्राष्ट्रीय विधि का बाध्यकारी बल निम्नलिखित पर आधारित है :
(a) सिद्धान्त रूप में सर्वोच्च अन्तर्राष्ट्रीय मानक को पैक्टा सन्ट सर्वेन्डा रूप में जाना जाता है।
(b) राज्यों की सहमति
(c) तथ्य कि राज्य इसका अनुपालन करने के लिये सहमत हुये हैं और उस प्रयोजनार्थ वे स्वयमेव आत्म नियंत्रण रखते हैं।
(d) उपरोक्त का कोई नहीं।
उत्तर-(a)
48. विनिर्दिष्टतः अपनाये जाने का सिद्धान्त कहता है कि :
(a) अन्तर्राष्ट्रीय विधि म्युनिसिपल विधि के क्षेत्र में विनिर्दिष्टता अपनाये गये बगैर प्रत्यक्षतः प्रवृत की जा सकती है।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय विधि को म्युनिसिपल विधि के क्षेत्र में प्रत्यक्षतः प्रवृत्त नहीं किया जा सकता है जब तक विनिर्दिष्टतया अपनाया नहीं गया है।
(c) अन्तर्राष्ट्रीय विधि म्युनिसिपल विधि के क्षेत्र में प्रवृत्त नहीं की जा सकती है विनिर्दिष्टता अपनाये जाने के बाद भी।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(b)
49. रूढ़ि अन्तर्राष्ट्रीय एवं इसी प्रकार म्युनिसिपल विधि का क्षेत्र है-
(a) सत्य
(b) असत्य
(c) आंशिक रूप से सत्य
(d) आंशिक रूप से असत्य
उत्तर-(a)
50. अन्तर्राष्ट्रीय विधि में राष्ट्रीय विधि के अधीन उपस्थित औपचारिक संस्थाओं में से कई का अभाव है :
(a) शुद्ध अभिकथन।
(b) अशुद्ध अभिकथन।
(c) आंशिक रूप से अशुद्ध अभिकथन।
(d) आंशिक रूप से शुद्ध अभिकथन।
उत्तर-(a)
51. एक नवीन राज्य की मान्यता के सम्बन्ध में निम्नलिखित सिद्धान्त हैं :
(a) संवैधानिक सिद्धान्त।
(b) घोषणात्मक सिद्धान्त।
(c) सकारात्मक सिद्धान्त।
(d) उपरोक्त दोनों (a) और (b)
उत्तर-(d )
52. एक राज्य कहे जाने हेतु एक अस्तित्व को राज्य के आवश्यक लक्षणों को धारित करना चाहिये, यथा :
(a) भू-क्षेत्र एवं जनसंख्या
(b) एक सरकार
(c) अन्य राज्यों के साथ सम्बन्धों में प्रविष्ट होने की क्षमता।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d )
53. “अन्तर्राष्ट्रीय विधि” पूर्व में निम्नवत् जानी जाती थी :
(a) संक्रियात्मक विधि।
(b) अन्तर्राज्यीय विधि।
(c) राष्ट्रों की विधि।
(d) संक्रमणात्मक विधि।
उत्तर-(c)
54. साधारण सभा के समक्ष एक महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित के द्वारा निर्धारित किया जाता है-
(a) उपस्थित और मतदान करता हुआ साधारण बहुमत।
(b) उपस्थित एवं मतदान करता हुआ दो तिहाई बहुमत।
(c) साधारण बहुमत।
(d) दो तिहाई बहुमत।
उत्तर-(b)
55. अन्तर्राष्ट्रीय विधि को राज्यों के साथ अपने पारस्परिक सम्बन्धों में राज्यों को प्रयोज्य विधि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है-
(a) शुद्ध अभिकथन।
(b) अशुद्ध अभिकथन।
(c) आंशिक रूप से शुद्ध अभिकथन
(d) आंशिक रूप से अशुद्ध अभिकथन।
उत्तर-(a)
56. एक राज्य को मान्यता निम्नलिखित में विवक्षित है-
(a) एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी।
(b) बहुपक्षीय सन्धि को समाप्त करना।
(c) राजनयिक सम्बन्धों की स्थापना।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(c)
57. युद्धरत व्यक्ति राष्ट्रीय भू भाग के एक अंश पर कब्जा कर लेते हैं और प्रशासन करते हैं-
(a) शुद्ध अभिकथन।
(b) अशुद्ध अभिकथन।
(०) आंशिक रूप से शुद्ध।
(d) आंशिक रूप से अशुद्ध।
उत्तर-(a)
58. स्टार्क ने अन्तर्राष्ट्रीय विधि की परिभाषा दी है जिसमें सम्मिलित है-
(a) केवल व्यक्ति
(b) केवल राज्य
(c) केवल व्यक्ति एवं राज्य
(d) व्यक्ति, राज्य और अन्तर्राष्ट्रीय संस्था।
उत्तर-(d)
59. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग निम्न में से किसके द्वारा हटाया एवं प्रतिस्थापित किया गया
(a) आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों की समिति
(b) एमनेस्टी इन्टरनेशनल
(c) मानव अधिकार समिति
(d) मानव अधिकार परिषद्
उत्तर-(d)
60. ……………….ने अन्तर्राष्ट्रीय विधि को सकारात्मक विधि कहा है।
(a) ऑस्टिन
(b) केल्सन
(c) हार्ट
(d) बेत्थम
उत्तर-(a)
61. कथन (A): अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय को वादों को समता के आधार पर विनिश्चित करने का अधिकार है।
कथन (R): समता सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्यता प्राप्त विधि का एक सामान्य सिद्धान्त है।
कोड :
(a) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सत्य हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सत्य है लेकिन (R) असत्य है।
(d) (A) असत्य है, लेकिन (R) सत्य है।
उत्तर-(a)
62. स्टार्क द्वारा दी गयी अन्तर्राष्ट्रीय विधि की परिभाषा को कहा जा सकता है-
(a) पूर्णतया एक नयी परिभाषा है।
(b) यह बेन्थम की परिभाषा से पूर्णतया विपरीत है।
(c) यह ओपेनहाइम की परिभाषा है।
(d) यह उनका अधूरा प्रयास है।
उत्तर-(c)
63. ओपेन हाइम द्वारा दी गयी अन्तर्राष्ट्रीय विधि की परिभाषा के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय विधि के विषय हैं-
(a) केवल अन्तर्राष्ट्रीय संस्थायें
(b) केवल व्यक्ति
(c) केवल राज्य
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-(c)
64. कथन (A) अन्तर्राष्ट्रीय विधि आमतौर पर बाध्यकारी नहीं है।
कथन (R): अन्तर्राष्ट्रीय विधि आमतौर पर राज्यों द्वारा व्यवहार में मान्य है।
कोड :
(a) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सत्य हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सत्य है लेकिन (R) असत्य है।
(d) (A) असत्य है, लेकिन (R) सत्य है।
उत्तर-(b)
65. धमकी की वैधता या नाभिकीय अस्त्रों के उपभोग से सम्बन्धित मामले में, अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय ने किसके निवेदन पर परामर्शी राय दी थी?
(a) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्
(b) संयुक्त राष्ट्र महासभा
(c) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(d) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक या सांस्कृतिक संगठन
उत्तर-(b)
66. लोकप्रिय सातत्य का सिद्धान्त कहता है कि-
(a) सम्प्रभुता का परिवर्तन राजनैतिक संगठन में काल्पनिक तत्व में एक परिवर्तन से अधिक कुछ संलिप्त नहीं करता है, वास्तविक तत्व उसी प्रकार बने रहते हैं।
(b) उत्तराधिकारी राज्य समस्त अधिकारों का उपभोग करता है और अपनी पूर्ववर्ती की समस्त दायित्वों का निर्वहन करता है।
(c) नवीन राज्य पूर्ववर्ती व्यक्तित्व का एक प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी माना जाता है।
(d) उत्तराधिकार घठित होता है, एक वाह्य विधिक परामर्श के महत्वानुसार नहीं बल्कि एक विधिक गुणवत्ता के महत्व में जो उत्तराधिकार के उद्देश्यों में पुनः दर्शित होती है।
उत्तर-(a)
67. रूढ़िगत सन्धियों की अन्तर्राष्ट्रीय विधि को वियना सम्मेलन, 1980 में संहिताबद्ध किया गया था-
(a) सत्य।
(b) असत्य।
(c) आंशिक रूप से सत्य।
(d) आंशिक रूप से असत्य।
उत्तर-(a)
68. ……………. का राज्य उत्तराधिकार में प्रयोजित होना जारी नहीं रहता है-
(a) विधिक अधिकारों एवं कर्तव्य।
(b) काल्पनिक सम्पत्ति ऋणों।
(c) विदेशी राज्यों में सम्पत्ति का उत्तराधिकार
(d) राजनैतिक अधिकार एवं कर्त्तव्य।
उत्तर-(d)
69. म्युनिसिपल विधि के सामान्य सिद्धान्त सभ्य राज्यों के द्वारा-
(a) मान्यता प्राप्त हैं।
(b) पंजीकृत हैं।
(c) अनुमोदित हैं।
(d) अननुमोदित हैं।
उत्तर-(a)
70. कोरोरस को सत्य विधि के रूप में मानते हैं-
(a) म्यूनिसिपल विधि।
(b) संवैधानिक विधि।
(c) अन्तर्राष्ट्रीय विधि।
(d) भूमि विधि।
उत्तर-(c)
71. जहाँ एक समुदाय की विधिक पहचान पूर्णतः नष्ट हो गयी है, यह कहा जाता है –
(a) सम्पूर्ण उत्तराधिकार
(b) आंशिक उत्तराधिकार
(c) अपूर्ण उत्तराधिकार
(d) पूर्ण उत्तराधिकार
उत्तर-(a)
72. स्व-परिसीमन सिद्धान्त कहता है कि अन्तर्राष्ट्रीय विधि राज्यों पर बाध्यकारी है क्योंकि इन्होंने स्व. परिसीमन के माध्यम से अपनी शक्तियों निर्बन्धित कर दी हैं और अन्तर्राष्ट्रीय विधि का पालन करने के लिये सहमत हुई हैं
(a) शुद्ध अभिकथन
(b) अशुद्ध अभिकथन
(c) आंशिक रूप से अशुद्ध अभिकथन
(d) आंशिक रूप से शुद्ध अभिकथन।
उत्तर-(a)
73. न्यायिकतः मान्यता प्रकृति में तदर्थ है किन्तु वास्तविक मान्यता अन्तिम है और “एक बार दिये जाने पर वापस नहीं ली जा सकती है”-
(a) शुद्ध अभिकथन।
(b) अशुद्ध अभिकथन क्योंकि न्यायिक मान्यता अन्तिम है और एक बार दिये जाने पर वापस नहीं ली जा सकती है।
(c) अशुद्ध अभिकथन क्योंकि वास्तविक मान्यता तदर्थ है और तदुपरि वापस की जा सकेगी।
(d) उपरोक्त (b) और (c) दोनों।
उत्तर-(d)
74. केवल व्यक्तिगत अन्तर्राष्ट्रीय विधि की विषय-वस्तु है। इस सिद्धान्त के प्रमुख प्रतिपादक-
(a) ओपेनहाइम है।
(b) एन्जिलोटी है।
(c) हेन्स केल्सन है।
(d) जेलिन्क है।
उत्तर-(c)
75. अन्तर्राष्ट्रीय विधि अपना स्रोत निम्नलिखित में रखती है –
(a) अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं सन्धियाँ।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ।
(c) सभ्य राष्ट्रों के द्वारा मान्यता प्राप्त विधि के सामान्य सिद्धान्त ।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d)
76. लम्बी अवधि, एकरूपता और निरन्तरता वैध रूढ़ि के कुछ आवश्यक तत्व है-
(a) शुद्ध अभिकथन
(b) अशुद्ध अभिकथन क्योंकि निरन्तरता आवश्यक नहीं है।
(c) आंशिक रूप से अशुद्ध अभिकथन।
(d) आंशिक रूप से शुद्ध अभिकथन क्योंकि एक रूपता एक आवश्यक तत्व नहीं है।
उत्तर-(a)
77. ………का लैटिन अमरीकी भावाबोध राज्य सम्पत्ति का उत्तराधिकार से सम्बन्धित है –
(a) उटी पेस्सीडेरिस जूरिस।
(b) पैक्टा संट सरवेन्डा।
(c) आबिटर डिक्टर।
(d) पब्लिक डिब्ट।
उत्तर-(a)
78. एक राज्य की मान्यता के संवैधानिक सिद्धान्त के अनुसार –
(a) एक राज्य का व्यक्तित्व अन्य राज्यों द्वारा मान्यता के माध्यम से सृजित होता है।
(b) केवल मान्यता के माध्यम से एक राज्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यक्ति हो जाता है।
(c) एक नवीन अस्तित्व एक राज्य नहीं हो सकता है जब तक अन्य राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d)
79. लम्बी अवधि, एकरूपता और संगतता के अतिरिक्त एक वैध रूढ़ि के अन्य आवश्यक तत्व हैं-
(a) व्यापकता।
(b) युक्तियुक्तता।
(c) संविधि की विधि के साथ अनुरूपता।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d)
80. अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं संधियाँ अन्तर्राष्ट्रीय विधि के महत्वपूर्ण स्रोत हैं टिप्पणी को –
(a) अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सन्धियाँ अन्तर्राष्ट्रीय विधि के स्रोत हैं किन्तु अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ नहीं।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ अन्तर्राष्ट्रीय विधि के स्त्रोत हैं किन्तु अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सन्धियाँ नहीं।
(c) अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं सन्धियाँ दोनों अन्तर्राष्ट्रीय या विधि के स्रोत हैं
(d) न तो अन्तर्राष्ट्रीय रूढ़ियाँ और न ही अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सन्धियाँ अन्तर्राष्ट्रीय विधि के स्रोत हैं।
उत्तर-(c)
81. स्टिम्सन सिद्धान्त कहता है कि यदि एक राज्य अन्तर्राष्ट्रीय सन्धि के उल्लंघन में एक अन्य राज्य को मान्यता स्वीकृत करती है, तो ऐसी मान्यता वैध नहीं होगी –
(a) अशुद्ध अभिकथन।
(b) शुद्ध अभिकथन।
(c) आंशिक रूप से शुद्ध अभिकथन।
(d) आंशिक रूप से अशुद्ध अभिकथन।
उत्तर-(b)
82. “सरकार का उत्तराधिकार” से का परिवर्तन तात्पर्यिंत है –
(a) आन्तरिक सम्प्रभुता ।
(b) बाह्य सम्प्रभुता।
(c) आन्तरिक और इसी प्रकार बाह्य सम्प्रभुता।
(d) कोई सम्प्रभुता नहीं।
उत्तर-(b)
83. प्रतिनियोजन सिद्धान्त के अनुसार –
(a) अन्तर्राष्ट्रीय विधि की नियमावली प्रत्येक राज्य में प्रभावी तन्त्र और प्रक्रिया के अनुसरण में राज्य विधि के क्षेत्र में प्रयोजित की जाती है।
(b) अन्तर्राष्ट्रीय विधि की नियमावली राज्य विधि के क्षेत्र में प्रयोजित नहीं की जा सकती है।
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों।
(d) उपरोक्त का कोई नहीं।
उत्तर-(b)
84. आंशिक उत्तराधिकार कारित होता है, जब-
(a) एक राज्य का एक भाग एक अन्य राज्य को चला जाता है।
(b) एक सम्प्रभु राज्य संघीय राज्य में शामिल होकर अपनी स्वतन्त्रता का एक भाग खो देता है।
(c) एक राज्य आधिपत्य स्वीकार कर लेता है या एक अन्य राज्य की संरक्षित हो जाता है।
(d) उपरोक्त का प्रत्येक ।
उत्तर-(d)
85. अन्तर्राष्ट्रीय विधि केवल तभी म्युनिसिपल विधि के क्षेत्र में प्रयोजित की जा सकती है जब म्युनिसिपल विधि या तो इसकी अनुमति देती है या विनिर्दिष्टतया इसे अपना लेती है –
(a) शुद्ध
(b) अशुद्ध
(c) आंशिक रूप से शुद्ध
(d) आंशिक रूप से अशुद्ध।
उत्तर-(a)
86. अन्तर्राष्ट्रीय सन्धियाँ निम्नलिखित प्रकार की हो सकती है –
(a) सार्वभौमिक अन्तर्राष्ट्रीय विधि की नियमावली प्रतिपादित करती हुई सन्धियाँ
(b) अन्तर्राष्ट्रीय सन्धियाँ जो सामान्य सिद्धान्तों को स्थापित करती हैं।
(c) सन्धि संविदा।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d)
87. संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के अधीन मानव अधिकारों को प्रोन्नत करने के लिये आयोग गठित करने के लिये सशक्त, हैं –
(a) साधारण सभा।
(b) ई सी ओ एस ओ सी।
(c) महामन्त्री।
(d) न्यासी परिषद।
उत्तर-(a)
88. सार्वभौमिक उत्तराधिकार के सिद्धान्त के अनुसार –
(a) उत्तराधिकारी राज्य सभी अधिकारों का उपभोग करता है और अपने पूर्ववर्ती की समस्त दायित्वों का निर्वहन करती है।
(b) नवीन राज्य अपनी पूर्ववर्ती व्यक्ति का एक प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी के रूप में मानी जाती है।
(c) उत्तराधिकार गठित होता है, एक बाह्य विधिक परामर्श के महत्वानुसार नहीं बल्कि विधिक गुणवक्ता के महत्व में जो उत्तराधिकार के उद्देश्यों में पुनः स्थापित होता है।
(d) उपरोक्त सभी विधिक गुणवक्ता के महत्व में जो उत्तराधिकार के उद्देश्यों में पुनः स्थापित होता है।
उत्तर-(a)
89. पर्सी कार्बेट के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय विधि की विषय वस्तु है-
(a) केवल राज्य
(b) केवल वैयक्तिगण
(c) राज्य एवं वैयक्तिगण दोनों
(d) राज्य वैयक्तिगण एवं कतिपय गैर-राज्य अस्तित्वों
उत्तर-(a)
90. शब्द “अन्तर्राष्ट्रीय विधि” द्वारा प्रयुक्त किया गया था-
(a) बॅथम
(b) आस्टिन
(c) सालमण्ड
(d) सेविग्नी
उत्तर-(a)
91. राज्य प्राप्त करने के मान्य तरीके कौन से हैं-
(a) कब्जा या दखल
(b) परित्याग
(c) पट्टा
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
92. अन्तर्राष्ट्रीय विवादों के निपटारे के बल पूर्वक तरीके है –
(a) प्रतिकर
(b) शान्तिपूर्ण अवरोध (नाकाबन्दी)
(c) प्रतिशोध
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
93. अन्तर्राष्ट्रीय विवादों के निपटाने के शान्तिपूर्ण तरीके है –
(a) न्यायिक समझौता तथा समाधान
(b) विवाचन तथा वार्ता
(c) सद्भावना एवं मध्यस्थता
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
94. अन्तर्राष्ट्रीय विधि में व्यक्तियों के कौन से अधिकार और कर्तव्य हैं –
(a) सभी व्यक्तियों के मानव अधिकारों तथा मूल स्वतन्त्रताओं में अभिवृष्टि करना तथा प्रोत्साहित करना
(b) याचिका दाखिल करने का अधिकार
(c) समझौता एवं माध्यस्थम् कार्यवाही का अधिकार
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
95. युद्ध सामान्य रूप से दो या दो से अधिक राज्यों के सशस्त्र सैनिकों के बीच होता है तथा प्रत्येक युद्धरत देश का उद्देश्य होता है कि अपनी शर्तें मनवाये परिभाषित किया है – एक दूसरे को हरा दे या उसमें शान्ति के लिए
(a) हाल ने
(b) स्टार्क ने
(c) ओपेनहाइम ने
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(b)
96. समुद्र विधि अभिसमय, 1982 में कुल हैं-
(a) 300 अनुच्छेद 12 भाग एवं 9 परिशिहियों
(b) 320 अनुच्छेद 17 भाग तथा 9 परिशिक्षियों
(c) 250 अनुच्छेद 12 भाग तथा 8 परिशिष्टियाँ
(d) 350 अनुच्छेद 10 भाग तथा 3 परिशिष्टियों
उत्तर-(b)
97. समुद्र-विधि के विभित्र पहलुओं से सम्बन्धित विधि का विवेचन किया गया है-
(a) रूढ़िवादी विधि द्वारा
(b) जेनेवा अभिसमय 1958 द्वारा
(c) समुद्र-विधि अभिसमय, 1982 द्वारा
(d) उपरोक्त सभी द्वारा
उत्तर-(d)
98. उत्तराधिकारी राज्य पूर्ववर्ती राज्य की सन्धियों द्वारा आबद्ध नहीं है-
(a) राजनैतिक।
(b) सिविल।
(c) प्रशासनिक।
(d) वाणिज्यिक।
उत्तर-(a)
99. अभिव्यक्ति “विधि के साधारण सिद्धान्त जो सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं” इंगित करती है-
(a) सिविल विधि का सामान्य सिद्धान्त।
(b) म्युनिसिपल विधि जो अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रयोज्य है, का साधारण सिद्धान्त।
(c) नैसर्गिक विधि का सामान्य सिद्धान्त।
(d) अन्तर्राष्ट्रीय विधि का सामान्य सिद्धान्त।
उत्तर-(b)
100. अन्तर्राष्ट्रीय विधि का प्रमुख आधार स्तम्भ राजदूत या राजनयिक अभिकर्ताओं की उन्मुक्तियाँ निम्न में से क्या हैं-
(a) व्यक्तिगत सुरक्षा
(b) आपराधिक क्षेत्राधिकार से उन्मुक्ति
(c) यातायात की स्वतन्त्रता
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
Prem kumar Nigam (Advocate)
Mob. 9758516448