हिन्दू विधि की उत्पत्ति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। Write short note on the origin of Hindu Law.
उत्तर- हिन्दू विधि की उत्पत्ति (Origin of Hindu Law)-दो विचारधारायें हिन्दू विधि की उत्पत्ति के सम्बन्ध में प्रचलित हैं-एक विचारधारा के अनुसार यह ईश्वर प्रदत्त है-दूसरी विचारधारा के अनुसार यह बहुत काल से प्रचलित प्रथाओं एवं रूढ़ियों पर आधारित विधि है।
यद्यपि हिन्दू विधि ईश्वरीय उत्पत्ति से सम्बन्धित मानी जाती है, फिर भी यह तत्वतः बहुत काल से प्रचलित एवं सदाचार पर अवलम्बित है जो पूर्णतया धर्म निरपेक्ष है। विधि के विकास में प्रथाओं के ऊपर इतना अधिक बल दिया गया है कि यह भ्रम होना सर्वथा स्वाभाविक है कि हिन्दू विधि प्रथात्मक है।
हिन्दुओं के अनुसार, हिन्दू विधि की दैवी उत्पत्ति है, क्योंकि यह वेदों से प्राप्त हुई बतायी जाती है और वेदों को ईश्वरीय वाणी कहा जाता है। यूरोपीय विद्वानों के अनुसार हिन्दू विधि ईश्वर प्रदत्त नहीं वरन् बहुप्रचलित प्रथाओं एवं लोकरीतियों आधारित है जो ब्राह्मणवाद के पूर्व भी विद्यमान थी। जब आर्य लोग भारत में आये तो उन्होंने देखा कि यहाँ बहुत सी प्रथायें एवं रूढ़ियाँ प्रचलित थीं जो उनकी प्रथाओं से या तो पूर्णरूपेण मेल खाती थीं अथवा उनसे पूर्णतया भिन्न भी नहीं थीं। उन्होंने उन प्रथाओं अथवा रूढ़ियों को आवश्यकतानुसार परिवर्तित अथवा संशोधित करके ग्रहण कर लिया तथा उन प्रथाओं एवं रूढ़ियों को पूर्णतया त्याग दिया, जिनको वे अपने अनुरूप नहीं कर सकते थे। बाद में ब्राह्मणवाद ने उन प्रचलित प्रथाओं में धर्म की आड़ में कुछ परिवर्तन किया। पहला, उनके धर्म-निरपेक्ष स्वरूप में धर्म का बीजारोपण करके, दूसरा, पवित्र उद्देश्यों से उचित नियन्त्रण करके तथा तीसरा उद्देश्य विशेष की पूर्ति के हेतु ब्राह्मणवाद द्वारा मान्य नीतियों के अनुसार प्रथाओं को पूर्णतया हटाकर परिवर्तन लाये गये।