व्यक्तिगत दिवालियापन (Personal Insolvency) और कॉर्पोरेट दिवालियापन में क्या अंतर है? उदाहरण सहित समझाइए।

यह रहा व्यक्तिगत दिवालियापन और कॉर्पोरेट दिवालियापन के बीच एक विस्तृत और तुलनात्मक विवरण — उदाहरण सहित — जो इन दोनों प्रक्रियाओं की प्रकृति, उद्देश्य, प्रक्रिया और कानूनी ढांचे को गहराई से समझाता है: 1. परिचय (Introduction) भारत में Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 (IBC) ने दिवालियापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक एकीकृत … Read more

“पुनर्मूल्यांकन नोटिस की समय-सीमा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: Union of India बनाम राजीव बंसल”

“पुनर्मूल्यांकन नोटिस की समय-सीमा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: Union of India बनाम राजीव बंसल” भूमिका:हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में Taxation and Other Laws (Relaxation and Amendment of Certain Provisions) Act, 2020 (TOLA) की व्याख्या करते हुए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने की समय-सीमा को … Read more

भारत में पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge) की सुरक्षा जैव विविधता कानून के अंतर्गत कैसे की जाती है? इस विषय में विधिक प्रावधानों की समीक्षा कीजिए।

भारत में पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge) की सुरक्षा जैव विविधता कानून, विशेष रूप से “जैव विविधता अधिनियम, 2002” (Biological Diversity Act, 2002) के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। इस अधिनियम का उद्देश्य जैव संसाधनों के संरक्षण, सतत उपयोग और उनके लाभों के समान वितरण को सुनिश्चित करना है, जिसमें पारंपरिक ज्ञान की रक्षा एक … Read more

जैव संसाधनों के व्यापार और उनके लाभों के समान वितरण (Access and Benefit Sharing – ABS) की अवधारणा पर प्रकाश डालिए। भारतीय जैव विविधता कानून में इसका क्या महत्व है?

जैव संसाधनों के व्यापार और उनके लाभों के समान वितरण (Access and Benefit Sharing – ABS) की अवधारणा जैव विविधता के संरक्षण, उसके सतत उपयोग, और जैव संसाधनों से प्राप्त लाभों के न्यायसंगत और समान वितरण से संबंधित है। यह अवधारणा विशेष रूप से ‘नागोया प्रोटोकॉल’ (Nagoya Protocol) से प्रेरित है, जो कि संयुक्त राष्ट्र … Read more