लेबर लॉ (Labour Law) से संबंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. लेबर लॉ क्या है?

उत्तर: लेबर लॉ वह कानूनी ढांचा है जो श्रमिकों और नियोक्ताओं के अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। इसका उद्देश्य कामकाजी परिस्थितियों को बेहतर बनाना, न्यायसंगत वेतन और कार्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

2. भारत में प्रमुख श्रम कानून कौन से हैं?

उत्तर: भारत में प्रमुख श्रम कानूनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • श्रमिक (हड़ताल और तालाबंदी) अधिनियम, 1974
  • औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947
  • न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948
  • कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
  • कारखाना अधिनियम, 1948

3. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस अधिनियम का उद्देश्य औद्योगिक विवादों के समाधान के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करना है ताकि कार्यस्थलों पर शांति और सद्भाव बनाए रखा जा सके।

4. न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम वेतन निर्धारण की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: इस अधिनियम के तहत, राज्य सरकारें विभिन्न उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन तय करती हैं। यह वेतन राज्य, उद्योग और श्रमिकों की श्रेणी के आधार पर भिन्न हो सकता है।

5. क्या हड़ताल करना कानूनी है?

उत्तर: हड़ताल करना तब तक कानूनी है जब तक यह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत कानूनी तरीके से की जाती है। हड़ताल से पहले संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है।

6. क्या कर्मचारी को मातृत्व अवकाश का अधिकार है?

उत्तर: हाँ, भारतीय श्रम कानून के तहत महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का अधिकार है।

7. कारख़ाना अधिनियम 1948 के तहत कारखाने में काम करने की अधिकतम घंटे कितने हैं?

उत्तर: कारख़ाना अधिनियम 1948 के तहत, कर्मचारियों को एक दिन में 9 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए और एक सप्ताह में कुल 48 घंटे से अधिक नहीं काम लिया जा सकता है।

8. ईएसआई (Employee State Insurance) योजना क्या है?

उत्तर: ईएसआई योजना एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो कर्मचारियों को दुर्घटनाओं, बीमारी, मातृत्व और पेंशन जैसी स्थितियों में सुरक्षा प्रदान करती है।

9. ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: ईपीएफ योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक सुनिश्चित वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों द्वारा योगदान दिया जाता है।

10. क्या एक ठेकेदार द्वारा काम करने वाला श्रमिक स्थायी कर्मचारी माना जाता है?

उत्तर: नहीं, एक ठेकेदार द्वारा काम करने वाला श्रमिक स्थायी कर्मचारी नहीं होता है। ठेकेदार की देखरेख में काम करने वाले श्रमिकों का वर्गीकरण स्वतंत्र श्रमिकों के रूप में किया जाता है।

यहां 11 से 100 तक लेबर लॉ से संबंधित कुछ और प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:

11. क्या छंटनी (retrenchment) कानूनी है?

उत्तर: छंटनी तब तक कानूनी है जब तक वह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के तहत की जाती है। इसमें कर्मचारी को उचित कारण, नोटिस और मुआवजा दिया जाना चाहिए।

12. आवश्यक सेवाओं की हड़ताल को कैसे नियंत्रित किया जाता है?

उत्तर: आवश्यक सेवाओं की हड़ताल पर प्रतिबंध है। यदि हड़ताल के कारण सार्वजनिक सुरक्षा पर असर पड़ता है, तो सरकार इसे रोक सकती है और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को हड़ताल करने से रोक सकती है।

13. मातृत्व अवकाश का भुगतान कौन करता है?

उत्तर: मातृत्व अवकाश का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाता है। हालांकि, यदि कर्मचारी ईएसआई (Employee State Insurance) योजना में पंजीकृत है, तो ईएसआई से भी लाभ प्राप्त हो सकता है।

14. श्रमिकों के लिए कामकाजी घंटों की अधिकतम सीमा क्या है?

उत्तर: भारत में एक श्रमिक को एक दिन में 9 घंटे और एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता है।

15. कामकाजी महिलाएं रात के समय काम कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं रात के समय काम कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए विशेष प्रावधान होते हैं। नियोक्ता को उनके लिए सुरक्षित वातावरण और परिवहन सुनिश्चित करना होता है।

16. भारत में मज़दूरी का निर्धारण कौन करता है?

उत्तर: मज़दूरी का निर्धारण भारत में राज्य सरकारें करती हैं, जो विभिन्न उद्योगों और श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित करती हैं।

17. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और पेंशन योजना (EPS) में क्या अंतर है?

उत्तर: EPF योजना में कर्मचारियों के लिए एक सेवानिवृत्ति बचत खाता होता है, जबकि EPS योजना के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है।

18. अगर किसी कर्मचारी का वेतन निर्धारित सीमा से कम है तो क्या उसे न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाएगा?

उत्तर: हां, अगर किसी कर्मचारी का वेतन निर्धारित न्यूनतम वेतन से कम है, तो उसे न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाएगा।

19. पारिश्रमिक (Bonus) का अधिकार क्या है?

उत्तर: कर्मचारियों को निर्धारित योग्यताओं के आधार पर बोनस प्राप्त करने का अधिकार होता है। यह बोनस कंपनी की लाभप्रदता और अन्य कारकों पर निर्भर करता है।

20. कर्मचारी के लिए किस प्रकार की सुरक्षा योजनाएं हैं?

उत्तर: कर्मचारियों के लिए विभिन्न सुरक्षा योजनाएं हैं जैसे ईएसआई, ईपीएफ, ग्रेच्युटी और मुआवजा (Compensation) योजनाएं।

21. अधिकार प्राप्त श्रमिक कौन होते हैं?

उत्तर: वह श्रमिक जो एक निश्चित समय तक किसी संगठन में काम कर चुके होते हैं और जिनके पास पक्का रोजगार है, उन्हें अधिकार प्राप्त श्रमिक माना जाता है।

22. क्या श्रमिकों को छुट्टी का अधिकार है?

उत्तर: हां, श्रमिकों को वार्षिक छुट्टी, सार्वजनिक छुट्टियां और बीमार छुट्टी का अधिकार होता है। यह अधिकार उनके रोजगार अनुबंध पर निर्भर करता है।

23. क्या श्रमिकों को 13 वें महीने की वेतन मिलती है?

उत्तर: यह देश के विभिन्न हिस्सों और कंपनियों में भिन्न हो सकता है। कई राज्यों और उद्योगों में कर्मचारियों को एक अतिरिक्त महीने का वेतन (13 वें महीने का वेतन) दिया जाता है।

24. क्या कोई श्रमिक अपनी नौकरी छोड़ सकता है?

उत्तर: हां, श्रमिक अपनी नौकरी छोड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें आमतौर पर उचित नोटिस देना होता है।

25. कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कारखाना अधिनियम क्या प्रावधान देता है?

उत्तर: कारखाना अधिनियम 1948 कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए प्रावधान करता है, जैसे सुरक्षित कार्य वातावरण, कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं से बचाव, आदि।

26. क्या ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को समान अधिकार मिलते हैं?

उत्तर: हां, ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी भारतीय श्रम कानूनों के तहत समान अधिकार मिलते हैं, लेकिन कुछ मामलों में उनका अधिकार कम हो सकता है।

27. क्या महिला श्रमिकों को समान वेतन मिलता है?

उत्तर: हां, समान कार्य के लिए समान वेतन देने का अधिकार महिलाओं को मिलता है। यह समान वेतन अधिनियम 1976 के तहत लागू होता है।

28. क्या श्रमिकों को मजदूरी भुगतान के लिए तय समय सीमा होती है?

उत्तर: हां, श्रमिकों को उनके वेतन का भुगतान नियमित अंतराल पर किया जाना चाहिए, और यह अंतराल आमतौर पर महीने का होता है।

29. क्या श्रमिकों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है?

उत्तर: हां, श्रमिकों को 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है, जो एक विशेष राशि होती है जो उनके सेवानिवृत्त होने पर दी जाती है।

30. क्या ठेकेदार को भी श्रम कानूनों का पालन करना होता है?

उत्तर: हां, ठेकेदार को भी श्रम कानूनों का पालन करना होता है, जैसे न्यूनतम वेतन अधिनियम, कार्य परिस्थितियों की सुरक्षा, आदि।

यहाँ 31 से 100 तक लेबर लॉ (श्रम कानून) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:


31. क्या किसी कर्मचारी को ओवरटाइम के लिए भुगतान किया जाता है?

उत्तर: हां, यदि कोई कर्मचारी निर्धारित कार्य समय (8 घंटे प्रतिदिन, 48 घंटे प्रति सप्ताह) से अधिक काम करता है, तो उसे ओवरटाइम के लिए भुगतान किया जाता है।

32. ओवरटाइम भुगतान की दर क्या होती है?

उत्तर: ओवरटाइम भुगतान आमतौर पर सामान्य वेतन की दोगुनी दर पर किया जाता है।

33. श्रमिकों के लिए न्यूनतम आयु सीमा क्या है?

उत्तर: 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी फैक्ट्री, खदान या खतरनाक कार्यस्थल पर काम करने की अनुमति नहीं है।

34. क्या अस्थायी कर्मचारी को स्थायी किया जा सकता है?

उत्तर: हां, यदि कोई कर्मचारी लगातार 240 दिन (लगभग 8 महीने) तक काम करता है, तो वह स्थायी कर्मचारी बनने का दावा कर सकता है।

35. श्रमिकों को अवकाश (लीव) के कौन-कौन से प्रकार मिलते हैं?

उत्तर: आमतौर पर कर्मचारियों को तीन प्रकार के अवकाश मिलते हैं:

  1. वार्षिक अवकाश (Earned Leave)
  2. चिकित्सा अवकाश (Sick Leave)
  3. सार्वजनिक अवकाश (Public Holidays)

36. क्या किसी कर्मचारी को बिना कारण निकाला जा सकता है?

उत्तर: नहीं, कर्मचारी को निकालने के लिए उचित कारण और नोटिस देना आवश्यक है, अन्यथा यह अवैध छंटनी मानी जाएगी।

37. श्रम न्यायालय क्या होता है?

उत्तर: श्रम न्यायालय (Labour Court) एक विशेष न्यायालय होता है जो श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच विवादों का समाधान करता है।

38. क्या प्रोविडेंट फंड (EPF) से समय से पहले पैसा निकाला जा सकता है?

उत्तर: हां, कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे शादी, घर खरीदने, चिकित्सा आपातकाल आदि के लिए EPF से आंशिक निकासी की जा सकती है।

39. बोनस भुगतान अधिनियम 1965 क्या कहता है?

उत्तर: यह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि 20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान वार्षिक लाभ का एक निश्चित प्रतिशत बोनस के रूप में कर्मचारियों को दें।

40. लेबर यूनियन (Labour Union) का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: लेबर यूनियन का उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके लिए बेहतर वेतन, सुविधाएं और कार्यस्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।


41. क्या संविदा (Contract) कर्मचारी यूनियन बना सकते हैं?

उत्तर: हां, संविदा कर्मचारी भी यूनियन बना सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक सौदेबाजी कर सकते हैं।

42. पेंशन योजना (EPS) में कौन-कौन पात्र होता है?

उत्तर: 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद EPF के तहत योगदान देने वाले कर्मचारी EPS पेंशन के पात्र होते हैं।

43. कर्मचारियों को कब तक वेतन मिलना चाहिए?

उत्तर: कर्मचारी को हर महीने की 7 तारीख तक वेतन मिल जाना चाहिए।

44. यदि कंपनी वेतन देने में देरी करती है तो क्या कानूनी कार्रवाई संभव है?

उत्तर: हां, कर्मचारी वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के तहत श्रम न्यायालय में शिकायत कर सकते हैं।

45. क्या कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अनिवार्य है?

उत्तर: हां, 20 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के लिए EPF अनिवार्य है।

46. श्रम कल्याण कोष (Labour Welfare Fund) क्या है?

उत्तर: यह एक फंड होता है जिसे सरकार और नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों के कल्याण के लिए योगदान दिया जाता है।

47. यदि कर्मचारी को अवैध रूप से निकाल दिया जाए तो क्या उपाय हैं?

उत्तर: कर्मचारी श्रम न्यायालय में शिकायत कर सकता है और पुनः नियुक्ति या मुआवजे की मांग कर सकता है।

48. अगर कर्मचारी बिना सूचना दिए नौकरी छोड़ दे तो क्या होगा?

उत्तर: यदि कोई कर्मचारी बिना नोटिस दिए नौकरी छोड़ता है, तो नियोक्ता उसके वेतन से नोटिस अवधि का वेतन काट सकता है।

49. क्या सभी कर्मचारियों के लिए ईएसआई (ESI) अनिवार्य है?

उत्तर: जिनका मासिक वेतन ₹21,000 या उससे कम है, उनके लिए ईएसआई अनिवार्य है।

50. ग्रेच्युटी (Gratuity) कब मिलती है?

उत्तर: यदि कोई कर्मचारी लगातार 5 साल या अधिक सेवा करता है, तो उसे ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है।

यहाँ 51 से 100 तक के लेबर लॉ (श्रम कानून) से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं:


51. क्या कर्मचारी के लिए मेडिकल बीमा अनिवार्य है?

उत्तर: हां, जिन कर्मचारियों का मासिक वेतन ₹21,000 या उससे कम है, उनके लिए ईएसआई (ESI – Employee State Insurance) अनिवार्य है।

52. कर्मचारी कितने दिनों की सेवा के बाद पीएफ निकाल सकता है?

उत्तर: यदि कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ देता है, तो वह दो महीने के बाद अपना पूरा पीएफ (EPF) निकाल सकता है। आंशिक निकासी कुछ विशेष परिस्थितियों में संभव है।

53. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस अधिनियम का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके जीवनयापन के लिए न्यूनतम आवश्यक वेतन प्रदान करना है।

54. क्या अवकाश (लीव) के दौरान वेतन में कटौती की जा सकती है?

उत्तर: नहीं, यदि कर्मचारी के पास वैध अवकाश (लीव बैलेंस) उपलब्ध है, तो वेतन में कटौती नहीं की जा सकती।

55. क्या ट्रांसफर किए गए कर्मचारी के वेतन में कटौती की जा सकती है?

उत्तर: नहीं, जब तक कर्मचारी सहमत न हो, ट्रांसफर के कारण वेतन में कटौती नहीं की जा सकती।

56. क्या किसी कर्मचारी को लिखित अनुबंध की जरूरत होती है?

उत्तर: हां, एक लिखित अनुबंध कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए आवश्यक होता है ताकि कार्य शर्तें स्पष्ट हों।

57. क्या कर्मचारी हड़ताल कर सकते हैं?

उत्तर: हां, लेकिन औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक होता है।

58. यदि किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लग जाए तो उसे क्या लाभ मिलते हैं?

उत्तर: कर्मचारी ईएसआई योजना के तहत चिकित्सा लाभ और मुआवजा पाने के हकदार होते हैं।

59. क्या लेबर लॉ में महिला कर्मचारियों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय हैं?

उत्तर: हां, महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ अधिनियम, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निषेध अधिनियम और रात के समय काम करने के लिए विशेष सुरक्षा प्रावधान हैं।

60. मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों को समय पर और पूरी मजदूरी मिले।


61. यदि कोई नियोक्ता समय पर वेतन नहीं देता है तो क्या किया जा सकता है?

उत्तर: कर्मचारी श्रम विभाग (Labour Department) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

62. क्या किसी कर्मचारी को जबरदस्ती ओवरटाइम करने के लिए बाध्य किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, ओवरटाइम स्वैच्छिक होना चाहिए और इसके लिए अतिरिक्त भुगतान किया जाना चाहिए।

63. क्या वेतन से पीएफ (EPF) कटौती अनिवार्य है?

उत्तर: हां, यदि कर्मचारी किसी ऐसी कंपनी में कार्यरत है जहां 20 या अधिक कर्मचारी हैं, तो EPF कटौती अनिवार्य है।

64. ग्रेच्युटी की गणना कैसे की जाती है?

उत्तर:
ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × कार्य के कुल वर्ष × 15) / 26

65. क्या संविदा (Contract) कर्मचारी यूनियन बना सकते हैं?

उत्तर: हां, संविदा कर्मचारी भी यूनियन बना सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक सौदेबाजी कर सकते हैं।

66. प्रोविडेंट फंड (EPF) की राशि कितने समय तक जमा रह सकती है?

उत्तर: पीएफ खाते में 36 महीने तक कोई गतिविधि न होने पर इसे निष्क्रिय माना जाता है।

67. महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश कितने दिनों के लिए मिलता है?

उत्तर: 26 सप्ताह (पहले 12 सप्ताह थे, जिसे 2017 में बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया)।

68. क्या अस्थायी (Temporary) कर्मचारियों को भी पीएफ मिलता है?

उत्तर: हां, यदि अस्थायी कर्मचारी EPF के मानदंडों को पूरा करते हैं, तो उन्हें भी पीएफ लाभ मिलता है।

69. क्या संविदा कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार होते हैं?

उत्तर: हां, यदि उन्होंने लगातार 5 वर्ष तक सेवा दी है।

70. बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 क्या कहता है?

उत्तर: 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी उद्योग में काम करने की अनुमति नहीं है।


71-80. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. क्या कोई कंपनी कर्मचारियों को जबरन काम पर रोक सकती है? – नहीं, यह अवैध है।
  2. क्या बिना नोटिस दिए कर्मचारी को निकाला जा सकता है? – नहीं, उचित नोटिस देना जरूरी है।
  3. क्या नियोक्ता बोनस देने के लिए बाध्य है? – हां, यदि कंपनी 20+ कर्मचारियों वाली है और अधिनियम के अंतर्गत आती है।
  4. क्या कोई महिला कर्मचारी रात में काम कर सकती है? – हां, लेकिन सुरक्षा उपायों के साथ।
  5. क्या फायरिंग के बाद कर्मचारी मुआवजा मांग सकता है? – हां, यदि अवैध रूप से निकाला गया हो।
  6. क्या कंपनी लेबर लॉ से बचने के लिए कर्मचारियों को ठेके पर रख सकती है? – नहीं, यह अवैध है।
  7. कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद क्या लाभ मिलते हैं? – पीएफ, ग्रेच्युटी, पेंशन।
  8. क्या कंपनी कर्मचारियों से जबरन इस्तीफा मांग सकती है? – नहीं, यह अवैध है।
  9. क्या ओवरटाइम करने से कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित होती है? – नहीं, यह कानूनी सुरक्षा नहीं देता।
  10. अगर कर्मचारी को वेतन नहीं मिले तो क्या करे? – श्रम विभाग में शिकायत करें।

81-90. यूनियन, वेतन और सामाजिक सुरक्षा पर प्रश्न

  1. क्या कंपनी यूनियन पर रोक लगा सकती है? – नहीं, यह संवैधानिक अधिकार है।
  2. क्या कंपनी बिना वेतन बढ़ाए काम के घंटे बढ़ा सकती है? – नहीं, यह अवैध है।
  3. क्या नियोक्ता वेतन को नकद में दे सकता है? – हां, लेकिन बैंक भुगतान को प्राथमिकता दी जाती है।
  4. क्या कर्मचारी भविष्य निधि की जानकारी ऑनलाइन चेक कर सकते हैं? – हां, EPFO पोर्टल पर।
  5. क्या कर्मचारी मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन पाने की हकदार हैं? – हां।
  6. क्या एक कर्मचारी दो कंपनियों में काम कर सकता है? – हां, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट और कंपनी की नीतियों पर निर्भर करता है।
  7. क्या संविदा श्रमिकों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिल सकता है? – हां, यदि वे नियमित रूप से 240+ दिन कार्य कर चुके हैं।
  8. क्या सरकार न्यूनतम वेतन दर को बदल सकती है? – हां, इसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
  9. क्या कर्मचारी लेबर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से जा सकते हैं? – हां, वे स्वयं या यूनियन के माध्यम से जा सकते हैं।
  10. क्या कोई कर्मचारी बिना नोटिस दिए नौकरी छोड़ सकता है? – हां, लेकिन उसे नोटिस पीरियड का वेतन देना होगा।

91 से 100 तक के लेबर लॉ (श्रम कानून) से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर


91. क्या ठेकेदार (Contractor) के कर्मचारी यूनियन बना सकते हैं?

उत्तर: हां, ठेकेदार के कर्मचारी भी यूनियन बना सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक सौदेबाजी कर सकते हैं।

92. क्या नियोक्ता (Employer) कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर सकता है?

उत्तर: नहीं, जबरन रिटायर करना अवैध है। रिटायरमेंट उम्र या कंपनी की नीति के अनुसार ही होनी चाहिए।

93. क्या कर्मचारी के परिवार को भी ईएसआई (ESI) लाभ मिलते हैं?

उत्तर: हां, ईएसआई योजना के तहत कर्मचारी के आश्रित परिवार (पति/पत्नी, बच्चे और माता-पिता) को भी चिकित्सा लाभ मिलता है।

94. क्या लेबर लॉ (Labour Law) सिर्फ फैक्ट्री वर्कर्स पर लागू होता है?

उत्तर: नहीं, लेबर लॉ विभिन्न उद्योगों जैसे फैक्ट्री, दुकान, कार्यालय, निर्माण कार्य, खदान, होटल आदि पर भी लागू होता है।

95. बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत कौन बोनस का हकदार है?

उत्तर: वे कर्मचारी जो किसी ऐसे प्रतिष्ठान में कार्यरत हैं जहां 20 या अधिक कर्मचारी हैं और जिन्होंने कम से कम 30 कार्य दिवस पूरे किए हैं, वे बोनस के हकदार होते हैं।

96. श्रमिक क्या लेबर कोर्ट (Labour Court) में खुद शिकायत दर्ज कर सकते हैं?

उत्तर: हां, कर्मचारी खुद या अपने यूनियन/वकील के माध्यम से लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

97. क्या नियोक्ता कर्मचारी से जबरदस्ती हस्ताक्षर करवा सकता है?

उत्तर: नहीं, यह अवैध है। जबरन हस्ताक्षर करवाना श्रम कानूनों और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

98. क्या सरकार न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) दर को बदल सकती है?

उत्तर: हां, सरकार समय-समय पर महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए न्यूनतम वेतन दर संशोधित कर सकती है।

99. क्या कर्मचारी कंपनी छोड़ने के बाद भी पीएफ (EPF) खाता रख सकते हैं?

उत्तर: हां, कर्मचारी बिना निकासी किए अपना पीएफ खाता सक्रिय रख सकते हैं और भविष्य में किसी अन्य कंपनी में नौकरी करने पर उसे नए खाते से लिंक कर सकते हैं।

100. क्या श्रमिकों को सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद कोई लाभ मिलता है?

उत्तर: हां, कर्मचारियों को पेंशन (EPS), ग्रेच्युटी (Gratuity), प्रोविडेंट फंड (EPF) निकासी और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ मिलते हैं।