धारा 145: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत रख-रखाव आदेश की प्रक्रिया
परिचय
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS), भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) का स्थान लेने के उद्देश्य से पारित की गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आपराधिक न्याय व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाना है। धारा 145 विशेष रूप से पतियों, बच्चों और माता-पिता के लिए रख-रखाव आदेशों की प्रक्रिया से संबंधित है।
1. कार्यवाही की क्षेत्राधिकार (Section 145(1))
धारा 145 के तहत रख-रखाव आदेशों के लिए कार्यवाही निम्नलिखित स्थानों में से किसी एक में की जा सकती है:
- जहां प्रतिवादी व्यक्ति वर्तमान में निवास करता है।
- जहां वह या उसकी पत्नी निवास करते हैं।
- जहां वह अपनी पत्नी या अवैध संतान की मां के साथ अंतिम बार निवास करता था।
- जहां उसके माता-पिता निवास करते हैं।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि आवेदनकर्ता को न्यायालय तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो।
2. साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रक्रिया (Section 145(2))
रख-रखाव आदेशों के मामलों में साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सभी साक्ष्य प्रतिवादी व्यक्ति की उपस्थिति में प्रस्तुत किए जाएंगे।
- यदि प्रतिवादी की व्यक्तिगत उपस्थिति माफ की जाती है, तो उनके वकील की उपस्थिति में साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे।
- साक्ष्य को समन-केस के लिए निर्धारित विधि के अनुसार दर्ज किया जाएगा।
यदि न्यायालय यह संतुष्ट है कि प्रतिवादी जानबूझकर सेवा से बच रहा है या न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहा है, तो न्यायालय मामले की सुनवाई एकतरफा (ex parte) कर सकता है। ऐसे आदेश को तीन महीने के भीतर उचित कारण दिखाकर रद्द किया जा सकता है, बशर्ते प्रतिवादी विपक्षी पक्ष को उचित लागत का भुगतान करने के लिए सहमत हो।
3. लागत आदेश (Section 145(3))
न्यायालय के पास यह अधिकार है कि वह धारा 144 के तहत आवेदन करने पर उचित लागत का आदेश दे सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि अनावश्यक या दुर्भावनापूर्ण आवेदनकर्ताओं पर वित्तीय दंड लगाया जा सके।
4. रख-रखाव आदेशों में परिवर्तन (Section 146(1))
यदि किसी व्यक्ति की परिस्थितियों में परिवर्तन होता है, तो न्यायालय उस व्यक्ति को भुगतान किए जा रहे रख-रखाव या अंतरिम रख-रखाव आदेश में परिवर्तन कर सकता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि आदेश समय के साथ प्रासंगिक और उचित बने रहें।
5. तलाकशुदा महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान (Section 146(3))
तलाकशुदा महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान हैं:
- यदि महिला पुनर्विवाह करती है, तो रख-रखाव आदेश उस तारीख से रद्द हो जाएगा।
- यदि तलाकशुदा महिला ने पारंपरिक या व्यक्तिगत कानून के तहत पूरी राशि प्राप्त की है, तो रख-रखाव आदेश उस तारीख से रद्द हो जाएगा।
यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि तलाकशुदा महिलाएं केवल तब तक रख-रखाव आदेशों का लाभ उठाएं जब तक वे वैध रूप से पात्र हैं।
6. रख-रखाव आदेशों का प्रवर्तन (Section 147)
रख-रखाव या अंतरिम रख-रखाव आदेश की एक प्रति, साथ ही कार्यवाही के खर्चों की एक प्रति, उस व्यक्ति को मुफ्त में प्रदान की जाएगी जिसके पक्ष में आदेश पारित किया गया है। ऐसे आदेशों को किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रवर्तित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
धारा 145 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो परिवार के सदस्यों के लिए रख-रखाव आदेशों की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि रख-रखाव आदेशों की प्रक्रिया पारदर्शी, न्यायपूर्ण और समयबद्ध हो। न्यायालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन प्रावधानों का पालन किया जाए ताकि परिवार के सदस्यों को उचित और समय पर रख-रखाव मिल सके।
धारा 145 BNSS Act, 2023 – 10 शॉर्ट आंसर प्रश्न-उत्तर
- प्रश्न: धारा 145 का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: धारा 145 BNSS Act, 2023 का उद्देश्य परिवार के सदस्यों के लिए रख-रखाव आदेश जारी करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करना और शांति भंग से बचाना है। - प्रश्न: धारा 145 के तहत कार्यवाही कहां की जा सकती है?
उत्तर: जहां प्रतिवादी वर्तमान में निवास करता है, जहां उसकी पत्नी निवास करती है, जहां उसने पत्नी या संतान की मां के साथ अंतिम बार निवास किया, या उसके माता-पिता के निवास स्थान पर। - प्रश्न: क्या न्यायालय ex parte सुनवाई कर सकता है?
उत्तर: हाँ, यदि प्रतिवादी जानबूझकर सेवा या न्यायालय में उपस्थित नहीं होता है, तो ex parte सुनवाई संभव है। - प्रश्न: साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: साक्ष्य प्रतिवादी की उपस्थिति में या उनके वकील की उपस्थिति में पेश किए जाते हैं, और निर्धारित विधि के अनुसार दर्ज किए जाते हैं। - प्रश्न: धारा 145 में लागत आदेश कब दिया जा सकता है?
उत्तर: यदि कोई आवेदनकर्ता अनावश्यक या दुर्भावनापूर्ण तरीके से आवेदन करता है, तो न्यायालय धारा 144 के तहत लागत आदेश दे सकता है। - प्रश्न: क्या रख-रखाव आदेश में परिवर्तन संभव है?
उत्तर: हाँ, यदि किसी की परिस्थितियों में बदलाव होता है, तो न्यायालय रख-रखाव आदेश में परिवर्तन कर सकता है। - प्रश्न: तलाकशुदा महिला का पुनर्विवाह होने पर क्या होता है?
उत्तर: ऐसे मामले में रख-रखाव आदेश स्वतः रद्द हो जाता है। - प्रश्न: रख-रखाव आदेश की प्रति किसे दी जाती है?
उत्तर: उस व्यक्ति को जिसकी ओर से आदेश पारित किया गया है, मुफ्त में दी जाती है। - प्रश्न: क्या अंतरिम रख-रखाव आदेश भी जारी किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, न्यायालय आवश्यकता अनुसार अंतरिम रख-रखाव आदेश जारी कर सकता है। - प्रश्न: क्या आदेश रद्द किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, ex parte आदेश को तीन महीने के भीतर उचित कारण दिखाकर रद्द किया जा सकता है।