शीर्षक: महिलाओं से छेड़छाड़ के अपराध और भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 और 77 का विश्लेषण
🔴 परिचय:
भारत में महिलाओं की गरिमा, आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए विशेष कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। छेड़छाड़, पीछा करना, अश्लील इशारे करना, या बिना सहमति के किसी महिला को गलत तरीके से छूना – ये सभी गंभीर अपराध हैं। भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) में इस तरह के कृत्यों को रोकने और दोषियों को दंडित करने के लिए धारा 74 और 77 जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं।
🔹 धारा 74 – किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के उद्देश्य से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (Assault or criminal force to woman with intent to outrage her modesty):
नियतार्थ:
अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से उस पर हमला करता है या जबरदस्ती (बलपूर्वक) उसे छूता है, तो यह धारा लागू होती है।
सजा:
- 2 साल तक की सज़ा,
- या जुर्माना,
- या दोनों।
यह अपराध जमानती और संज्ञेय (Cognizable) है।
उदाहरण:
- किसी महिला का जबरन हाथ पकड़ना।
- बिना अनुमति के उसे छूना।
- अश्लील टिप्पणियां करते हुए उसे धक्का देना।
🔹 धारा 77 – पीछा करना या बार-बार अनचाहा संपर्क करना (Stalking):
नियतार्थ:
अगर कोई व्यक्ति:
- किसी महिला का बार-बार पीछा करता है,
- या बार-बार सोशल मीडिया, कॉल, मैसेज आदि के ज़रिए संपर्क करता है जबकि महिला ने मना कर दिया है,
तो वह पीछा करना (Stalking) कहलाता है।
सजा:
- पहली बार अपराध पर – 3 साल तक की सज़ा और जुर्माना।
- दूसरी बार अपराध पर – 5 साल तक की सज़ा और जुर्माना।
यह अपराध भी संज्ञेय (Cognizable) है।
उदाहरण:
- बार-बार किसी महिला का रास्ता रोकना।
- सोशल मीडिया पर लगातार मैसेज भेजना।
- महिला के इनकार के बावजूद उसका पीछा करना।
⚖️ महत्वपूर्ण न्यायिक टिप्पणियाँ:
- सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यह कहा है कि महिलाओं की गरिमा का हनन भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है।
- छेड़छाड़ के मामलों में पुलिस को तुरंत संज्ञान लेना आवश्यक है और महिला की शिकायत को प्राथमिकता से दर्ज करना अनिवार्य है।
📌 अन्य संबंधित धाराएँ (BNS या विशेष अधिनियम):
अपराध | संबंधित धारा |
---|---|
यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) | BNS धारा 73 |
नग्नता के इरादे से महिला के सामने कपड़े उतारना | BNS धारा 76 |
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) | POCSO Act, 2012 |
अश्लील कृत्य या इशारा करना | आईटी अधिनियम + BNS |
✅ महिलाओं के अधिकार:
- कोई भी महिला थाना जाकर FIR दर्ज करवा सकती है – वह चाहें तो महिला अधिकारी से शिकायत करने का अधिकार रखती हैं।
- महिला किसी महिला हेल्पलाइन (जैसे 1091) पर भी शिकायत कर सकती है।
- थाने में FIR दर्ज न होने की स्थिति में मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन किया जा सकता है।
🔚 निष्कर्ष:
BNS की धारा 74 और 77 महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की गारंटी देती हैं। अगर किसी महिला के साथ अशोभनीय, अपमानजनक या पीछा करने जैसे कृत्य होते हैं, तो वह कानूनी सहायता ले सकती है और दोषी को सज़ा दिला सकती है। समाज में महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस प्रकार के अपराधों के विरुद्ध सख्ती से खड़े हों।