“पुनर्मूल्यांकन नोटिस की समय-सीमा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: Union of India बनाम राजीव बंसल”

“पुनर्मूल्यांकन नोटिस की समय-सीमा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: Union of India बनाम राजीव बंसल”

भूमिका:
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में Taxation and Other Laws (Relaxation and Amendment of Certain Provisions) Act, 2020 (TOLA) की व्याख्या करते हुए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने की समय-सीमा को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों को स्थगित (set aside) कर दिया है। यह मामला Union of India बनाम राजीव बंसल शीर्षक से दर्ज था।

प्रमुख तथ्य:

  • COVID-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने TOLA अधिनियम, 2020 के माध्यम से आयकर अधिनियम सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत वैधानिक समय-सीमाओं को बढ़ाने का प्रावधान किया था।
  • कई आयकर अधिकारियों ने इस अधिनियम का सहारा लेकर पुनर्मूल्यांकन (Reassessment) नोटिस 2021 में जारी किए, जो कि मूल समय-सीमा से बाहर थे।
  • इन नोटिसों को इलाहाबाद, दिल्ली, मद्रास व अन्य उच्च न्यायालयों ने रद्द कर दिया था, यह कहते हुए कि TOLA का लाभ नई पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था (Finance Act, 2021 के बाद लागू) पर लागू नहीं होता।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों के इन निर्णयों को निरस्त करते हुए कहा:

  • TOLA अधिनियम के अंतर्गत दी गई समय-सीमा में राहत आयकर अधिनियम की धारा 147 के तहत जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन नोटिसों पर भी लागू होती है
  • महामारी जैसे असाधारण परिस्थितियों में विधायी उद्देश्य यही था कि कर अधिकारी और करदाता दोनों को पर्याप्त समय मिले।
  • कोर्ट ने स्पष्ट किया कि Finance Act, 2021 से पूर्व जारी की गई नोटिसों पर पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।

महत्त्व:

  • यह निर्णय आयकर विभाग के लाखों लंबित मामलों को राहत प्रदान करता है।
  • साथ ही, यह विधायी स्पष्टता और न्यायिक व्याख्या के बीच संतुलन स्थापित करता है।
  • यह निर्णय कर कानून की निरंतरता और स्थिरता के सिद्धांत को पुष्ट करता है।

निष्कर्ष:
Union of India बनाम राजीव बंसल मामला कर कानून के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने विवेक का प्रयोग करते हुए कानून के उद्देश्य और महामारी की परिस्थितियों का यथोचित मूल्यांकन करते हुए यह संतुलित फैसला दिया है।


 

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