“गैरकानूनी हिरासत का झूठा आरोप: बॉम्बे हाईकोर्ट का दिशा-निर्देशात्मक निर्णय — LAWS(BOM)-2023-9-432”

शीर्षक: “गैरकानूनी हिरासत का झूठा आरोप: बॉम्बे हाईकोर्ट का दिशा-निर्देशात्मक निर्णय — LAWS(BOM)-2023-9-432” परिचय: गैरकानूनी हिरासत (Illegal Detention) के आरोपों के संदर्भ में बॉम्बे हाईकोर्ट ने LAWS(BOM)-2023-9-432 में एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया। यह निर्णय न केवल मौलिक अधिकारों की व्याख्या करता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि बिना पर्याप्त साक्ष्य के किसी … Read more

“विशेष निष्पादन का दावा खारिज: खरीदार की वित्तीय अक्षमता और अनुचित विलंब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय”

शीर्षक: “विशेष निष्पादन का दावा खारिज: खरीदार की वित्तीय अक्षमता और अनुचित विलंब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय” परिचय: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Dan Sahai एवं अन्य बनाम Bal Kishan [PbHr 2025 (RSA-2320-1993, O & M)] में एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए यह स्पष्ट किया कि विलंब और खरीदार की … Read more

एकपक्षीय तलाक डिक्री को रद्द करने से इनकार: पत्नी की लापरवाही बनी बाधा – उड़ीसा उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

शीर्षक: एकपक्षीय तलाक डिक्री को रद्द करने से इनकार: पत्नी की लापरवाही बनी बाधा – उड़ीसा उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय लेख: हाल ही में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने Hindu Marriage Act की धारा 13 और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 9 नियम 13 (Order 9 Rule 13) के तहत एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया … Read more

आदेश 6 नियम 17 CPC – याचिका में संशोधन

मामला: महाबीर प्रसाद बनाम मुरारी लाल और अन्य (PbHr 2025, CR-1065-2025, 0 & M) विषय: आदेश 6 नियम 17 CPC – याचिका में संशोधन लेख: भारतीय प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 6 नियम 17 के तहत याचिका में संशोधन करने की प्रक्रिया पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है। इस मामले में, महाबीर प्रसाद द्वारा … Read more

“Order 22 CPC और अधिवक्ता की भूमिका: Satnam Singh & Ors बनाम Harwinder Singh, 2025 के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय”

“Order 22 CPC और अधिवक्ता की भूमिका: Satnam Singh & Ors बनाम Harwinder Singh, 2025 के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय” प्रस्तावना: दिवानी प्रक्रिया संहिता (Code of Civil Procedure – CPC) के आदेश 22 में वाद-पक्षकार की मृत्यु की स्थिति में प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। वर्ष 2025 के Satnam … Read more

“परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोजन में सख्त अनुपालन की अनिवार्यता: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामले में न्यायिक दृष्टिकोण”

“परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोजन में सख्त अनुपालन की अनिवार्यता: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामले में न्यायिक दृष्टिकोण” भूमिका: भारत में आर्थिक लेन-देन की विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अधिनियम की धारा 138 विशेष रूप से उस स्थिति … Read more

“हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत पत्नी द्वारा तलाक याचिका दायर करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारिता: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का निर्णय”

“हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत पत्नी द्वारा तलाक याचिका दायर करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारिता: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का निर्णय” परिचय: हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए यह स्पष्ट किया है कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act, 1955) के अंतर्गत यदि पत्नी तलाक … Read more

“सहायक अध्यापक को मिलेगा हेडमास्टर का वेतन: इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय”

“सहायक अध्यापक को मिलेगा हेडमास्टर का वेतन: इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय” परिचय: हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया जिसमें कहा गया कि यदि कोई सहायक अध्यापक (Assistant Teacher) प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालय में सभी निर्धारित योग्यताएं और शर्तें पूरी करते हुए हेडमास्टर (Headmaster) के रूप में कार्य कर … Read more

“न्याय की पूर्णता के लिए वाद-पत्र संशोधन की अनुमति: महाबीर प्रसाद बनाम मुरारी लाल एवं अन्य मामला (Order 6 Rule 17 CPC)”

“न्याय की पूर्णता के लिए वाद-पत्र संशोधन की अनुमति: महाबीर प्रसाद बनाम मुरारी लाल एवं अन्य मामला (Order 6 Rule 17 CPC)” परिचय: Mahabir Prasad बनाम Murari Lal & Others, PbHr 2025 (CR-1065-2025, O&M) मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने Order 6 Rule 17 सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय … Read more

“धारा 138 एन.आई. एक्ट के अंतर्गत अभियोजन से पहले आवश्यक शर्तों की पूर्ति अनिवार्य: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामला”

“धारा 138 एन.आई. एक्ट के अंतर्गत अभियोजन से पहले आवश्यक शर्तों की पूर्ति अनिवार्य: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामला” लेख (Article): परिचय: हाल ही में Kulbhushan Gupta बनाम Bishambar Ram मामले में जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए धारा 138, विनिमेय लिखत अधिनियम, 1881 (Negotiable Instruments Act, … Read more