परिवहन के विभिन्न प्रकारों (सड़क, रेल, जल, वायु) के बीच कानूनी नियंत्रण और दायित्व में क्या अंतर है? स्पष्ट कीजिए।

परिवहन के विभिन्न प्रकारों – सड़क, रेल, जल और वायु – के संचालन, नियंत्रण और दायित्वों को विनियमित करने के लिए अलग-अलग कानूनी ढांचे और नियम बनाए गए हैं। ये नियम सुरक्षा, उत्तरदायित्व, बीमा, क्षतिपूर्ति और यात्री या माल के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। इन चारों प्रकार के परिवहन के कानूनी … Read more

भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन एवं इसका सड़क परिवहन पर नियंत्रण

भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन एवं इसका सड़क परिवहन पर नियंत्रण परिचय: भारत में सड़क परिवहन को विनियमित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988) लागू किया गया था। यह अधिनियम 1 जुलाई 1989 से प्रभावी हुआ, जो पूर्ववर्ती मोटर वाहन अधिनियम, … Read more

परिवाहन कानून पर विस्तृत लेख

परिवाहन कानून पर विस्तृत लेख परिचय परिवाहन कानून (Transport Law) उन विधिक नियमों और विनियमों का समूह है, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन से संबंधित होते हैं। यह कानून यातायात, मोटर वाहन, रेलवे, जलमार्ग, वायु परिवहन और माल परिवहन को नियंत्रित करता है। भारत जैसे विशाल देश … Read more

“धारा 216 दंड प्रक्रिया संहिता की सीमा: Directorate of Revenue Intelligence बनाम राज कुमार अरोड़ा एवं अन्य – एक न्यायिक विश्लेषण”

शीर्षक: “धारा 216 दंड प्रक्रिया संहिता की सीमा: Directorate of Revenue Intelligence बनाम राज कुमार अरोड़ा एवं अन्य – एक न्यायिक विश्लेषण” परिचय: भारतीय आपराधिक न्याय व्यवस्था में आरोपों का निर्धारण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जो न केवल अभियोजन को दिशा देती है बल्कि आरोपी को अपने बचाव की रणनीति तैयार करने का अवसर … Read more

“अंतरिम जमानत: एक अपवाद न कि सामान्य नियम — Asim Mallik बनाम राज्य ओडिशा, 2025 का विश्लेषण”

“अंतरिम जमानत: एक अपवाद न कि सामान्य नियम — Asim Mallik बनाम राज्य ओडिशा, 2025 का विश्लेषण” परिचय: भारतीय न्याय प्रणाली में जमानत (bail) का सिद्धांत व्यक्तिगत स्वतंत्रता और न्यायिक विवेक के बीच संतुलन बनाए रखने का महत्वपूर्ण माध्यम है। हाल ही में Asim Mallik v. State of Odisha (SLP (Criminal) No. 57403 of 2024) … Read more

“पिछले निर्णय के खंडन का प्रतिगामी प्रभाव: Directorate Of Revenue Intelligence बनाम राज कुमार अरोड़ा एवं अन्य – एक विश्लेषण”

“पिछले निर्णय के खंडन का प्रतिगामी प्रभाव: Directorate Of Revenue Intelligence बनाम राज कुमार अरोड़ा एवं अन्य – एक विश्लेषण” परिचय: भारतीय न्यायपालिका के निर्णयों का प्रभाव न केवल तत्समय विवाद के निपटारे तक सीमित होता है, बल्कि वे न्याय के व्यापक सिद्धांतों को स्पष्ट करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा … Read more

“गैरकानूनी हिरासत का झूठा आरोप: बॉम्बे हाईकोर्ट का दिशा-निर्देशात्मक निर्णय — LAWS(BOM)-2023-9-432”

शीर्षक: “गैरकानूनी हिरासत का झूठा आरोप: बॉम्बे हाईकोर्ट का दिशा-निर्देशात्मक निर्णय — LAWS(BOM)-2023-9-432” परिचय: गैरकानूनी हिरासत (Illegal Detention) के आरोपों के संदर्भ में बॉम्बे हाईकोर्ट ने LAWS(BOM)-2023-9-432 में एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया। यह निर्णय न केवल मौलिक अधिकारों की व्याख्या करता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि बिना पर्याप्त साक्ष्य के किसी … Read more

विशेष निष्पादन के दावों में अपंजीकृत बिक्री अनुबंध की प्रमाणिकता: सुप्रीम कोर्ट का मार्गदर्शक निर्णय

शीर्षक: “विशेष निष्पादन के दावों में अपंजीकृत बिक्री अनुबंध की प्रमाणिकता: सुप्रीम कोर्ट का मार्गदर्शक निर्णय – Muruganandam बनाम Muniyandi (मृतक) द्वारा LRs” परिचय: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने Muruganandam बनाम Muniyandi (D) through LRs, दिनांक 08 मई 2025 [S.L.P. (Civ.) No. 10893/2021] में एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है … Read more

“विशेष निष्पादन का दावा खारिज: खरीदार की वित्तीय अक्षमता और अनुचित विलंब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय”

शीर्षक: “विशेष निष्पादन का दावा खारिज: खरीदार की वित्तीय अक्षमता और अनुचित विलंब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय” परिचय: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Dan Sahai एवं अन्य बनाम Bal Kishan [PbHr 2025 (RSA-2320-1993, O & M)] में एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए यह स्पष्ट किया कि विलंब और खरीदार की … Read more

सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी: दीवानी विवादों का आपराधिक मुकदमों में रूपांतरण बंद हो – कानून के दुरुपयोग पर गहरी चिंता व्यक्त

शीर्षक: सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी: दीवानी विवादों का आपराधिक मुकदमों में रूपांतरण बंद हो – कानून के दुरुपयोग पर गहरी चिंता व्यक्त परिचय: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में आपराधिक कानून के दीवानी (सिविल) विवादों में दुरुपयोग पर गहरी चिंता जताई है। यह निर्णय विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में पुलिस … Read more