रील्स के चक्कर में जेल? जानिए क्या कहता है कानून
— एक विस्तृत कानूनी विश्लेषण
आज के डिजिटल युग में इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स, फेसबुक वीडियो और स्नैपचैट जैसी सोशल मीडिया गतिविधियां न केवल मनोरंजन का माध्यम बन चुकी हैं, बल्कि युवाओं की पहचान और अभिव्यक्ति का भी जरिया बन गई हैं। परंतु, जब यह अभिव्यक्ति मर्यादा की सीमा लांघती है, तो वह “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” नहीं बल्कि “कानून का उल्लंघन” बन जाती है।
📌 क्या रील बनाना अपराध है?
रील बनाना, वीडियो शूट करना या खुद को अभिव्यक्त करना अपराध नहीं है। अपराध तब बनता है जब:
- आप अश्लील, आपत्तिजनक, अभद्र, या समाज-विरोधी कंटेंट डालते हैं।
- गाली-गलौज, उत्तेजक नारे, नस्लीय/धार्मिक विद्वेष, या महिलाओं के प्रति अशोभनीय शब्दों का उपयोग करते हैं।
- बिना अनुमति के किसी व्यक्ति की वीडियो/तस्वीर डालते हैं।
- पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुँचाते हुए वीडियो बनाते हैं।
⚖️ ऐसे वीडियो पर कौन-कौन सी धाराएं लागू हो सकती हैं?
1️⃣ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 296
विषय: सार्वजनिक स्थान पर अश्लील या अभद्र व्यवहार
- अगर कोई व्यक्ति गंदी भाषा, इशारे, या गाने सार्वजनिक रूप से करता है जिससे लोग अपमानित महसूस करें या असहज हों, तो यह अपराध है।
सज़ा:
👉 3 महीने तक की जेल या
👉 ₹1000 तक जुर्माना या
👉 दोनों
2️⃣ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act), 2000 की धारा 67
विषय: इलेक्ट्रॉनिक रूप से अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसार
- यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट, सोशल मीडिया, या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील वीडियो, तस्वीरें या मैसेज पोस्ट करता है।
सज़ा:
➡️ पहली बार अपराध:
🔹 3 साल की जेल + ₹5 लाख तक जुर्माना
➡️ दूसरी बार अपराध:
🔹 5 साल की जेल + ₹10 लाख तक जुर्माना
3️⃣ आईटी एक्ट की अन्य धाराएं (जैसे 66A, 66E, 67A आदि) भी लागू हो सकती हैं, जैसेः
- 66E: निजता का उल्लंघन (जैसे किसी की अनुमति के बिना वीडियो बनाना/शेयर करना)
- 67A: सेक्सुअली एक्सप्लिसिट कंटेंट डालना
🚫 इन वीडियो की वजह से क्या-क्या हो सकता है?
- पुलिस FIR
- गिरफ्तारियाँ
- सोशल मीडिया अकाउंट सस्पेंड होना
- कोर्ट में केस लड़ना
- भविष्य में नौकरी, वीज़ा या सरकारी नौकरी के लिए अड़चनें
🧠 क्या करें और क्या न करें?
✔️ करें:
- रचनात्मक, प्रेरणादायक और मनोरंजक कंटेंट बनाएं
- सभी लोगों की गरिमा और निजता का सम्मान करें
- कानून और सोशल मीडिया गाइडलाइन को समझें
❌ न करें:
- गाली-गलौज, धमकी, नफरत फैलाने वाली भाषा
- महिलाओं, अल्पसंख्यकों या किसी धर्म के खिलाफ सामग्री
- हथियार, शराब या खतरनाक स्टंट के प्रदर्शन
- बिना अनुमति किसी का चेहरा या संपत्ति दिखाना
📝 निष्कर्ष:
रील बनाना अपराध नहीं है, लेकिन उसकी विषयवस्तु (Content) और प्रस्तुति (Presentation) अगर कानून के दायरे से बाहर जाती है, तो वही रील आपको जेल की सलाखों के पीछे पहुँचा सकती है। इसलिए सोशल मीडिया का उपयोग ज़िम्मेदारी से करें।
📢 “सोशल मीडिया पर फेम कमाना है, तो कानून को समझकर कंटेंट बनाएं – वरना लाइक्स की जगह लग सकती है धाराएं!”