01 नवंबर से हरियाणा के सभी जिलों में होगी पेपरलेस रजिस्ट्री: डिजिटल शासन की ओर बड़ा कदम
प्रस्तावना
हरियाणा राज्य अब प्रशासनिक डिजिटल क्रांति के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। 1 नवंबर 2025 से हरियाणा के सभी 22 जिलों में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू हो जाएगी। इस योजना की घोषणा राज्य की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने की। उन्होंने कहा कि यह पहल पारंपरिक, समय लेने वाली और जटिल पंजीकरण प्रणाली से जनता को राहत देगी। अब नागरिकों को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए फाइलों के ढेर या दलालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे — सब कुछ डिजिटल, पारदर्शी और नागरिक अनुकूल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
पहले चरण की शुरुआत कुरुक्षेत्र से
डिजिटल रजिस्ट्री की दिशा में पहला बड़ा कदम 29 सितंबर 2025 को उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस योजना का शुभारंभ कुरुक्षेत्र जिले की बबैन उप-तहसील से करेंगे। इस कार्यक्रम के साथ हरियाणा देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा जो संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना रहे हैं।
इस अवसर पर राज्य के राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासन, आईटी विशेषज्ञ और आम नागरिक उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री सैनी का कहना है कि “यह कदम न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगाएगा, बल्कि नागरिकों का कीमती समय और पैसा दोनों बचाएगा। हर नागरिक को अपने मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा मिलेगी।”
दूसरे चरण की शुरुआत 28 अक्टूबर को
डॉ. सुमिता मिश्रा के अनुसार, दूसरे चरण की शुरुआत 28 अक्टूबर 2025 से होगी। इस चरण में राज्य के 10 जिलों को पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली से जोड़ा जाएगा। ये जिले हैं —
अंबाला, यमुनानगर, करनाल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, पलवल, जींद और झज्जर।
इन जिलों में आवश्यक तकनीकी ढांचा पहले ही तैयार कर लिया गया है। रजिस्ट्री कार्यालयों को अत्याधुनिक कंप्यूटर प्रणाली, डिजिटल सिग्नेचर, सुरक्षित सर्वर और नेटवर्क कनेक्टिविटी से सुसज्जित किया जा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे नए सिस्टम में दक्षता से कार्य कर सकें।
तीसरे चरण में 1 नवंबर से पूरे राज्य में विस्तार
1 नवंबर 2025 से तीसरे चरण के अंतर्गत शेष 11 जिलों में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू की जाएगी। ये जिले हैं —
भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, कैथल, नूंह, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा और सोनीपत।
इस दिन से हरियाणा पूरी तरह पेपरलेस रजिस्ट्री करने वाला राज्य बन जाएगा। नागरिक अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा करेंगे, सत्यापन डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से होगा, और अंतिम पंजीकरण प्रमाणपत्र (Registry Deed) भी ई-सर्टिफिकेट के रूप में जारी किया जाएगा।
डिजिटल शासन की दिशा में ऐतिहासिक कदम
पेपरलेस रजिस्ट्री हरियाणा सरकार की ई-गवर्नेंस नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य शासन को अधिक पारदर्शी, तेज़, भ्रष्टाचार-मुक्त और जवाबदेह बनाना है।
राज्य के राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे —
- पहचान प्रमाण (ID Proof),
- संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ (Sale Deed, Khasra Number, Jamabandi आदि),
- खरीदार-विक्रेता के डिजिटल हस्ताक्षर,
- और ऑनलाइन भुगतान रसीद (E-Challan) —
सभी कुछ एक ही पोर्टल पर अपलोड किए जा सकेंगे।
रजिस्ट्री अधिकारी को दस्तावेज़ों की भौतिक जाँच करने की आवश्यकता नहीं होगी। पूरा सिस्टम ब्लॉकचेन तकनीक और क्लाउड सर्वर पर आधारित होगा, जिससे डेटा सुरक्षित रहेगा और किसी प्रकार की छेड़छाड़ असंभव होगी।
जनहित में अनेक लाभ
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण:
डिजिटल रजिस्ट्री से बिचौलियों और फर्जी दस्तावेज़ों की भूमिका खत्म होगी। लेन-देन पारदर्शी रहेगा। - समय की बचत:
अब नागरिकों को घंटों लाइन में खड़े रहने या तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। - ऑनलाइन सत्यापन:
खरीदार और विक्रेता दोनों अपने दस्तावेज़ों को रियल-टाइम में सत्यापित कर सकेंगे। - सुरक्षित डेटा भंडारण:
पेपरलेस प्रणाली में सभी रजिस्ट्री रिकॉर्ड सुरक्षित डिजिटल फॉर्मेट में सहेजे जाएंगे। किसी भी समय उन्हें ऑनलाइन देखा या डाउनलोड किया जा सकेगा। - पर्यावरण संरक्षण:
लाखों कागज़ों की बचत होगी, जिससे वृक्षों की कटाई कम होगी और पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा।
‘हरियाणा वन क्लिक सर्विस पोर्टल’ से होगा संचालन
हरियाणा सरकार ने इस पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली को “वन क्लिक सर्विस पोर्टल” से जोड़ा है। यह पोर्टल नागरिकों को एक ही मंच पर सभी सेवाएं प्रदान करेगा — जैसे भूमि रिकॉर्ड देखना, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना, स्टाम्प शुल्क जमा करना, और रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करना।
नागरिक पोर्टल पर ई-अपॉइंटमेंट बुकिंग कर सकेंगे, जिससे भीड़भाड़ कम होगी। साथ ही, पोर्टल पर चैटबॉट सहायता प्रणाली भी उपलब्ध होगी जो नागरिकों को मार्गदर्शन देगी।
तकनीकी प्रशिक्षण और जनजागरूकता
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नई प्रणाली लागू होने से पहले सभी उप-निबंधक (Sub-Registrar) कार्यालयों के कर्मचारी तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हों। इसके लिए विशेष ई-गवर्नेंस प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
साथ ही, नागरिकों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ‘डिजिटल रजिस्ट्री जागरूकता अभियान’ चलाया जाएगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि कैसे घर बैठे रजिस्ट्री कराई जा सकती है, किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी, और पोर्टल का उपयोग कैसे किया जाए।
हरियाणा सरकार की भविष्य योजना
वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली के बाद सरकार का अगला लक्ष्य भूमि रिकॉर्ड्स का पूर्ण डिजिटलीकरण है। इससे नागरिकों को संपत्ति विवादों से मुक्ति मिलेगी और पारदर्शी शासन व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
सरकार जल्द ही रजिस्ट्री और भू-अभिलेख विभाग को संपत्ति कर पोर्टल से जोड़ने की दिशा में भी कदम उठाएगी। इसका अर्थ है कि एक क्लिक में नागरिक अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री, टैक्स भुगतान, और रिकॉर्ड की स्थिति जान सकेंगे।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
कई जिलों में नागरिकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। गुरुग्राम के एक संपत्ति सलाहकार ने कहा, “अब लोगों को फर्जी दस्तावेज़ों और घूसखोरी से मुक्ति मिलेगी। डिजिटल रजिस्ट्री से खरीदार का विश्वास बढ़ेगा और राज्य में निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।”
वहीं कुरुक्षेत्र के एक ग्रामीण नागरिक ने कहा, “हम जैसे छोटे किसानों को अब पटवारी या रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मोबाइल से सब कुछ हो जाएगा।”
निष्कर्ष
हरियाणा की यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन भी है। 1 नवंबर 2025 से जब पूरा राज्य पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली में शामिल होगा, तब हरियाणा वास्तव में “डिजिटल इंडिया” की भावना को साकार करेगा।
इस कदम से प्रशासनिक पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर अंकुश, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुविधा — चारों क्षेत्रों में एक साथ सुधार देखने को मिलेगा। हरियाणा का यह डिजिटल परिवर्तन अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल सिद्ध होगा।