“‘डंकी रूट’ से विदेश भेजने की ठगी में सुप्रीम कोर्ट सख्त: भारतीय पासपोर्ट की प्रतिष्ठा को पहुंची आंच”

“‘डंकी रूट’ से विदेश भेजने की ठगी में सुप्रीम कोर्ट सख्त: भारतीय पासपोर्ट की प्रतिष्ठा को पहुंची आंच”


भूमिका:
सुप्रीम कोर्ट ने ‘डंकी रूट’ जैसे अवैध रास्तों से विदेश भेजने के मामलों को गंभीरता से लिया है। हाल ही में एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी की याचिका खारिज करते हुए कहा, “आप जैसे लोगों के कारण भारतीय पासपोर्ट की छवि खराब होती है।” यह टिप्पणी न केवल आरोपी पर गंभीर टिप्पणी थी, बल्कि उन समस्त मानव तस्करों और एजेंटों के लिए एक सख्त संदेश है, जो भोले-भाले लोगों को धोखे में रखकर उनकी जिंदगी खतरे में डालते हैं।


प्रकरण का विवरण:

  • मामला: डंकी रूट से अमेरिका भेजने की ठगी
  • अदालत: सुप्रीम कोर्ट
  • पीठ: न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और मनमोहन
  • आरोपी: हरियाणा निवासी ओम प्रकाश, एक एजेंट
  • मुख्य आरोपी द्वारा पीड़ित को:
    • 43 लाख रुपये में अमेरिका भेजने का वादा
    • दुबई, पनामा, और मैक्सिको के रास्ते अमानवीय हालात में भेजा गया
    • अंततः अमेरिका में गिरफ्तार होकर 16 फरवरी 2025 को भारत डिपोर्ट कर दिया गया

कोर्ट की सख्त टिप्पणियाँ:

  1. भारतीय पासपोर्ट की प्रतिष्ठा खतरे में:

    “आप जैसे लोगों के कारण भारतीय पासपोर्ट का मान घटता है।”
    ऐसे अपराधों से भारत की वैश्विक छवि धूमिल होती है और निर्दोष नागरिकों को संदेह की नजर से देखा जाने लगता है।

  2. ‘डंकी रूट’ का अमानवीय स्वरूप:

    सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह रास्ता न केवल अवैध है बल्कि अमानवीय और खतरनाक भी है, जहां लोगों को जंगल, रेगिस्तान और समुद्री इलाकों में जोखिम भरे हालात से गुजरना पड़ता है।

  3. जमानत याचिका खारिज:

    आरोपी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर आरोपों के मद्देनजर खारिज कर दिया।


पीड़ित की आपबीती:

  • पीड़ित को 1 फरवरी 2025 को अमेरिकी सीमा पार कराई गई।
  • अमेरिकी पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद जेल में डाला गया।
  • 16 फरवरी 2025 को भारत वापस भेजा गया।
  • पीड़ित के पिता ने कोर्ट में बयान दिया कि याचिकाकर्ता ने उनसे 22 लाख रुपये की ठगी की।

समानांतर आदेश – महिला अधिकारी का स्थायी कमीशन मामला:

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय वायुसेना को विंग कमांडर कविता भाटी को सेवा से मुक्त न करने का आदेश दिया।
  • यह आदेश विंग कमांडर निकिता पांडे के केस की तर्ज पर पारित किया गया।
  • अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक कविता भाटी सेवा में बनी रहें।

प्रशासनिक सुधार – सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री शनिवार को भी खुलेगी:

  • 14 जुलाई 2025 से सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री और कार्यालय प्रत्येक शनिवार खुलेंगे (10:00 AM से 1:00 PM तक)।
  • यह व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत 2013 के नियमों में संशोधन कर लागू की गई।

निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न केवल ‘डंकी रूट’ के नाम पर हो रही अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और ठगी के मामलों में कठोर रुख दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अदालतें भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर गंभीर हैं। साथ ही, महिलाओं को रक्षा सेवाओं में समान अधिकार दिलाने और न्यायिक व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में भी यह कदम महत्वपूर्ण है।