1-10: हिंदू विधि का परिचय
- हिंदू विधि क्या है?
- हिंदू विधि वह कानूनी प्रणाली है जो हिंदू धर्म के अनुयायियों पर लागू होती है और इसमें विवाह, उत्तराधिकार, संपत्ति, गोद लेना आदि शामिल हैं।
- हिंदू विधि का स्रोत क्या है?
- इसके चार मुख्य स्रोत हैं: श्रुति, स्मृति, परंपरा और न्यायिक निर्णय।
- मनुस्मृति क्या है?
- यह एक प्राचीन हिंदू धर्मशास्त्र है, जिसमें सामाजिक और कानूनी नियम बताए गए हैं।
- हिंदू विधि किन व्यक्तियों पर लागू होती है?
- यह हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायियों पर लागू होती है।
- हिंदू विधि को कितने भागों में बांटा गया है?
- इसे दो भागों में बांटा गया है: (1) शास्त्रीय हिंदू विधि (Classical Hindu Law) और (2) आधुनिक हिंदू विधि (Modern Hindu Law)।
- हिंदू विवाह अधिनियम कब लागू हुआ?
- वर्ष 1955 में।
- हिंदू विधि के तहत विवाह क्या है?
- यह एक धार्मिक और कानूनी संस्कार (संस्कारात्मक अनुबंध) है।
- कौन-सा विवाह हिंदू विधि में अवैध होता है?
- गोत्र या सप्रवर विवाह, रक्त संबंधी विवाह, दूसरा विवाह यदि पहला विवाह वैध रूप से समाप्त नहीं हुआ हो।
- सिविल विवाह और हिंदू विवाह में क्या अंतर है?
- सिविल विवाह विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act, 1954) के तहत पंजीकृत होते हैं, जबकि हिंदू विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत संपन्न होते हैं।
- क्या हिंदू विवाह एक अनुबंध है?
- नहीं, यह एक धार्मिक संस्कार है, लेकिन इसमें कुछ अनुबंधीय तत्व भी होते हैं।
11-20: विवाह और उसके प्रकार
- हिंदू विवाह के प्रकार कितने होते हैं?
- आठ प्रकार: ब्राह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत्य, आसुर, गांधर्व, राक्षस और पैशाच विवाह।
- हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 क्या कहती है?
- विवाह की वैधता के लिए आवश्यक शर्तें बताती है।
- किसी हिंदू पुरुष को दूसरी शादी करने के लिए पहली पत्नी की सहमति आवश्यक है?
- हां, अन्यथा यह अपराध होगा (धारा 494 आईपीसी के तहत)।
- समान गोत्र में विवाह क्यों निषिद्ध है?
- इसे धार्मिक रूप से अनुचित और अनैतिक माना जाता है।
- हिंदू विधि में तलाक के कितने आधार हैं?
- 13 आधार दिए गए हैं, जैसे- व्यभिचार, परित्याग, मानसिक विकार, संक्रामक रोग आदि।
- तलाक के लिए सबसे महत्वपूर्ण धारा कौन-सी है?
- धारा 13, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955।
- किस आधार पर पत्नी को तलाक का विशेष अधिकार है?
- यदि पति ने दूसरी शादी कर ली हो, उसे कोढ़ हो, सात वर्ष से अधिक समय से गायब हो, या पत्नी पर अत्याचार करता हो।
- पारस्परिक सहमति से तलाक किस धारा के तहत होता है?
- धारा 13B।
- पुनर्विवाह करने के लिए कितने दिन तलाक के बाद इंतजार करना होता है?
- 90 दिन (अगर अपील नहीं की गई हो)।
- क्या हिंदू पुरुष और महिला अंतर-धार्मिक विवाह कर सकते हैं?
- हां, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत।
21-30: उत्तराधिकार और संपत्ति अधिकार
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम कब लागू हुआ?
- वर्ष 1956 में।
- उत्तराधिकार के कितने प्रकार होते हैं?
- (1) वैधानिक उत्तराधिकार (Intestate Succession) और (2) वसीयतनामा उत्तराधिकार (Testamentary Succession)।
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 6 क्या कहती है?
- पैतृक संपत्ति में पुत्रियों को भी समान अधिकार मिलता है।
- हिंदू विधि में संपत्ति कितने प्रकार की होती है?
- दो प्रकार की: पैतृक संपत्ति और स्वअर्जित संपत्ति।
- क्या एक पुत्री पैतृक संपत्ति में अधिकार रखती है?
- हां, 2005 के संशोधन के बाद।
- क्या गोद लिया हुआ पुत्र पैतृक संपत्ति का उत्तराधिकारी होता है?
- हां।
- अगर कोई हिंदू व्यक्ति बिना वसीयत के मरता है तो उसकी संपत्ति कैसे बंटेगी?
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार।
- एक हिंदू स्त्री को अपनी संपत्ति पर क्या अधिकार है?
- वह अपनी संपत्ति को स्वतंत्र रूप से धारण, उपयोग और स्थानांतरित कर सकती है।
- हिंदू विधि में कौन-सी संपत्ति व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाती है?
- स्वअर्जित संपत्ति, दहेज, उपहार, वसीयत द्वारा प्राप्त संपत्ति।
- अगर कोई हिंदू महिला बिना वसीयत के मर जाती है तो उसकी संपत्ति किसे मिलेगी?
- पति, पुत्र, पुत्री को।
31-40: गोद लेना और अभिभावकता
- हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम कब बना?
- 1956 में।
- क्या हिंदू महिला अकेले बच्चे को गोद ले सकती है?
- हां, यदि वह विवाहित नहीं है।
- गोद लेने की कानूनी उम्र कितनी होती है?
- बच्चा 15 वर्ष से कम उम्र का होना चाहिए।
- क्या कोई मुस्लिम बच्चा हिंदू द्वारा गोद लिया जा सकता है?
- नहीं, जब तक वह हिंदू धर्म न अपना ले।
- गोद लेने की मुख्य शर्तें क्या हैं?
- दत्तक ग्रहण कानूनी और धार्मिक रूप से वैध होना चाहिए।
41-50: अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
- हिंदू विधि में विवाह विच्छेद का अर्थ क्या है?
- कानूनी रूप से विवाह का अंत।
- क्या हिंदू पति अपनी पत्नी को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य कर सकता है?
- नहीं।
- क्या हिंदू विधि में लिव-इन रिलेशनशिप मान्य है?
- हां, लेकिन विवाह के समान अधिकार नहीं मिलते।
- क्या हिंदू महिला अपने पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह कर सकती है?
- हां।
- क्या हिंदू विधि में विवाह का पंजीकरण अनिवार्य है?
- नहीं, लेकिन यह कानूनी रूप से लाभकारी है।
- हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 क्या कहती है?
- वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना।
- क्या हिंदू महिला मंदिर में पुजारी बन सकती है?
- हां।
- क्या हिंदू विधि केवल हिंदुओं पर लागू होती है?
- मुख्य रूप से हां।
- क्या विशेष विवाह अधिनियम के तहत हिंदू विवाह होता है?
- नहीं, यह सभी धर्मों के लिए समान नागरिक विवाह की व्यवस्था करता है।
- क्या हिंदू विधि में पितृसत्ता का प्रभाव है?
- पहले था, लेकिन अब महिलाएं समान अधिकार पा रही हैं।