MSME अधिनियम को प्राथमिकता: Delhi High Court ने पुनः स्पष्ट किया – MSMED Act विशेष कानून है जो Arbitration Act पर प्रधानता रखता है
परिचय:
Idemia Syscom India Private Limited बनाम M/s Conjoinix Total Solutions Private Limited मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी (Justice Manoj Kumar Ohri) की एकल पीठ ने यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया कि Micro, Small and Medium Enterprises Development Act, 2006 (MSMED Act) एक विशिष्ट कानून (Special Law) है और यह Arbitration and Conciliation Act, 1996 जैसे सामान्य कानून (General Law) पर प्राथमिकता रखेगा।
यह निर्णय भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए कानूनी सुरक्षा और विवाद समाधान की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
मामले की पृष्ठभूमि:
M/s Conjoinix Total Solutions Pvt. Ltd., एक पंजीकृत MSME इकाई है, जिसने MSMED Act, 2006 के अंतर्गत अपने दावे के निपटारे हेतु उद्योग सुविधा केंद्र (MSEFC) के समक्ष वाद दायर किया। Idemia Syscom India Pvt. Ltd. ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और तर्क दिया कि दोनों पक्षों के बीच एक वैध मध्यस्थता समझौता (arbitration agreement) था, अतः मामला Arbitration and Conciliation Act, 1996 के अधीन होना चाहिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय का निर्णय:
न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा कि:
- MSMED Act, 2006 एक विशेष विधि (special legislation) है जो MSMEs से संबंधित भुगतान विवादों के निपटारे के लिए विशेष प्रक्रिया प्रदान करता है।
- Arbitration and Conciliation Act, 1996 एक सामान्य विधि (general law) है जो सभी प्रकार के वाणिज्यिक विवादों को कवर करती है।
- जब दो कानूनों में टकराव हो और एक सामान्य हो तथा दूसरा विशेष – तब विशेष कानून को वरीयता दी जाती है (principle of “generalia specialibus non derogant”)।
- MSMED Act के तहत MSEFC द्वारा विवादों के समाधान की प्रक्रिया को किसी भी मध्यस्थता समझौते से बाधित नहीं किया जा सकता।
प्रभाव और महत्व:
- इस निर्णय से MSME इकाइयों को उनके बकाया भुगतान से संबंधित विवादों को शीघ्रता से सुलझाने में सहायता मिलेगी।
- यह MSMED अधिनियम की आत्मा के अनुरूप है, जो MSMEs को त्वरित और प्रभावी न्याय दिलाने की मंशा से बनाया गया है।
- यह फैसला वाणिज्यिक अनुबंधों में शामिल MSMEs को मध्यस्थता समझौतों की जटिलताओं से ऊपर उठकर न्याय प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
Idemia Syscom India Pvt. Ltd. बनाम Conjoinix Total Solutions Pvt. Ltd. मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय का यह निर्णय MSME कानून की प्राथमिकता को स्पष्ट रूप से स्थापित करता है। इससे MSMEs को सशक्तिकरण और कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है, साथ ही यह निर्णय आने वाले कई मामलों में दिशानिर्देश प्रदान करेगा, जहां MSMED Act और Arbitration Act के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।