महिला एवं बाल कानून (Law Relating to Women and Children) से संबंधित महत्वपूर्ण 100 प्रश्न और उत्तर 

महिला एवं बाल कानून (Law Relating to Women and Children) से संबंधित 2023 के नवीनतम कानूनों के अनुसार महत्वपूर्ण 100 प्रश्न और उत्तर

ये प्रश्न महिला और बालकों से संबंधित कानूनी पहलुओं पर आधारित हैं, जैसे कि सुरक्षा, अधिकार, संरक्षण, और अधिकारों की रक्षा।

1. महिला अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण कानून कौन से हैं? उत्तर:

  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005
  • घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बनाए गए विभिन्न योजनाएं

2. घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005 का उद्देश्य क्या है? उत्तर: घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।

3. कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर: इस अधिनियम के तहत कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके तहत यौन उत्पीड़न की परिभाषा, शिकायत तंत्र, और निवारण के उपायों की स्पष्टता है।

4. महिला सशक्तिकरण के लिए किस प्रकार के कानूनी उपाय किए गए हैं? उत्तर:

  • महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कानून
  • कार्यस्थल पर समान वेतन की नीति
  • महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा कानून
  • महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की योजनाएँ

5. महिला के खिलाफ अपराध की परिभाषा क्या है? उत्तर: महिला के खिलाफ अपराध में शारीरिक, मानसिक, या यौन उत्पीड़न शामिल हैं, जैसे कि बलात्कार, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न आदि।

6. भारतीय दंड संहिता (IPC) में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कौन से प्रावधान हैं? उत्तर: भारतीय दंड संहिता (IPC) में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए विशेष प्रावधान हैं, जैसे कि धारा 375 (बलात्कार), धारा 498A (दहेज उत्पीड़न), धारा 354 (महिला का सम्मान भंग करना), आदि।

7. महिलाओं के लिए मुआवजा योजना क्या है? उत्तर: महिला उत्पीड़न या हिंसा का शिकार होने वाली महिलाओं को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकारों ने विभिन्न मुआवजा योजनाएँ शुरू की हैं।

8. बालकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले प्रमुख कानून कौन से हैं? उत्तर:

  • बालकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012
  • बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986
  • शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009

9. बालकों के खिलाफ अपराध से संबंधित क्या प्रावधान हैं? उत्तर: बालकों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष प्रावधान बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 और पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत दिए गए हैं, जो बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

10. बच्चों के लिए न्यूनतम आयु क्या है, जब उन्हें काम करने के लिए अनुमति दी जा सकती है? उत्तर: भारत में बाल श्रम के खिलाफ कानून के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार का श्रम करने की अनुमति नहीं है, जबकि 14 से 18 वर्ष के बच्चों को केवल हल्के श्रम के लिए अनुमति दी जा सकती है।

यहां महिला एवं बाल कानून (Law Relating to Women and Children) से संबंधित प्रश्नों की सूची 11 से 50 तक दी गई है। ये प्रश्न नवीनतम कानून 2023 के अनुसार हैं।

11. घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005 के तहत महिला को किन अधिकारों की प्राप्ति होती है? उत्तर: महिला को सुरक्षा, कानूनी सहायता, संपत्ति का अधिकार, और घर छोड़ने का अधिकार प्राप्त होता है।

12. महिला सुरक्षा के लिए कौन सी राष्ट्रीय योजना है? उत्तर: “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना, जो महिला सुरक्षा और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।

13. “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना का उद्देश्य क्या है? उत्तर: इस योजना का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करना और उनका सशक्तिकरण करना है।

14. क्या बलात्कार के मामले में आरोपी को जमानत मिल सकती है? उत्तर: नहीं, बलात्कार के मामलों में आरोपी को जमानत प्राप्त करने में कठिनाई होती है, विशेषकर यदि साक्ष्य और गवाह पक्ष में मजबूत हैं।

15. महिला को मानसिक शोषण से बचाने के लिए कौन से कानूनी उपाय हैं? उत्तर: महिला को मानसिक शोषण से बचाने के लिए घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005 और महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण) अधिनियम लागू होते हैं।

16. बालकों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण कैसे सुनिश्चित किया जाता है? उत्तर: बच्चों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, “पॉक्सो” (POCSO) अधिनियम और साइबर सुरक्षा विधियों को लागू किया जाता है।

17. बालकों के लिए शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर: यह अधिनियम 6-14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है।

18. क्या कोई महिला अपनी शादी के बाद अपने माता-पिता का समर्थन मांग सकती है? उत्तर: हां, यदि महिला पर घरेलू हिंसा या अन्य उत्पीड़न हो, तो वह न्यायालय से अपने माता-पिता या परिवार से समर्थन प्राप्त कर सकती है।

19. कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में किस तरह के कानूनी प्रावधान हैं? उत्तर: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 लागू है।

20. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष न्यायालय की व्यवस्था क्या है? उत्तर: महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में विशेष न्यायालयों की व्यवस्था की जाती है ताकि इन मामलों की त्वरित सुनवाई और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

21. “मृत्युदंड” का प्रावधान कब लागू होता है? उत्तर: “मृत्युदंड” का प्रावधान हत्या और आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों के लिए लागू किया जाता है, विशेषकर यदि अपराध के पीछे महिलाओं या बच्चों के खिलाफ हिंसा हो।

22. क्या महिला को उसकी संपत्ति का अधिकार है? उत्तर: हां, महिला को समान संपत्ति का अधिकार है, जिसमें विवाह के बाद भी उसे पति की संपत्ति पर अधिकार होता है, विशेष रूप से हिन्दू महिला अधिकारिता अधिनियम के तहत।

23. महिलाओं के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता कैसे उपलब्ध कराई जाती है? उत्तर: महिलाएँ राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तहत निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

24. क्या घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत महिला अपने बच्चों को भी सुरक्षा प्रदान करा सकती है? उत्तर: हां, घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम के तहत महिला अपने बच्चों के लिए भी सुरक्षा प्राप्त कर सकती है।

25. बालकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कौन सा कानून है? उत्तर: बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए “पॉक्सो” (POCSO) अधिनियम, 2012 लागू है।

26. बच्चों को काम करने के लिए क्या न्यूनतम आयु निर्धारित की गई है? उत्तर: भारत में बच्चों के लिए काम करने की न्यूनतम आयु 14 वर्ष है, और 14-18 वर्ष के बच्चों को केवल हल्के श्रम की अनुमति दी जाती है।

27. महिला और बालकों के लिए “पॉक्सो” अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर: यह अधिनियम बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण को रोकने के लिए स्थापित किया गया है और इसमें बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान हैं।

28. क्या एक महिला अपने पति द्वारा की गई मानसिक क्रूरता के खिलाफ न्यायालय से मदद ले सकती है? उत्तर: हां, एक महिला मानसिक क्रूरता के खिलाफ घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005 और भारतीय दंड संहिता के तहत न्यायालय से मदद ले सकती है।

29. महिला के खिलाफ किसी प्रकार की हिंसा के लिए कौन सा कानून लागू होता है? उत्तर: महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम, 2005, भारतीय दंड संहिता, और यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम लागू होते हैं।

30. क्या एक महिला को विवाह के बाद अपने नाम में परिवर्तन करने का अधिकार है? उत्तर: हां, एक महिला को विवाह के बाद अपने नाम में परिवर्तन करने का अधिकार है, हालांकि यह अधिकार उसकी इच्छा पर निर्भर करता है।

31. महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किस तरह के अभियान चलाए जाते हैं? उत्तर: महिला सशक्तिकरण के लिए कई अभियान जैसे “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, “महिला हेल्पलाइन”, और “महिला सुरक्षा ऐप्स” चलाए जाते हैं।

32. क्या महिला को दहेज के लिए उत्पीड़ित किया जा सकता है? उत्तर: नहीं, दहेज उत्पीड़न और हत्या के लिए दंडात्मक प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के तहत किए गए हैं।

33. बाल श्रम के खिलाफ कौन सा कानून लागू है? उत्तर: बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 और बाल श्रम (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत बाल श्रम के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं।

34. घरेलू हिंसा के मामलों में महिला को न्याय दिलाने के लिए किस प्रकार का प्रक्रिया अपनाया जाता है? उत्तर: घरेलू हिंसा के मामलों में महिला को संरक्षण आदेश, मुआवजा, और सशक्तिकरण के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

35. महिला के साथ बलात्कार के मामले में क्या कानूनी प्रावधान हैं? उत्तर: बलात्कार के मामलों में दोषी को कठोर दंड, जैसे आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक हो सकता है, और शिकायतकर्ता को विशेष न्यायालयों द्वारा त्वरित सुनवाई की सुविधा मिलती है।

36. महिलाओं के लिए कोई विशेष सुरक्षा योजना क्या है? उत्तर: “महिला सुरक्षा योजना” और “वन स्टॉप सेंटर” जैसी योजनाएं महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।

37. क्या एक महिला को अपने पति से तलाक लेने का अधिकार है? उत्तर: हां, एक महिला को तलाक लेने का अधिकार है, और इसके लिए भारतीय विवाह अधिनियम या मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार) अधिनियम लागू होते हैं।

38. महिलाओं को शारीरिक सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए हैं? उत्तर: महिलाओं को शारीरिक सुरक्षा के लिए “महिला हेल्पलाइन”, “सुरक्षा ऐप्स”, और विशेष पुलिस इकाइयाँ जैसे “महिला सुरक्षा डेस्क” उपलब्ध हैं।

39. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सुनवाई में कितनी तत्परता से कार्यवाही की जाती है? उत्तर: महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए विशेष न्यायालयों और शीघ्र सुनवाई के प्रावधान किए गए हैं।

40. महिला को कर्ज लेने के मामले में क्या अधिकार होते हैं? उत्तर: महिलाएँ भी पुरुषों की तरह कर्ज लेने के अधिकार का प्रयोग कर सकती हैं, और सरकार की योजनाओं के तहत विशेष लाभ प्रदान किए जाते हैं।

41. क्या महिला को अपने बच्चे को गोद लेने का अधिकार है? उत्तर: हां, महिला को भारतीय दत्तक ग्रहण (Adoption) कानून के तहत बच्चे को गोद लेने का अधिकार है, चाहे वह विवाहित हो या अविवाहित।

42. क्या एक महिला को खुद की पहचान बदलने का अधिकार है? उत्तर: हां, एक महिला को अपनी पहचान बदलने का अधिकार है, बशर्ते वह कानूनी प्रक्रिया से गुजरती हो।

43. एक महिला का विवाह के बाद संपत्ति पर क्या अधिकार होता है? उत्तर: महिला का विवाह के बाद संपत्ति पर अधिकार समान रूप से पति के साथ हो सकता है, विशेष रूप से हिन्दू महिला अधिकारिता अधिनियम के तहत।

44. महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कौन सी राष्ट्रीय योजनाएं लागू की गई हैं? उत्तर: महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए “महिला सुरक्षा योजना”, “स्मार्ट पुलिसिंग”, और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना जैसी योजनाएं लागू की गई हैं।

45. महिलाओं के लिए रोजगार में समानता के कानून क्या हैं? उत्तर: समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति, महिला कर्मचारियों के लिए विशेष सुरक्षा, और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण) अधिनियम जैसी नीतियाँ लागू की गई हैं।

46. महिला के खिलाफ घरेलू हिंसा की स्थिति में क्या कानूनी उपाय किए जा सकते हैं? उत्तर: महिला घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम के तहत संरक्षण, कानूनी सहायता, और घर से बाहर रहने का अधिकार प्राप्त कर सकती है।

47. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए क्या प्रक्रिया है? उत्तर: महिलाएँ थाने में रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं, और विशेष महिला सहायता केंद्र (महिला हेल्पलाइन) से भी मदद ले सकती हैं।

48. क्या महिलाएं घर में उत्पीड़न के मामलों में पुलिस से मदद ले सकती हैं? उत्तर: हां, महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों में पुलिस से मदद ले सकती हैं और न्यायालय में आवेदन कर सकती हैं।

49. बालकों को यौन शोषण से बचाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? उत्तर: बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए “पॉक्सो” अधिनियम और बालकों के लिए सुरक्षा विधियाँ लागू की गई हैं।

50. महिला को जीवनसाथी द्वारा उत्पीड़ित किए जाने पर क्या अधिकार होते हैं? उत्तर: महिला को उत्पीड़न के मामलों में घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत न्याय प्राप्त करने का अधिकार है।

यहां महिला एवं बाल कानून (Law Relating to Women and Children) से संबंधित 51 से 100 तक के महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं:

51. महिला के खिलाफ बलात्कार के मामलों में आरोपी को मृत्युदंड कब दिया जा सकता है?
उत्तर: यदि बलात्कार के मामले में महिला की मृत्यु हो जाती है या अपराध अत्यधिक क्रूर तरीके से किया गया हो, तो आरोपी को मृत्युदंड दिया जा सकता है। (IPC धारा 376A और 376D)

52. क्या महिला को अपने बच्चे को गोद लेने का अधिकार होता है?
उत्तर: हां, एक महिला को भारतीय दत्तक ग्रहण (Adoption) कानून के तहत बच्चे को गोद लेने का अधिकार है, चाहे वह विवाहित हो या अविवाहित।

53. क्या एक महिला अपनी संतान का नाम अपने नाम से रख सकती है?
उत्तर: हां, एक महिला अपने बच्चे का नाम रखने का अधिकार रखती है, लेकिन यदि बच्चे के पिता जीवित हैं, तो दोनों का सहमति आवश्यक हो सकती है।

54. क्या एक महिला अपने पति द्वारा की गई मानसिक क्रूरता के खिलाफ कानून का सहारा ले सकती है?
उत्तर: हां, एक महिला मानसिक क्रूरता के खिलाफ घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई कर सकती है।

55. महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में क्या कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाती है?
उत्तर: यौन उत्पीड़न के मामलों में महिलाओं को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने, चिकित्सा जांच कराने, और विशेष महिला न्यायालय से न्याय प्राप्त करने का अधिकार होता है।

56. “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना की सफलता के मुख्य कारक क्या हैं?
उत्तर: इस योजना के तहत बालिकाओं के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने, और उनका स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं।

57. घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम के तहत महिला को किस प्रकार की राहत मिलती है?
उत्तर: महिला को संरक्षण आदेश, मुआवजा, संपत्ति के अधिकार, और घर में वापसी का अधिकार मिल सकता है।

58. कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में क्या कदम उठाए जाते हैं?
उत्तर: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत शिकायत दर्ज की जाती है और संबंधित अधिकारी जांच करते हैं।

59. महिला के खिलाफ हिंसा के मामलों में पीड़िता को किस प्रकार की कानूनी सहायता दी जाती है?
उत्तर: पीड़िता को निःशुल्क कानूनी सहायता, संरक्षण आदेश, मुआवजा, और पुलिस और न्यायालय द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है।

60. क्या महिला को उसके बच्चे के लिए पितृत्व का दावा करने का अधिकार होता है?
उत्तर: हां, महिला को यह अधिकार होता है कि वह अपने बच्चे के पिता का नाम तय करे, और उसे पितृत्व का दावा करने के लिए न्यायालय में आवेदन करने का अधिकार है।

61. एक महिला को काम पर समान वेतन देने का अधिकार कब और कैसे लागू किया जाता है?
उत्तर: महिला को समान वेतन देने का अधिकार “समान वेतन समान काम” के सिद्धांत पर आधारित है, और यह भारतीय संविधान और श्रम कानूनों के तहत लागू किया जाता है।

62. महिला सशक्तिकरण के लिए किस प्रकार के सरकारी कदम उठाए गए हैं?
उत्तर: महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं हैं, जैसे “महिला हेल्पलाइन”, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, “स्वावलंबन योजना”, “मुद्रा योजना” आदि।

63. क्या किसी महिला को उसके पति द्वारा दिए गए उपहार को वापस करने का अधिकार होता है?
उत्तर: यदि उपहार का एक विशेष उद्देश्य था, जैसे कि विवाह के समय दिया गया उपहार, तो महिला को उसे वापस करने का अधिकार नहीं होता, हालांकि घरेलू हिंसा के मामले में उसे कानूनी सहायता मिल सकती है।

64. एक महिला की गर्भावस्था के दौरान उसे क्या अधिकार होते हैं?
उत्तर: गर्भावस्था के दौरान महिला को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा देखभाल, और बिना भेदभाव के कार्यस्थल पर समान अधिकार होते हैं।

65. क्या महिला के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला पुलिस में दर्ज किया जा सकता है?
उत्तर: हां, महिला को घरेलू हिंसा का मामला पुलिस में दर्ज कराने का अधिकार है और इसके बाद महिला को न्यायिक राहत मिल सकती है।

66. बच्चों के लिए यौन शोषण से संबंधित कानूनी प्रावधान क्या हैं?
उत्तर: बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए “पॉक्सो” (POCSO) अधिनियम, 2012 लागू है, जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण से रक्षा करता है।

67. क्या महिला को अपनी संपत्ति का अधिकार है?
उत्तर: हां, महिला को अपनी संपत्ति पर कानूनी अधिकार होता है, जिसमें वह विवाह से पहले और बाद की संपत्ति का मालिक हो सकती है।

68. क्या महिलाओं को अपने पति से तलाक लेने का अधिकार होता है?
उत्तर: हां, महिला को तलाक लेने का अधिकार है, और वह भारतीय विवाह अधिनियम, 1955 के तहत तलाक के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकती है।

69. क्या “धारा 498A” के तहत पति और ससुराल वालों को दहेज उत्पीड़न के लिए सजा दी जा सकती है?
उत्तर: हां, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के तहत दहेज उत्पीड़न के मामलों में पति और ससुराल वालों को दंडित किया जा सकता है।

70. महिला को दहेज उत्पीड़न से बचाने के लिए कौन सा कानून है?
उत्तर: महिला को दहेज उत्पीड़न से बचाने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 498A और दहेज हत्या (निवारण) अधिनियम, 1961 लागू होता है।

71. क्या महिला को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा मिलती है?
उत्तर: हां, कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देने के लिए “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” लागू है।

72. क्या महिला को हिंसा के दौरान सरकारी सहायता प्राप्त हो सकती है?
उत्तर: हां, महिला को हिंसा के दौरान राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता, सुरक्षा, और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

73. बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल में मुफ्त शिक्षा का अधिकार क्या है?
उत्तर: भारतीय शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को सरकारी और निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का अधिकार है।

74. क्या महिलाओं को किसी भी प्रकार की शारीरिक सजा देने का अधिकार है?
उत्तर: नहीं, महिलाओं को किसी भी प्रकार की शारीरिक सजा देने का अधिकार नहीं है, और यह कानूनन अपराध है।

75. महिलाओं को गर्भवती होने पर क्या विशेष अधिकार होते हैं?
उत्तर: गर्भवती महिला को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा देखभाल, और उचित कार्य परिस्थितियों का अधिकार होता है।

76. क्या महिलाएं शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के लिए सरकार से मुआवजा प्राप्त कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाओं को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के लिए राज्य सरकारों द्वारा मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है, जैसे राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मुआवजा योजना।

77. महिला की समानता सुनिश्चित करने के लिए संविधान में कौन सा प्रावधान है?
उत्तर: संविधान के अनुच्छेद 14, 15, और 16 में महिलाओं के लिए समानता का अधिकार सुनिश्चित किया गया है।

78. महिलाओं के लिए रोजगार अवसरों में समानता सुनिश्चित करने के लिए क्या कानूनी प्रावधान हैं?
उत्तर: महिला श्रमिकों के लिए समान वेतन, कार्यस्थल पर समान अवसर और यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानूनों के तहत समानता सुनिश्चित की जाती है।

79. क्या एक महिला को अपनी पसंद के कार्य में भाग लेने का अधिकार है?
उत्तर: हां, महिला को अपनी पसंद के कार्य में भाग लेने का अधिकार है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि कार्यस्थल पर कोई भेदभाव न हो।

80. क्या एक महिला को अपने बच्चों की कस्टडी प्राप्त करने का अधिकार है?
उत्तर: हां, महिला को तलाक के मामलों में बच्चों की कस्टडी प्राप्त करने का प्राथमिक अधिकार होता है, हालांकि न्यायालय बच्चों की भलाई के आधार पर निर्णय लेता है।

81. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में त्वरित न्यायालय व्यवस्था कैसे सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर: महिला अपराधों के लिए विशेष न्यायालयों का गठन किया जाता है, जो त्वरित सुनवाई और फैसला सुनाने में सक्षम होते हैं।

82. महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने के लिए पुलिस द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं?
उत्तर: पुलिस महिला हेल्पलाइन, महिलाओं के लिए विशेष थाने और कड़े कानूनों के तहत सुरक्षा प्रदान करती है।

83. महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए दोषी को कितनी सजा दी जा सकती है?
उत्तर: महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में दोषी को कठोर दंड जैसे कि कैद, जुर्माना, और यहां तक कि मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।

84. क्या एक महिला को अपनी संपत्ति का बटवारा करने का अधिकार होता है?
उत्तर: हां, महिला को अपनी संपत्ति पर अधिकार होता है और वह संपत्ति का बटवारा भी कर सकती है, विशेष रूप से हिन्दू महिला अधिकारिता अधिनियम के तहत।

85. क्या महिलाओं को दहेज उत्पीड़न की शिकायत करने का अधिकार होता है?
उत्तर: हां, महिलाओं को दहेज उत्पीड़न के मामलों में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होता है, और वे न्यायालय से राहत प्राप्त कर सकती हैं।

86. महिलाओं को स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के लिए क्या अधिकार होते हैं?
उत्तर: महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उचित चिकित्सा देखभाल, मातृत्व सेवाएँ, और नियमित स्वास्थ्य जांच का अधिकार है।

87. महिला के लिए सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकारों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर: राज्य सरकारें महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ बनाती हैं, महिलाओं के लिए विशेष प्रोग्राम और योजनाएं चलाती हैं, जैसे महिला विकास कार्यक्रम और सहायता योजनाएँ।

88. क्या महिला के खिलाफ उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के लिए कोई राष्ट्रीय हेल्पलाइन है?
उत्तर: हां, महिला उत्पीड़न के मामलों के लिए राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन (181) और अन्य सहायता नंबर उपलब्ध हैं।

89. महिला को बलात्कार के मामले में क्या मुआवजा मिल सकता है?
उत्तर: बलात्कार की पीड़िता को राज्य सरकारों द्वारा मुआवजा और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है।

90. महिलाओं के लिए विशेष पुलिस यूनिट्स की क्या भूमिका है?
उत्तर: महिलाओं के लिए विशेष पुलिस यूनिट्स का उद्देश्य महिला अपराधों की शीघ्र जांच करना और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना होता है।

91. महिलाओं के लिए क्या “महीला आरक्षण” योजना लागू है?
उत्तर: महिलाओं के लिए “महिला आरक्षण” योजना के तहत पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें निर्धारित की गई हैं।

92. क्या महिलाएं कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी उपायों का उपयोग कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” के तहत कानूनी उपाय उठा सकती हैं।

93. क्या महिला को कार्यस्थल पर समान वेतन का अधिकार है?
उत्तर: हां, महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन देने का अधिकार है, यह भारतीय श्रम कानूनों और संविधान के तहत निर्धारित किया गया है।

94. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कौन सी विशेष अदालतें बनाई गई हैं?
उत्तर: महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में विशेष महिला अदालतों का गठन किया गया है, जो त्वरित सुनवाई करती हैं।

95. क्या महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में विशेष कानूनी प्रावधान हैं?
उत्तर: हां, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष कानूनी प्रावधान हैं, जैसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और धारा 498A (दहेज उत्पीड़न)।

96. क्या एक महिला अपने उत्पीड़न के मामले में निवारण की मांग कर सकती है?
उत्तर: हां, एक महिला उत्पीड़न के मामलों में कानूनी राहत और निवारण के लिए घरेलू हिंसा (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता का सहारा ले सकती है।

97. महिला के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों में कानूनी उपचार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं?
उत्तर: महिला उत्पीड़न के मामलों में पुलिस में शिकायत दर्ज करना, चिकित्सा जांच करवाना, और न्यायालय में मुकदमा चलाना शामिल है।

98. क्या महिला को अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है?
उत्तर: हां, महिला को अपनी सुरक्षा के लिए कई सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, जैसे महिला सुरक्षा योजना और महिला हेल्पलाइन।

99. क्या महिलाओं के लिए कोई विशेष कानूनी सहायता योजना है?
उत्तर: हां, महिलाओं के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (SLSA) योजनाएँ संचालित होती हैं।

100. क्या महिला और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अन्य देशों से सहयोग किया जाता है?
उत्तर: हां, महिला और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संस्थाओं के साथ सहयोग किया जाता है।