“NDPS अधिनियम के अंतर्गत खोज कार्रवाई हेतु स्टेशन इंचार्ज भी सक्षम: सुप्रीम कोर्ट — राज्य बनाम गोपाल व अन्य (2025)”

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“NDPS अधिनियम के अंतर्गत खोज कार्रवाई हेतु स्टेशन इंचार्ज भी सक्षम: सुप्रीम कोर्ट — राज्य बनाम गोपाल व अन्य (2025)”

लेख:
सुप्रीम कोर्ट ने State of Rajasthan vs. Gopal & Ors [2025] में एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि मादक द्रव्य और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (NDPS Act) के तहत खोज (Search) की प्रक्रिया केवल नामित थाना प्रभारी (SHO) तक सीमित नहीं है, बल्कि यदि SHO अनुपस्थित है, तो थाने का कार्यवाहक प्रभारी (In-Charge Station House Officer) भी यह कार्यवाही वैध रूप से कर सकता है।

🔍 मामले की पृष्ठभूमि:

  • राजस्थान राज्य ने NDPS अधिनियम के अंतर्गत आरोपियों के विरुद्ध नशीले पदार्थ की बरामदगी के आधार पर कार्यवाही की थी।
  • बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि तलाशी असली SHO द्वारा नहीं, बल्कि एक कार्यवाहक (In-Charge) द्वारा की गई थी, इसलिए वह अवैध है।
  • इस तर्क के आधार पर निचली अदालत ने संदेह व्यक्त किया कि क्या NDPS अधिनियम की अनिवार्य प्रक्रिया का पालन हुआ।

⚖️ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:

  • सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि NDPS अधिनियम की धारा 42 और 43 के अंतर्गत यदि थाना प्रभारी अनुपस्थित है, तो प्रभारी अधिकारी (In-Charge SHO) द्वारा की गई खोज और जब्ती की कार्रवाई वैध मानी जाएगी
  • न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अधिनियम का उद्देश्य नशीली दवाओं के खतरे को रोकना है, और उसकी प्रक्रिया की व्याख्या व्यवहारिकता और उद्देश्य की पूर्ति के आधार पर होनी चाहिए, न कि केवल तकनीकी त्रुटियों के आधार पर।

🧾 महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ:

“यदि थाना प्रभारी अनुपस्थित है, तो जो भी अधिकृत रूप से उस समय प्रभारी के रूप में कार्य कर रहा हो, उसे NDPS अधिनियम के अंतर्गत वैध रूप से तलाशी लेने का अधिकार है।”

“न्यायिक प्रक्रिया का उद्देश्य अपराध को तकनीकी आधार पर छोड़ देना नहीं, बल्कि न्यायसंगत परिणाम तक पहुँचना है।”

📌 प्रभाव और निष्कर्ष:

  • यह फैसला NDPS मामलों में अनुसंधान और तलाशी की प्रक्रिया को अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि तकनीकी आधारों पर दोषियों को राहत देना NDPS अधिनियम की मंशा के विपरीत है।
  • पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट संदेश मिला है कि यदि SHO अनुपस्थित हो, तो कार्यवाहक SHO द्वारा की गई कार्रवाई को अवैध नहीं माना जाएगा, बशर्ते अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया हो।