BNS की धारा 105 — गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide Not Amounting to Murder): परिभाषा, तत्व, अंतर, सज़ा और व्यवहारिक उदाहरण

BNS की धारा 105 — गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide Not Amounting to Murder): परिभाषा, तत्व, अंतर, सज़ा और व्यवहारिक उदाहरण


1. प्रस्तावना

Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 (BNS) की धारा 105 “गैर इरादतन हत्या” (Culpable Homicide Not Amounting to Murder) से संबंधित अपराधों को निर्धारित करती है—ऐसी स्थिति जहाँ किसी की मृत्यु होती है, लेकिन आरोपी का सीधा इरादा हत्या करने का नहीं था। इस धारा का उद्देश्य उन कृत्यों को दंडित करना है जो जान से मारने का इरादा न रखकर भी घातक परिणाम उत्पन्न करने वाले कार्यों से किसी की मौत का कारण बनते हैं।


2. धारा 105 की संरचना

धारा 105 के अंतर्गत दो मुख्य परिस्थितियाँ आती हैं:

(i) इरादा तो था, लेकिन हत्या का नहीं:
जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करता है जिससे किसी की मौत हो सकती है, और उसे इस बात का ज्ञान भी होता है, लेकिन उसका उद्देश्य किसी की हत्या करना नहीं होता।

सज़ा:
आजीवन कारावास या 5 से 10 वर्ष तक की सश्रम जेल और जुर्माना।

(ii) केवल मृत्यु की संभावना का ज्ञान था:
जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करता है, जिससे मौत होने की संभावना होती है, लेकिन न तो उसका कोई इरादा होता है और न ही वह चाहता है कि किसी की मृत्यु हो।

सज़ा:
10 वर्ष तक की जेल और जुर्माना।


3. गैर इरादतन हत्या और हत्या में अंतर

बिंदु गैर इरादतन हत्या (धारा 105) हत्या (धारा 103)
उद्देश्य जान से मारने का इरादा नहीं जान से मारने का इरादा
मानसिक अवस्था केवल ज्ञान या सामान्य इरादा पूर्ण और स्पष्ट इरादा
सज़ा अधिकतम आजीवन कारावास या 10 साल मृत्युदंड या आजीवन कारावास

4. उदाहरण

उदाहरण 1:
आप बहुत तेज़ गाड़ी चला रहे हैं और किसी पैदल यात्री को टक्कर लग जाती है जिससे उसकी मौत हो जाती है। अगर यह सिद्ध होता है कि आपको इस बात का ज्ञान था कि तेज़ गति से गाड़ी चलाने से जान जा सकती है, लेकिन आपने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, तो यह गैर इरादतन हत्या मानी जाएगी।

उदाहरण 2:
किसी ने आत्मरक्षा में हमला किया और सामने वाले की मौत हो गई। यदि यह साबित होता है कि उसका इरादा हत्या का नहीं था, तो मामला धारा 105 के अंतर्गत आ सकता है।


5. मानसिक अवस्था का महत्व: इरादा बनाम ज्ञान

  • इरादा (Intention): जब व्यक्ति किसी को मारने या घातक चोट पहुँचाने का इच्छुक होता है।
  • ज्ञान (Knowledge): जब व्यक्ति को अपने कार्य के संभावित परिणाम की जानकारी होती है, भले ही हत्या का कोई उद्देश्य न हो।

6. कानूनी प्रक्रिया

  • यह अपराध गंभीर (Grave) माना जाता है।
  • यह एक Cognizable और Non-Bailable अपराध है।
  • इसका विचारण Sessions Court द्वारा किया जाता है।
  • पुलिस जाँच के बाद आरोपी के मानसिक स्थिति, क्रिया और परिस्थिति का मूल्यांकन कर अदालत में अभियोग लगाया जाता है।

7. न्यायिक विवेचना और हालिया मामले

(i) गलत साइड ड्राइविंग:
हाल ही में एक केस में SUV चालक जो गलत दिशा में गाड़ी चला रहा था, एक वकील की मृत्यु का कारण बना। शुरू में यह लापरवाही मानी गई, लेकिन बाद में BNS की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया।

(ii) सुरक्षा गार्ड द्वारा गोलीबारी:
बीड जिले में एक निजी गार्ड ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। यदि यह साबित हो जाए कि आत्मरक्षा आवश्यक थी और अनुपात में थी, तो अदालत धारा 105 को लागू नहीं करेगी।


8. बचाव के उपाय (Defences)

  • निजी रक्षा (Right of Private Defence)
  • दुर्घटना (Accident)
  • इरादा और ज्ञान की अनुपस्थिति
  • अचानक उकसाव (Grave and Sudden Provocation)

यदि उपरोक्त बचाव प्रमाणित हो जाए, तो आरोपी को दोषमुक्त किया जा सकता है।


9. निष्कर्ष

BNS की धारा 105 उन मामलों को कवर करती है जहाँ किसी की मौत तो होती है, लेकिन हत्या का सीधा इरादा नहीं होता। यह धारा न्याय प्रणाली में संतुलन लाने का कार्य करती है—जहाँ एक ओर दोषपूर्ण कृत्यों को दंडित किया जाता है, वहीं दूसरी ओर उन्हें हत्या के समान सख्ती से नहीं देखा जाता यदि हत्या का उद्देश्य सिद्ध न हो। यह धारा न्याय, उद्देश्य और परिस्थिति के आधार पर न्यायसंगत निर्णय सुनिश्चित करने में सहायक है।