ऑनलाइन शॉपिंग और फ्रॉड से सुरक्षा हेतु कानून और नियम: 

ऑनलाइन शॉपिंग और फ्रॉड से सुरक्षा हेतु कानून और नियम: 


भूमिका (Introduction)

डिजिटल क्रांति के इस युग में ऑनलाइन शॉपिंग उपभोक्ताओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स के माध्यम से घर बैठे खरीदारी की सुविधा ने उपभोक्ताओं को सहूलियत दी है, परंतु इसके साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) की घटनाओं में भी भारी वृद्धि हुई है। नकली उत्पाद, फर्जी वेबसाइटें, डेटा चोरी, फर्जी रिफंड कॉल्स, पेमेंट गेटवे धोखाधड़ी आदि आम समस्याएं बन चुकी हैं। इन्हीं खतरों से उपभोक्ताओं की रक्षा करने के लिए भारत में विभिन्न कानून और दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं।


ऑनलाइन शॉपिंग में होने वाले आम फ्रॉड (Common Online Shopping Frauds)

  1. फर्जी वेबसाइट या ऐप से ठगी
  2. गलत/नकली उत्पाद की डिलीवरी
  3. पैसे लेने के बाद डिलीवरी न होना
  4. रिफंड या कस्टमर केयर के नाम पर OTP या UPI फ्रॉड
  5. फिशिंग और डेटा चोरी (Phishing & Data Theft)
  6. फर्जी विज्ञापन या भारी छूट देकर ग्राहकों को फंसाना

ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षा हेतु प्रमुख कानून

1. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer Protection Act, 2019)

यह अधिनियम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और ऑनलाइन शॉपिंग में भी प्रभावी है।
महत्वपूर्ण बिंदु:

  • उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता, मूल्य, और नीति की पारदर्शिता अनिवार्य
  • शिकायत के लिए जिला, राज्य या राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की जा सकती है
  • ग्रेवेन्स रिड्रेसल मैकेनिज्म (शिकायत निवारण व्यवस्था) जरूरी

2. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000)

ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, पहचान की चोरी, और डाटा उल्लंघन जैसे मामलों को नियंत्रित करता है।
धारा 66C, 66D, 43A, 72A आदि के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधान हैं।

3. भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC)

  • धारा 420: धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना
  • धारा 468, 471: जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग
  • धारा 419: पहचान की चोरी और फर्जी पहचान से ठगी

4. ई-कॉमर्स नियम, 2020 (E-Commerce Rules, 2020)

  • ई-कॉमर्स कंपनियों को रिफंड, एक्सचेंज, ग्राहक सहायता और गोपनीयता नीति को स्पष्ट रूप से दिखाना अनिवार्य
  • फर्जी या भ्रामक प्रचार पर रोक
  • ग्राहक की सहमति के बिना कोई भी सेवा या भुगतान स्वचालित नहीं किया जा सकता

ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत कैसे करें? (Complaint Mechanism)

1. उपभोक्ता हेल्पलाइन – 1800-11-4000 / 1915

2. ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: www.consumerhelpline.gov.in

3. साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in

4. स्थानीय पुलिस थाने या साइबर सेल में FIR दर्ज कराना

5. बैंक या UPI सेवा प्रदाता को तुरंत सूचित करना


ऑनलाइन शॉपिंग करते समय सावधानियां (Precautions for Consumers)

  • केवल विश्वसनीय वेबसाइट या ऐप से ही खरीदारी करें
  • किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले URL और SSL प्रमाणपत्र (https) की जांच करें
  • अज्ञात कॉल्स पर कभी भी OTP, कार्ड नंबर या UPI पिन साझा न करें
  • कैश ऑन डिलीवरी विकल्प चुनें, यदि संभव हो
  • प्रोडक्ट डिलीवरी के समय वीडियो रिकॉर्डिंग करना उपयोगी हो सकता है
  • बैंक स्टेटमेंट और SMS अलर्ट पर नजर रखें

निष्कर्ष (Conclusion)

ऑनलाइन शॉपिंग आज के युग की आवश्यकता बन चुकी है, लेकिन इसके साथ साइबर फ्रॉड और उपभोक्ता शोषण का खतरा भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कानून की जानकारी, तकनीकी सावधानियां, और उपयुक्त शिकायत व्यवस्था के माध्यम से अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। सरकार द्वारा बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, ई-कॉमर्स नियम, और आईटी अधिनियम जैसे कानूनी ढांचे इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।