🧾 Judiciary Exam MCQs on Withdrawal of Suit & Limitation
(A) Limitation Act, 1963 – General Principles
- “Limitation” शब्द का तात्पर्य है –
a) मुकदमे की अनुमति
b) मुकदमा दायर करने की अवधि
c) न्यायालय की शक्ति
d) अपील का अधिकार
👉 उत्तर: b - सीमावधि अधिनियम, 1963 की धारा 3 क्या बताती है?
a) अपील की प्रक्रिया
b) सीमावधि का बार (Bar of Limitation)
c) कारण-कार्रवाई की परिभाषा
d) न्यायालय की विवेकाधीन शक्ति
👉 उत्तर: b - धारा 3 के अनुसार यदि कोई वाद सीमावधि के बाद दायर किया जाता है, तो –
a) न्यायालय अनुमति दे सकता है
b) प्रतिवादी की सहमति आवश्यक है
c) वाद स्वतः खारिज हो जाएगा
d) अपील योग्य नहीं होगा
👉 उत्तर: c - “Limitation Act” का उद्देश्य क्या है?
a) मुकदमों की अनिश्चितता बढ़ाना
b) मुकदमों में विलंब को रोकना
c) न्यायिक प्रक्रिया को लंबा करना
d) अपीलों को समाप्त करना
👉 उत्तर: b - कौन-सी धारा न्यायालय को सीमावधि समाप्त होने पर स्वतः कार्रवाई से रोकती है?
👉 उत्तर: धारा 3 - सीमावधि की गणना कब से प्रारंभ होती है?
a) मुकदमा दायर करने की तिथि से
b) कारण-कार्रवाई उत्पन्न होने की तिथि से
c) आदेश पारित होने की तिथि से
d) वादी की इच्छा पर
👉 उत्तर: b - कौन-सी धारा “समय के बहिष्करण” (Exclusion of time) से संबंधित है?
👉 उत्तर: धारा 14 - धारा 14 लागू होती है यदि पहला मुकदमा –
a) गलत न्यायालय में दायर हुआ हो
b) गलत प्रारूप में दायर हुआ हो
c) अधूरा दायर हुआ हो
d) स्वयं वापस लिया गया हो
👉 उत्तर: a - यदि मुकदमा गलत न्यायालय में अधिकार क्षेत्र के अभाव में दायर हुआ, तो वादी को –
a) कोई राहत नहीं मिलेगी
b) नया कारण-कार्रवाई मिलेगा
c) समय का बहिष्करण मिल सकता है
d) सीमावधि पुनः प्रारंभ होगी
👉 उत्तर: c - धारा 5 सीमावधि में देरी माफ करने की अनुमति देती है –
a) सभी मुकदमों में
b) केवल अपील और आवेदन में
c) केवल दीवानी वादों में
d) किसी में नहीं
👉 उत्तर: b
(B) CPC – Order 23 (Withdrawal of Suit)
- वाद की वापसी किस नियम के अंतर्गत होती है?
👉 उत्तर: Order 23 Rule 1 - वादी अपने मुकदमे को वापस ले सकता है –
a) केवल न्यायालय की अनुमति से
b) किसी भी समय, बिना कारण
c) किसी भी चरण पर, अनुमति से या बिना अनुमति
d) केवल प्रतिवादी की सहमति से
👉 उत्तर: c - यदि वादी को नया वाद दायर करने की अनुमति मिलती है, तो –
a) नया कारण-कार्रवाई माना जाएगा
b) सीमावधि बढ़ जाएगी
c) सीमावधि पर कोई प्रभाव नहीं होगा
d) पुराना वाद पुनर्जीवित होगा
👉 उत्तर: c - Order 23 Rule 2 कहता है कि –
a) वादी नया वाद दायर नहीं कर सकता
b) सीमावधि नई मानी जाएगी
c) सीमावधि पर वापसी का प्रभाव नहीं
d) नया कारण-कार्रवाई माना जाएगा
👉 उत्तर: c - यदि वादी बिना अनुमति वाद वापस लेता है, तो –
a) वह नया मुकदमा नहीं दायर कर सकता
b) नया वाद स्वतः स्वीकार होगा
c) सीमावधि रुक जाएगी
d) अपील योग्य होगा
👉 उत्तर: a - वाद की वापसी का परिणाम होता है –
a) लंबित कार्यवाही का अंत
b) नया मुकदमा उत्पन्न होना
c) कारण-कार्रवाई का विस्तार
d) सीमावधि में वृद्धि
👉 उत्तर: a
16. वाद की वापसी का प्रभाव क्या होता है?
a) लंबित कार्यवाही समाप्त होती है
b) सीमावधि बढ़ जाती है
c) नया कारण-कार्रवाई उत्पन्न होता है
d) पुराना मुकदमा पुनर्जीवित होता है
➡️ उत्तर: a) लंबित कार्यवाही समाप्त होती है
17. क्या न्यायालय सीमावधि बढ़ाने का आदेश दे सकता है?
a) हाँ, यदि उचित कारण हो
b) नहीं, क्योंकि यह वैधानिक बाध्यता है
c) केवल अपीलों में
d) केवल आदेश से
➡️ उत्तर: b) नहीं, क्योंकि यह वैधानिक बाध्यता है
18. वाद की वापसी से क्या नया कारण-कार्रवाई उत्पन्न होता है?
a) हाँ, स्वतः
b) केवल अनुमति से
c) नहीं
d) केवल आपील में
➡️ उत्तर: c) नहीं
19. क्या वादी वाद वापस लेने पर नया अधिकार प्राप्त करता है?
a) हाँ, नया दावा कर सकता है
b) नहीं, केवल कार्यवाही समाप्त होती है
c) हाँ, यदि अदालत कहे
d) केवल प्रतिवादी की सहमति से
➡️ उत्तर: b) नहीं, केवल कार्यवाही समाप्त होती है
20. वाद की वापसी केवल समाप्त करती है –
a) सीमावधि
b) लंबित कार्यवाही
c) कारण-कार्रवाई
d) अपील का अधिकार
➡️ उत्तर: b) लंबित कार्यवाही
21. K.S. Bhoopathy v. Kokila (2000) मामला किस विषय से संबंधित है?
a) अनुबंध विवाद
b) वाद की वापसी और सीमावधि
c) आपराधिक कार्यवाही
d) उपभोक्ता संरक्षण
➡️ उत्तर: b) वाद की वापसी और सीमावधि
22. K.S. Bhoopathy v. Kokila (2000) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा —
a) वाद की वापसी से नया कारण उत्पन्न होता है
b) वाद की वापसी से सीमावधि प्रभावित नहीं होती
c) वापसी से नया अधिकार मिलता है
d) वापसी से पुराना वाद पुनर्जीवित होता है
➡️ उत्तर: b) वाद की वापसी से सीमावधि प्रभावित नहीं होती
23. Sarguja Transport Service v. State Transport Appellate Tribunal (1987) का मुख्य सिद्धांत क्या था?
a) वाद की वापसी के बाद दोबारा वाद निषिद्ध है
b) सीमावधि स्वतः बढ़ जाती है
c) नया कारण-कार्रवाई बनता है
d) अपील स्वतः स्वीकार होती है
➡️ उत्तर: a) वाद की वापसी के बाद दोबारा वाद निषिद्ध है
24. State of Punjab v. Gurdev Singh (1991) में कहा गया –
a) सीमावधि वापसी से पुनः प्रारंभ होती है
b) सीमावधि वापसी से अप्रभावित रहती है
c) नया कारण बनता है
d) अनुमति मिलने से समय बढ़ता है
➡️ उत्तर: b) सीमावधि वापसी से अप्रभावित रहती है
25. यदि वादी अनुमति लेकर वाद वापस लेता है तो –
a) नया मुकदमा स्वतः स्वीकार होगा
b) सीमावधि बढ़ जाती है
c) नया मुकदमा सीमावधि के भीतर होना चाहिए
d) अनुमति के कारण सीमावधि रुक जाती है
➡️ उत्तर: c) नया मुकदमा सीमावधि के भीतर होना चाहिए
26. वाद की वापसी से संबंधित प्रावधान कौन-से हैं?
a) Order 22 CPC
b) Order 23 CPC
c) Order 24 CPC
d) Order 25 CPC
➡️ उत्तर: b) Order 23 CPC
27. Order 23 Rule 2 क्या कहता है?
a) नया मुकदमा स्वतः वैध होगा
b) वापसी के बाद सीमावधि अप्रभावित रहती है
c) वापसी से नया कारण बनता है
d) सीमावधि बढ़ाई जा सकती है
➡️ उत्तर: b) वापसी के बाद सीमावधि अप्रभावित रहती है
28. यदि वादी बिना अनुमति वाद वापस लेता है, तो –
a) वह नया मुकदमा नहीं दायर कर सकता
b) नया मुकदमा स्वतः वैध होगा
c) सीमावधि रुक जाएगी
d) अपील स्वतः स्वीकार होगी
➡️ उत्तर: a) वह नया मुकदमा नहीं दायर कर सकता
29. न्यायालय की अनुमति से वाद की वापसी किस प्रकार की छूट है?
a) वैधानिक अधिकार
b) प्रक्रिया संबंधी (Procedural Liberty)
c) स्वाभाविक अधिकार
d) विशेषाधिकार
➡️ उत्तर: b) प्रक्रिया संबंधी (Procedural Liberty)
30. यदि नया वाद सीमावधि से बाहर दायर किया गया है तो –
a) न्यायालय अनुमति दे सकता है
b) वह स्वतः खारिज हो जाएगा
c) उसे स्वीकार किया जाएगा
d) न्यायालय विवेकाधीन शक्ति से रख सकता है
➡️ उत्तर: b) वह स्वतः खारिज हो जाएगा
31. वादी ने 2018 में मुकदमा दायर किया, 2020 में वापस लिया, और 2023 में दोबारा दायर किया (सीमावधि 3 वर्ष थी)। परिणाम क्या होगा?
a) नया मुकदमा वैध
b) समय-सीमा से बाहर
c) न्यायालय अनुमति देगा
d) पुराना मुकदमा जारी रहेगा
➡️ उत्तर: b) समय-सीमा से बाहर
32. धारा 14 लागू होती है यदि पहला मुकदमा –
a) गलत न्यायालय में दायर हुआ हो
b) गलत प्रारूप में दायर हुआ हो
c) वापस लिया गया हो
d) अपूर्ण दायर हुआ हो
➡️ उत्तर: a) गलत न्यायालय में दायर हुआ हो
33. यदि पहला मुकदमा गलत रूप में दायर हुआ हो तो –
a) धारा 14 लागू नहीं होगी
b) धारा 14 लागू होगी
c) नया कारण उत्पन्न होगा
d) सीमावधि रुकेगी
➡️ उत्तर: a) धारा 14 लागू नहीं होगी
34. क्या वादी स्वेच्छा से वाद वापस लेकर वही राहत फिर मांग सकता है?
a) हाँ, अनुमति मिलने पर
b) नहीं, कभी नहीं
c) हाँ, किसी भी स्थिति में
d) केवल अपील में
➡️ उत्तर: a) हाँ, अनुमति मिलने पर
35. यदि वादी बिना अनुमति वाद वापस लेता है और फिर वही मुकदमा दायर करता है, तो –
a) वैध माना जाएगा
b) अस्वीकार होगा
c) स्वीकार होगा
d) नया कारण बनेगा
➡️ उत्तर: b) अस्वीकार होगा
36. यदि पहला मुकदमा गलत क्षेत्राधिकार में bona fide दायर हुआ था, तो –
a) समय बहिष्कृत हो सकता है
b) नया कारण बनेगा
c) सीमावधि बढ़ेगी
d) अनुमति की आवश्यकता नहीं
➡️ उत्तर: a) समय बहिष्कृत हो सकता है
37. “Fresh Cause of Action” का अर्थ है –
a) नया अधिकार उत्पन्न होना
b) पुराना अधिकार समाप्त होना
c) अनुमति प्राप्त होना
d) कार्यवाही रुकना
➡️ उत्तर: a) नया अधिकार उत्पन्न होना
38. क्या वाद की वापसी “Fresh Cause of Action” बनाती है?
a) हाँ
b) नहीं
c) केवल न्यायालय के आदेश पर
d) केवल अपील में
➡️ उत्तर: b) नहीं
39. “Limitation” किस प्रकार का कानून है?
a) प्रक्रिया संबंधी (Procedural Law)
b) दायित्व संबंधी
c) मौलिक (Substantive Law)
d) संवैधानिक
➡️ उत्तर: c) मौलिक (Substantive Law)
40. “Withdrawal of Suit” किस प्रकार का कानून है?
a) प्रक्रिया संबंधी (Procedural Law)
b) मौलिक (Substantive Law)
c) वैधानिक अधिकार
d) संवैधानिक अधिकार
➡️ उत्तर: a) प्रक्रिया संबंधी (Procedural Law)
41. Limitation Law का मूल सिद्धांत है –
a) Equity follows the law
b) Vigilantibus non dormientibus jura subveniunt
c) Audi alteram partem
d) Nemo judex in causa sua
➡️ उत्तर: b) Vigilantibus non dormientibus jura subveniunt
42. “Withdrawal of Suit” CPC के किस Order में है?
a) Order 21
b) Order 22
c) Order 23
d) Order 24
➡️ उत्तर: c) Order 23
43. जब वाद वापस लिया जाता है, तो लंबित मुकदमे की स्थिति –
a) समाप्त मानी जाती है
b) जारी रहती है
c) नई तारीख से गिनी जाती है
d) स्थगित होती है
➡️ उत्तर: a) समाप्त मानी जाती है
44. यदि नया वाद सीमावधि से बाहर है तो –
a) न्यायालय विवेक से स्वीकार कर सकता है
b) स्वतः खारिज होगा
c) धारा 14 स्वतः लागू होगी
d) नया कारण बनेगा
➡️ उत्तर: b) स्वतः खारिज होगा
45. धारा 14 के अंतर्गत “Bona fide” का अर्थ है –
a) दुर्भावनापूर्ण
b) सद्भावना से किया गया
c) लापरवाहीपूर्वक
d) गलत नीयत से
➡️ उत्तर: b) सद्भावना से किया गया
46. यदि पहला वाद धोखाधड़ी से दायर हुआ हो –
a) धारा 14 लागू नहीं होगी
b) धारा 14 लागू होगी
c) सीमावधि रुकेगी
d) अनुमति स्वतः मानी जाएगी
➡️ उत्तर: a) धारा 14 लागू नहीं होगी
47. क्या न्यायालय “Equity” के आधार पर सीमावधि बढ़ा सकता है?
a) हाँ
b) नहीं
c) कभी-कभी
d) केवल अनुमति से
➡️ उत्तर: b) नहीं
48. कौन-सा मामला स्पष्ट रूप से कहता है कि “वापसी से सीमावधि अप्रभावित रहती है”?
a) Gurdev Singh Case
b) A.K. Gopalan Case
c) Maneka Gandhi Case
d) Indira Sawhney Case
➡️ उत्तर: a) Gurdev Singh Case
49. वादी द्वारा अनुमति प्राप्त कर वाद वापस लेने का अर्थ है –
a) नया अधिकार प्राप्त होना
b) केवल नई याचिका दायर करने की छूट
c) सीमावधि पुनः शुरू होना
d) पुराना मुकदमा जारी रहना
➡️ उत्तर: b) केवल नई याचिका दायर करने की छूट
50. निम्न में से कौन-सा कथन सही है?
a) वाद की वापसी से सीमावधि बढ़ती है
b) वापसी से नया कारण बनता है
c) वापसी सीमावधि पर कोई प्रभाव नहीं डालती
d) वापसी से पुराना मुकदमा पुनर्जीवित होता है
➡️ उत्तर: c) वापसी सीमावधि पर कोई प्रभाव नहीं डालती