सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: शांतिपूर्ण विरोध और उपभोक्ता अभिव्यक्ति को मिली संवैधानिक सुरक्षा

शीर्षक: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: शांतिपूर्ण विरोध और उपभोक्ता अभिव्यक्ति को मिली संवैधानिक सुरक्षा मामला: Shahed Kamal & Ors बनाम M/S. A. Surti Developers Pvt. Ltd. & Anr – सुप्रीम कोर्ट, भारत परिचय: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में Shahed Kamal & Ors बनाम A. Surti Developers Pvt. Ltd. मामले में एक … Read more

एकपक्षीय तलाक डिक्री को रद्द करने से इनकार: पत्नी की लापरवाही बनी बाधा – उड़ीसा उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

शीर्षक: एकपक्षीय तलाक डिक्री को रद्द करने से इनकार: पत्नी की लापरवाही बनी बाधा – उड़ीसा उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय लेख: हाल ही में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने Hindu Marriage Act की धारा 13 और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 9 नियम 13 (Order 9 Rule 13) के तहत एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया … Read more

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट चेतावनी: आयकर आयुक्तों को धारा 263 के तहत बिना ठोस कारण के मामलों को पुनर्विचारित करने से रोका गया

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट चेतावनी: आयकर आयुक्तों को धारा 263 के तहत बिना ठोस कारण के मामलों को पुनर्विचारित करने से रोका गया भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में “Principal Commissioner of Income Tax-1, Chandigarh बनाम V-Con Integrated Solutions Pvt. Ltd.” मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जो आयकर अधिनियम, 1961 की … Read more

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक हस्तक्षेप: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत महिला सैन्य अधिकारियों की रिहाई पर रोक – सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक हस्तक्षेप: ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत महिला सैन्य अधिकारियों की रिहाई पर रोक – सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम लेख: भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों को लेकर एक बार फिर न्यायपालिका ने दृढ़ और निर्णायक हस्तक्षेप किया है। हाल ही में, सुप्रीम … Read more

गैर-निर्माता केवल घोषणा के माध्यम से डीड को अमान्य करने की मांग कर सकता है – विशेष राहत अधिनियम और संपत्ति अधिनियम पर व्याख्या

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: गैर-निर्माता केवल घोषणा के माध्यम से डीड को अमान्य करने की मांग कर सकता है – विशेष राहत अधिनियम और संपत्ति अधिनियम पर व्याख्या लेख: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया कि एक व्यक्ति जो किसी डीड या निर्णय का पक्षकार नहीं है, उसे … Read more

संसद और न्यायपालिका में सर्वोच्च कौन? सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

संसद और न्यायपालिका में सर्वोच्च कौन? सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला लेख: हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से संवेदनशील बहस को समाप्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि “संविधान सर्वोच्च है” और यह संविधान ही है जो संसद और न्यायपालिका के बीच निहित शक्तियों को सीमित और परिभाषित करता … Read more

आदेश 6 नियम 17 CPC – याचिका में संशोधन

मामला: महाबीर प्रसाद बनाम मुरारी लाल और अन्य (PbHr 2025, CR-1065-2025, 0 & M) विषय: आदेश 6 नियम 17 CPC – याचिका में संशोधन लेख: भारतीय प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 6 नियम 17 के तहत याचिका में संशोधन करने की प्रक्रिया पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है। इस मामले में, महाबीर प्रसाद द्वारा … Read more

“Order 22 CPC और अधिवक्ता की भूमिका: Satnam Singh & Ors बनाम Harwinder Singh, 2025 के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय”

“Order 22 CPC और अधिवक्ता की भूमिका: Satnam Singh & Ors बनाम Harwinder Singh, 2025 के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय” प्रस्तावना: दिवानी प्रक्रिया संहिता (Code of Civil Procedure – CPC) के आदेश 22 में वाद-पक्षकार की मृत्यु की स्थिति में प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। वर्ष 2025 के Satnam … Read more

“परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोजन में सख्त अनुपालन की अनिवार्यता: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामले में न्यायिक दृष्टिकोण”

“परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोजन में सख्त अनुपालन की अनिवार्यता: कुलभूषण गुप्ता बनाम बिशम्बर राम मामले में न्यायिक दृष्टिकोण” भूमिका: भारत में आर्थिक लेन-देन की विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अधिनियम की धारा 138 विशेष रूप से उस स्थिति … Read more

“हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत पत्नी द्वारा तलाक याचिका दायर करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारिता: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का निर्णय”

“हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत पत्नी द्वारा तलाक याचिका दायर करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारिता: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का निर्णय” परिचय: हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए यह स्पष्ट किया है कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act, 1955) के अंतर्गत यदि पत्नी तलाक … Read more