BNSS, 2023 की धारा 116: अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की पहचान और अनुसंधान की शक्ति
प्रस्तावना
भारत में अपराध से अर्जित संपत्ति का पता लगाना और उसे जब्त करना न्याय व्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अपराधी अक्सर अपनी अवैध कमाई को छुपाने के लिए जटिल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे—नकली नामों पर संपत्ति खरीदना, रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति दर्ज करना, शेल कंपनियों का निर्माण करना, या धन को विदेशों में स्थानांतरित कर देना।
इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय संसद ने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम (IEA) को हटाकर भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023 लागू किए हैं। BNSS में कई आधुनिक प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिनमें से एक धारा 116 है।
यह धारा अदालत को यह शक्ति देती है कि वह पुलिस अधिकारियों को आदेश दे सके कि वे अवैध रूप से अर्जित संपत्ति (Unlawfully Acquired Property) का पता लगाएं और उसकी पहचान करें। यह प्रावधान केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अंतर्गत भी लागू होता है।
धारा 116 का शाब्दिक अर्थ
Section 116 BNSS, 2023 कहती है:
- अदालत अपने स्तर पर (suo motu) या किसी विदेशी देश से प्राप्त अनुरोध (Section 115) पर आदेश दे सकती है।
- यह आदेश केवल ऐसे पुलिस अधिकारी को दिया जाएगा, जिसका पद Sub-Inspector या उससे ऊपर हो।
- आदेश का उद्देश्य संबंधित व्यक्ति की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति का पता लगाना, उसकी पहचान करना और उससे जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन की जांच करना है।
- इस दौरान पुलिस अधिकारी को व्यक्ति की संपत्ति, दस्तावेजों, बैंक रिकॉर्ड और अन्य वित्तीय विवरणों की गहन जांच का अधिकार होगा।
धारा 115 और धारा 116 का आपसी संबंध
- धारा 115: यह धारा कहती है कि अगर कोई विदेशी देश भारत से अनुरोध करता है कि किसी अपराध से संबंधित संपत्ति या धन का पता लगाया जाए, तो भारत की अदालत उस पर विचार कर सकती है।
- धारा 116: इस अनुरोध के आधार पर या अपनी पहल पर अदालत पुलिस अधिकारी को आदेश देती है कि वह जांच करे।
इस प्रकार, धारा 115 और 116 मिलकर अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण और न्यायिक सहयोग की मजबूत व्यवस्था बनाते हैं।
धारा 116 का उद्देश्य
धारा 116 का मुख्य उद्देश्य अपराध से अर्जित संपत्ति को सुरक्षित करना और न्याय सुनिश्चित करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- अवैध संपत्ति की पहचान – अपराधियों द्वारा अर्जित काले धन का पता लगाना।
- वित्तीय अपराधों की रोकथाम – मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और संगठित अपराध को रोकना।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग – विदेशी देशों के अनुरोध पर जांच करना।
- न्यायिक नियंत्रण – अदालत की देखरेख में जांच सुनिश्चित करना, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
- न्यायिक प्रक्रिया की गति – संपत्ति के संबंध में समय रहते कार्रवाई करना ताकि अपराधी धन को इधर-उधर न कर सके।
जांच की प्रक्रिया
जब अदालत धारा 116 के तहत आदेश जारी करती है, तब पुलिस अधिकारी को एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
- आदेश प्राप्त करना – अदालत द्वारा जारी आदेश संबंधित पुलिस अधिकारी को मिलता है।
- प्रारंभिक जांच – संदेहास्पद व्यक्ति की आय, संपत्ति और वित्तीय गतिविधियों का प्रारंभिक विश्लेषण किया जाता है।
- साक्ष्य एकत्र करना – संपत्ति के कागजात, बैंक रिकॉर्ड, ट्रांजेक्शन, और अन्य दस्तावेजों की जांच की जाती है।
- पूछताछ – आरोपी, उसके रिश्तेदारों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जाती है।
- फॉरेंसिक ऑडिट – वित्तीय लेन-देन का वैज्ञानिक ऑडिट किया जा सकता है।
- रिपोर्ट अदालत को सौंपना – जांच पूरी होने पर पुलिस अधिकारी अदालत को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
- अदालत का निर्णय – अदालत रिपोर्ट के आधार पर संपत्ति को जब्त (seizure), फ्रीज (freezing) या अन्य आदेश जारी कर सकती है।
धारा 116 का महत्व
- आर्थिक अपराध पर रोक – इस धारा से बड़े पैमाने पर हो रहे वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
- भ्रष्टाचार विरोधी हथियार – भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं की अवैध संपत्ति की पहचान करना आसान होगा।
- अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण – अपराधी अपनी संपत्ति विदेश में छुपा नहीं पाएंगे।
- पारदर्शिता और न्याय – अदालत की देखरेख में जांच होने से निष्पक्षता बनी रहती है।
- आधुनिक अपराध से मुकाबला – यह प्रावधान डिजिटल अपराध, साइबर क्राइम और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे जटिल मामलों में उपयोगी होगा।
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
अवैध संपत्ति की पहचान और जब्ती के लिए कई देशों ने सख्त कानून बनाए हैं।
- UK: Proceeds of Crime Act, 2002 (POCA)
- USA: Federal Asset Forfeiture Laws
- France और Germany: Financial Crimes Investigation Units
- भारत: Prevention of Money Laundering Act (PMLA), अब BNSS की धारा 116
इससे साफ है कि भारत भी अब वैश्विक मानकों के अनुरूप कदम उठा रहा है।
संभावित चुनौतियाँ
हालांकि धारा 116 एक मजबूत प्रावधान है, लेकिन इसके सामने कुछ व्यावहारिक समस्याएँ भी हो सकती हैं:
- गोपनीयता का मुद्दा – व्यक्ति की प्राइवेसी और वित्तीय स्वतंत्रता पर सवाल उठ सकते हैं।
- पुलिस का दुरुपयोग – अगर निगरानी पर्याप्त न हो तो पुलिस शक्ति का गलत इस्तेमाल कर सकती है।
- लंबी कानूनी प्रक्रिया – रिपोर्ट और अदालत की कार्रवाई में अधिक समय लग सकता है।
- विदेशी देशों से सहयोग – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दस्तावेज और सबूत प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
- तकनीकी जटिलता – डिजिटल लेन-देन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मामलों की जांच चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
न्यायिक दृष्टिकोण
भारतीय न्यायपालिका बार-बार इस बात पर जोर देती रही है कि अपराध से अर्जित संपत्ति समाज और राज्य दोनों के लिए खतरा है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि “अवैध संपत्ति की जब्ती अपराध को हतोत्साहित करने का सबसे प्रभावी तरीका है।”
BNSS की धारा 116 अदालतों को यह शक्ति देकर सुनिश्चित करती है कि अपराध के मूल तक पहुंचा जा सके और न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास मजबूत हो।
धारा 116 और अन्य कानूनों का संबंध
- PMLA, 2002: मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में भी अवैध संपत्ति की जांच होती है।
- Lokpal and Lokayuktas Act: भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति पर कार्रवाई होती है।
- Benami Transactions (Prohibition) Act: बेनामी संपत्ति को जब्त करने की व्यवस्था है।
- BNSS Section 116: इन सभी कानूनों के साथ तालमेल बैठाकर काम करती है।
निष्कर्ष
BNSS, 2023 की धारा 116 भारत की न्यायिक प्रणाली को एक नई दिशा देती है। यह धारा अदालत को यह शक्ति देती है कि वह पुलिस अधिकारियों को अवैध संपत्ति का पता लगाने और उसकी जांच करने का आदेश दे। इसका महत्व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर है।
यह प्रावधान न केवल वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार पर रोक लगाएगा, बल्कि भारत को वैश्विक अपराध नियंत्रण नेटवर्क का एक जिम्मेदार साझेदार भी बनाएगा। हालांकि इसके सामने गोपनीयता, दुरुपयोग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसी चुनौतियाँ हैं, फिर भी यह आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली का एक आवश्यक और प्रभावी अंग है।
अतः, धारा 116 को एक ऐसा कानूनी हथियार कहा जा सकता है जो अपराध से अर्जित संपत्ति की पहचान कर न्याय सुनिश्चित करता है और अपराधियों को यह संदेश देता है कि कानून से बच पाना आसान नहीं है।