51. शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन में संबंध स्पष्ट कीजिए।
शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख साधन है। यह व्यक्ति की सोच, व्यवहार और दृष्टिकोण में बदलाव लाकर समाज में नवीनता लाती है।
संबंध:
- शिक्षा से परंपरागत विचारों में बदलाव आता है।
- यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है।
- महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्गों में जागरूकता उत्पन्न करती है।
- शिक्षा सामाजिक न्याय और समानता की ओर अग्रसर करती है।
अतः शिक्षा समाज को आधुनिक और प्रगतिशील बनाने का सशक्त माध्यम है।
52. समाज में युवाओं की भूमिका क्या है?
युवा समाज की सबसे ऊर्जावान, नवोन्मेषी और परिवर्तनशील शक्ति हैं।
मुख्य भूमिकाएं:
- सामाजिक आंदोलनों और सुधारों में सक्रिय भागीदारी
- शिक्षा और तकनीकी विकास में अग्रणी
- संस्कृति और परंपराओं को नया दृष्टिकोण देना
- सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाना
यदि युवाओं को सही दिशा, अवसर और नेतृत्व मिले, तो वे समाज को सशक्त और समरस बना सकते हैं।
53. बाल अधिकारों का उल्लंघन समाज पर क्या प्रभाव डालता है?
बाल अधिकारों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और सम्मान का अधिकार शामिल है।
उल्लंघन के प्रभाव:
- बाल श्रम और शोषण बढ़ता है
- बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुकता है
- शिक्षा से वंचित बच्चे भविष्य में बेरोजगार और असामाजिक बन सकते हैं
- समाज में असमानता और हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ती है
समाज का उत्तरदायित्व है कि वह बच्चों को सुरक्षित और सशक्त वातावरण प्रदान करे।
54. सामाजिक विभाजन के कारण क्या हैं?
सामाजिक विभाजन समाज में लोगों को विभिन्न समूहों में बांटता है।
मुख्य कारण:
- जाति आधारित भेदभाव
- धर्म और संप्रदायों में मतभेद
- लिंग आधारित असमानता
- आर्थिक असमानता
- भाषा और क्षेत्रीयता
यह विभाजन कभी-कभी संघर्ष और हिंसा को जन्म देता है। समरसता और समावेशी विकास से इसे कम किया जा सकता है।
55. समाज में वृद्धजनों की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
वृद्धजन समाज का अनुभव और ज्ञान का स्रोत होते हैं, लेकिन आधुनिक समाज में उनकी स्थिति चिंताजनक है।
समस्याएँ:
- उपेक्षा और अकेलापन
- आर्थिक निर्भरता
- स्वास्थ्य समस्याएं
- पारिवारिक सहयोग की कमी
समाधान: - सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
- वृद्धाश्रमों का विकास
- पारिवारिक जिम्मेदारी और सम्मान
- बुजुर्गों के लिए कानूनों का पालन (जैसे Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007)
उनकी गरिमा और अधिकारों की रक्षा करना समाज का कर्तव्य है।
56. लिंग आधारित हिंसा के प्रकार और समाधान बताइए।
लिंग आधारित हिंसा वह हिंसा है जो किसी के लिंग के आधार पर की जाती है, विशेष रूप से महिलाओं के प्रति।
प्रकार:
- घरेलू हिंसा
- यौन उत्पीड़न
- दहेज उत्पीड़न
- एसिड अटैक
- साइबर हिंसा
समाधान: - कड़े कानून और सख्त कार्यवाही
- महिला सशक्तिकरण
- शिक्षा और जागरूकता
- 181 महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर जैसी सरकारी योजनाएं
समाज को संवेदनशील और उत्तरदायी बनाना आवश्यक है।
57. अनुसूचित जातियों की सामाजिक स्थिति समझाइए।
अनुसूचित जातियाँ पारंपरिक रूप से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर रही हैं।
स्थिति:
- शिक्षा और रोजगार में पिछड़ापन
- जातिगत भेदभाव और छुआछूत
- सामाजिक बहिष्कार
सुधार के प्रयास: - आरक्षण नीति
- शिक्षा और रोजगार योजनाएं
- विशेष कानून (SC/ST Atrocities Act)
आज अनेक SC समुदायों ने उन्नति की है, परंतु पूरी समानता प्राप्त करने के लिए अभी भी प्रयास आवश्यक हैं।
58. सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाने में शिक्षा की भूमिका क्या है?
शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करती है जिससे वह अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधार सकता है।
भूमिका:
- आर्थिक आत्मनिर्भरता
- जाति और वर्ग की बाधाओं को तोड़ना
- सरकारी नौकरियों में अवसर
- सामाजिक चेतना और आत्म-सम्मान
शिक्षा सामाजिक बदलाव और विकास का मूल आधार है।
59. भारतीय संविधान में सामाजिक न्याय की अवधारणा क्या है?
भारतीय संविधान सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु अनेक प्रावधान करता है।
मुख्य प्रावधान:
- अनुच्छेद 14-18: समानता का अधिकार
- अनुच्छेद 15(4), 16(4): आरक्षण व्यवस्था
- अनुच्छेद 46: समाज के कमजोर वर्गों की उन्नति
लक्ष्य:
सभी वर्गों को समान अवसर, सुरक्षा और गरिमा देना।
सामाजिक न्याय भारतीय लोकतंत्र का आधार है।
60. सामाजिक नियंत्रण के साधनों को समझाइए।
सामाजिक नियंत्रण समाज में अनुशासन बनाए रखने का माध्यम है।
साधन:
- औपचारिक: कानून, न्यायालय, पुलिस
- अनौपचारिक: परिवार, धर्म, रीति-रिवाज, लोकमत
ये साधन व्यक्ति के व्यवहार को सामाजिक मानदंडों के अनुसार नियंत्रित करते हैं।
61. नशाखोरी की सामाजिक समस्या और समाधान बताइए।
समस्या:
- युवाओं में तेजी से बढ़ती लत
- अपराध और हिंसा में वृद्धि
- स्वास्थ्य और परिवार पर विपरीत प्रभाव
कारण: - तनाव, बेरोजगारी, कुसंग
समाधान: - नशा मुक्ति केंद्र
- जन जागरूकता अभियान
- युवाओं को खेल और रोजगार से जोड़ना
नशामुक्त समाज स्वस्थ और सशक्त समाज होता है।
62. सामाजिक अनुसंधान का महत्व बताइए।
सामाजिक अनुसंधान समाज की समस्याओं, व्यवहारों और प्रवृत्तियों को वैज्ञानिक ढंग से समझने का तरीका है।
महत्व:
- नीति निर्माण में सहायक
- सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण
- व्यवहार और बदलाव का अध्ययन
- योजनाओं का प्रभाव मूल्यांकन
यह समाज को साक्ष्य आधारित समाधान की दिशा देता है।
63. समाज में धार्मिक कट्टरता का प्रभाव क्या है?
धार्मिक कट्टरता से समाज में असहिष्णुता, हिंसा और अस्थिरता उत्पन्न होती है।
प्रभाव:
- सांप्रदायिक दंगे
- सामाजिक विभाजन
- लोकतंत्र को खतरा
समाधान: - धर्मनिरपेक्ष शिक्षा
- सांस्कृतिक संवाद
- कानून का पालन
भारत जैसे विविधतापूर्ण समाज में धार्मिक सहिष्णुता अनिवार्य है।
64. महिलाओं में आत्मनिर्भरता क्यों आवश्यक है?
आत्मनिर्भरता से महिलाएं अपनी पहचान बनाती हैं और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक निर्णयों में भाग लेती हैं।
महत्व:
- घरेलू हिंसा से बचाव
- बच्चों का बेहतर पालन
- समाज में समान भूमिका
- आत्म-सम्मान की प्राप्ति
महिला सशक्तिकरण का पहला चरण आत्मनिर्भरता है।
65. सामाजिक सुधार आंदोलनों का योगदान बताइए।
19वीं और 20वीं सदी में अनेक सुधार आंदोलनों ने भारतीय समाज को नया रूप दिया।
प्रमुख योगदान:
- सती प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत का विरोध
- विधवा पुनर्विवाह, महिला शिक्षा को प्रोत्साहन
प्रमुख नेता: राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, ज्योतिबा फुले, डॉ. आंबेडकर
इन आंदोलनों से समाज में न्याय, समानता और प्रगति की राह खुली।
66. सामाजिक बहिष्कार (Social Exclusion) क्या है?
सामाजिक बहिष्कार वह प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति या समूह को समाज की मुख्यधारा से अलग कर दिया जाता है।
कारण:
- जाति आधारित भेदभाव
- लिंग, धर्म, या संप्रदाय पर आधारित अस्वीकार्यता
- विकलांगता, एचआईवी जैसी स्वास्थ्य स्थितियाँ
प्रभाव: - सामाजिक असमानता
- आर्थिक अवसरों से वंचित रहना
- आत्म-सम्मान में कमी
समाधान: - समावेशी नीतियाँ
- शिक्षा और रोजगार में अवसर
- संवेदनशीलता बढ़ाना
समाज का उत्तरदायित्व है कि वह सभी को समान सम्मान और अवसर दे।
67. भारत में जातिवाद की समस्या पर प्रकाश डालिए।
जातिवाद भारत की प्रमुख सामाजिक समस्याओं में से एक है।
प्रभाव:
- सामाजिक विभाजन और भेदभाव
- अवसरों में असमानता
- राजनीतिक ध्रुवीकरण
- सामाजिक तनाव और हिंसा
समाधान: - शिक्षा और जन-जागरूकता
- आरक्षण और सशक्तिकरण नीतियाँ
- सामाजिक समरसता अभियान
जातिवाद का उन्मूलन भारत को एक न्यायपूर्ण समाज की ओर ले जाएगा।
68. साइबर अपराध और समाज पर उसका प्रभाव बताइए।
साइबर अपराध वे अपराध हैं जो इंटरनेट और डिजिटल माध्यमों से किए जाते हैं।
प्रकार:
- ऑनलाइन फ्रॉड
- साइबर बुलिंग
- फेक न्यूज़ फैलाना
- हैकिंग और डाटा चोरी
प्रभाव: - सामाजिक अस्थिरता
- मानसिक तनाव
- व्यक्तिगत गोपनीयता में हस्तक्षेप
समाधान: - साइबर कानूनों का कड़ाई से पालन
- साइबर जागरूकता
- डिजिटल साक्षरता
साइबर अपराध रोकने के लिए समाज, सरकार और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा।
69. समाज में शिक्षा के अधिकार का महत्व क्या है?
शिक्षा का अधिकार (RTE) भारत के संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत एक मौलिक अधिकार है।
महत्व:
- सामाजिक समानता को बढ़ावा
- बाल श्रम की रोकथाम
- महिला और दलित सशक्तिकरण
- आर्थिक आत्मनिर्भरता
RTE कानून (2009) के अंतर्गत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है।
70. सामाजिक वर्ग (Social Class) क्या होता है?
सामाजिक वर्ग एक समूह होता है जिसमें व्यक्तियों को आर्थिक, शैक्षणिक, और सामाजिक स्थिति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
प्रमुख वर्ग:
- उच्च वर्ग
- मध्य वर्ग
- निम्न वर्ग
विशेषताएँ: - वर्गांतरण संभव है
- खुली व्यवस्था होती है
- वर्ग आधारित समाज में योग्यता और श्रम को महत्व मिलता है
यह आधुनिक समाज की गतिशीलता और प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
71. नगरीकरण से उत्पन्न सामाजिक समस्याएं बताइए।
नगरीकरण के साथ अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं:
- झुग्गी-झोपड़ी की वृद्धि
- बेरोजगारी
- अपराध और सामाजिक तनाव
- पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं का विघटन
- पर्यावरणीय प्रदूषण
समाधान: - नियोजित नगरीकरण
- रोजगार सृजन
- झुग्गियों का पुनर्विकास
- शहरी समाज सेवाएँ
यह आवश्यक है कि नगरीकरण के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए।
72. पारिवारिक विघटन के कारण और परिणाम बताइए।
कारण:
- आधुनिक जीवनशैली
- आर्थिक स्वतंत्रता
- व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं
- पीढ़ीगत अंतर
परिणाम: - बुजुर्गों की उपेक्षा
- बच्चों की परवरिश पर असर
- सामाजिक अलगाव
- तनाव और अवसाद
समाधान: - पारिवारिक संवाद
- परामर्श केंद्र
- संयुक्त पारिवारिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना
पारिवारिक स्थिरता सामाजिक स्थिरता का आधार है।
73. महिला उत्पीड़न के कारण और निवारण उपाय बताइए।
कारण:
- पितृसत्तात्मक मानसिकता
- अशिक्षा और निर्भरता
- दहेज प्रथा
- यौन शोषण
निवारण उपाय: - कड़े कानून और उनका क्रियान्वयन (जैसे PWDVA, 2005)
- महिला शिक्षा
- आर्थिक आत्मनिर्भरता
- जागरूकता अभियान
सशक्त महिलाएं स्वस्थ और सुरक्षित समाज की रचना करती हैं।
74. समाज में धर्म की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
धर्म समाज को नैतिकता, आचरण और अनुशासन प्रदान करता है।
भूमिकाएँ:
- सामाजिक नियंत्रण
- एकता और सामूहिकता की भावना
- आध्यात्मिक संतोष
नकारात्मक प्रभाव (यदि कट्टरता हो): - सांप्रदायिकता
- भेदभाव
समाधान: - धर्मनिरपेक्षता
- धार्मिक सहिष्णुता
धर्म समाज की आत्मा है, परंतु उसका प्रयोग शांति और सद्भाव हेतु हो।
75. सामाजिक मूल्य (Social Values) क्या हैं?
सामाजिक मूल्य वे आदर्श और मानक हैं जिन्हें समाज अच्छा और स्वीकार्य मानता है।
उदाहरण:
- ईमानदारी
- सहिष्णुता
- न्याय
- सहयोग
भूमिका: - सामाजिक नियंत्रण
- नैतिक विकास
- पीढ़ीगत मार्गदर्शन
मूल्य समाज की दिशा और चरित्र को निर्धारित करते हैं।
76. संस्कृति और सभ्यता में अंतर स्पष्ट कीजिए।
संस्कृति | सभ्यता |
---|---|
जीवन जीने की शैली | जीवन को सुविधाजनक बनाने की तकनीकी उन्नति |
विचार, भाव, कला आदि | भवन, वस्त्र, तकनीक आदि |
आत्मिक और भावनात्मक पक्ष | भौतिक और यांत्रिक पक्ष |
दोनों समाज की पहचान बनाते हैं, परंतु संस्कृति अधिक गहन और स्थायी होती है। |
77. किशोरों की सामाजिक समस्याएं क्या हैं?
मुख्य समस्याएं:
- पहचान की खोज
- पारिवारिक और शैक्षिक दबाव
- नशा, अपराध, अश्लीलता की ओर झुकाव
- मानसिक तनाव और अवसाद
समाधान: - उचित मार्गदर्शन
- संवादपूर्ण परिवार
- परामर्श सेवाएँ
- सहकर्मी समूहों की सकारात्मक भूमिका
किशोर समाज के भविष्य हैं, इन्हें संवेदनशीलता से समझना आवश्यक है।
78. परिवार में महिलाओं की स्थिति समझाइए।
परंपरागत रूप से महिलाएं परिवार में उपेक्षित और निर्भर मानी जाती थीं।
बदलती स्थिति:
- शिक्षा और नौकरी के अवसर
- निर्णय लेने में भागीदारी
- आर्थिक स्वतंत्रता
समस्याएं अभी भी हैं: - घरेलू हिंसा
- निर्णयों में सीमित भागीदारी
समाधान: - संवेदनशीलता
- महिला अधिकारों की रक्षा
- पुरुषों की भागीदारी में सुधार
महिलाओं को समान दर्जा देना सामाजिक प्रगति का संकेत है।
79. सामाजिक समूह (Social Group) की परिभाषा और प्रकार बताइए।
सामाजिक समूह उन व्यक्तियों का समूह होता है जो एक-दूसरे से संपर्क में रहते हैं और साझा उद्देश्य रखते हैं।
प्रकार:
- प्राथमिक समूह – परिवार, मित्र
- द्वितीयक समूह – संस्था, संगठन
विशेषताएँ:
- संबंध
- सहभागिता
- एकता
सामाजिक समूह समाज की आधारभूत संरचना बनाते हैं।
80. भारत में सामाजिक सुधारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
सामाजिक सुधारकों ने भारत को अंधविश्वास, भेदभाव और अन्याय से मुक्त करने में योगदान दिया।
प्रमुख सुधारक:
- राजा राममोहन राय – सती प्रथा विरोध
- ईश्वरचंद्र विद्यासागर – विधवा पुनर्विवाह
- ज्योतिबा फुले – महिला और दलित शिक्षा
- महात्मा गांधी – अस्पृश्यता उन्मूलन
इन सुधारकों ने आधुनिक, समतामूलक और नैतिक समाज की नींव रखी।
81. भारत में जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक प्रभाव क्या हैं?
प्रभाव:
- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव
- बेरोजगारी
- झुग्गी बस्तियों का प्रसार
- पर्यावरणीय संकट
- सामाजिक संघर्ष
समाधान: - जनसंख्या नियंत्रण नीति
- जन-जागरूकता
- महिला शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर
जनसंख्या का संतुलन सामाजिक स्थिरता के लिए जरूरी है।
82. एकल परिवार की अवधारणा और प्रभाव बताइए।
एकल परिवार वह होता है जिसमें पति, पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे रहते हैं।
प्रभाव:
- स्वतंत्रता और निजता में वृद्धि
- निर्णय लेने में सुविधा
- परंतु सामाजिक अलगाव, बुजुर्गों की उपेक्षा
समाधान: - पीढ़ियों में संवाद
- परिवार मूल्यों को बनाए रखना
यह समाज के बदलते स्वरूप का संकेत है, जिसे संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
83. भारत में सामाजिक आंदोलन के प्रकार बताइए।
प्रकार:
- सुधारवादी आंदोलन – ब्रह्म समाज, आर्य समाज
- क्रांतिकारी आंदोलन – स्वतंत्रता संग्राम
- दलित आंदोलन – डॉ. आंबेडकर द्वारा
- महिला आंदोलन – महिला अधिकारों हेतु
- पर्यावरण आंदोलन – चिपको, नर्मदा बचाओ
ये आंदोलन समाज में चेतना, न्याय और परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
84. सामाजिक समस्याओं के अध्ययन में समाजशास्त्र की भूमिका बताइए।
समाजशास्त्र समाज की संरचना, व्यवहार और समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करता है।
भूमिका:
- समस्याओं की जड़ समझना
- समाधान हेतु नीति निर्धारण
- सांख्यिकीय विश्लेषण
- सामाजिक जागरूकता
समाजशास्त्र सामाजिक सुधार और न्याय हेतु एक आवश्यक उपकरण है।
85. समाजशास्त्री डॉ. बी. आर. आंबेडकर का योगदान बताइए।
डॉ. आंबेडकर एक महान समाजशास्त्री, विधिवेता और संविधान निर्माता थे।
योगदान:
- दलितों के अधिकारों की रक्षा
- जाति व्यवस्था का विरोध
- शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय की स्थापना
- हिंदू कोड बिल और संविधान में सामाजिक न्याय के प्रावधान
उनका कार्य आज भी सामाजिक परिवर्तन का प्रेरणास्रोत है।
86. भारत में जाति व्यवस्था का ऐतिहासिक विकास समझाइए।
प्राचीन काल: वर्ण व्यवस्था (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) कर्म पर आधारित थी।
मध्यकाल: जातियाँ जन्म आधारित हो गईं।
ब्रिटिश काल: जातिगत जनगणना और वर्गीकरण ने इसे जटिल बनाया।
आधुनिक काल: जाति व्यवस्था कमजोर हुई, परंतु अभी भी राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव है।
आरक्षण, शिक्षा और सामाजिक आंदोलन जाति व्यवस्था को बदलने में सहायक रहे हैं।
87. सामाजिक न्याय का अर्थ और महत्व बताइए।
सामाजिक न्याय का अर्थ है—समाज के सभी वर्गों को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर, अधिकार और संसाधन प्रदान करना।
महत्व:
- वंचित वर्गों का सशक्तिकरण
- समानता की स्थापना
- शोषण और भेदभाव का अंत
- लोकतंत्र की मजबूती
भारत में सामाजिक न्याय को संविधान द्वारा संरक्षित किया गया है, विशेष रूप से अनुच्छेद 15(4), 16(4) और अनुच्छेद 46 द्वारा।
88. समाज में शिक्षा के उद्देश्यों को समझाइए।
मुख्य उद्देश्य:
- ज्ञान और कौशल का विकास
- नैतिक और सामाजिक मूल्यों का संवर्धन
- सामाजिक समरसता
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण
- आत्मनिर्भरता
शिक्षा व्यक्ति को केवल पढ़ना नहीं सिखाती, बल्कि सोचने, समझने और जिम्मेदार नागरिक बनने के योग्य बनाती है।
89. बहुल सांस्कृतिक समाज (Multicultural Society) क्या होता है?
बहुल सांस्कृतिक समाज वह होता है जिसमें विभिन्न जाति, धर्म, भाषा और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग एक साथ रहते हैं।
विशेषताएँ:
- विविधता में एकता
- सहिष्णुता और सह-अस्तित्व
- आपसी सम्मान और आदान-प्रदान
भारत एक प्रमुख बहुल सांस्कृतिक समाज है जहाँ विभिन्न परंपराएँ और संस्कृति एक साथ फली-फूली हैं।
90. भारत में बाल विवाह की सामाजिक स्थिति और उपाय बताइए।
स्थिति:
- ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बाल विवाह होते हैं
- बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर
कारण: - गरीबी, अशिक्षा, परंपरा
उपाय: - कानून का सख्ती से पालन (Prohibition of Child Marriage Act, 2006)
- शिक्षा और जागरूकता
- महिला सशक्तिकरण
बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है जिससे समाज को मुक्त करना आवश्यक है।
91. सामाजिक कुप्रथाओं को समाप्त करने में कानून की भूमिका समझाइए।
भूमिका:
- सामाजिक न्याय की स्थापना
- महिलाओं, बच्चों और वंचितों की सुरक्षा
- दहेज, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, छुआछूत आदि पर रोक
उदाहरण: - दहेज निषेध अधिनियम, 1961
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006
- एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम
कानून सामाजिक परिवर्तन का प्रभावी माध्यम बन चुका है।
92. समाज में सहयोग (Cooperation) का महत्व बताइए।
सहयोग समाज के संतुलन और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
महत्व:
- सामाजिक एकता
- सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति
- संघर्ष की संभावना में कमी
- परस्पर संबंधों की मजबूती
सहयोग न केवल परिवार या समूह में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति और विकास का आधार है।
93. सामाजिक गतिशीलता (Social Mobility) क्या है?
सामाजिक गतिशीलता का अर्थ है—व्यक्ति या समूह का एक सामाजिक स्तर से दूसरे स्तर की ओर बढ़ना।
प्रकार:
- ऊर्ध्वगामी (Upward)
- अधोमुखी (Downward)
- क्षैतिज (Horizontal)
महत्त्व: - अवसरों की समानता का संकेत
- योग्यता और परिश्रम का पुरस्कार
- सामाजिक न्याय को बढ़ावा
सामाजिक गतिशीलता, आधुनिक समाज की विशेषता है।
94. लैंगिक समानता का समाजशास्त्रीय महत्व क्या है?
लैंगिक समानता का अर्थ है कि पुरुष और महिलाएं सभी क्षेत्रों में समान अधिकार और अवसर प्राप्त करें।
महत्त्व:
- सामाजिक न्याय की स्थापना
- महिला सशक्तिकरण
- आर्थिक विकास में भागीदारी
- पारिवारिक संतुलन
लैंगिक समानता संविधान और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) दोनों का मूल तत्त्व है।
95. भारतीय समाज में लिंग आधारित भूमिका का स्वरूप बताइए।
परंपरागत रूप से:
- पुरुष: कमाने वाला, निर्णयकर्ता
- महिला: पालन-पोषण, घरेलू कार्य
वर्तमान परिवर्तन: - महिलाएं शिक्षा, राजनीति, प्रशासन, सेना आदि में
- पुरुष भी घरेलू जिम्मेदारियों में भागीदारी कर रहे हैं
हालाँकि लैंगिक भूमिकाओं में असमानता अब भी कई क्षेत्रों में विद्यमान है, जिसे शिक्षा और संवेदनशीलता से कम किया जा सकता है।
96. भारत में विकलांग व्यक्तियों की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालिए।
स्थिति:
- सामाजिक भेदभाव
- शिक्षा और रोजगार में कठिनाई
- सामाजिक बहिष्कार
सरकारी उपाय: - RPWD Act, 2016
- आरक्षण
- विशेष शिक्षा और सहायता योजनाएँ
समाज को विकलांग व्यक्तियों को सम्मानपूर्वक जीने का अवसर देना चाहिए।
97. समाज में भाषा का महत्व बताइए।
भाषा समाज की अभिव्यक्ति और संवाद का माध्यम है।
महत्त्व:
- सामाजिक एकता और पहचान
- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
- विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति
- शिक्षा और ज्ञान का संप्रेषण
भारत में भाषा की विविधता सामाजिक समृद्धि की परिचायक है।
98. भारत में नारी सशक्तिकरण की वर्तमान स्थिति बताइए।
सकारात्मक पहलू:
- शिक्षा में वृद्धि
- राजनीतिक भागीदारी (आरक्षण)
- आर्थिक आत्मनिर्भरता
चुनौतियाँ: - लिंग भेदभाव
- घरेलू हिंसा
- कामकाज की जगह असमानता
सरकारी प्रयास: - ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’
- महिला आरक्षण विधेयक
- आत्मनिर्भर भारत योजना
नारी सशक्तिकरण से ही समाज समृद्ध बनता है।
99. सामाजिक नियंत्रण के अनौपचारिक साधनों की व्याख्या कीजिए।
अनौपचारिक साधन:
- परिवार
- धर्म
- परंपरा और रीति-रिवाज
- लोकमत
विशेषता: - बिना लिखित नियम के
- नैतिक दबाव द्वारा नियंत्रण
- भावनात्मक और सामाजिक दंड
यह साधन समाज में स्वाभाविक अनुशासन और संतुलन बनाए रखते हैं।
100. भारतीय समाज की विशेषताएँ लिखिए।
मुख्य विशेषताएँ:
- विविधता में एकता
- जाति व्यवस्था
- संयुक्त परिवार की परंपरा
- धार्मिकता और आध्यात्मिकता
- सहिष्णुता और सद्भाव
- सामाजिक असमानता और सुधार की प्रवृत्ति
भारतीय समाज सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और जटिल है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है।