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अपराध एवं अपराध विज्ञान

अपराध एवं अपराध विज्ञान: परिचय


प्रस्तावना

मानव सभ्यता के विकास के साथ ही अपराध (Crime) की समस्या सामने आई। जब तक मनुष्य अकेले जीवन व्यतीत करता रहा तब तक अपराध की अवधारणा नहीं थी, किंतु जैसे ही समाज का गठन हुआ और सामाजिक नियम बने, उनका उल्लंघन अपराध कहलाने लगा। अपराध समाज की शांति और सुरक्षा के लिए चुनौती है। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हानिकारक होता है बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय व्यवस्था को भी बाधित करता है।

इसी कारण अपराध का अध्ययन आवश्यक हुआ और इससे एक नवीन विधा का जन्म हुआ, जिसे अपराध विज्ञान (Criminology) कहते हैं। अपराध विज्ञान अपराध, अपराधियों और अपराध नियंत्रण के वैज्ञानिक अध्ययन की शाखा है। यह समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, विधिशास्त्र, राजनीति विज्ञान और दंडविज्ञान का संगम है।


अपराध की परिभाषा (Definition of Crime)

अपराध उस कार्य को कहते हैं जो विधि द्वारा निषिद्ध है और जिसके लिए राज्य दंड प्रदान करता है।

  • ब्लैकस्टोन: “अपराध वह कृत्य है जो राज्य के विधि-विधान के विरुद्ध किया जाता है।”
  • ऑस्टिन: “अपराध वह कार्य है जो राज्य के अधिकार का उल्लंघन करता है।”
  • भारतीय दृष्टिकोण: भारतीय दंड संहिता (अब BNS, 2023) अपराध को सीधे परिभाषित नहीं करती, बल्कि विभिन्न कृत्यों को अपराध घोषित करती है और उनके लिए दंड का प्रावधान करती है।

सार रूप में: अपराध वह व्यवहार है जो सामाजिक मानदंडों और विधिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है तथा जिसके परिणामस्वरूप दंड दिया जाता है।


अपराध की विशेषताएँ (Characteristics of Crime)

  1. विधि-विरुद्ध कार्य (Illegal Act): अपराध सदैव विधि के विरुद्ध होता है।
  2. दंडनीयता (Punishability): अपराध के लिए विधि द्वारा दंड निर्धारित है।
  3. सामाजिक हानिकारकता (Social Harmfulness): अपराध समाज के लिए हानिकारक होता है।
  4. दोषपूर्ण मानसिक स्थिति (Mens Rea): अधिकांश अपराधों में अपराधी का दोषपूर्ण मानसिक भाव आवश्यक है।
  5. राज्य की संलिप्तता (State Involvement): अपराध के मामलों की सुनवाई राज्य करता है, न कि केवल व्यक्तिगत पक्ष।

अपराध के प्रकार (Types of Crime)

  1. सामान्य अपराध (Conventional Crimes): चोरी, डकैती, हत्या, बलात्कार आदि।
  2. श्वेत कॉलर अपराध (White Collar Crimes): भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, कर चोरी, साइबर अपराध।
  3. संगठित अपराध (Organized Crimes): माफिया, ड्रग्स तस्करी, मानव तस्करी।
  4. आर्थिक अपराध (Economic Crimes): बैंक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग।
  5. राजनीतिक अपराध (Political Crimes): आतंकवाद, विद्रोह, देशद्रोह।
  6. साइबर अपराध (Cyber Crimes): ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, साइबर बुलिंग।
  7. लैंगिक अपराध (Gender-based Crimes): दहेज हत्या, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा।

अपराध के कारण (Causes of Crime)

  1. जैविक कारण (Biological Causes):
    • सेज़र लोम्ब्रोसो (Cesare Lombroso) ने कहा कि अपराध जन्मजात होता है और अपराधियों की शारीरिक विशेषताएँ उन्हें अपराध की ओर प्रवृत्त करती हैं।
  2. मनोवैज्ञानिक कारण (Psychological Causes):
    • फ्रायड के अनुसार अपराध अवचेतन मन की विकृतियों का परिणाम है।
    • व्यक्तित्व विकार और मानसिक असंतुलन भी अपराध को बढ़ावा देते हैं।
  3. सामाजिक कारण (Social Causes):
    • गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, असमानता, पारिवारिक विघटन, नशाखोरी आदि।
  4. आर्थिक कारण (Economic Causes):
    • आर्थिक असमानता, लूट की प्रवृत्ति, भ्रष्टाचार।
  5. राजनीतिक कारण (Political Causes):
    • आतंकवाद, राजनीतिक भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, हिंसात्मक आंदोलन।

अपराध विज्ञान का अर्थ (Meaning of Criminology)

अपराध विज्ञान (Criminology) अपराध, अपराधी और अपराध नियंत्रण का वैज्ञानिक अध्ययन है।

परिभाषाएँ:

  • सदरलैंड: “अपराध विज्ञान अपराधी व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है।”
  • एडविन एच. सदरलैंड और क्रेसी: “अपराध विज्ञान अपराध, अपराधियों और अपराध नियंत्रण का वैज्ञानिक अध्ययन है।”
  • तिवारी: “अपराध विज्ञान विधि, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान का सम्मिलित अध्ययन है।”

अपराध विज्ञान की प्रकृति (Nature of Criminology)

  1. बहुविषयक (Interdisciplinary): यह विधिशास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान और दंड विज्ञान से जुड़ा है।
  2. वैज्ञानिक (Scientific): यह अपराध और अपराधी का अध्ययन वैज्ञानिक पद्धति से करता है।
  3. अनुभवजन्य (Empirical): अपराध विज्ञान वास्तविक आंकड़ों और अनुभवजन्य तथ्यों पर आधारित है।
  4. व्यावहारिक (Practical): इसका उद्देश्य अपराध की रोकथाम और अपराधियों का सुधार है।

अपराध विज्ञान का विषय-वस्तु (Subject Matter of Criminology)

  1. अपराध (Crime)
  2. अपराधी (Criminal)
  3. अपराध के कारण (Causes of Crime)
  4. अपराध की रोकथाम (Prevention of Crime)
  5. अपराधियों का सुधार (Reformation of Criminals)
  6. दंड और न्याय व्यवस्था (Punishment and Penal System)

अपराध विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Criminology)

  1. अपराध विज्ञान (Criminology): अपराध और अपराधियों का अध्ययन।
  2. दंड विज्ञान (Penology): दंड और कारागार व्यवस्था का अध्ययन।
  3. अपराध मनोविज्ञान (Criminal Psychology): अपराधी के मानसिक स्वास्थ्य और प्रवृत्तियों का अध्ययन।
  4. अपराध समाजशास्त्र (Criminal Sociology): अपराध का समाज और सामाजिक संरचना से संबंध।
  5. व Victimology (पीड़ित विज्ञान): अपराध पीड़ितों के अधिकार और संरक्षण का अध्ययन।

अपराध विज्ञान के प्रमुख सिद्धांत (Theories of Criminology)

  1. जैविक सिद्धांत (Biological Theories):
    • लोम्ब्रोसो: अपराधी जन्मजात होते हैं।
  2. मनोवैज्ञानिक सिद्धांत (Psychological Theories):
    • फ्रायड: अपराध अवचेतन मन की विकृतियों का परिणाम है।
    • मानसिक रोग और व्यक्तित्व विकार अपराध की ओर ले जाते हैं।
  3. सामाजिक सिद्धांत (Sociological Theories):
    • सदरलैंड का विभेदात्मक साहचर्य सिद्धांत (Differential Association Theory): अपराध सीखा हुआ व्यवहार है।
    • मेरटन का तनाव सिद्धांत (Strain Theory): जब सामाजिक लक्ष्य और साधनों में असमानता होती है, तब व्यक्ति अपराध की ओर जाता है।
    • सामाजिक असंगति सिद्धांत (Social Disorganization Theory): जब समाज का संगठन टूटता है, तो अपराध बढ़ता है।

अपराध विज्ञान का महत्व (Importance of Criminology)

  1. अपराध के कारणों की पहचान।
  2. अपराध नियंत्रण की नीतियों का निर्माण।
  3. अपराधियों के सुधार और पुनर्वास में सहायता।
  4. पीड़ितों की सुरक्षा और क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करना।
  5. न्याय व्यवस्था को अधिक मानवीय और प्रभावी बनाना।

भारत में अपराध विज्ञान का विकास (Development of Criminology in India)

  • प्राचीन भारत में अपराध को धर्म और नीति का उल्लंघन माना जाता था।
  • मनुस्मृति और अर्थशास्त्र में दंड व्यवस्था का उल्लेख है।
  • ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय दंड संहिता, 1860 लागू हुई जिसने अपराधों का आधुनिक वर्गीकरण किया।
  • स्वतंत्रता के बाद अपराध विज्ञान का अध्ययन शैक्षिक संस्थानों में शुरू हुआ।
  • आज भारत में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB), विधि आयोग और पुलिस सुधार समितियाँ अपराध विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

आधुनिक संदर्भ में अपराध विज्ञान

  1. साइबर अपराध (Cyber Crime): इंटरनेट युग में नई चुनौतियाँ।
  2. श्वेत कॉलर अपराध (White Collar Crime): उच्च वर्ग द्वारा किए गए आर्थिक अपराध।
  3. आतंकवाद (Terrorism): राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती।
  4. महिला और बाल अपराध: दहेज हत्या, घरेलू हिंसा, मानव तस्करी।
  5. पर्यावरणीय अपराध: अवैध खनन, प्रदूषण, वनों की कटाई।

निष्कर्ष

अपराध समाज की गंभीर समस्या है जो समय और परिस्थितियों के साथ बदलती रहती है। अपराध विज्ञान अपराध और अपराधियों का वैज्ञानिक अध्ययन है, जो न केवल अपराध के कारणों को समझता है, बल्कि अपराध की रोकथाम और अपराधियों के सुधार का मार्ग भी दिखाता है।

आज अपराध विज्ञान का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि अपराध के स्वरूप जटिल और वैश्विक हो गए हैं। साइबर अपराध, श्वेत कॉलर अपराध, आतंकवाद और संगठित अपराध जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए अपराध विज्ञान की वैज्ञानिक पद्धति, बहुविषयक दृष्टिकोण और नीतिगत सुझाव अत्यंत आवश्यक हैं।


अपराध एवं अपराध विज्ञान (Crime and Criminology) – 10 शॉर्ट आंसर 


प्रश्न 1. अपराध की परिभाषा दीजिए।

अपराध वह मानवीय कृत्य है जो कानून द्वारा निषिद्ध है और जिसके करने पर राज्य दंड निर्धारित करता है। अपराध केवल नैतिक दृष्टि से गलत कार्य नहीं होता, बल्कि वह विधि-विरुद्ध आचरण है जिसे समाज के लिए हानिकारक माना जाता है। उदाहरण के लिए चोरी, हत्या, धोखाधड़ी आदि। ब्लैकस्टोन ने अपराध को “सार्वजनिक अधिकारों का उल्लंघन” बताया है। भारत में अपराध की परिभाषा भारतीय दंड संहिता और अन्य विशेष दंड कानूनों में निहित है। अपराध की विशेषता यह है कि यह समाज के शांति, व्यवस्था और नैतिक मूल्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।


प्रश्न 2. अपराध विज्ञान का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

अपराध विज्ञान (Criminology) वह सामाजिक-विधिक विज्ञान है जो अपराध, अपराधी और अपराध-निवारण का अध्ययन करता है। यह समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, विधि, अर्थशास्त्र और मानवशास्त्र से संबंधित बहुविषयक क्षेत्र है। इसमें अपराध के कारण, अपराधी का व्यक्तित्व, दंड व्यवस्था, सुधारात्मक उपाय तथा पुनर्वास की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है। आधुनिक समाज में अपराध विज्ञान का महत्व बढ़ा है क्योंकि यह अपराध को केवल दंड से नहीं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से समझकर उसका समाधान खोजने का प्रयास करता है।


प्रश्न 3. अपराध और पाप में अंतर बताइए।

अपराध विधि-विरुद्ध आचरण है, जबकि पाप धार्मिक या नैतिक दृष्टि से अनुचित कार्य है। उदाहरण के लिए उपवास न करना धार्मिक दृष्टि से पाप हो सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं है। वहीं चोरी, हत्या या बलात्कार अपराध है क्योंकि ये कानून के विरुद्ध हैं और राज्य द्वारा दंडनीय हैं। अतः अपराध का संबंध विधि से है जबकि पाप का संबंध धर्म और नैतिकता से है।


प्रश्न 4. अपराध के प्रमुख तत्व क्या हैं?

किसी भी कार्य को अपराध मानने के लिए कुछ आवश्यक तत्व होते हैं –

  1. मानवीय आचरण (Act of Human Being)।
  2. विधि द्वारा निषिद्ध कार्य (Prohibited by Law)।
  3. हानिकारक प्रभाव (Injury or Harm to Society)।
  4. दोषपूर्ण मनोभाव (Mens Rea)।
  5. दंडनीयता (Punishable by Law)।
    यदि इन तत्वों में से कोई अनुपस्थित हो तो कार्य अपराध नहीं माना जाएगा।

प्रश्न 5. अपराध विज्ञान का मुख्य उद्देश्य क्या है?

अपराध विज्ञान का उद्देश्य अपराध के कारणों को समझना, अपराधी के व्यक्तित्व का विश्लेषण करना और अपराध-निवारण के उपाय खोजना है। यह केवल दंड देने तक सीमित नहीं है बल्कि अपराधी के सुधार और समाज की सुरक्षा दोनों पर समान बल देता है। अपराध विज्ञान नीतिनिर्माताओं, विधि-निर्माताओं और न्यायपालिका को अपराध रोकने और अपराधियों के पुनर्वास के लिए बेहतर उपाय सुझाता है।


प्रश्न 6. अपराध के प्रकार समझाइए।

अपराधों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है –

  1. व्यक्तिगत अपराध – हत्या, चोट, बलात्कार।
  2. संपत्ति से संबंधित अपराध – चोरी, डकैती, धोखाधड़ी।
  3. सामाजिक अपराध – दहेज, मानव तस्करी, नशा तस्करी।
  4. आर्थिक अपराध – भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर अपराध।
  5. राजनीतिक अपराध – राजद्रोह, आतंकवाद।
    यह वर्गीकरण अपराध विज्ञान के अध्ययन को आसान बनाता है।

प्रश्न 7. अपराध के कारणों पर प्रकाश डालिए।

अपराध कई कारणों से उत्पन्न होता है। जैविक कारण – कुछ अपराधी जन्मजात प्रवृत्तियों के कारण अपराध करते हैं। मनोवैज्ञानिक कारण – अवसाद, निराशा, असामान्य मानसिकता अपराध की ओर ले जाती है। सामाजिक कारण – गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, पारिवारिक विघटन और सामाजिक असमानता अपराध को बढ़ावा देते हैं। आर्थिक कारण – लालच, भ्रष्टाचार और अवसर भी अपराध के कारक हैं।


प्रश्न 8. अपराध विज्ञान और दंड विज्ञान में अंतर बताइए।

अपराध विज्ञान अपराध और अपराधी का अध्ययन करता है जबकि दंड विज्ञान (Penology) दंड और दंड व्यवस्था का। अपराध विज्ञान का केंद्र बिंदु अपराध और उसके कारण होते हैं, जबकि दंड विज्ञान का ध्यान अपराधी को किस प्रकार दंड दिया जाए और किस हद तक सुधार किया जाए, इस पर केंद्रित होता है। दोनों मिलकर विधि व्यवस्था और न्याय प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।


प्रश्न 9. अपराध विज्ञान का सामाजिक महत्व क्या है?

अपराध विज्ञान समाज को अपराध-मुक्त बनाने का प्रयास करता है। यह अपराध के कारणों को उजागर करता है, जिससे समाज अपराध रोकने की दिशा में उचित कदम उठा सके। अपराध विज्ञान के अध्ययन से सुधारगृह, प्रोबेशन, पैरोल, पुनर्वास और वैकल्पिक दंड जैसी योजनाएँ विकसित हुई हैं। यह समाज को सुरक्षित, न्यायपूर्ण और संतुलित बनाने में सहायक है।


प्रश्न 10. भारत में अपराध विज्ञान का विकास संक्षेप में बताइए।

भारत में अपराध विज्ञान का औपचारिक अध्ययन स्वतंत्रता के बाद प्रारंभ हुआ। 1950 के दशक में विश्वविद्यालयों में अपराध विज्ञान पढ़ाया जाने लगा। प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट, 1958 और किशोर न्याय अधिनियम, 1986 ने अपराध विज्ञान को विधिक आधार दिया। वर्तमान में अपराध विज्ञान का महत्व साइबर अपराध, संगठित अपराध और आतंकवाद जैसे नए अपराधों के कारण और बढ़ गया है। आज यह विषय न्यायपालिका, पुलिस और नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।