समाजशास्त्र – II (Sociology – II) Part-1

1. सामाजिक परिवर्तन क्या है? इसके कारक समझाइए।

सामाजिक परिवर्तन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से समाज की संरचना, संस्थाएं, मूल्य एवं मान्यताएं समय के साथ बदलती हैं। यह परिवर्तन धीमा या तीव्र, योजनाबद्ध या स्वतः हो सकता है। इसके प्रमुख कारक हैं:

  1. प्रौद्योगिकी (Technology): नई तकनीकें जैसे इंटरनेट, मोबाइल, परिवहन आदि समाज को तीव्र गति से बदलते हैं।
  2. आर्थिक कारण: औद्योगिकीकरण व नगरीकरण के कारण पारंपरिक व्यवस्था में बदलाव होता है।
  3. राजनीतिक कारण: नीतियों, कानूनों, और आंदोलनों से सामाजिक संरचना प्रभावित होती है।
  4. शिक्षा: शिक्षा सामाजिक चेतना बढ़ाकर सामाजिक गतिशीलता को प्रोत्साहित करती है।
  5. सांस्कृतिक कारण: एक संस्कृति से दूसरी संस्कृति में संपर्क के कारण भी परिवर्तन होते हैं।
    सामाजिक परिवर्तन समाज को प्रगतिशील बना सकता है, परन्तु कभी-कभी इससे सामाजिक तनाव भी उत्पन्न होता है।

2. सामाजिककरण (Socialization) क्या है? इसके प्रकार बताइए।

सामाजिककरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति समाज के मूल्यों, परंपराओं, आचरणों एवं मान्यताओं को सीखता है और एक जिम्मेदार सदस्य बनता है।
इस प्रक्रिया के दो मुख्य प्रकार हैं:

  1. प्राथमिक सामाजिककरण: यह जीवन के प्रारंभिक चरण में होता है, विशेषतः परिवार में।
  2. द्वितीयक सामाजिककरण: यह विद्यालय, सहकर्मी, धार्मिक संस्थाओं आदि के माध्यम से होता है।
    सामाजिककरण जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। यह व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करता है और समाज में अनुकूलन योग्य बनाता है।

3. जाति व्यवस्था क्या है? इसके प्रमुख लक्षण बताइए।

जाति व्यवस्था एक सामाजिक व्यवस्था है जिसमें जन्म के आधार पर लोगों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:

  1. जन्म आधारित वर्गीकरण: व्यक्ति की जाति जन्म से निर्धारित होती है।
  2. विवाह प्रतिबंध: जातियों के बीच अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित नहीं किया जाता।
  3. भोजन संबंधी नियम: उच्च जातियां निम्न जातियों से भोजन ग्रहण नहीं करतीं।
  4. व्यावसायिक विभाजन: प्रत्येक जाति का परंपरागत व्यवसाय निर्धारित होता है।
  5. सामाजिक स्तरता: जातियों के बीच श्रेष्ठता व हीनता की भावना प्रबल होती है।
    हालांकि आधुनिक भारत में जाति व्यवस्था का प्रभाव घटा है, परन्तु यह अभी भी सामाजिक संरचना को प्रभावित करती है।

4. सामाजिक संस्थाएं क्या होती हैं? प्रमुख प्रकार बताइए।

सामाजिक संस्थाएं वे संगठित व्यवस्थाएं हैं जो समाज के क्रियाकलापों को संचालित करती हैं। ये व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित कर सामाजिक व्यवस्था बनाए रखती हैं।
प्रमुख सामाजिक संस्थाएं हैं:

  1. परिवार: सामाजिककरण की प्राथमिक संस्था।
  2. धर्म: आध्यात्मिक विश्वासों और आचरण को संचालित करता है।
  3. शिक्षा: ज्ञान का प्रसार और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा देती है।
  4. राजनीति: सत्ता का प्रयोग और समाज में नियंत्रण स्थापित करती है।
  5. अर्थव्यवस्था: संसाधनों का उत्पादन, वितरण और उपभोग करती है।
    प्रत्येक संस्था समाज के स्थायित्व और विकास में योगदान देती है।

5. नगरीकरण क्या है? इसके सामाजिक प्रभाव बताइए।

नगरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें जनसंख्या का एक बड़ा भाग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर स्थानांतरित होता है और शहरों का विस्तार होता है।
इसके सामाजिक प्रभाव इस प्रकार हैं:

  1. पारंपरिक मूल्य क्षीण होते हैं और व्यक्तिगतता को बल मिलता है।
  2. आवास, पानी, स्वच्छता जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
  3. अपराध, बेरोजगारी और झुग्गियों की संख्या बढ़ती है।
  4. सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा मिलता है, जिससे व्यक्ति अपने प्रयास से उन्नति कर सकता है।
  5. महिला स्वतंत्रता और शिक्षा को बढ़ावा मिलता है।
    नगरीकरण सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव समाज पर डालता है।

6. सामाजिक समस्या क्या होती है? उदाहरण सहित समझाइए।

सामाजिक समस्या वह स्थिति होती है जो समाज के एक बड़े हिस्से के लिए हानिकारक होती है और जिसे समाज अवांछनीय मानता है। यह समाज के सामान्य कामकाज में बाधा उत्पन्न करती है।
उदाहरण के लिए – बाल श्रम एक सामाजिक समस्या है जिसमें छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित होकर मजदूरी करने को विवश होते हैं।
अन्य सामाजिक समस्याएं हैं:

  • बेरोजगारी
  • गरीबी
  • दहेज प्रथा
  • बाल विवाह
  • नशाखोरी
    सामाजिक समस्याएं अक्सर सांस्कृतिक, आर्थिक, और राजनीतिक असमानताओं से उत्पन्न होती हैं और इनका समाधान समाज के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।

7. बेरोजगारी क्या है? यह समाज को कैसे प्रभावित करती है?

बेरोजगारी वह स्थिति है जब कार्य करने की इच्छा और योग्यता रखने वाला व्यक्ति कार्य नहीं पाता है।
इसका सामाजिक प्रभाव:

  1. आर्थिक अस्थिरता
  2. अपराध और असामाजिक गतिविधियों में वृद्धि
  3. मानसिक तनाव और आत्महत्या के मामले
  4. परिवार में तनाव और टूटन
  5. सामाजिक असमानता और आंदोलन
    बेरोजगारी विशेषकर युवाओं को प्रभावित करती है। इसके समाधान के लिए कौशल विकास, रोजगार सृजन, और उद्यमिता को बढ़ावा देना आवश्यक है।

8. बाल विवाह की समस्या और इसके प्रभाव क्या हैं?

बाल विवाह वह विवाह है जिसमें लड़कियों की आयु 18 वर्ष और लड़कों की आयु 21 वर्ष से कम होती है।
प्रभाव:

  1. स्वास्थ्य पर प्रभाव – किशोर गर्भधारण से मातृ मृत्यु दर बढ़ती है।
  2. शिक्षा बाधित होती है – बालिकाएं स्कूल छोड़ देती हैं।
  3. आर्थिक निर्भरता – लड़कियां आत्मनिर्भर नहीं बन पातीं।
  4. घरेलू हिंसा – कम उम्र में विवाह करने वाली महिलाएं अधिक हिंसा का शिकार होती हैं।
  5. कानूनी अपराध – यह कानूनन अपराध है (Prohibition of Child Marriage Act, 2006)।
    इस समस्या को रोकने के लिए जनजागरूकता, शिक्षा और कठोर कानूनों का पालन आवश्यक है।

9. शिक्षा का समाज में क्या महत्व है?

शिक्षा एक सामाजिक संस्था है जो ज्ञान, कौशल और मूल्य प्रदान करती है। यह सामाजिक परिवर्तन, सामाजिक नियंत्रण और सामाजिक गतिशीलता का मुख्य साधन है।
शिक्षा के सामाजिक प्रभाव:

  1. सामाजिक समानता को बढ़ावा
  2. आर्थिक विकास में योगदान
  3. नैतिकता और नागरिकता की भावना
  4. महिलाओं का सशक्तिकरण
  5. जातिवाद, लिंगभेद जैसी कुरीतियों को चुनौती
    शिक्षा न केवल व्यक्ति को सक्षम बनाती है, बल्कि एक प्रगतिशील और न्यायसंगत समाज की नींव रखती है।

10. परिवार क्या है? परिवार के प्रकार बताइए।

परिवार एक प्राथमिक सामाजिक संस्था है जिसमें रक्त संबंध, विवाह या गोद लेने के आधार पर लोग एक साथ रहते हैं।
प्रकार:

  1. संयुक्त परिवार – एक ही छत के नीचे एक से अधिक पीढ़ियों का निवास।
  2. एकल परिवार – माता-पिता और उनके अविवाहित बच्चे।
  3. पैतृक परिवार – जिसमें पितृसत्तात्मक अधिकार होता है।
  4. मातृक परिवार – जिसमें मातृसत्तात्मक अधिकार होता है।
    परिवार सामाजिककरण, सुरक्षा, सामाजिक नियंत्रण और सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करता है।

11. लैंगिक असमानता क्या है? इसके सामाजिक परिणाम बताइए।

लैंगिक असमानता वह स्थिति है जब समाज में पुरुषों और महिलाओं के साथ भिन्न व्यवहार किया जाता है।
सामाजिक परिणाम:

  1. महिलाओं को शिक्षा और रोजगार से वंचित करना
  2. घरेलू हिंसा और दहेज हत्या
  3. राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी
  4. कन्या भ्रूण हत्या और लैंगिक अनुपात में गिरावट
  5. सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधा
    लैंगिक समानता के लिए शिक्षा, कानून और महिला सशक्तिकरण आवश्यक हैं।

12. सामाजिक गतिशीलता (Social Mobility) क्या है? इसके प्रकार बताइए।

सामाजिक गतिशीलता वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति या समूह सामाजिक स्थिति में ऊपर या नीचे जाते हैं।
प्रकार:

  1. ऊर्ध्व गतिशीलता (Upward Mobility): जब कोई व्यक्ति निम्न वर्ग से उच्च वर्ग में पहुँचता है।
  2. अधोगामी गतिशीलता (Downward Mobility): उच्च वर्ग से निम्न वर्ग की ओर जाना।
  3. क्षैतिज गतिशीलता (Horizontal Mobility): समान स्तर पर स्थिति में परिवर्तन, जैसे नौकरी बदलना।
    सामाजिक गतिशीलता समाज में प्रगति और प्रतियोगिता को बढ़ावा देती है।

13. जनसंख्या वृद्धि की समस्या और समाधान बताइए।

जनसंख्या वृद्धि तब समस्या बन जाती है जब संसाधनों से अधिक जनसंख्या हो जाती है।
समस्या:

  1. आवास, भोजन और जल संकट
  2. बेरोजगारी और गरीबी में वृद्धि
  3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव
  4. पर्यावरण प्रदूषण
    समाधान:
  • परिवार नियोजन
  • जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम
  • शिक्षा का प्रसार
  • महिलाओं का सशक्तिकरण
    संवेदनशील नीतियों और जनजागरूकता से जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।

14. महिला सशक्तिकरण क्या है? इसके घटक बताइए।

महिला सशक्तिकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक रूप से सक्षम बनाया जाता है।
घटक:

  1. शिक्षा का अधिकार
  2. स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता
  3. आर्थिक आत्मनिर्भरता
  4. राजनीतिक भागीदारी
  5. कानूनी अधिकारों की सुरक्षा
    सशक्त महिलाएं न केवल परिवार बल्कि समाज और राष्ट्र को भी मजबूत बनाती हैं।

15. दहेज प्रथा क्या है? यह क्यों एक सामाजिक बुराई है?

दहेज प्रथा वह प्रथा है जिसमें विवाह के समय लड़की के परिवार से लड़के के परिवार को धन, वस्तुएं आदि दी जाती हैं।
यह सामाजिक बुराई है क्योंकि:

  1. महिलाओं पर आर्थिक बोझ
  2. दहेज हत्याएं और उत्पीड़न
  3. कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा
  4. महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता बाधित होती है
  5. गरीब परिवारों के लिए चिंता का विषय
    दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के तहत यह अवैध है, परंतु सामाजिक जागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है।

16. ग्रामीण समाज की विशेषताएँ बताइए।

ग्रामीण समाज पारंपरिक, कृषि आधारित और सामूहिक जीवन प्रणाली पर आधारित होता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  1. कृषि प्रधान जीवन – अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर होते हैं।
  2. सामूहिकता – परिवार और समुदाय का जीवन सामूहिक होता है।
  3. परंपरा और धर्म प्रधानता – रीति-रिवाजों और धार्मिक मान्यताओं का प्रभाव अधिक होता है।
  4. वर्ग एवं जाति व्यवस्था – सामाजिक स्तर जाति पर आधारित होता है।
  5. धीमी परिवर्तन गति – नवाचार की गति नगरीय क्षेत्रों से धीमी होती है।
    ग्रामीण समाज भारत की आत्मा माना जाता है, परंतु इसमें सुधार हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की पहुंच जरूरी है।

17. शहरी समाज की विशेषताएँ बताइए।

शहरी समाज आधुनिक, औद्योगिक और विविधता युक्त होता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  1. औद्योगीकरण और व्यावसायिकता – जीवन रोजगार पर केंद्रित होता है।
  2. वैयक्तिकता – व्यक्तिगत जीवन और स्वतंत्रता को महत्व मिलता है।
  3. तेजी से सामाजिक परिवर्तन
  4. सामाजिक गतिशीलता – व्यक्ति अपनी योग्यता से उन्नति कर सकता है।
  5. समस्या और तनाव – अधिक जनसंख्या, प्रदूषण, अपराध आदि समस्याएं भी होती हैं।
    शहरीकरण समाज के विकास का संकेत है लेकिन इससे जुड़ी चुनौतियों का समाधान भी जरूरी है।

18. भारत में गरीबी की समस्या के सामाजिक प्रभाव बताइए।

गरीबी वह स्थिति है जब व्यक्ति की बुनियादी आवश्यकताएँ जैसे भोजन, आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा पूरी नहीं हो पातीं।
सामाजिक प्रभाव:

  1. अशिक्षा और बाल श्रम
  2. अपराध और असामाजिक गतिविधियाँ
  3. स्वास्थ्य समस्याएं और कुपोषण
  4. सामाजिक असमानता और भेदभाव
  5. राजनीतिक असंतोष और अस्थिरता
    गरीबी उन्मूलन के लिए शिक्षा, कौशल विकास, योजनाएं जैसे MGNREGA, और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं।

19. जनजातीय समाज की विशेषताएं क्या हैं?

जनजातीय समाज विशेष रूप से प्राकृतिक परिवेश में रहने वाले समूह होते हैं। इनकी विशेषताएं हैं:

  1. स्वायत्तता और अलग पहचान
  2. परंपरागत जीवनशैली और धार्मिक विश्वास
  3. कृषि, शिकार, वन उत्पादों पर निर्भरता
  4. सामूहिक जीवन और समानता
  5. अत्यधिक गरीबी और शिक्षा की कमी
    भारत सरकार ने जनजातियों के विकास हेतु संविधान में विशेष प्रावधान और योजनाएं (जैसे SC/ST एक्ट, वन अधिकार अधिनियम) बनाए हैं।

20. समाज और संस्कृति में संबंध स्पष्ट कीजिए।

समाज और संस्कृति आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं।

  • समाज लोगों का संगठित समूह है, जो परस्पर संबंधों में बंधा होता है।
  • संस्कृति उन मूल्यों, विश्वासों, परंपराओं और आचरणों का समूह है जो समाज के सदस्यों द्वारा अपनाया जाता है।
    संस्कृति समाज को दिशा देती है और समाज संस्कृति को संरक्षण व विकास देता है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।

21. सामाजिक नियंत्रण क्या है? इसके प्रकार बताइए।

सामाजिक नियंत्रण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से समाज अपने सदस्यों के व्यवहार को नियंत्रित करता है।
प्रकार:

  1. औपचारिक (Formal) – कानून, नियम, प्रशासन द्वारा लागू किया जाता है।
  2. अनौपचारिक (Informal) – परंपरा, रीति-रिवाज, परिवार, धर्म द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
    सामाजिक नियंत्रण समाज की व्यवस्था बनाए रखने और नैतिक जीवन के लिए आवश्यक है।

22. सामाजिक स्तरीकरण क्या है?

सामाजिक स्तरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें समाज के लोगों को विभिन्न स्तरों पर वर्गीकृत किया जाता है।
यह स्तरीकरण जाति, वर्ग, लिंग, शिक्षा, आर्थिक स्थिति आदि के आधार पर हो सकता है।
यह समाज में असमानता को जन्म देता है, लेकिन कभी-कभी यह सामाजिक दायित्वों को भी निर्धारित करता है।
आधुनिक समाज में वर्ग आधारित स्तरीकरण अधिक प्रचलित है।


23. समाजशास्त्र और कानून के बीच संबंध बताइए।

समाजशास्त्र और कानून का घनिष्ठ संबंध है:

  • कानून समाज के लिए बनाए जाते हैं और समाजशास्त्र उनका अध्ययन करता है।
  • समाज में जब मूल्य और मान्यताएं बदलती हैं, तो कानून भी बदलते हैं।
  • समाजशास्त्र सामाजिक समस्याओं को उजागर करता है और कानून उनके समाधान का माध्यम होता है।
    दोनों समाज की व्यवस्था बनाए रखने में सहायक हैं।

24. पंथ और संप्रदाय में अंतर बताइए।

पंथ किसी धर्म के भीतर एक विचारधारा या परंपरा है, जबकि संप्रदाय एक अलग धार्मिक समुदाय होता है।
उदाहरण: हिन्दू धर्म में शैव और वैष्णव पंथ हैं, जबकि सिख, इस्लाम आदि संप्रदाय हैं।
संप्रदाय का सामाजिक प्रभाव अधिक व्यापक होता है, जबकि पंथ धार्मिक अनुभव तक सीमित होता है।


25. बहुविवाह क्या है? इसके प्रभाव बताइए।

बहुविवाह वह प्रथा है जिसमें एक व्यक्ति एक से अधिक जीवनसाथी रखता है।
प्रभाव:

  • महिलाओं की स्थिति कमजोर होती है।
  • पारिवारिक कलह बढ़ता है।
  • बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव।
  • महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन।
    अतः भारतीय कानूनों में बहुविवाह को प्रतिबंधित किया गया है (हिंदू विवाह अधिनियम, 1955)।

26. सामाजिक आंदोलन क्या है? उदाहरण सहित समझाइए।

सामाजिक आंदोलन वह संगठित प्रयास है जो किसी सामाजिक परिवर्तन के लिए किया जाता है।
उदाहरण:

  • चिपको आंदोलन – पर्यावरण संरक्षण हेतु
  • दलित आंदोलन – सामाजिक न्याय के लिए
  • नारी आंदोलन – महिला अधिकारों के लिए
    ये आंदोलन सामाजिक चेतना और न्याय को सुदृढ़ करते हैं।

27. महिला शिक्षा का समाज पर प्रभाव क्या है?

महिला शिक्षा समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाती है:

  • जनसंख्या नियंत्रण
  • स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
  • आर्थिक विकास
  • सामाजिक समानता
  • राजनीतिक भागीदारी
    महिला शिक्षा का प्रसार समाज को समृद्ध, न्यायपूर्ण और सशक्त बनाता है।

28. भ्रष्टाचार की सामाजिक समस्या पर प्रकाश डालिए।

भ्रष्टाचार समाज की जड़ों को कमजोर करता है।
प्रभाव:

  • कानून का उल्लंघन
  • गरीबों के अधिकारों का हनन
  • विकास में बाधा
  • समाज में अविश्वास का वातावरण
    भ्रष्टाचार रोकने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और कड़ी सजा जरूरी है।

29. नारीवाद (Feminism) क्या है?

नारीवाद एक वैचारिक आंदोलन है जो महिलाओं को समान अधिकार, अवसर और सम्मान दिलाने की मांग करता है।
इसका उद्देश्य लैंगिक असमानता को समाप्त करना और महिलाओं को स्वतंत्र एवं सशक्त बनाना है।
नारीवाद सामाजिक सुधार, शिक्षा, कानून और राजनीति के माध्यम से समानता की स्थापना चाहता है।


30. आरक्षण नीति का समाज पर प्रभाव बताइए।

आरक्षण नीति समाज के पिछड़े वर्गों को समान अवसर प्रदान करने का प्रयास है।
सकारात्मक प्रभाव:

  • सामाजिक न्याय की स्थापना
  • शिक्षा और नौकरियों में प्रतिनिधित्व
  • आर्थिक सुधार
    नकारात्मक प्रभाव:
  • प्रतिभा को नज़रअंदाज करना
  • सामाजिक तनाव
    आरक्षण का उद्देश्य समता लाना है, लेकिन इसे समयबद्ध और न्यायसंगत ढंग से लागू किया जाना चाहिए।

31. सामाजिक एकीकरण (Social Integration) क्या है?

सामाजिक एकीकरण वह प्रक्रिया है जिससे समाज के विभिन्न वर्ग, समूह, जातियाँ और समुदाय एकजुट होकर सामूहिक सामाजिक जीवन जीते हैं। यह सामाजिक एकता, सामंजस्य और सहयोग को बढ़ाता है।
इसके लिए आवश्यक तत्व हैं –

  • समान अवसर
  • समान नागरिक अधिकार
  • सांस्कृतिक सहिष्णुता
  • आर्थिक समावेशन
    जब समाज में सामाजिक एकीकरण मजबूत होता है, तब संघर्ष, भेदभाव और असंतोष की घटनाएँ कम होती हैं।

32. भारत में धार्मिक सहिष्णुता का महत्व समझाइए।

भारत विविध धर्मों का देश है। यहाँ धार्मिक सहिष्णुता सामाजिक समरसता और शांति बनाए रखने का आधार है।
इसका महत्व:

  • सांप्रदायिक सद्भाव बना रहता है।
  • लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होती है।
  • अल्पसंख्यकों को अधिकार मिलते हैं।
  • समाज में समृद्धि और शांति बनी रहती है।
    धार्मिक सहिष्णुता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में संरक्षित है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

33. जनसंख्या नीति क्या है? इसके उद्देश्य बताइए।

जनसंख्या नीति एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना तथा जनसंख्या के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना होता है।
भारत की जनसंख्या नीति 2000 के मुख्य उद्देश्य:

  • कुल प्रजनन दर को कम करना
  • शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी
  • गर्भनिरोधकों की उपलब्धता
  • महिला सशक्तिकरण और शिक्षा
    यह नीति जनसंख्या के संतुलन और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण हेतु महत्वपूर्ण है।

34. सामाजिक समानता का क्या अर्थ है?

सामाजिक समानता का अर्थ है कि समाज के सभी व्यक्तियों को जन्म, जाति, लिंग, धर्म या वर्ग के आधार पर कोई भेदभाव किए बिना समान अवसर और अधिकार मिलें।
यह लोकतंत्र और मानवाधिकारों का मूल सिद्धांत है।
सामाजिक समानता लाने के लिए शिक्षा, आरक्षण, कानून और जनजागरूकता जैसे माध्यमों का उपयोग किया जाता है।


35. भारत में जातिगत भेदभाव के दुष्परिणाम समझाइए।

जातिगत भेदभाव एक सामाजिक बुराई है जो समाज को विभाजित करता है और विकास में बाधा डालता है। इसके दुष्परिणाम:

  • सामाजिक असमानता और टकराव
  • दलितों और पिछड़े वर्गों का शोषण
  • आर्थिक अवसरों से वंचित करना
  • सामाजिक एकता को खतरा
  • राजनीतिक ध्रुवीकरण
    भारत में यह भेदभाव अनुच्छेद 15 और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम द्वारा निषिद्ध है।

36. शहरीकरण के कारण और प्रभाव बताइए।

कारण:

  • औद्योगीकरण
  • रोजगार की खोज
  • बेहतर जीवन की आकांक्षा
  • शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ
    प्रभाव:
  • झुग्गियों की बढ़ोत्तरी
  • पर्यावरण प्रदूषण
  • सामाजिक संबंधों में दूरी
  • महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
  • पारंपरिक मूल्यों में बदलाव
    नियोजित शहरी विकास आवश्यक है ताकि इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।

37. सामाजिक संरचना क्या है?

सामाजिक संरचना वह ढांचा है जिसमें समाज के विभिन्न घटक (जैसे परिवार, जाति, वर्ग, लिंग) एक व्यवस्थित रूप में कार्य करते हैं।
यह व्यक्ति और समूह के बीच संबंधों को परिभाषित करती है।
सामाजिक संरचना में पारस्परिकता, भूमिका और सामाजिक संस्थाएं प्रमुख तत्व होती हैं। यह समाज की स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में सहायक है।


38. सामाजिक परिवर्तन और आधुनिकीकरण में अंतर बताइए।

सामाजिक परिवर्तन आधुनिकीकरण
व्यापक प्रक्रिया एक विशिष्ट परिवर्तन
परंपरा से आधुनिकता की ओर पश्चिमीकरण की ओर झुकाव
धीमी/तेज़ गति हो सकती है अधिकतर योजनाबद्ध होता है
सकारात्मक/नकारात्मक दोनों हो सकता है आमतौर पर प्रगतिशील होता है
दोनों समाज के विकास से संबंधित हैं लेकिन उनका स्वरूप और दिशा भिन्न होती है।

39. भारत में महिला आंदोलनों की भूमिका क्या रही है?

भारत में महिला आंदोलनों ने लैंगिक समानता और महिला अधिकारों को मजबूती दी।
प्रमुख योगदान:

  • दहेज विरोधी आंदोलन
  • बाल विवाह और सती प्रथा का उन्मूलन
  • महिलाओं के मतदान अधिकार की प्राप्ति
  • शिक्षा और रोजगार में समान अवसर
  • घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न के विरुद्ध कानून
    इन आंदोलनों ने महिला सशक्तिकरण को गति दी और समाज को अधिक संवेदनशील बनाया।

40. सामाजिक संस्थाओं की भूमिका समाज में समझाइए।

सामाजिक संस्थाएं जैसे परिवार, धर्म, शिक्षा, राजनीति आदि समाज के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक हैं।
मुख्य भूमिकाएँ:

  • सामाजिककरण
  • मूल्य और परंपराओं का संरक्षण
  • सामाजिक नियंत्रण
  • सामाजिक समरसता
  • व्यक्तियों के कर्तव्यों और अधिकारों की व्याख्या
    इन संस्थाओं से समाज में संतुलन, अनुशासन और सहयोग की भावना बनी रहती है।

41. जनजातीय शिक्षा की स्थिति पर प्रकाश डालिए।

जनजातीय समुदायों में शिक्षा का स्तर अभी भी कम है।
चुनौतियाँ:

  • भौगोलिक अलगाव
  • आर्थिक पिछड़ापन
  • भाषा की समस्या
  • सामाजिक भेदभाव
    सरकारी प्रयास:
  • आवासीय विद्यालय (Ashram Schools)
  • छात्रवृत्ति
  • विशेष शिक्षक की नियुक्ति
  • मध्याह्न भोजन योजना
    शिक्षा से जनजातीय सशक्तिकरण और समावेशन संभव है।

42. सामाजिक विकास क्या है? इसके संकेतक बताइए।

सामाजिक विकास समाज की सामाजिक स्थितियों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता आदि में सुधार की प्रक्रिया है।
प्रमुख संकेतक:

  • साक्षरता दर
  • बाल मृत्यु दर
  • जीवन प्रत्याशा
  • महिला सशक्तिकरण
  • सामाजिक न्याय और समानता
    यह विकास सामाजिक संरचना को समावेशी और न्यायपूर्ण बनाता है।

43. भारत में बाल श्रम की स्थिति और कारण बताइए।

स्थिति:

  • छोटे शहरों, गाँवों और शहरी झुग्गियों में बाल श्रमिक अधिक पाए जाते हैं।
  • यह कपड़ा, निर्माण, होटल, खेत आदि क्षेत्रों में फैला है।
    मुख्य कारण:
  • गरीबी
  • अशिक्षा
  • परिवार का दबाव
  • कानूनों की अनुपालना में कमी
    समाधान:
  • शिक्षा की अनिवार्यता
  • कड़ी निगरानी
  • जनजागरूकता
  • बच्चों के लिए विशेष योजनाएँ

44. परिवार और विवाह में अंतर स्पष्ट कीजिए।

परिवार विवाह
सामाजिक संस्था सामाजिक-सांस्कृतिक अनुबंध
जीवन भर के लिए एक व्यक्ति या संबंध से जुड़ा
बच्चों का पालन-पोषण परिवार की शुरुआत का माध्यम
विभिन्न प्रकार (संयुक्त, एकल) विभिन्न प्रकार (बहुविवाह, एकविवाह)
विवाह परिवार की नींव है और दोनों सामाजिक जीवन की आधारशिला हैं।

45. जाति और वर्ग में अंतर बताइए।

जाति वर्ग
जन्म आधारित आर्थिक/सामाजिक स्थिति आधारित
बंद व्यवस्था खुली व्यवस्था
अनिवार्य व्यवसाय चयनित व्यवसाय
जातीय विवाह वर्गांतरण संभव
जाति स्थिर होती है जबकि वर्ग में परिवर्तन संभव है।

46. सामाजिक विविधता क्या है?

सामाजिक विविधता समाज में विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं, संस्कृतियों और लिंगों के सहअस्तित्व को दर्शाती है।
यह विविधता भारतीय समाज की पहचान है।
हालाँकि कभी-कभी यह विविधता संघर्ष का कारण भी बनती है, लेकिन समरसता और सहिष्णुता से यह समाज की ताकत बन सकती है।


47. मीडिया की समाज में भूमिका बताइए।

मीडिया आधुनिक समाज का चौथा स्तंभ है।
भूमिका:

  • जन जागरूकता
  • सूचना का संप्रेषण
  • सामाजिक नियंत्रण
  • लोकतंत्र को मजबूत करना
  • सामाजिक समस्याओं पर ध्यान दिलाना
    मीडिया की निष्पक्षता और जिम्मेदारी समाज को सकारात्मक दिशा दे सकती है।

48. धर्मनिरपेक्षता का समाजशास्त्रीय महत्व क्या है?

धर्मनिरपेक्षता वह सिद्धांत है जिसमें राज्य सभी धर्मों से समान दूरी बनाए रखता है।
महत्व:

  • सभी धर्मों को समान सम्मान
  • सांप्रदायिकता से मुक्ति
  • धार्मिक स्वतंत्रता
  • सामाजिक समरसता
    भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता को मूल आधार मानता है।

49. मानवाधिकार और समाज का संबंध बताइए।

मानवाधिकार वे मौलिक अधिकार हैं जो हर व्यक्ति को जन्म से प्राप्त होते हैं।
संबंध:

  • सामाजिक न्याय की स्थापना
  • व्यक्ति की गरिमा की रक्षा
  • समानता, स्वतंत्रता और सुरक्षा
  • सामाजिक शोषण के विरुद्ध रक्षा
    समाज की समृद्धि मानवाधिकारों की रक्षा पर निर्भर है।

50. शिक्षा और सामाजिक नियंत्रण में संबंध बताइए।

शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि आचरण, अनुशासन और सामाजिक मूल्यों का विकास करती है।
संबंध:

  • नैतिक मूल्यों की स्थापना
  • सामाजिक नियमों की जानकारी
  • व्यवहार नियंत्रण
  • सामाजिक एकता का निर्माण
    इस प्रकार, शिक्षा सामाजिक नियंत्रण का प्रभावी उपकरण है।