लेख शीर्षक:
“भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 124B: तेज़ाब हमले और गंभीर शारीरिक क्षति के लिए कठोर दंडात्मक प्रावधान”
परिचय:
भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita), 2023 की धारा 124B तेज़ाब (Acid) या अन्य किसी भी विधि से जानबूझकर किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल करने से संबंधित है। यह प्रावधान विशेष रूप से महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए बनाया गया है, ताकि ऐसे नृशंस अपराधों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित की जा सके।
धारा 124B का उद्देश्य:
तेज़ाब हमले के अपराध को एक विशेष और गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए इस धारा के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि:
- पीड़ित को न्याय मिल सके,
- अपराधियों को कठोर दंड मिले, और
- समाज में एक निवारक प्रभाव उत्पन्न हो।
मुख्य तत्व (Essentials):
- स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुँचाना (Voluntarily causing grievous hurt):
यह अपराध जानबूझकर किया गया हो। - तेज़ाब या अन्य खतरनाक पदार्थ का उपयोग:
अपराध में तेज़ाब, ज्वलनशील या हानिकारक रासायनिक पदार्थ, या कोई अन्य ऐसा साधन प्रयोग किया गया हो जिससे:- स्थायी या आंशिक विकृति (disfigurement)
- जलन (burns)
- अपंगता (maiming)
- विकलांगता (disability)
- जीवन की गुणवत्ता में स्थायी कमी आती हो।
दंडात्मक प्रावधान (Punishment under Section 124B):
(1) यदि व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल किया गया हो:
- सश्रम कारावास – न्यूनतम 10 वर्ष, जिसे आजीवन कारावास (life imprisonment) तक बढ़ाया जा सकता है,
और - जुर्माना, जिसे पीड़ित के उपचार, पुनर्वास आदि में खर्च किया जा सकता है।
(2) यदि प्रयास किया गया, परंतु गंभीर चोट नहीं हुई:
- सश्रम कारावास – 5 वर्ष से 7 वर्ष तक,
और - जुर्माना।
महत्वपूर्ण पहलू:
- जुर्माने की राशि अदालत द्वारा ऐसी होनी चाहिए, जिससे पीड़ित को मुआवज़ा या पुनर्वास सहायता दी जा सके।
- यह अपराध गैर-जमानती है और गंभीर प्रकृति का माना जाता है।
- महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में यह एक प्रमुख अपराध के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति ईर्ष्या या बदले की भावना से किसी महिला के ऊपर तेज़ाब फेंकता है, जिससे उसका चेहरा विकृत हो जाता है या वह स्थायी रूप से अंधी हो जाती है, तो उस व्यक्ति पर धारा 124B के तहत मुकदमा चलाया जाएगा और उसे आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है।
निष्कर्ष:
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 124B एक कठोर लेकिन आवश्यक कानूनी प्रावधान है, जो तेज़ाब हमलों जैसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने में सहायक है। यह न केवल सजा देता है बल्कि पीड़ित के पुनर्वास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह धारा हमारे दंड विधि में न्याय, सुरक्षा और सहानुभूति का प्रतीक बनकर उभरती है।