सिविल प्रक्रिया संहिता एवं परिसीमा अधिनियम (Code of Civil Procedure and Limitation Act)
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर (Objective Questions)
1. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 है-
(a) सारवान विधि
(b) प्रक्रियात्मक विधि
(c) सारवान विधि और प्रक्रियात्मक विधि का सम्मिश्रण है
(d) निदेशात्मक विधि
उत्तर-(b)
2. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 कब प्रवृत्त हुआ-
(a) 1 जनवरी, 1909
(b) 1 जनवरी, 1908
(c) 1 अप्रैल, 1908
(d) : दिसम्बर, 1908
उत्तर- (a)
3. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 1 के खण्ड 3 (क) से “जम्मू-कश्मीर राज्य” शब्दों का लोप किया गया है-
(a) जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2020 द्वारा
(b) जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2015 द्वारा
(c) जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2018 द्वारा
(d) जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की अधिनियम संख्या 34 की धारा 95 और पाँचवीं अनुसूची द्वारा
उत्तर- (d)
4. सिविल प्रक्रिया संहिता की धाराएं संशोधित की जा सकती है-
(a) संसद द्वारा
(b) वाद की सुनवाई कर रहे न्यायालय द्वारा
(c) उच्च न्यायालय द्वारा
(d) वाद के पक्षकारों द्वारा
उत्तर- (a)
5. सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2002 प्रवृत्त हुआ था-
(a) 1 अप्रैल, 2002 को
(b) 1 जुलाई, 2002 को
(c) 1 जून, 2002 को
(d) 6 जून, 2002 को
उत्तर-(b)
6. डीम्ड डिक्री से अभिप्रेत है-
(a) न्यायालय का अंतिम निर्णय
(b) न्यायालय का अंतिम आदेश
(c) निर्णय का प्रथम पैराग्राफ
(d) निर्णय का अन्तिम पैराग्राफ जब तक डिक्री तैयार की जाए
उत्तर-(b)
7. एक डिक्री हो सकती है-
(a) प्रारम्भिक
(b) अन्तिम
(c) पहले प्रारम्भिक फिर अन्तिम
(d) प्रारम्भिक या अन्तिम कोई भी
उत्तर- (d)
8. वादी एक व्यक्ति है जो-
(a) एक वाद संस्थित करते हुये अपने सिविल अधिकारों को प्रवृत्त करने की ईप्सा करता किया गया है।
(c) दावा करता है कि एक सिविल दोष कुछ अन्य व्यक्तिगण द्वारा उसके विरुद्ध कारित है।
(b) दावा करता है कि उसके विधिक अधिकारों को अपहृत किया गया है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर- (d)
9. शब्द ‘निर्णय’ इंगित करता है-
(a) एक न्यायाधीश द्वारा एक डिक्री के आधारों को प्रदान करती हुई एक प्रत्याख्यान या आदेश जो खुली अदालत में घोषित किया गया है।
(b) एक डिक्री या आदेश के आधारों का एक न्यायाधीश द्वारा दिया गया प्रत्याख्यान जिसे खुली अदालत में घोषित किया जा सकेगा और नहीं किया जा सकेगा।
(c) न्यायाधीश द्वारा दिया गया प्रत्याख्यान जो विवाद में बिन्दुओं का निर्धारण कर सकता है या नहीं कर सकता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर- (a)
10. एक लिखित अभिकथन समाविष्ट कर सकता है-
(a) वादी द्वारा प्रत्यर्थी के विरुद्ध की गयी किसी दावे के सम्बन्ध में प्रत्यर्थी की स्वीकृति या इन्कारी
(b) प्रत्यर्थी के पक्ष में नवीन तथ्य
(c) प्रति दावे एवं मुजरा
(d) उपरोक्त में से कोई या सभी ।
उत्तर- (d)
11. एक निर्णीत ऋणी की कौन सी सम्पत्ति एक डिक्री के निष्पादन में कुर्की या विक्रय की जा सकती है-
(a) अचल सम्पत्तियाँ
(b) चल सम्पत्तियाँ
(d) उपरोक्त सभी।
(c) सभी विक्रय योग्य सम्पत्तियों
उत्तर- (d)
12. व्यक्तिलक्षी निर्णय-
(a) इस बात के होते हुये भी सभी व्यक्तियों को आबद्ध करते हैं चाहे वे वाद के पक्षकार थे। या नहीं।
(b) केवल बाद के पक्षकारों को आबद्ध करते हैं और अजनबी को नहीं।
(c) केवल यादी को आबद्ध करते हैं प्रत्यर्थी को नहीं
(d) केवल प्रत्यर्थी को आबद्ध करती है और वादी को नहीं।
उत्तर-(b)
13. क्षेत्रीय अधिकारिता एक अधिकारिता है-
(a) जो न्यायालय को इसके समक्ष दाखिल एक अपील ग्रहण करने, परीक्षण करने और निर्धारित करने की शक्तिय से सम्बन्धित है।
(b) जो भौगोलिक विस्तार को निर्दिष्ट करती है जिसे न्यायालय का प्राधिकार विस्तारित करता है।
(c) जो न्यायालय की धमीय सक्षमता से सम्बन्धित है।
(d) उपरोक्त में
उत्तर-(b)
14. डिक्री में शामिल नहीं है-
(a) वाद पत्र का नामंजूर किया जाना
(b) धारा 144 के भीतर के किसी प्रश्न का अवधारणा करना।
(b) व्यक्तिक्रम के लिए खारिज करने का कोई आदेश
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(c)
15. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 2 (9) के अन्तर्गत निर्णय का अर्थ है-
(a) एक आज्ञप्ति
(b) अपील का संक्षिप्त रूप से खारिज होना
(c) एक आदेश या आज्ञप्ति के आधारों का कथन
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(c)
16. विवाद्यक निम्नलिखित प्रकार के हो सकेंगे-
(a) तथ्य का विवाद्यक
(b) विधि का विवाद्यक
(c) तथ्य और विधि का मिश्रित विवाद्यक
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर- (d)
17. एक शपथपत्र निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया जा सकेगा-
(a) तथ्यों की एक उद्घोषणा चाहे भौतिक या लिखित
(b) तथ्यों की एक लिखित उदघोषणा जो शपथ ली जा सकेगी और नहीं भी।
(c) तथ्यों की एक उद्घोषण और शपथ दिलाने हेतु अधिकृत एक अधिकारी के समक्ष लिखित में और सम्म रूपेण शपथ की गयी होगी।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-(c)
18. एक बाद संस्थित करना एक अन्तर्निहित अधिकार है किन्तु अपील दाखिल करना एक सांविधिक अधिकार है-
(a) हॉ, अभिकथन शुद्ध है।
(b) नहीं, अपील का अधिकार आंतरिक अधिकार है, किन्तु एक बाद संस्थित करना एक सांविधिक अधिकार है।
(c) नहीं, दोनों अन्तर्निहित अधिकार है।
(d) एक वादकार में निहित ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
उत्तर- (a)
19. ‘प्लीडर’ परिभाषित है-
(a) धारा 2 (15)
(b) धारा 2(7)
(c) धारा 2 (17)
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (a)
20. एक वाद में न्यायालय की अधिकारिता निम्नलिखित के द्वारा प्रश्नगत की जा सकती है-
(a) केवल वादी द्वारा
(b) केवल प्रत्यर्थी द्वारा
(c) वादी एवं प्रत्यर्थी दोनों के द्वारा
(d) साक्षी द्वारा।
उत्तर-(b)