जीवन बीमा की परिभाषा, उद्देश्य एवं प्रकारों की विवेचना
(Definition, Objectives, and Types of Life Insurance – A Comprehensive Analysis)
1. प्रस्तावना:
जीवन अनिश्चितताओं से भरा है। मृत्यु, दुर्घटना या बीमारी जैसी घटनाएँ व्यक्ति और उसके परिवार के लिए आर्थिक संकट उत्पन्न कर सकती हैं। ऐसे में जीवन बीमा एक ऐसा साधन है जो न केवल जोखिम सुरक्षा देता है, बल्कि दीर्घकालीन वित्तीय योजना, निवेश और बचत का अवसर भी प्रदान करता है। यह व्यक्ति के जीवन से जुड़े आर्थिक जोखिमों को कम करता है और परिवार को वित्तीय सुरक्षा देता है।
2. जीवन बीमा की परिभाषा (Definition of Life Insurance):
जीवन बीमा एक संविदात्मक व्यवस्था (Contractual Arrangement) है, जिसमें बीमाकर्ता (बीमा कंपनी) एक निश्चित प्रीमियम के बदले बीमित व्यक्ति की मृत्यु या निश्चित अवधि के बाद एक निश्चित राशि भुगतान करने का वचन देता है।
भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 के अनुसार –
“जीवन बीमा एक ऐसा अनुबंध है, जिसके अंतर्गत बीमाकर्ता, बीमित व्यक्ति की मृत्यु या पूर्व निर्धारित अवधि के अंत पर, एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य होता है।”
इस अनुबंध में बीमाधारक, प्रीमियम का भुगतान करता है और बीमाकर्ता, बीमा राशि (Sum Assured) प्रदान करता है।
3. जीवन बीमा के उद्देश्य (Objectives of Life Insurance):
(i) आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना:
मृत्यु या गंभीर दुर्घटना की स्थिति में बीमित व्यक्ति के परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
(ii) निश्चित बचत और निवेश:
जीवन बीमा योजनाएँ एक प्रकार की दीर्घकालिक बचत और निवेश योजना होती हैं, जिससे व्यक्ति को समय के साथ अच्छा रिटर्न मिलता है।
(iii) ऋण सुविधा:
बीमा पॉलिसी के विरुद्ध ऋण लिया जा सकता है, जिससे यह एक परिसंपत्ति के रूप में कार्य करती है।
(iv) कर लाभ (Tax Benefit):
जीवन बीमा पर आयकर अधिनियम की धारा 80C एवं 10(10D) के अंतर्गत कर में छूट मिलती है।
(v) बुज़ुर्गावस्था के लिए प्रावधान:
कुछ बीमा योजनाएँ वृद्धावस्था में नियमित आय देने हेतु पेंशन योजनाओं के रूप में कार्य करती हैं।
(vi) शांति और मानसिक संतुलन:
बीमित व्यक्ति को यह आश्वासन रहता है कि उसके बाद भी उसके परिवार की देखभाल होगी, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
4. जीवन बीमा के प्रकार (Types of Life Insurance):
जीवन बीमा की विभिन्न योजनाएँ व्यक्ति की आवश्यकताओं और उद्देश्यों के अनुसार डिज़ाइन की जाती हैं। मुख्यतः जीवन बीमा को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
(i) टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance):
यह सबसे सरल और किफायती जीवन बीमा योजना होती है। इसमें केवल मृत्यु लाभ (Death Benefit) होता है, अर्थात यदि बीमित व्यक्ति बीमा अवधि में मृत्यु को प्राप्त होता है, तो नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि दी जाती है। यदि बीमित व्यक्ति जीवित रहता है, तो कोई राशि नहीं मिलती।
विशेषताएँ:
- न्यूनतम प्रीमियम
- उच्च बीमा राशि
- केवल मृत्यु सुरक्षा
- कोई परिपक्वता लाभ नहीं
(ii) एंडोमेंट पॉलिसी (Endowment Policy):
इस योजना में मृत्यु लाभ के साथ-साथ परिपक्वता लाभ भी होता है। यदि बीमित व्यक्ति बीमा अवधि पूरी होने तक जीवित रहता है, तो उसे बीमा राशि और बोनस दिया जाता है।
विशेषताएँ:
- सुरक्षा + बचत
- समयावधि के बाद राशि प्राप्त
- मध्यम जोखिम के साथ निवेश लाभ
(iii) मनी बैक पॉलिसी (Money Back Policy):
इस योजना में बीमा अवधि के दौरान नियमित अंतराल पर निश्चित राशि (Survival Benefits) बीमित व्यक्ति को दी जाती है। मृत्यु की स्थिति में संपूर्ण बीमा राशि दी जाती है, भले ही आंशिक भुगतान पहले हो चुका हो।
विशेषताएँ:
- नियमित नकद भुगतान
- सुरक्षा और तरलता दोनों
- पारिवारिक आवश्यकताओं के अनुसार उपयुक्त
(iv) यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP):
ULIP में बीमा और निवेश दोनों का समावेश होता है। बीमाधारक का प्रीमियम दो भागों में विभाजित होता है – एक भाग बीमा सुरक्षा के लिए और दूसरा भाग बाजार आधारित इक्विटी या डेट फंड में निवेश हेतु।
विशेषताएँ:
- बाजार आधारित रिटर्न
- उच्च जोखिम के साथ उच्च लाभ की संभावना
- पारदर्शी और लचीलापन
(v) जीवन अनुग्रह पॉलिसी (Whole Life Insurance):
इस योजना में बीमाकर्ता बीमित व्यक्ति के संपूर्ण जीवनकाल तक सुरक्षा प्रदान करता है। मृत्यु होने पर ही बीमा राशि नामांकित व्यक्ति को मिलती है।
विशेषताएँ:
- संपूर्ण जीवन तक सुरक्षा
- प्रीमियम भुगतान सीमित अवधि तक
- दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण
(vi) पेंशन योजनाएँ (Pension/Annuity Plans):
ये योजनाएँ व्यक्ति को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं। बीमाधारक नियमित प्रीमियम जमा करता है और परिपक्वता के बाद वार्षिकी (annuity) प्राप्त करता है।
विशेषताएँ:
- वृद्धावस्था सुरक्षा
- दीर्घकालिक निवेश
- कर लाभ
5. जीवन बीमा का सामाजिक एवं आर्थिक महत्त्व:
- सामाजिक सुरक्षा: यह विधवा, अनाथ बच्चों, और वृद्ध माता-पिता को वित्तीय सहारा देता है।
- राष्ट्रीय बचत में वृद्धि: बीमा योजनाओं से प्राप्त धनराशि सरकार और कॉर्पोरेट द्वारा विकास कार्यों में निवेश होती है।
- रोज़गार का सृजन: बीमा एजेंट, कर्मचारी एवं सेवाओं के माध्यम से लाखों लोगों को रोज़गार मिलता है।
- संकट के समय सहायता: आपातकालीन परिस्थितियों जैसे मृत्यु या दुर्घटना में बीमा राशि तत्कालीन सहारा देती है।
6. निष्कर्ष (Conclusion):
जीवन बीमा केवल एक आर्थिक साधन नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है जो व्यक्ति को आत्मविश्वास और सुरक्षा का भाव प्रदान करता है। इसकी विभिन्न योजनाएँ व्यक्ति की आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं और जीवन चरणों के अनुसार विकल्प प्रदान करती हैं। जीवन बीमा कानूनों के माध्यम से सरकार एवं नियामक संस्थाएँ इस क्षेत्र में पारदर्शिता, सुरक्षा और उपभोक्ता हित की रक्षा सुनिश्चित करती हैं। प्रत्येक नागरिक को अपने और अपने परिवार की भविष्य की सुरक्षा हेतु जीवन बीमा अवश्य कराना चाहिए, जिससे वह न केवल स्वयं की चिंता से मुक्त रह सके, बल्कि समाज और देश के आर्थिक विकास में भी योगदान दे सके।