“साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार: 

“साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार: 

आज के डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को सरल और सुलभ बनाया है, वहीं साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। अपराधी रोज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं। इस संदर्भ में पलवल के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने नागरिकों से सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है।

एसपी सिंगला ने कहा कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए तकनीकी जानकारी से अधिक जरूरी है सतर्कता और सजगता। उन्होंने बताया कि पुलिस समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाकर आमजन को साइबर ठगी के नए तरीकों के बारे में सचेत कर रही है।


साइबर अपराध से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां:

  1. अनजान नंबरों से आए व्हाट्सएप मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें।
  2. किसी भी व्यक्ति से बैंक डिटेल, एटीएम कार्ड नंबर, CVV आदि साझा न करें।
  3. घर बैठे पैसे कमाने के लालच में टेलीग्राम या अन्य ऐप डाउनलोड न करें।
  4. ऑनलाइन खरीदारी करते समय वेबसाइट की विश्वसनीयता जांचें।
  5. किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करने से बचें, भले ही वह कोई जानकार भेजे।
  6. इन्कम टैक्स रिफंड या बैंक वेरीफिकेशन के नाम पर आए लिंक को न खोलें।
  7. कस्टमर केयर नंबर गूगल पर न ढूंढें, बल्कि कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
  8. साइबर अपराधी प्रभावशाली लोगों की डीपी का दुरुपयोग कर सकते हैं — सतर्क रहें।
  9. 5G नेटवर्क में शिफ्टिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों से सावधान रहें।
  10. डाक विभाग के अधूरे पते वाले मैसेज को नजरअंदाज करें और लिंक न खोलें।

साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत क्या करें?
एसपी सिंगला ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो उसे तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करना चाहिए या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। समय पर की गई शिकायत से पैसे की रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।


निष्कर्ष:
साइबर अपराधी हमारी एक छोटी सी चूक का फायदा उठाकर आर्थिक नुकसान पहुँचा सकते हैं। ऐसे में जरूरत है डिजिटल दुनिया में सावधानीपूर्वक कदम रखने की। पुलिस प्रशासन की सलाहों पर अमल करते हुए हम साइबर ठगी से सुरक्षित रह सकते हैं।