“बिना वैकल्पिक व्यवस्था के फ्लाइट रद्द करने पर विस्तारा एयरलाइंस पर ₹1 लाख का जुर्माना: उपभोक्ता आयोग का कड़ा रुख”

“बिना वैकल्पिक व्यवस्था के फ्लाइट रद्द करने पर विस्तारा एयरलाइंस पर ₹1 लाख का जुर्माना: उपभोक्ता आयोग का कड़ा रुख”

परिचय:
उड़ान सेवाओं में समय की पाबंदी और यात्रियों की सुविधा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन यदि कोई एयरलाइंस अंतिम समय में फ्लाइट रद्द कर दे और उसके बदले कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी न करे, तो यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया दिल्ली में, जहां जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली ने ‘विस्तारा एयरलाइंस’ को 1 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया।

मामले की पृष्ठभूमि:
एक उपभोक्ता ने विस्तारा एयरलाइंस से टिकट बुक किया था और यात्रा की तैयारी पूरी कर ली थी। लेकिन निर्धारित समय से ठीक पहले, एयरलाइंस ने फ्लाइट रद्द कर दी, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि एयरलाइन ने न तो वैकल्पिक टिकट की कोई पेशकश की और न ही यात्रियों को किसी और व्यवस्था की सुविधा दी। इससे उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा, आर्थिक नुकसान और असुविधा का सामना करना पड़ा।

आयोग का विश्लेषण और निर्णय:
मामले की सुनवाई करते हुए आयोग ने निम्नलिखित आधारों पर निर्णय दिया:

  1. सेवा में भारी कमी:
    आयोग ने माना कि विस्तारा एयरलाइंस ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सेवा में स्पष्ट कमी की है, क्योंकि उसने यात्रा के अधिकार का उल्लंघन किया है और उपभोक्ता को कोई वैकल्पिक राहत नहीं दी।
  2. मानसिक पीड़ा और असुविधा का मुआवजा:
    आयोग ने विस्तारा एयरलाइंस को आदेश दिया कि वह उपभोक्ता को मानसिक कष्ट और असुविधा के लिए ₹1 लाख रुपये का हर्जाना अदा करे।
  3. कड़ा संदेश:
    आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह जुर्माना अन्य कंपनियों के लिए एक चेतावनी है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की अनदेखी करने पर उन्हें उत्तरदायी ठहराया जाएगा।

निर्णय का महत्व:
यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम है। इससे स्पष्ट संदेश गया है कि चाहे वह बड़ी कंपनी ही क्यों न हो, यदि वह उपभोक्ता के साथ अनुचित व्यवहार करती है या उनकी सुविधाओं की अनदेखी करती है, तो उस पर दंड लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष:
यह मामला उपभोक्ता अधिकारों के सशक्तिकरण का प्रतीक है। यदि आप भी ऐसी किसी सेवा में ठगे गए हैं, तो उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। यह निर्णय आम यात्रियों को यह विश्वास देता है कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उन्हें न्याय मिलेगा।