भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में कई महत्वपूर्ण धाराओं में बदलाव किए गए हैं, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की जगह लागू की गई हैं। प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:
- राजद्रोह (Sedition): BNS में राजद्रोह की धारा को समाप्त कर दिया गया है। अब, सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना या असंतोष पर दंडात्मक प्रावधान नहीं होंगे, लेकिन राष्ट्र के खिलाफ कोई भी गतिविधि दंडनीय होगी।
- आतंकवाद (Terrorism): BNS में आतंकवाद को परिभाषित किया गया है और इसे दंडनीय अपराध बनाया गया है।
- संगठित अपराध (Organized Crime): BNS में संगठित अपराध के लिए नई धारा जोड़ी गई है, जिसमें किसी सिंडिकेट की गैर-कानूनी गतिविधि को दंडनीय बनाया गया है।
- शादी का वादा करके यौन संबंध (Sexual Relations under False Promise of Marriage): BNS में यह नया अपराध जोड़ा गया है, जिसमें धोखे से या बिना किसी आशय के किसी महिला से शादी करने का वादा करके उसके साथ यौन संबंध बनाना दंडनीय होगा।
- मॉब लिंचिंग (Mob Lynching): BNS में मॉब लिंचिंग के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यदि पाँच या अधिक व्यक्तियों का समूह किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।
- स्नैचिंग (Snatching): BNS में स्नैचिंग के मामलों में गंभीर चोट या स्थायी विकलांगता होने पर अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
- बच्चों को अपराध में शामिल करना (Involvement of Children in Crime): BNS में बच्चों को अपराध में शामिल करने पर कम से कम 7-10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
- हिट-एंड-रन (Hit-and-Run): BNS में हिट-एंड-रन के मामलों में मौत होने पर अपराधी घटना का खुलासा नहीं करता है, तो जुर्माने के अलावा 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
- फेक न्यूज़ (Fake News): BNS में फेक न्यूज़ फैलाने के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति भारत की संप्रभुता, एकता और समग्रता या सुरक्षा को खतरा पहुँचाने वाली झूठी जानकारी बनाता या प्रकाशित करता है, तो उसे तीन वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
- आत्महत्या का प्रयास (Attempted Suicide): BNS में आत्महत्या के प्रयास के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्त्तव्य का निर्वहन करने के लिए मजबूर करने या रोकने के आशय से आत्महत्या करने का प्रयास करता है, तो उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य कानूनी प्रक्रिया को और सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। कुछ प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:
- गवाहों की सुरक्षा (Witness Protection): BNS में गवाहों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि किसी गवाह को खतरा है, तो उसे सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया गया है। गवाहों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- दोषी की पहचान (Accused Identification): BNS में यह प्रावधान किया गया है कि आरोपी की पहचान और उसकी तस्वीर अदालत में पेश की जा सकती है, जिससे किसी भी गलत पहचान को रोका जा सके।
- दूसरी बार आरोपी बनने पर सजा (Repeat Offenders): अगर कोई व्यक्ति पहले किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराया गया है और फिर वही अपराध दोहराता है, तो उसे अधिक कड़ी सजा दी जाएगी।
- साक्षात्कार और पूछताछ (Interrogation): BNS के तहत पुलिस को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि अपराधियों से पूछताछ में किसी प्रकार का उत्पीड़न न हो। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अपराधी को कोई अत्याचार न हो और उसका अधिकार संरक्षित रहे।
- आर्थिक अपराध (Economic Offenses): BNS में आर्थिक अपराधों को बढ़ावा देने और उनमें शामिल व्यक्तियों के लिए सजा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इस संदर्भ में धन शोधन (Money Laundering) और अन्य वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- सामाजिक अपराधों में वृद्धि (Social Offenses): खासकर महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है, जैसे कि महिला उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, और बाल यौन शोषण।
- सजा की राशि और कारावास (Punishment and Imprisonment): कई अपराधों के लिए सजा की अवधि और जुर्माना बढ़ाया गया है। जैसे कि गंभीर चोरी, दुष्कर्म, और हत्या के मामलों में अधिक कठोर दंड की सजा दी जाएगी।
- आधिकारिक कर्तव्यों के खिलाफ अपराध (Offenses Against Public Servants): यदि कोई व्यक्ति लोक सेवकों के कर्तव्यों में रुकावट डालता है या उनका शारीरिक उत्पीड़न करता है, तो उसे अधिक कड़ी सजा दी जाएगी।
- पारिवारिक और सामाजिक सुरक्षा (Family and Social Security): यह सुनिश्चित किया गया है कि पारिवारिक विवादों में किसी एक पक्ष को अत्यधिक नुकसान न पहुंचे। महिलाओं और बच्चों की रक्षा के लिए नए कानून बनाए गए हैं।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, पारदर्शी, और त्वरित बनाना है। इन बदलावों से नागरिकों को न्याय दिलाने में तेजी लाने का प्रयास किया गया है। यहाँ कुछ और बदलावों की जानकारी दी जा रही है:
1. कानूनी प्रक्रिया की गति (Speed of Legal Process):
- BNS 2023 के तहत, अदालतों में मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। विशेष अदालतों में गंभीर अपराधों के मामलों में फैसला एक निश्चित समय सीमा के भीतर लिया जाएगा।
- अदालतों में वादियों के लिए उचित और त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
2. मानवाधिकार का संरक्षण (Protection of Human Rights):
- पुलिस द्वारा संदिग्धों की गिरफ्तारी, पूछताछ, और जांच के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं हो, इसके लिए सख्त दिशा-निर्देश तय किए गए हैं।
- किसी भी आरोपित व्यक्ति को बिना कारण के लंबे समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकेगा।
3. जमानत का अधिकार (Right to Bail):
- जिन अपराधों के लिए जमानत की मंजूरी आसानी से नहीं मिल पाती थी, उन मामलों में अब जमानत के लिए सरल और पारदर्शी प्रावधान किए गए हैं।
- यह सुनिश्चित किया गया है कि जमानत देने की प्रक्रिया त्वरित हो और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
4. प्रौद्योगिकी का उपयोग (Use of Technology):
- BNS 2023 में कानूनी प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। अब न्यायालयों में ऑनलाइन सुनवाई का प्रावधान किया गया है, ताकि मामलों की सुनवाई में और पारदर्शिता आए और लोग अधिक से अधिक मामलों में भाग ले सकें।
- ई-गवाही, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग करके न्याय प्रक्रिया को प्रभावी बनाया गया है।
5. मीडिया के अधिकार (Media Rights):
- मीडिया के लिए भी कुछ नए दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं, ताकि न्यायिक प्रक्रिया की स्वतंत्रता को बनाए रखा जा सके और किसी भी मामले में मीडिया द्वारा बिना प्रमाण के जानकारी प्रसारित करने से बचा जा सके।
- मीडिया को न्यायिक मामलों की रिपोर्टिंग में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी, ताकि न्याय प्रक्रिया प्रभावित न हो।
6. महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान (Special Provisions for Women and Children):
- महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों में सजा की अवधि बढ़ाई गई है, खासकर बलात्कार और शोषण के मामलों में।
- विशेष महिला पुलिस स्टेशनों और बाल न्यायालयों की संख्या में वृद्धि की गई है, ताकि इन वर्गों को शीघ्र न्याय मिल सके।
7. किसी अपराध में प्रभावित लोगों के अधिकार (Rights of Victims in Crimes):
- BNS में अपराधों के शिकार लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। अब अपराधियों को अपराध करने के बाद पीड़ितों को कोई मुआवजा देने की आवश्यकता होगी।
- शिकार हुए व्यक्तियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों और कानूनी सहायता का भी प्रावधान किया गया है।
8. भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action Against Corruption):
- सरकारी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी भी व्यक्ति की संपत्ति की जांच और जब्ती की प्रक्रिया को सख्त किया गया है।
- रिश्वतखोरी और अन्य भ्रष्टाचार संबंधित अपराधों के लिए अधिक कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
9. आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अपराध (Spiritual and Cultural Offenses):
- धार्मिक स्थलों पर अनैतिक गतिविधियों को दंडनीय अपराध माना गया है। धार्मिक या सांस्कृतिक स्थलों को नुकसान पहुँचाने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
10. प्राकृतिक आपदाओं और मानवाधिकार उल्लंघन (Natural Disasters and Human Rights Violations):
- यदि प्राकृतिक आपदाओं या किसी अन्य आपातकालीन स्थिति में किसी का मानवाधिकार उल्लंघन होता है, तो उसके लिए न्याय प्रक्रिया में विशेष प्रावधान किए गए हैं, ताकि पीड़ितों को त्वरित राहत मिल सके।
11. शिविर अदालतें (Camp Courts):
- जहां न्यायालयों में भारी बोझ है, वहां शिविर अदालतें स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इन अदालतों का उद्देश्य अधिक मामलों का समाधान त्वरित समय में करना है, खासकर ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों में।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य न्याय प्रणाली को और अधिक सुधारना और सुधारात्मक उपायों को लागू करना है। यहां कुछ और प्रमुख बदलाव दिए गए हैं:
1. संविधान और न्यायिक स्वतंत्रता (Constitutional and Judicial Independence):
- BNS 2023 में यह सुनिश्चित किया गया है कि अदालतों और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखा जाए। किसी भी सरकार या अन्य बाहरी ताकतों से दबाव के बिना न्यायपालिका को काम करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी।
- न्यायधीशों को उनके निर्णयों में स्वतंत्रता होगी, और उनकी निष्पक्षता पर कोई भी दबाव नहीं डाला जा सकेगा।
2. संविधानिक अपराधों के लिए विशेष प्रावधान (Special Provisions for Constitutional Offenses):
- अगर कोई व्यक्ति संविधान का उल्लंघन करता है, तो उसके लिए अलग से और कठोर सजा के प्रावधान किए गए हैं। विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय संविधान की गरिमा से जुड़े अपराधों में अब कड़ी सजा दी जाएगी।
- ये प्रावधान संविधान के तहत अधिकारों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ अधिक सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
3. अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन (Compliance with International Standards):
- BNS 2023 में अंतरराष्ट्रीय मानकों और समझौतों का पालन किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत की न्याय व्यवस्था वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और वैश्विक कानूनी दृष्टिकोण से भी बेमेल न हो।
- विशेष रूप से मानवाधिकार और अपराधों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय संधियों को ध्यान में रखते हुए कुछ बदलाव किए गए हैं।
4. आध्यात्मिक और धार्मिक स्वतंत्रता (Religious and Spiritual Freedom):
- किसी भी धार्मिक समुदाय या समूह के खिलाफ घृणा, हिंसा, या भेदभाव की घटनाओं को अपराध माना जाएगा। BNS में इस बात का प्रावधान है कि यदि किसी विशेष समुदाय, धर्म या विश्वास के खिलाफ अपराध किए जाते हैं, तो कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा।
- धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले अपराधों को गंभीरता से लिया जाएगा, और ऐसे मामलों में अधिक कड़ी सजा दी जाएगी।
5. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (Conservation of Natural Resources):
- प्राकृतिक संसाधनों, जैसे जल, जंगल और ज़मीन की अवैध खनन और दोहन को रोकने के लिए नए कानून बनाए गए हैं। किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा पर्यावरणीय नुकसान पहुँचाने पर अधिक सजा का प्रावधान किया गया है।
- इसके तहत जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और वन्यजीवों की रक्षा के लिए भी कड़े कदम उठाए गए हैं।
6. सोशल मीडिया और साइबर अपराध (Social Media and Cyber Crimes):
- BNS में साइबर अपराधों से संबंधित भी नए प्रावधान जोड़े गए हैं। सोशल मीडिया पर फैलाए गए झूठे और विभाजनकारी संदेशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- सोशल मीडिया पर अपराधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है, जैसे कि डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर हमले, और ऑनलाइन शोषण।
7. फर्जी दस्तावेज और जालसाजी (Forgery and Falsification of Documents):
- फर्जी दस्तावेज बनाने और उनका उपयोग करने को गंभीर अपराध माना गया है। अब ऐसे अपराधों के लिए अधिक कठोर सजा दी जाएगी।
- बैंकों और वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी करने वालों को भी कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा।
8. मानव तस्करी (Human Trafficking):
- मानव तस्करी के मामलों में सख्त दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं। बच्चों, महिलाओं और अन्य व्यक्तियों की तस्करी करने वाले अपराधियों को कठोर सजा दी जाएगी।
- विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि तस्करी के शिकार लोगों को समाज में पुनः स्थापित किया जा सके।
9. समाज में समानता और सामाजिक न्याय (Equality and Social Justice):
- BNS 2023 में समाज में समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं।
- आरक्षित वर्गों, दलितों, और पिछड़े वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है। इन समुदायों को न्याय दिलाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
10. शासन और प्रशासनिक सुधार (Governance and Administrative Reforms):
- BNS 2023 में प्रशासनिक और शासन प्रणाली में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
- प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल पद्धतियों को अपनाया जाएगा, और सरकारी फैसलों में जन भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिकों के हित में बनाने का उद्देश्य रखते हैं। कुछ और बदलाव निम्नलिखित हैं:
1. ऑनलाइन जमानत की प्रक्रिया (Online Bail Process):
- BNS 2023 में जमानत की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के लिए ऑनलाइन प्रणाली को लागू किया गया है। अब आरोपी अपनी जमानत अर्जी ऑनलाइन दायर कर सकते हैं, जिससे अदालतों में भी बोझ कम होगा और समय की बचत होगी।
- यह प्रावधान विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगा जो दूर-दराज क्षेत्रों में रहते हैं और अदालतों में आने जाने में कठिनाई महसूस करते हैं।
2. वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण (Training for Lawyers and Judicial Officers):
- BNS में न्यायिक अधिकारियों और वकीलों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य उन्हें नई कानूनी प्रक्रियाओं, विधिक प्रवृत्तियों और अद्यतन कानूनी प्रावधानों से परिचित कराना है।
- यह कदम न्यायिक दक्षता में सुधार लाने और न्यायिक प्रणाली के भीतर बेहतर कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
3. अदालतों में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग (Audio-Video Recording in Courts):
- अदालतों में सभी सुनवाई की प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने के लिए ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दी गई है। इससे सुनवाई में पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी गलतफहमी या विवाद के मामले में साक्ष्य उपलब्ध होंगे।
- यह कदम अदालतों में सबूतों की विश्वसनीयता और स्पष्टता सुनिश्चित करेगा।
4. प्रवासी श्रमिकों के अधिकार (Rights of Migrant Workers):
- प्रवासी श्रमिकों को उनके अधिकारों का संरक्षण देने के लिए BNS में विशेष प्रावधान किए गए हैं। अब प्रवासी श्रमिकों से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए निवारण प्रक्रियाओं को सरल किया गया है।
- इसके तहत, श्रमिकों के शोषण, बलात्कृत परिस्थितियों और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होने पर अधिक सख्त दंड का प्रावधान है।
5. अदालतों के लिए आंतरिक सुधार (Internal Reforms in Courts):
- BNS 2023 में अदालतों के भीतर सुधार लाने के लिए नए उपायों का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें विशेष रूप से लंबित मामलों की संख्या को कम करने के लिए “फास्ट ट्रैक कोर्ट” की व्यवस्था बढ़ाई जाएगी।
- कोर्ट कक्षों में उचित प्रबंधन और पेशेवरता बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे, ताकि केसों का निष्पक्ष और त्वरित निपटारा किया जा सके।
6. संपत्ति विवाद (Property Disputes):
- संपत्ति विवादों में सुधार लाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। अब संपत्ति से जुड़े मामलों में न्याय का निष्पक्ष और त्वरित समाधान पाने के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान मंच (Online Dispute Resolution) की शुरुआत की जाएगी।
- यह व्यवस्था लोगों को संपत्ति से जुड़े मामलों में बेहतर और त्वरित समाधान देने में सहायक होगी।
7. फर्जी और धोखाधड़ी (Fraud and Deception):
- फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और साक्षात्कारों के मामलों में अधिक सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। अब यदि किसी व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके किसी अन्य का नुकसान किया, तो उसे आर्थिक दंड और जेल की सजा दी जा सकती है।
- इसके तहत विभिन्न प्रकार के धोखाधड़ी जैसे बैंकों से जुड़े मामलों, बिलिंग धोखाधड़ी, और कंपनी धोखाधड़ी को दंडनीय अपराध माना गया है।
8. मानवाधिकार संरक्षण (Protection of Human Rights):
- BNS 2023 में नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रावधान किए गए हैं। इसमें पुलिस के दमनकारी व्यवहार, शारीरिक उत्पीड़न और अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- यदि किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उसे उचित और त्वरित न्याय प्राप्त करने का अधिकार होगा।
9. सामाजिक न्याय के लिए विशेष अदालतें (Special Courts for Social Justice):
- समाज में विभिन्न प्रकार के भेदभाव और उत्पीड़न को रोकने के लिए अब विशेष अदालतें बनाई जाएंगी जो विशेष रूप से सामाजिक न्याय से संबंधित मामलों का निपटारा करेंगी।इन अदालतों में महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर वर्गों से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी और इनकी सुनवाई तेजी से की जाएगी।10. जमानत का नया कानून (New Bail Law):जमानत के मामलों में कड़ी निगरानी और उचित नियंत्रण के लिए नए कानून बनाए गए हैं। जमानत की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आरोपी की पृष्ठभूमि और अपराध के प्रकार का ध्यान रखा जाएगा।यह व्यवस्था विशेष रूप से गंभीर अपराधों में आरोपी को जमानत देने के मामलों में लागू होगी, ताकि किसी भी आरोपी को अनुचित लाभ न मिल सके।
11. अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग (International Judicial Cooperation):
BNS 2023 में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई अपराधी विदेश में छिपा है, तो उसे वापस लाने के लिए देशों के बीच बेहतर सहयोग की आवश्यकता होगी।
इस पहल से देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी और न्याय प्रक्रिया में त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में किए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में और जानकारी:
1. साक्ष्य के लिए नई दिशा-निर्देश (New Guidelines for Evidence):
- BNS 2023 में साक्ष्य संग्रह और उपयोग के बारे में नए दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं। विशेष रूप से डिजिटल साक्ष्य, जैसे मोबाइल फोन डेटा, सोशल मीडिया रिकॉर्ड्स, और ईमेल को कानूनी रूप से स्वीकार्य और मान्य किया गया है।
- डिजिटल साक्ष्य को प्रस्तुत करने के लिए विशेष प्रक्रिया स्थापित की गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि साक्ष्य की सच्चाई और प्रामाणिकता पर सवाल न उठे।
2. अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारतीय न्यायालयों की भूमिका (Role of Indian Courts in International Cases):
- भारतीय न्यायालयों को अब अंतरराष्ट्रीय कानूनी मामलों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार विवाद, मानवाधिकार उल्लंघन और पर्यावरणीय अपराधों से संबंधित मामले शामिल हैं।
- भारतीय न्यायालय अब उन अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन करेंगे, जिनमें भारत एक पक्ष है, और वैश्विक न्याय से जुड़े मामलों में निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
3. सामाजिक सुरक्षा और कल्याण (Social Security and Welfare):
- BNS 2023 में गरीब, विकलांग और मानसिक रूप से असमर्थ व्यक्तियों की रक्षा के लिए विशेष कानून बनाए गए हैं। इन व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा और चिकित्सा सहायता प्राप्त होगी।
- सरकार द्वारा ऐसे व्यक्तियों के लिए विशेष पुनर्वास योजनाओं और वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है, ताकि वे समाज में मुख्यधारा में लौट सकें।
4. अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और शोषण (International Human Trafficking and Exploitation):
- BNS 2023 में अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और शोषण के मामलों को गंभीरता से लिया गया है। अब यदि कोई भारतीय नागरिक या विदेशी नागरिक भारत में या भारत से बाहर तस्करी के शिकार होते हैं, तो इसे और अधिक गंभीर अपराध माना जाएगा।
- तस्करी और शोषण के मामलों में जल्दी और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष “एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग” अदालतें बनाई जाएंगी।
5. सामूहिक अपराधों के लिए कठोर दंड (Strict Punishment for Collective Crimes):
- सामूहिक अपराध, जैसे दंगा, जातिवाद, धार्मिक हिंसा और सामूहिक हत्याओं के मामलों में कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इन अपराधों के लिए अब अधिक कड़ी सजा जैसे जीवनभर की सजा या मौत की सजा दी जा सकती है।
- यह प्रावधान समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है।
6. सार्वजनिक हित और सामाजिक भलाई (Public Interest and Social Welfare):
- BNS 2023 में सार्वजनिक हित में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक भलाई के लिए काम करता है, जैसे कि सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में, तो उसे सुरक्षा और न्याय का पूरा संरक्षण मिलेगा।
- यह प्रावधान समाज के उन लोगों को संरक्षण देने के लिए किया गया है जो समाज में सुधार लाने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं।
7. सजा का वैकल्पिक उपाय (Alternative Punishments):
- कुछ मामलों में, विशेषकर छोटे अपराधों के मामलों में, पारंपरिक जेल की सजा के बजाय वैकल्पिक उपायों का प्रावधान किया गया है। इसमें सामुदायिक सेवा, पर्यावरण सुधार कार्यक्रम, और पुनर्वास केंद्रों में भागीदारी शामिल हो सकती है।
- इसका उद्देश्य अपराधियों को पुनर्वासित करना और उन्हें समाज में वापस एक सकारात्मक नागरिक के रूप में स्थापित करना है।
8. प्रौद्योगिकी और डिजिटल अपराध (Technology and Digital Crimes):
- BNS 2023 में साइबर अपराधों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। डिजिटल धोखाधड़ी, हैकिंग, डेटा चोरी, और साइबर स्टॉकिंग के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, विशेष साइबर न्यायालयों की स्थापना की जाएगी जो इन मामलों को त्वरित और प्रभावी ढंग से निपटाएं।
9. मानवाधिकार आयोग और निगरानी (Human Rights Commission and Oversight):
- BNS में मानवाधिकार आयोग को अधिक शक्तियाँ दी गई हैं, ताकि वह न्यायिक प्रणाली में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की निगरानी कर सके। आयोग को अब अधिक अधिकार होंगे कि वह किसी भी मामले की समीक्षा करे और सजा की सिफारिश कर सके।
- इसके साथ ही, न्यायिक अधिकारियों के लिए मानवाधिकार प्रशिक्षण कार्यक्रम भी अनिवार्य किए गए हैं।
10. शक्ति प्रदर्शन और आपातकालीन स्थिति (Power Dynamics and Emergency Situations):
- किसी भी आपातकालीन स्थिति में या शक्ति का गलत इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह विशेष रूप से पुलिस, सैन्य बलों और अन्य सरकारी अधिकारियों के संदर्भ में लागू होगा।
- इन प्रावधानों का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि सरकारी शक्ति का दुरुपयोग न हो और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
11. बाल न्याय और अपराध (Child Justice and Offenses):
- बच्चों के खिलाफ अपराधों को अधिक गंभीरता से लिया गया है। बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और अन्य प्रकार के अपराधों के मामलों में सजा बढ़ाई गई है।
- विशेष बाल अदालतों का गठन किया गया है जो इन मामलों का त्वरित और न्यायपूर्ण तरीके से निपटारा करेंगे।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में किए गए कुछ और महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में जानकारी:
1. ग्रामीण इलाकों में न्याय की सुलभता (Access to Justice in Rural Areas):
- BNS 2023 में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इन क्षेत्रों में न्यायालयों की संख्या बढ़ाने और अदालतों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए मोबाइल कोर्ट और दूरस्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का प्रावधान किया गया है।
- इससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को कानूनी सेवाओं का बेहतर और त्वरित लाभ मिल सकेगा।
2. शराब और मादक पदार्थों के खिलाफ कड़े कदम (Stronger Measures Against Alcohol and Drugs):
- शराब और मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग को रोकने के लिए कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं। BNS 2023 में ड्रग्स, शराब, और नशे से जुड़े अपराधों के लिए सजा और जुर्माना बढ़ाए गए हैं।
- इसके अलावा, इन अपराधों से जुड़ी गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखने के लिए एक “नशा निरोधक” इकाई का गठन किया जाएगा।
3. यातायात अपराधों के लिए नई सजा (New Punishments for Traffic Offenses):
- सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए BNS 2023 में यातायात अपराधों के लिए सजा में वृद्धि की गई है। ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और बिना हेलमेट के बाइक चलाने जैसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- इसमें जुर्माना के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के पाठ्यक्रमों में भाग लेने का प्रावधान भी किया जाएगा, जिससे अपराधियों को सुधारने का अवसर मिलेगा।
4. महिलाओं के खिलाफ हिंसा (Violence Against Women):
- महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए BNS में विशेष रूप से कड़े प्रावधान किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाली घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, और हत्या के मामलों में सजा को और कठोर किया गया है।
- इसके साथ ही, महिला सुरक्षा के लिए एक नई विशेष पुलिस इकाई बनाई जाएगी, जो महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को तुरंत रोकने और निवारण में मदद करेगी।
5. पारिवारिक न्याय (Family Justice):
- पारिवारिक विवादों को हल करने के लिए BNS 2023 में विशेष पारिवारिक न्यायालयों की स्थापना की जाएगी। इन अदालतों में परिवारिक मामलों जैसे तलाक, संपत्ति विवाद, और बच्चे की कस्टडी के मामलों पर प्राथमिकता से सुनवाई की जाएगी।
- यह कदम परिवारों के बीच विवादों का समाधान त्वरित और कुशल तरीके से करने के लिए उठाया गया है, जिससे परिवारों में तनाव कम हो और समाज में शांति बनी रहे।
6. ट्रांसजेंडर अधिकारों की सुरक्षा (Protection of Transgender Rights):
- ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए नए कानूनी प्रावधान लागू किए गए हैं। BNS 2023 में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा के मामलों में विशेष ध्यान रखा जाएगा।
- इसके अलावा, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में बराबरी के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
7. साक्षात्कार का नया तरीका (New Method for Interrogation):
- पुलिस द्वारा साक्षात्कार (Interrogation) के तरीकों को अधिक पारदर्शी और मानवीय बनाने के लिए BNS में नए दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं। अब पुलिस साक्षात्कार के दौरान किसी भी आरोपी के साथ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न नहीं कर सकेगी।
- इस नए कानून के तहत, साक्षात्कार के दौरान आरोपी के अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान किया जाएगा और साक्षात्कार प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाएगा ताकि कोई भी उत्पीड़न न हो।
8. अपराधियों के लिए पुनर्वास और सुधार (Rehabilitation and Reformation of Offenders):
- अपराधियों के पुनर्वास और सुधार के लिए नए कार्यक्रम बनाए गए हैं। इसके तहत, अपराधियों को सुधारने के लिए मानसिक स्वास्थ्य उपचार, शिक्षा, और कौशल विकास के कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इससे अपराधियों को एक नई दिशा मिल सकेगी और वे समाज में वापस एक सकारात्मक भूमिका निभा सकेंगे।
9. धार्मिक और जातीय भेदभाव (Religious and Caste Discrimination):
- BNS 2023 में धार्मिक और जातीय भेदभाव के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी धर्म, जाति, या समुदाय के खिलाफ भेदभाव करता है या नफरत फैलाता है, तो उसे कठोर सजा का सामना करना पड़ेगा।
- यह प्रावधान समाज में धार्मिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
10. साक्ष्य से संबंधित नए नियम (New Rules Regarding Evidence):
- साक्ष्य की पेशी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। अब इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, जैसे कि सोशल मीडिया पोस्ट्स, व्हाट्सएप चैट्स और ईमेल, को न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सकता है और उन्हें साक्ष्य के रूप में माना जाएगा।
- इससे न्यायालयों को तेजी से निर्णय लेने में मदद मिलेगी और लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी।
11. मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई (Quick Action in Human Rights Violations):
- मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के लिए विशेष “मानवाधिकार अदालतें” बनाई जाएंगी। इन अदालतों में किसी भी प्रकार के मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
- इसके अलावा, मानवाधिकार आयोग को और अधिक शक्तियाँ दी गई हैं, ताकि वह उल्लंघनों को जल्दी से ठीक कर सके।
12. आपराधिक न्याय में सुधार (Criminal Justice Reform):
- BNS में अपराधों के प्रकार और सजा की गंभीरता के आधार पर सुधार किया गया है। अब छोटे अपराधों के लिए अधिक त्वरित और वैकल्पिक सजा प्रणाली लागू की जाएगी, जैसे कि समुदाय सेवा, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, और शिक्षा।
- इसके साथ-साथ, गंभीर अपराधों के लिए सजा को और कठोर किया गया है, जैसे कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और हत्याओं के मामलों में अधिक कठोर दंड का प्रावधान।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में किए गए और कुछ महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में जानकारी:
1. न्यायिक प्रक्रियाओं की डिजिटलाइजेशन (Digitalization of Judicial Processes):
- BNS 2023 में न्यायिक प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से अधिक सुलभ बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अब न्यायालयों में सभी दस्तावेज़ों का डिजिटल रूप में रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा।
- इसके अलावा, मुकदमों की सुनवाई भी ऑनलाइन माध्यम से की जा सकेगी, जिससे लंबी प्रक्रियाओं को कम किया जा सकेगा और न्याय प्राप्त करना आसान होगा।
2. हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में त्वरित न्याय (Quick Justice in Violence and Harassment Cases):
- खासकर घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और दहेज उत्पीड़न के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष न्यायिक प्रक्रिया बनाई गई है। अदालतों में ऐसे मामलों की प्राथमिकता से सुनवाई की जाएगी, ताकि पीड़ितों को जल्दी न्याय मिल सके।
- न्यायिक प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के लिए इन मामलों में विशेष कोर्ट बनाई जाएंगी, जो कि तुरंत फैसले लेंगी और अपराधियों को सजा दिलवाने में मदद करेंगी।
3. अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग को बढ़ावा (Enhanced International Judicial Cooperation):
- अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए BNS 2023 में नए प्रावधान किए गए हैं। अब भारत में और भारत से बाहर होने वाले अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते और सहयोग किए जाएंगे।
- विशेषकर भगोड़ों और अंतरराष्ट्रीय अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए देशों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा।
4. मीडिया द्वारा न्यायिक प्रक्रियाओं की रिपोर्टिंग (Media Reporting of Judicial Processes):
- मीडिया द्वारा न्यायिक प्रक्रियाओं की रिपोर्टिंग के लिए नए दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा, ताकि न्याय की स्वतंत्रता और पारदर्शिता बनी रहे। हालांकि मीडिया को न्यायिक सुनवाई की जानकारी देने का अधिकार रहेगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रिपोर्टिंग से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो।
- यह कदम न्याय की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
5. प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े अपराधों का विश्लेषण (Analysis of Crimes Related to Natural Disasters):
- प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, और तूफानों से उत्पन्न होने वाली अपराधों की श्रेणी में भी सुधार किए गए हैं। BNS 2023 के तहत अब ऐसे अपराधों के लिए विशेष न्यायिक ढांचा तैयार किया जाएगा, ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित न्याय मिल सके।
- आपदाओं के दौरान लूट, मानवाधिकार उल्लंघन, और अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
6. साक्षात्कार और गिरफ्तारी की नई प्रक्रिया (New Process for Interrogation and Arrest):
- गिरफ्तारी और साक्षात्कार की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और मानवाधिकारों का सम्मान करने वाली बनाई गई है। पुलिस को किसी भी आरोपी के खिलाफ साक्षात्कार के दौरान मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न करने से रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
- यह सुनिश्चित करने के लिए हर साक्षात्कार और गिरफ्तारी को वीडियो रिकॉर्ड किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या अधिकारों का उल्लंघन न हो सके।
7. सामाजिक सुरक्षा के लिए नई व्यवस्था (New System for Social Security):
- BNS 2023 में समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। अब गरीब, वृद्ध, विकलांग और मानसिक रूप से असमर्थ व्यक्तियों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था बनाई जाएगी।
- इसके तहत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता, चिकित्सा सुविधाएं, और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे ताकि समाज के कमजोर वर्गों को सम्मान और सुरक्षा मिले।
8. डिजिटल अपराधों के लिए नई सजा प्रणाली (New Punishment System for Cyber Crimes):
- साइबर अपराधों, जैसे कि ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, और निजी जानकारी की चोरी के मामलों में नई सजा प्रणाली बनाई गई है। इसके तहत जुर्माना और कारावास की अवधि को बढ़ाया जाएगा, और दोषियों को साइबर सुरक्षा पर प्रशिक्षण लेने के लिए भी मजबूर किया जा सकता है।
- इसके अलावा, साइबर अपराधों की तेजी से सुनवाई करने के लिए विशेष “साइबर न्यायालय” की स्थापना की जाएगी।
9. स्वच्छता और पर्यावरणीय अपराध (Cleanliness and Environmental Crimes):
- पर्यावरणीय अपराधों, जैसे कि अवैध खनन, जल और वायु प्रदूषण, और वन्यजीवों का शिकार, को रोकने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। अब पर्यावरण से जुड़े अपराधों में दोषियों को भारी जुर्माना और कारावास की सजा मिल सकती है।
- पर्यावरण की रक्षा के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएंगी जो इन मामलों को प्राथमिकता से सुलझाएंगी।
10. जमानत और कस्टडी (Bail and Custody):
- जमानत और पुलिस कस्टडी से संबंधित नियमों में भी सुधार किया गया है। अब अदालतों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी कि कोई भी व्यक्ति बिना उचित कारण के जेल में न रखा जाए, और अगर आरोपी को जमानत मिल सकती है तो उसे तुरंत जमानत दी जाएगी।
- इसके अलावा, कस्टडी में किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न की जांच के लिए एक स्वतंत्र निगरानी तंत्र का गठन किया जाएगा।
11. कृषि और भूमि विवाद (Agriculture and Land Disputes):
- BNS 2023 में कृषि और भूमि विवादों को हल करने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा, जो विशेष रूप से इन प्रकार के मामलों की सुनवाई करेंगी। यह अदालतें भूमि अधिग्रहण, किसान के अधिकारों और कृषि भूमि पर होने वाले विवादों का त्वरित और निष्पक्ष निपटारा करेंगी।
12. वोटिंग अधिकार और चुनावी प्रक्रिया (Voting Rights and Electoral Process):
- BNS में चुनावों से जुड़े अपराधों पर भी सख्त कदम उठाए गए हैं। चुनावों में धोखाधड़ी, मतदाता को प्रभावित करने या चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।
- चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए नए कानूनों का निर्माण किया जाएगा और इसमें शामिल अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 के तहत जो धाराएं बदल गई हैं, उनका विवरण निम्नलिखित है:
1. धारा 302 – हत्या (Section 302 – Murder):
- पूर्व प्रावधान: हत्या के दोषी को जीवनभर की सजा या मृत्यु दंड दिया जा सकता था।
- नया प्रावधान: हत्या के मामलों में अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है, और अब इसे गंभीर अपराध के रूप में अधिक प्राथमिकता से लिया जाएगा। अदालतों को अब अधिक सख्ती से मामलों की सुनवाई करनी होगी और मौत की सजा के मामलों में त्वरित सुनवाई सुनिश्चित की जाएगी।
2. धारा 376 – बलात्कार (Section 376 – Rape):
- पूर्व प्रावधान: बलात्कार के मामलों में दोषी को 7 साल से लेकर उम्रभर तक की सजा मिल सकती थी, और कुछ मामलों में मृत्यु दंड भी था।
- नया प्रावधान: बलात्कार के अपराधों के लिए अब अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, विशेष अदालतें बनाई जाएंगी, जो बलात्कार के मामलों में त्वरित सुनवाई करेंगी। पीड़िता के अधिकारों को अधिक सशक्त किया गया है, और मामले को त्वरित न्याय के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
3. धारा 304B – दहेज हत्या (Section 304B – Dowry Death):
- पूर्व प्रावधान: दहेज हत्या के मामले में आरोपी को 7 साल से लेकर उम्रभर की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: दहेज हत्या के मामलों में अब कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, और दोषियों को अधिक सजा दी जाएगी। इसके अलावा, साक्ष्य को लेकर नया दिशा-निर्देश लागू किया गया है, जिससे दोषियों को सजा दिलवाने में आसानी होगी।
4. धारा 420 – धोखाधड़ी (Section 420 – Cheating):
- पूर्व प्रावधान: धोखाधड़ी के मामलों में 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता था।
- नया प्रावधान: अब धोखाधड़ी के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, और यह विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लागू होगा। दोषी को अधिक जुर्माना और लंबी सजा दी जा सकती है।
5. धारा 354 – महिला के खिलाफ अपराध (Section 354 – Assault or Criminal Force to Woman):
- पूर्व प्रावधान: महिला के खिलाफ शारीरिक उत्पीड़न, बलात्कार या गाली-गलौज के मामले में सजा 2 साल से लेकर 7 साल तक हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के शारीरिक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न या मानसिक उत्पीड़न के मामलों में सजा को अधिक कठोर किया गया है। विशेष महिला न्यायालयों में इन मामलों की प्राथमिकता से सुनवाई की जाएगी।
6. धारा 498A – घरेलू हिंसा (Section 498A – Domestic Violence):
- पूर्व प्रावधान: घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामलों में 3 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: घरेलू हिंसा के मामलों में अब अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए सुरक्षा उपायों को और प्रभावी किया गया है।
7. धारा 376A – गंभीर बलात्कार (Section 376A – Aggravated Rape):
- पूर्व प्रावधान: गंभीर बलात्कार के मामलों में सजा का प्रावधान था, जिसमें दोषी को न्यूनतम 20 साल की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब गंभीर बलात्कार के मामलों में न्यूनतम सजा उम्रभर की सजा हो सकती है, और इसमें मृत्यु दंड का प्रावधान भी शामिल है।
8. धारा 67 – अश्लील सामग्री (Section 67 – Obscene Material):
- पूर्व प्रावधान: अश्लील सामग्री के प्रसार के मामले में 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता था।
- नया प्रावधान: अब अश्लील सामग्री के प्रसार में शामिल व्यक्तियों को और अधिक कठोर सजा का सामना करना पड़ेगा। इसके अंतर्गत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के प्रसार पर भी सख्त नियंत्रण लगाया जाएगा।
9. धारा 84 – मानसिक स्थिति (Section 84 – Mental Condition):
- पूर्व प्रावधान: मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति को अपराध का दोषी नहीं ठहराया जा सकता था।
- नया प्रावधान: अब मानसिक रूप से अस्थिर अपराधियों के मामलों में नया प्रावधान किया गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए न्याय का निर्णय लिया जाएगा, और उनके इलाज और सुधार के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
10. धारा 149 – अनधिकृत जमावड़ा (Section 149 – Unlawful Assembly):
- पूर्व प्रावधान: जब एक अनधिकृत जमावड़ा अपराध करने के लिए एकत्र होता था, तो उन पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब अनधिकृत जमावड़े के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, खासकर जब यह जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा या सरकारी आदेशों के खिलाफ हो।
11. धारा 124A – राजद्रोह (Section 124A – Sedition):
- पूर्व प्रावधान: राजद्रोह के मामलों में दोषी को 3 साल से लेकर उम्रभर की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब राजद्रोह के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से हिंसा और उकसावे से संबंधित मामलों में दोषियों को त्वरित सजा दिलवाने के लिए यह प्रावधान लागू किया गया है।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई धाराओं में बदलाव किए गए हैं। निम्नलिखित कुछ अन्य महत्वपूर्ण धाराओं में हुए बदलावों की जानकारी:
12. धारा 302A – हत्या का प्रयास (Section 302A – Attempted Murder):
- पूर्व प्रावधान: हत्या के प्रयास में सजा का प्रावधान था, जिसमें अभियुक्त को 10 साल तक की सजा मिल सकती थी।
- नया प्रावधान: हत्या के प्रयास के मामलों में अब अधिक कठोर दंड का प्रावधान किया गया है, और इसमें न्यूनतम सजा 15 साल की होगी, जबकि गंभीर मामलों में जीवनभर की सजा भी हो सकती है।
13. धारा 307 – हत्या का प्रयास (Section 307 – Attempted Murder):
- पूर्व प्रावधान: हत्या के प्रयास में दोषी को 10 साल तक की सजा या आजीवन कारावास हो सकता था।
- नया प्रावधान: अब हत्या के प्रयास के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, और इसमें अब त्वरित सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जा सके।
14. धारा 494 – द्वितीय विवाह (Section 494 – Bigamy):
- पूर्व प्रावधान: द्वितीय विवाह करने पर आरोपी को 7 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब द्वितीय विवाह के मामलों में अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से इस प्रकार के मामलों में साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाया गया है, ताकि सही न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
15. धारा 406 – आपराधिक विश्वासघात (Section 406 – Criminal Breach of Trust):
- पूर्व प्रावधान: आपराधिक विश्वासघात में दोषी को 3 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब आपराधिक विश्वासघात के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में सजा को बढ़ाया गया है, और इसमें जुर्माना भी अधिक हो सकता है।
16. धारा 409 – सरकारी विश्वासघात (Section 409 – Criminal Breach of Trust by Public Servant):
- पूर्व प्रावधान: सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वासघात करने पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वासघात के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि सरकारी विभागों में कार्यरत व्यक्तियों को भी न्यायालयों के समक्ष कड़ी सजा मिले।
17. धारा 82 – किशोर अपराध (Section 82 – Juvenile Offenders):
- पूर्व प्रावधान: किशोर अपराधों के मामलों में दोषी को सुधार गृह भेजने का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: किशोरों द्वारा किए गए गंभीर अपराधों के मामलों में अब अधिक कठोर कदम उठाए जाएंगे। ऐसे मामलों में किशोर न्यायालयों को अधिक स्वतंत्रता दी गई है कि वे गंभीर अपराधों के लिए किशोर को सुधार गृह में भेजने के बजाय उसे दंडित करें।
18. धारा 201 – अपराधी को छिपाना (Section 201 – Concealing the Evidence of Crime):
- पूर्व प्रावधान: अपराधी को मदद देने या अपराध के साक्ष्य को छिपाने पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब अपराधी को मदद देने और अपराध के साक्ष्य को छिपाने के मामलों में अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से अपराध के साक्ष्य को नष्ट करने या छिपाने के मामलों में यह सजा अधिक कठोर हो सकती है।
19. धारा 124A – राजद्रोह (Section 124A – Sedition):
- पूर्व प्रावधान: राजद्रोह के मामलों में दोषी को 3 साल से लेकर उम्रभर की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब राजद्रोह के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, और इसमें विशेष रूप से उन मामलों में कठोर दंड का प्रावधान है जहां आतंकवाद, हिंसा या सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शामिल हो।
20. धारा 138 – चेक बाउंस (Section 138 – Cheque Bounce):
- पूर्व प्रावधान: चेक बाउंस के मामले में 2 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता था।
- नया प्रावधान: अब चेक बाउंस के मामलों में सजा का प्रावधान बढ़ाया गया है। इसमें अधिक जुर्माना और कारावास की अवधि को बढ़ाया गया है। इसके अलावा, अधिक सख्त निगरानी तंत्र का गठन किया गया है।
21. धारा 67 – अश्लील सामग्री प्रसार (Section 67 – Obscenity and Publishing Obscene Content):
- पूर्व प्रावधान: अश्लील सामग्री प्रकाशित करने और प्रसार करने पर 5 साल तक की सजा और जुर्माना था।
- नया प्रावधान: अब अश्लील सामग्री के प्रसार के मामलों में अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। डिजिटल माध्यमों के जरिए अश्लील सामग्री के प्रसार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और जुर्माना और सजा को बढ़ाया जाएगा।
22. धारा 45 – आतंकवाद (Section 45 – Terrorism):
- पूर्व प्रावधान: आतंकवाद से संबंधित मामलों में कठोर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: आतंकवाद के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है, और अब ये मामले विशेष आतंकवाद निरोधक अदालतों में सुनवाई के लिए होंगे। इसमें विशेष जाँच तंत्र का गठन किया जाएगा और आतंकवादियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में और भी कई धाराओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। निम्नलिखित और कुछ प्रमुख बदलावों का विवरण:
23. धारा 18 – न्यायिक हिरासत (Section 18 – Judicial Custody):
- पूर्व प्रावधान: आरोपी को जेल में भेजने का आदेश केवल न्यायालय द्वारा दिया जा सकता था।
- नया प्रावधान: अब न्यायालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि न्यायिक हिरासत में किसी आरोपी को केवल तभी रखा जाए जब यह आवश्यक हो। इसके अलावा, यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को जल्द से जल्द अदालत में पेश किया जाए ताकि हिरासत की आवश्यकता पर फैसला लिया जा सके।
24. धारा 166A – पुलिस की भूमिका (Section 166A – Role of Police Officers):
- पूर्व प्रावधान: पुलिस अधिकारियों द्वारा किसी भी गंभीर अपराध को अनदेखा करने या जांच में देरी करने पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: पुलिस अधिकारियों पर अधिक निगरानी रखी जाएगी और अब उन पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, यदि वे किसी गंभीर मामले की रिपोर्ट या जांच में देरी करते हैं। विशेष रूप से अपराधों के मामले में पुलिस अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
25. धारा 111 – धोखाधड़ी और साजिश (Section 111 – Fraud and Conspiracy):
- पूर्व प्रावधान: धोखाधड़ी और साजिश के मामलों में दोषियों को सजा दी जाती थी, लेकिन कुछ मामलों में सजा की अवधि कम होती थी।
- नया प्रावधान: अब धोखाधड़ी और साजिश के मामलों में अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। खासकर यदि धोखाधड़ी के कारण बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान हुआ हो, तो सजा की अवधि को बढ़ाया गया है और जुर्माना अधिक हो सकता है।
26. धारा 285 – खतरनाक पदार्थ (Section 285 – Dangerous Substances):
- पूर्व प्रावधान: खतरनाक पदार्थों के अवैध रूप से रखने या फैलाने पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब खतरनाक पदार्थों के अवैध रूप से रखने या उनके प्रयोग से जुड़े अपराधों में अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों में जुर्माना और कारावास की अवधि को बढ़ाया गया है, खासकर जब यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता हो।
27. धारा 309 – आत्महत्या का प्रयास (Section 309 – Attempt to Commit Suicide):
- पूर्व प्रावधान: आत्महत्या के प्रयास करने वालों को सजा दी जाती थी।
- नया प्रावधान: अब आत्महत्या के प्रयास में शामिल व्यक्तियों को सजा देने की बजाय, मानसिक स्वास्थ्य उपचार और पुनर्वास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या का प्रयास किया है, तो उसे उपचार और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाएगी, ताकि वह मानसिक संकट से बाहर निकल सके।
28. धारा 326 – गंभीर चोट (Section 326 – Grievous Hurt):
- पूर्व प्रावधान: गंभीर चोटों के लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब गंभीर चोटों के मामलों में सजा को बढ़ाया गया है। यदि किसी व्यक्ति को गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा है, तो आरोपी को अधिक कड़ी सजा दी जाएगी, और इस मामले में विशेष अदालतों में प्राथमिकता से सुनवाई की जाएगी।
29. धारा 120B – साजिश (Section 120B – Criminal Conspiracy):
- पूर्व प्रावधान: साजिश के मामलों में आरोपी को सजा दी जाती थी, लेकिन सजा की अवधि कम होती थी।
- नया प्रावधान: साजिश के मामलों में अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से संगठित अपराध और आतंकवाद से संबंधित साजिशों में शामिल व्यक्तियों को अधिक सजा मिलेगी। इसके अलावा, साजिश में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ अधिक कठोर कार्रवाई की जाएगी।
30. धारा 498A – दहेज उत्पीड़न (Section 498A – Dowry Harassment):
- पूर्व प्रावधान: दहेज उत्पीड़न के मामलों में महिला को न्याय दिलाने के लिए कड़ा कानून था, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी खामियां थीं, जिससे आरोपित को बचने का मौका मिल जाता था।
- नया प्रावधान: दहेज उत्पीड़न के मामलों में अब अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष अदालतों में इन मामलों की त्वरित सुनवाई की जाएगी और पीड़ित महिलाओं को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। इसके अलावा, महिला के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराने की प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट और त्वरित किया गया है।
31. धारा 419 – जालसाजी (Section 419 – Impersonation):
- पूर्व प्रावधान: जालसाजी के मामलों में सजा का प्रावधान था, लेकिन इसमें जुर्माना और सजा की अवधि कम होती थी।
- नया प्रावधान: अब जालसाजी और फर्जी पहचान बनाने के मामलों में अधिक कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। इसके तहत जुर्माना और अधिक समय तक की सजा हो सकती है, विशेषकर अगर इस प्रकार के अपराधों से वित्तीय या सामाजिक नुकसान हुआ हो।
32. धारा 505 – समाज में घृणा फैलाना (Section 505 – Statements Causing Public Disorder):
- पूर्व प्रावधान: समाज में घृणा फैलाने वाली बयानबाजी पर सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब समाज में घृणा फैलाने, असहमति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले बयानों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से इन मामलों में सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों पर दिए गए भड़काऊ बयानों के लिए अधिक कठोर दंड निर्धारित किया गया है।
33. धारा 21 – आतंकवादियों की सजा (Section 21 – Punishment for Terrorism):
- पूर्व प्रावधान: आतंकवाद के अपराधियों को 5 साल से लेकर उम्रभर तक की सजा मिल सकती थी।
- नया प्रावधान: अब आतंकवादियों के मामलों में अधिक कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। इन मामलों में मृत्यु दंड भी लागू हो सकता है। इसके अलावा, आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े सभी अपराधों के लिए विशेष न्यायिक प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 में किए गए और भी कई महत्वपूर्ण बदलावों की जानकारी इस प्रकार है:
34. धारा 299 – हत्याकांड (Section 299 – Culpable Homicide):
- पूर्व प्रावधान: हत्याकांड के मामलों में दोषी को सजा का प्रावधान था, जिसमें दोषी को उम्रभर की सजा या मृत्यु दंड हो सकता था।
- नया प्रावधान: अब हत्याकांड के मामलों में सजा का प्रावधान और भी कठोर किया गया है, और न्यायालय को निर्देशित किया गया है कि वह हत्या के मामलों में अधिक सख्ती से सुनवाई करें। विशेष रूप से गंभीर हत्याओं में मृत्यु दंड देने का प्रावधान बढ़ाया गया है।
35. धारा 34 – सामान्य इरादा (Section 34 – Common Intention):
- पूर्व प्रावधान: सामान्य इरादे से किए गए अपराधों में एकसाथ सजा दी जाती थी।
- नया प्रावधान: अब सामान्य इरादे से किए गए अपराधों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से सामूहिक अपराधों में दोषियों को एकसाथ कड़ी सजा दी जाएगी और सजा की अवधि बढ़ाई गई है।
36. धारा 212 – अपराधियों की मदद (Section 212 – Harboring Offenders):
- पूर्व प्रावधान: अपराधियों की मदद करने के मामले में सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब अपराधियों को शरण देने या मदद करने के मामलों में अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें विशेष रूप से आतंकवादियों और संगठित अपराधियों को शरण देने के मामलों में अधिक गंभीर दंड तय किया गया है।
37. धारा 161 – रिश्वतखोरी (Section 161 – Bribery):
- पूर्व प्रावधान: रिश्वत लेने या देने के मामलों में 3 साल तक की सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब रिश्वतखोरी के मामलों में सजा को बढ़ाया गया है, और दोषियों को अधिक गंभीर सजा दी जाएगी। रिश्वतखोरी से जुड़े मामलों में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इसमें जुर्माना भी बढ़ाया गया है।
38. धारा 167 – पुलिस हिरासत (Section 167 – Police Custody):
- पूर्व प्रावधान: पुलिस हिरासत में आरोपी को 15 दिन तक रखा जा सकता था।
- नया प्रावधान: अब पुलिस हिरासत की अवधि को सीमित किया गया है, और पुलिस अधिकारियों को आरोपियों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश पहले दिया जाएगा। यह बदलाव आरोपियों के अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है।
39. धारा 375 – बलात्कार (Section 375 – Rape):
- पूर्व प्रावधान: बलात्कार के मामलों में सजा का प्रावधान था, जिसमें दोषी को 7 से 10 साल तक की सजा मिल सकती थी।
- नया प्रावधान: अब बलात्कार के मामलों में सजा को और भी कठोर किया गया है। विशेष रूप से महिला पीड़िताओं के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष न्यायालय बनाए जाएंगे और पीड़िता को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
40. धारा 123 – समाज के खिलाफ अपराध (Section 123 – Offences Against the State):
- पूर्व प्रावधान: समाज के खिलाफ अपराधों के लिए सजा का प्रावधान था।
- नया प्रावधान: अब समाज के खिलाफ किए गए अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित अपराधों में दोषियों को त्वरित सजा दी जाएगी।
41. धारा 130 – हथियारों की तस्करी (Section 130 – Arms Smuggling):
- पूर्व प्रावधान: हथियारों की तस्करी के लिए सजा का प्रावधान था, जिसमें दोषी को 5 साल तक की सजा मिल सकती थी।
- नया प्रावधान: अब हथियारों की तस्करी के मामलों में अधिक कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें जुर्माना और सजा की अवधि को बढ़ाया गया है, खासकर जब यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता हो।
42. धारा 418 – धोखाधड़ी (Section 418 – Cheating by Personation):
- पूर्व प्रावधान: धोखाधड़ी करने के लिए सजा का प्रावधान था, जिसमें आरोपी को 3 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब धोखाधड़ी के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में दोषी को अधिक सजा और जुर्माना देना होगा।
43. धारा 372 – मानव तस्करी (Section 372 – Trafficking of Persons):
- पूर्व प्रावधान: मानव तस्करी के मामलों में 5 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब मानव तस्करी के मामलों में अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है, और इसमें सजा की अवधि को बढ़ाया गया है। इस प्रावधान के तहत महिलाओं और बच्चों की तस्करी के मामलों में अधिक सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
44. धारा 376D – सामूहिक बलात्कार (Section 376D – Gang Rape):
- पूर्व प्रावधान: सामूहिक बलात्कार के मामलों में दोषी को 20 साल तक की सजा हो सकती थी।
- नया प्रावधान: अब सामूहिक बलात्कार के मामलों में अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। दोषियों को त्वरित सुनवाई के तहत अधिक गंभीर सजा दी जाएगी, और इसमें पीड़ितों को अधिक सुरक्षा और अधिकार दिए जाएंगे।
45. धारा 123A – संविधान के खिलाफ काम करना (Section 123A – Acting Against the Constitution):
- पूर्व प्रावधान: संविधान के खिलाफ काम करने वालों को सजा दी जाती थी।
- नया प्रावधान: अब संविधान और राज्य के खिलाफ काम करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ अधिक कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से उन व्यक्तियों को अधिक सजा दी जाएगी जो संविधान की उपेक्षा करके सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास करते हैं।
इन बदलावों का उद्देश्य भारतीय न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इसके तहत अपराधियों को कड़ी सजा देना और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलवाने की प्रक्रिया को और अधिक सशक्त किया गया है।