भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 351 (Criminal Intimidation)

भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 351 (Section 351 BNS) के तहत आपराधिक डराने-धमकाने (Criminal Intimidation) के विषय में लेख शीर्षक सहित प्रस्तुत है:


आपराधिक डराने-धमकाने का कानूनी प्रावधान:
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 351 (Criminal Intimidation)

प्रस्तावना

समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को भयमुक्त वातावरण प्राप्त हो। किसी भी व्यक्ति को धमकी देकर भयभीत करना, उसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुँचाने, या उसकी संपत्ति को हानि पहुँचाने की धमकी देना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह कानूनन दंडनीय अपराध भी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 351 में आपराधिक डराने-धमकाने (Criminal Intimidation) के अपराध को परिभाषित किया गया है।


धारा 351 BNS का आशय

धारा 351, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित कार्य कर अपराध करता है:
🔹 वह किसी अन्य व्यक्ति को हानी पहुँचाने की धमकी देता है, चाहे वह हानि —

  • व्यक्ति के शारीरिक सुरक्षा के विरुद्ध हो,
  • उसकी प्रतिष्ठा के विरुद्ध हो, या
  • उसकी संपत्ति के विरुद्ध हो।
    🔹 इसके अतिरिक्त, यह हानि धमकी उस व्यक्ति के किसी प्रियजन या उसके निकटवर्ती व्यक्ति को भी दी जा सकती है।
    🔹 ऐसा करने का उद्देश्य उस व्यक्ति में भय उत्पन्न करना है।

अपराध के तत्व

इस अपराध को स्थापित करने के लिए निम्नलिखित तत्वों का होना आवश्यक है:
1️⃣ आरोपी ने पीड़ित को धमकी दी।
2️⃣ धमकी के अंतर्गत शारीरिक हानि, प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाना, या संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की बात कही गई।
3️⃣ धमकी का आशय पीड़ित को भयभीत करना था।
4️⃣ धमकी प्रत्यक्ष रूप से पीड़ित या उसके किसी सगे-सम्बन्धी, मित्र या प्रियजन के प्रति हो सकती है।


उदाहरण

👉 उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी को यह कहता है:
“अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी, तो मैं तुम्हारे बच्चों को नुकसान पहुँचा दूँगा।”
👉 यह कथन उस व्यक्ति के प्रियजन (बच्चों) के प्रति हानि की धमकी है, जिससे भय उत्पन्न होता है।


दंड का प्रावधान

हालाँकि BNS 2023 में प्रत्येक अपराध के लिए अलग-अलग दंड प्रावधान भी निर्धारित हैं, सामान्यतः आपराधिक डराने-धमकाने के लिए:
⚖️ अभियुक्त को कारावास, जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
⚖️ यदि धमकी गंभीर प्रकृति की हो — जैसे मृत्यु, गंभीर चोट या अपहरण की धमकी — तो अधिक कठोर दंड का प्रावधान हो सकता है।


उद्देश्य और महत्व

👉 इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य समाज में भय और उत्पीड़न के वातावरण को रोकना है।
👉 यह पीड़ित व्यक्ति की मानसिक शांति और सुरक्षा की गारंटी देता है।
👉 यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा, जीवन और संपत्ति के भय से स्वतंत्र होकर समाज में रह सके।


निष्कर्ष

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 351 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो समाज में सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण प्रदान करने में सहायक है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा, जीवन और संपत्ति के प्रति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा धमकी दिए जाने पर न्यायिक संरक्षण प्राप्त कर सके। यह अपराध के प्रति सख्त दृष्टिकोण अपनाकर न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाता है।