सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: NEET PG 2025 परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी आयोजित

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: NEET PG 2025 परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी आयोजित

(याचिका संख्या: FAO-5241-2013 O&M, सुप्रीम कोर्ट, 2025)


🏛️ पृष्ठभूमि

NEET PG 2025 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा को दो शिफ्टों में आयोजित करने के निर्णय को चुनौती देते हुए तर्क दिया कि इससे उम्मीदवारों के बीच असमानता पैदा होगी क्योंकि अलग-अलग शिफ्टों में प्रश्नपत्रों का कठिनाई स्तर अलग-अलग हो सकता है।


⚖️ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

30 मई 2025 को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजरिया की पीठ ने यह निर्देश दिया कि NEET PG 2025 परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करना मनमाना है और इससे सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित नहीं हो पाते।


📌 कोर्ट की मुख्य टिप्पणियाँ

✅ “दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करना मनमाना है और इससे उम्मीदवारों को समान स्तर पर नहीं रखा जा सकता।”
✅ “किसी भी दो प्रश्नपत्रों की कठिनाई स्तर समान नहीं हो सकती।”
✅ “नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को नियमित रूप से लागू नहीं किया जा सकता; इसे केवल असाधारण परिस्थितियों में अपनाया जाना चाहिए।”
✅ “देश में तकनीकी प्रगति इतनी हो चुकी है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जा सकती है।”


📝 याचिकाकर्ताओं के तर्क

याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह तर्क दिया कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से उम्मीदवारों की काबिलियत के बजाय किस्मत अधिक प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि NEET UG परीक्षा, जिसमें अधिक उम्मीदवार होते हैं, वह भी एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाती है, तो फिर NEET PG को दो शिफ्टों में क्यों आयोजित किया जा रहा है?


🕒 आगे की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को निर्देश दिया कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित करने की प्रक्रिया शुरू करे। यदि बोर्ड को परीक्षा केंद्रों की संख्या के कारण कठिनाई आती है, तो वह परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकता है।


📣 निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सभी उम्मीदवारों को एक ही शिफ्ट में परीक्षा देकर समान अवसर मिलेगा और किसी भी प्रकार के भेदभाव की संभावना खत्म होगी।