लेख शीर्षक:
“विवाह पंजीकरण के नियमों में बड़ा बदलाव: अब माता-पिता की मौजूदगी अनिवार्य, घरवालों की बिना सहमति विवाह पर पेन ड्राइव में संस्कार वीडियो अनिवार्य”
भूमिका:
भारतीय समाज में विवाह एक पवित्र और सामाजिक अनुबंध है, जिसकी वैधता को सुनिश्चित करने के लिए अब विवाह पंजीकरण प्रक्रियाओं में सख्ती लाई जा रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के अनुपालन में, आईजी स्टांप (पंजीकरण) ने विवाह पंजीकरण नियमों में महत्वपूर्ण और व्यापक संशोधन किया है। इसका उद्देश्य फर्जी विवाह, बलपूर्वक या धोखाधड़ी से कराए गए विवाहों पर रोक लगाना है, साथ ही विवाह की प्रामाणिकता की पुख्ता जांच करना भी सुनिश्चित करना है।
🟡 बदलावों की मुख्य विशेषताएं:
🔹 1. रक्त संबंधियों की मौजूदगी अनिवार्य
अब विवाह पंजीकरण के समय वर-वधू के साथ उनके निम्न रक्त संबंधियों में से कम से कम एक का मौजूद रहना अनिवार्य होगा:
- माता-पिता
- भाई-बहन
- दादा-दादी / नाना-नानी
- बालिग पुत्र या पुत्री
यदि सभी की उपस्थिति संभव न हो, तो पंजीकरण अधिकारी को विवेकाधिकार होगा कि वह पूर्ण या आंशिक छूट दे सकता है, यदि वह विवाह की प्रमाणिकता से संतुष्ट हो।
🔹 2. विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित का शपथ पत्र अनिवार्य
- पुरोहित को शपथ पत्र में निम्न विवरण देने होंगे:
- नाम, पिता का नाम, स्थायी व वर्तमान पता
- आधार या वैध पहचान पत्र की प्रति
- मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो
- यह घोषणा कि उन्होंने ही विवाह संपन्न कराया है
- इस शपथ पत्र की एक अलग पंजी में सुरक्षित प्रति रखी जाएगी।
🔹 3. घरवालों की बिना सहमति विवाह पर वीडियो साक्ष्य अनिवार्य
यदि विवाह घरवालों की अनुमति के बिना किया गया है, तो:
- विवाह संस्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव पंजीकरण कार्यालय में जमा करनी होगी।
- इससे विवाह की वास्तविकता की जांच की जा सकेगी।
🔹 4. विवाह पंजीकरण की क्षेत्रीय सीमा
- अब विवाह पंजीकरण केवल उस क्षेत्रीय कार्यालय में किया जा सकेगा, जहां वर या वधू के माता-पिता स्थायी निवासी हों।
- अस्थायी निवास प्रमाणपत्र को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
🔹 5. प्रमाणपत्र में मुहर और सत्यापन
- विवाह प्रमाणपत्र पर स्पष्ट रूप से अंकित किया जाएगा कि:
“विवाह की प्रमाणिकता की जांच की गई है।“ - अधिकारी एक विशेष मुहर भी प्रमाणपत्र के पीछे लगाएंगे।
🔹 6. नियमों के पालन की निगरानी
- सभी सहायक निबंधक को यह निर्देशित किया गया है कि वे हर महीने हुए विवाहों की रिपोर्ट एआईजी स्टांप को दें।
- एआईजी स्टांप यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पंजीकरण हाईकोर्ट के आदेशानुसार हुए हैं।
🟢 प्रभाव और उद्देश्य:
- ✅ जबरन या छलपूर्वक विवाह की रोकथाम
- ✅ युवाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा
- ✅ विवाह की वैधता को सुनिश्चित करना
- ✅ समाज में फर्जी विवाह प्रमाणपत्रों की समस्या का समाधान
🔚 निष्कर्ष:
इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के अनुपालन में आईजी स्टांप द्वारा लाए गए विवाह पंजीकरण नियमों में ये संशोधन अत्यंत आवश्यक और दूरदर्शी कदम हैं। इससे जहां एक ओर समाज में विवाह की पारदर्शिता और वैधता सुनिश्चित होगी, वहीं कम उम्र, जबरन, या फर्जी विवाह जैसे सामाजिक अपराधों पर भी रोक लगेगी। अब विवाह को केवल सामाजिक रस्मों से नहीं, कानूनी जांच के कसौटी पर भी खरा उतरना होगा।