शीर्षक: “ब्लॉकचेन और कानून: तकनीक के साथ न्याय की दौड़”
भूमिका:
21वीं सदी की तकनीकी क्रांति में ब्लॉकचेन (Blockchain) सबसे प्रभावशाली खोजों में से एक है। यह तकनीक सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Bitcoin, Ethereum) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रयोग बैंकिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, रियल एस्टेट, कानूनी अनुबंधों, और यहां तक कि मतदान प्रणाली में भी किया जा रहा है।
लेकिन जैसे-जैसे ब्लॉकचेन का प्रसार बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इससे जुड़े कानूनी और नियामक (regulatory) सवाल भी गंभीर होते जा रहे हैं। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यह आवश्यक हो गया है कि कानून और न्याय प्रणाली इस तकनीकी बदलाव के साथ तालमेल बनाए।
ब्लॉकचेन क्या है? (What is Blockchain?)
ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (खाता-बही) प्रणाली है जो डेटा को ब्लॉक्स में रिकॉर्ड करती है, और प्रत्येक ब्लॉक पिछले ब्लॉक से जुड़ा होता है – जिससे एक श्रृंखला (chain) बनती है। यह जानकारी:
- विकेंद्रीकृत (decentralized) होती है – यानी किसी एक संस्था के नियंत्रण में नहीं रहती।
- पारदर्शी (transparent) होती है – सभी प्रतिभागी लेनदेन देख सकते हैं।
- अपरिवर्तनीय (immutable) होती है – एक बार डेटा रिकॉर्ड हो जाए, तो उसमें बदलाव संभव नहीं होता।
ब्लॉकचेन के प्रमुख उपयोग क्षेत्र:
- क्रिप्टोकरेंसी (जैसे Bitcoin, Ethereum)
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स (Smart Contracts)
- डिजिटल पहचान (Digital Identity)
- भूमि पंजीकरण और दस्तावेज़ सत्यापन
- वोटिंग सिस्टम में पारदर्शिता
- स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स की सुरक्षा
- सप्लाई चेन ट्रैकिंग
ब्लॉकचेन और भारतीय कानून:
1. क्रिप्टोकरेंसी की वैधता:
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2018 में बैंकों को क्रिप्टो लेनदेन से रोकने का निर्देश दिया था।
- लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में यह रोक हटा दी (Internet and Mobile Association of India v. RBI), जिससे क्रिप्टो ट्रेडिंग फिर से शुरू हुई।
- इसके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक भारत में वैधानिक मुद्रा (Legal Tender) नहीं माना गया है।
2. क्रिप्टोकरेंसी बिल और वैधानिक स्थिति:
- सरकार ने कई बार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill लाने की घोषणा की, लेकिन अभी तक इसे संसद में पारित नहीं किया गया है।
- सरकार की योजना CBDC (Central Bank Digital Currency) शुरू करने की है, जिसे RBI पहले ही “e₹” के रूप में प्रारंभ कर चुका है।
3. आयकर और GST कानून:
- क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर भारत सरकार 30% टैक्स + 1% TDS लगा रही है।
- GST के अंतर्गत, क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर 18% GST लागू किया गया है।
स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और कानून:
Smart Contract एक ऐसा कोड है जो स्वयं निष्पादित होता है जब पूर्व निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं। उदाहरण के लिए – जैसे ही A पैसे भेजेगा, B को अपने आप माल भेजना होगा।
कानूनी चुनौतियाँ:
- क्या कोड लिखना कानूनी अनुबंध की तरह मान्य है?
- विवाद की स्थिति में उत्तरदायित्व किसका होगा – डेवेलपर या उपयोगकर्ता?
- भारतीय Indian Contract Act, 1872 की धाराओं के अंतर्गत “सहमति, प्रस्ताव, और विचार” (offer, acceptance, consideration) की परिभाषा लागू होती है। क्या स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट इसे पूरा करते हैं?
भारत में अभी तक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर कोई स्पष्ट कानूनी फ्रेमवर्क मौजूद नहीं है।
डेटा सुरक्षा और ब्लॉकचेन:
ब्लॉकचेन पारदर्शी है, लेकिन इसके साथ ही यह डेटा को स्थायी रूप से संग्रहीत करता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपने डेटा को हटाना चाहे (Right to be Forgotten), तो यह कैसे संभव होगा?
DPDP अधिनियम, 2023 और ब्लॉकचेन:
- भारत का डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
- लेकिन ब्लॉकचेन तकनीक की “अपरिवर्तनीयता (immutability)” इस कानून के “डेटा डिलीशन” प्रावधानों से टकरा सकती है।
न्यायिक प्रणाली में ब्लॉकचेन का उपयोग:
- दस्तावेजों की प्रमाणिकता (Document Authentication):
- अदालत में सबूत के रूप में प्रस्तुत दस्तावेजों की वैधता ब्लॉकचेन के ज़रिए स्वचालित रूप से सत्यापित की जा सकती है।
- केस ट्रैकिंग सिस्टम:
- मुकदमों की स्थिति और दस्तावेज़ों का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन आधारित प्रणाली से सुरक्षित रखा जा सकता है।
- प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन:
- ज़मीन के रजिस्ट्रेशन में धोखाधड़ी रोकने के लिए आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने ब्लॉकचेन आधारित पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।
भारत में कानूनी चुनौतियाँ:
चुनौती | विवरण |
---|---|
स्पष्ट कानून का अभाव | ब्लॉकचेन और क्रिप्टो को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष अधिनियम नहीं है। |
अंतरराष्ट्रीय विवाद | ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म वैश्विक हैं – किस देश का कानून लागू होगा? |
धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग | क्रिप्टो लेनदेन का दुरुपयोग टेरर फंडिंग, हवाला में हो सकता है। |
साइबर अपराध | स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को हैक किया जा सकता है। |
उपभोक्ता अधिकार | डिजिटल अनुबंध में धोखाधड़ी के खिलाफ क्या उपाय हैं? |
अन्य देशों में स्थिति:
देश | नीति |
---|---|
अमेरिका | SEC (Securities Exchange Commission) क्रिप्टो को security मानती है। कई राज्यों में ब्लॉकचेन के लिए कानूनी पहचान है। |
जापान | क्रिप्टो को legal tender माना गया है। |
चीन | निजी क्रिप्टो प्रतिबंधित, लेकिन सरकारी डिजिटल करेंसी विकसित की गई है। |
यूरोपीय संघ | MiCA (Markets in Crypto Assets) फ्रेमवर्क पारित हुआ है। |
नवाचार के अवसर (Opportunities):
- वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion)
- भ्रष्टाचार में कमी
- दस्तावेज़ों की फर्जीवाड़े से सुरक्षा
- ई-गवर्नेंस में पारदर्शिता
- क्लाउड स्टोरेज का सुरक्षित विकल्प
निष्कर्ष:
ब्लॉकचेन तकनीक एक “डिसरप्टिव इनोवेशन” है – यानी यह पुराने सिस्टम को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है। परंतु इसके साथ जुड़े कानूनी, नैतिक और सामाजिक पहलुओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।