“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कॉर्पोरेट शासन: उत्तरदायित्व, पारदर्शिता और नीतिगत संतुलन की ओर”
प्रस्तावना
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के समय में कॉर्पोरेट दुनिया में सबसे बड़ा तकनीकी परिवर्तन ला रही है। चाहे वह डेटा विश्लेषण हो, जोखिम प्रबंधन, या स्वचालित निर्णय प्रणाली—AI ने कॉर्पोरेट संचालन की परंपरागत संरचना को चुनौती दी है। परंतु इस प्रौद्योगिकी के साथ कई नैतिक, विधिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं, जिससे कॉर्पोरेट शासन (Corporate Governance) के सिद्धांतों में पुनर्विचार की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है।
AI और कॉर्पोरेट शासन का अंतर्संबंध
कॉर्पोरेट शासन एक ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत कंपनियों का संचालन और नियंत्रण होता है। इसमें निदेशक मंडल, प्रबंधन, शेयरधारक एवं अन्य हितधारकों के बीच उत्तरदायित्व, पारदर्शिता और नैतिकता का संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। जब निर्णय लेने में AI शामिल हो जाती है, तब पारंपरिक उत्तरदायित्व (Accountability) और पारदर्शिता (Transparency) के सिद्धांत जटिल हो जाते हैं।
मुख्य विषय:
1. AI आधारित निर्णय प्रणाली और निदेशक मंडल की भूमिका
AI के निर्णय अक्सर एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग मॉडल्स पर आधारित होते हैं, जिन्हें समझना सभी बोर्ड सदस्यों के लिए आसान नहीं होता। इससे ‘व्यवसायिक निर्णय सिद्धांत’ (Business Judgment Rule) और ‘बोर्ड की कर्तव्यनिष्ठा’ की व्याख्या प्रभावित होती है। बोर्ड सदस्यों को अब तकनीकी साक्षरता की भी आवश्यकता है ताकि वे AI आधारित सिफारिशों की समीक्षा कर सकें।
2. उत्तरदायित्व और एल्गोरिदमिक पूर्वग्रह (Bias)
AI मॉडल कभी-कभी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होते हैं, जिससे भेदभावपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। यदि किसी AI सिस्टम के कारण किसी हितधारक को नुकसान होता है, तो कानूनी रूप से उत्तरदायित्व किसका होगा—कंपनी का, AI डेवलपर का, या डेटा प्रदाता का? यह एक खुला प्रश्न है जिसे कॉर्पोरेट शासन नीति में स्पष्ट करना आवश्यक है।
3. डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा
AI संचालन के लिए विशाल मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है, जिसमें उपभोक्ताओं, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की संवेदनशील जानकारी शामिल होती है। इस डेटा की सुरक्षा और उचित उपयोग कॉर्पोरेट नैतिकता तथा विधिक अनुपालन का हिस्सा बनता है।
4. AI नैतिकता और ESG (Environment, Social & Governance)
आज की कंपनियों को केवल लाभ नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी उत्तरदायी माना जाता है। AI के उपयोग में नैतिकता, मानवाधिकार, और जवाबदेही के सिद्धांतों का समावेश ESG ढांचे में भी आवश्यक हो गया है।
भारत में कॉर्पोरेट शासन और AI से जुड़े कानूनी संकेत
भारत में AI और कॉर्पोरेट शासन के क्षेत्र में अब तक कोई समर्पित कानून नहीं है, लेकिन कंपनियों अधिनियम, 2013 के तहत निदेशकों की कर्तव्यनिष्ठा, गोपनीयता कानून (जैसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023), और SEBI द्वारा जारी गवर्नेंस दिशानिर्देश अप्रत्यक्ष रूप से लागू होते हैं। भविष्य में विशेष रूप से AI गवर्नेंस पर अलग नियामकीय ढांचे की संभावना प्रबल है।
निष्कर्ष
AI ने कॉर्पोरेट शासन के क्षेत्र में नए अवसर और नई चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं। यह आवश्यक है कि कंपनियाँ AI का उपयोग करते समय पारदर्शिता, जवाबदेही, और नैतिकता के सिद्धांतों को अपनाएं। निदेशक मंडल को तकनीकी समझ विकसित करनी होगी, और नीति-निर्माताओं को एक स्पष्ट विधिक ढांचा तैयार करना होगा, ताकि AI के उपयोग से कॉर्पोरेट शासन अधिक उत्तरदायी और न्यायसंगत बन सके।