भारत में पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge) की सुरक्षा जैव विविधता कानून के अंतर्गत कैसे की जाती है? इस विषय में विधिक प्रावधानों की समीक्षा कीजिए।

भारत में पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge) की सुरक्षा जैव विविधता कानून, विशेष रूप से “जैव विविधता अधिनियम, 2002” (Biological Diversity Act, 2002) के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। इस अधिनियम का उद्देश्य जैव संसाधनों के संरक्षण, सतत उपयोग और उनके लाभों के समान वितरण को सुनिश्चित करना है, जिसमें पारंपरिक ज्ञान की रक्षा एक … Read more

जैव संसाधनों के व्यापार और उनके लाभों के समान वितरण (Access and Benefit Sharing – ABS) की अवधारणा पर प्रकाश डालिए। भारतीय जैव विविधता कानून में इसका क्या महत्व है?

जैव संसाधनों के व्यापार और उनके लाभों के समान वितरण (Access and Benefit Sharing – ABS) की अवधारणा जैव विविधता के संरक्षण, उसके सतत उपयोग, और जैव संसाधनों से प्राप्त लाभों के न्यायसंगत और समान वितरण से संबंधित है। यह अवधारणा विशेष रूप से ‘नागोया प्रोटोकॉल’ (Nagoya Protocol) से प्रेरित है, जो कि संयुक्त राष्ट्र … Read more