प्रश्न 4: शर्त (Condition) और वारंटी (Warranty) में क्या अंतर है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
🔷 परिचय (Introduction):
वस्तुओं की विक्रय प्रक्रिया में विक्रेता और क्रेता के बीच कई वादे किए जाते हैं, जिन्हें कानून “शर्त” (Condition) और “वारंटी” (Warranty) के रूप में वर्गीकृत करता है। ये दोनों अनुबंध के आवश्यक भाग होते हैं, परंतु इनका उल्लंघन होने पर प्रदान किए जाने वाले उपचार (Remedies) में महत्वपूर्ण अंतर होता है।
वस्तुओं की विक्रय अधिनियम, 1930 के अनुसार, धारा 12 (Section 12) शर्त और वारंटी के बीच अंतर को परिभाषित करती है।
🔷 शर्त (Condition) की परिभाषा:
धारा 12(2) के अनुसार,
“Condition वह आवश्यक शर्त होती है जो अनुबंध का मुख्य आधार होती है, और जिसका उल्लंघन अनुबंध को समाप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।”
📌 सरल शब्दों में:
शर्त वह महत्वपूर्ण बात होती है जिसके बिना क्रेता अनुबंध नहीं करता। यदि यह पूरी नहीं होती, तो क्रेता पूरे अनुबंध को रद्द कर सकता है।
🔷 वारंटी (Warranty) की परिभाषा:
धारा 12(3) के अनुसार,
“Warranty वह गौण (Secondary) शर्त होती है, जिसका उल्लंघन केवल हर्जाना (Damages) प्राप्त करने का अधिकार देता है, न कि अनुबंध को रद्द करने का।”
📌 सरल शब्दों में:
वारंटी कोई छोटी बात होती है, जिसका उल्लंघन होने पर सिर्फ हर्जाना मिल सकता है, अनुबंध रद्द नहीं किया जा सकता।
🔷 शर्त और वारंटी के बीच अंतर (Difference between Condition and Warranty):
आधार | शर्त (Condition) | वारंटी (Warranty) |
---|---|---|
परिभाषा | अनुबंध की मूल और आवश्यक शर्त | गौण और सहायक शर्त |
उल्लंघन का प्रभाव | अनुबंध को रद्द करने का अधिकार मिलता है | केवल हर्जाना (Damages) का दावा किया जा सकता है |
महत्व | अत्यंत महत्वपूर्ण | अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण |
उपचार | अनुबंध रद्द + हर्जाना | केवल हर्जाना |
उदाहरण | वस्तु की पहचान, गुणवत्ता या शीर्षक से संबंधित | वस्तु की पैकिंग, डिलीवरी का समय, या मामूली गुणवत्ता दोष |
🔷 उदाहरण (Examples):
📌 शर्त का उदाहरण:
राम ने एक नई मारुति कार खरीदी, जो पेट्रोल से चलने वाली होनी चाहिए थी। लेकिन उसे डीजल कार दी गई।
👉 यह अनुबंध की मूल शर्त का उल्लंघन है।
राम अनुबंध रद्द कर सकता है।
📌 वारंटी का उदाहरण:
सीता ने एक फ्रिज खरीदा, जिसकी कंपनी ने एक साल की वारंटी दी थी। एक महीने बाद उसका हैंडल टूट गया, लेकिन फ्रिज चल रहा है।
👉 यह एक वारंटी का उल्लंघन है।
सीता केवल मरम्मत या हर्जाने की मांग कर सकती है। अनुबंध रद्द नहीं कर सकती।
🔷 शर्त का वारंटी में रूपांतरण (Condition treated as Warranty):
धारा 13 के अनुसार, कभी-कभी शर्त को वारंटी के रूप में माना जा सकता है, जैसे कि:
- यदि क्रेता स्वयं शर्त को त्याग दे (waive off कर दे)।
- यदि शर्त का उल्लंघन होता है, परंतु क्रेता अनुबंध को रद्द नहीं करना चाहता, तो वह केवल हर्जाना मांग सकता है।
📌 उदाहरण:
यदि खरीदार को माल समय पर नहीं मिलता लेकिन वह फिर भी माल स्वीकार कर लेता है, तो शर्त को वारंटी मान लिया जाएगा।
🔷 न्यायिक दृष्टिकोण (Judicial View):
📌 Baldry v. Marshall (1925)
इस केस में स्पष्ट किया गया कि अगर वस्तु की विशेष आवश्यकता को स्पष्ट किया गया हो, और वस्तु उस आवश्यकता को पूरी नहीं करती, तो यह शर्त का उल्लंघन माना जाएगा।
🔷 निष्कर्ष (Conclusion):
शर्त और वारंटी विक्रय अनुबंध के दो अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व हैं। शर्त का उल्लंघन अनुबंध की नींव को हिला सकता है, जबकि वारंटी केवल गौण अधिकारों को प्रभावित करती है।
इसलिए अनुबंध करते समय यह जानना आवश्यक है कि कौन-सी बातें शर्त हैं और कौन-सी वारंटी, ताकि उल्लंघन की स्थिति में उचित कानूनी उपचार प्राप्त किया जा सके।