घर की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम जोड़ें और पाएं टैक्स में डबल फायदा: प्रॉपर्टी निवेश पर 5 बड़े आयकर लाभ
लेख (Long Type):
रियल एस्टेट निवेश आज के समय में केवल एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक समझदारी भरा आर्थिक निर्णय भी है। खासकर जब इसमें सरकार की ओर से मिलने वाले कर लाभ (Tax Benefits) भी शामिल हों। तेजी से बढ़ते शहरीकरण और घरों की बढ़ती मांग ने रियल एस्टेट सेक्टर को निवेश के लिए एक मजबूत विकल्प बना दिया है। यही वजह है कि सरकार ने इस क्षेत्र को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए 2016 में रेरा (RERA) की स्थापना की थी।
यदि आप प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो टैक्स सेविंग के इन पांच उपायों को जरूर जान लें। इनसे न सिर्फ आपका टैक्स बचेगा, बल्कि वित्तीय रूप से घर खरीदना और भी लाभदायक बन जाएगा।
1. घर की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम जोड़कर स्टाम्प ड्यूटी में डबल छूट
घर खरीदते समय स्टाम्प ड्यूटी एक बड़ी लागत होती है, लेकिन इसे आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए तक क्लेम किया जा सकता है। यदि घर की रजिस्ट्री पति-पत्नी दोनों के नाम पर होती है, तो यह छूट दोगुनी होकर 3 लाख रुपए तक पहुंच सकती है। इस छोटे से कदम से बड़ा टैक्स लाभ संभव है।
2. होम लोन पर ब्याज और मूलधन की टैक्स छूट
यदि आप होम लोन लेकर घर खरीदते हैं, तो आपको धारा 24 के तहत 2 लाख रुपए तक की ब्याज पर कटौती और धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक के मूलधन (Principal) पर कटौती का लाभ मिल सकता है। यानी कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट ली जा सकती है।
3. एक घर बेचकर दूसरा खरीदने पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट
यदि आपने पुरानी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचकर नई खरीदी है, तो आप धारा 54 के तहत उस मुनाफे (Capital Gain) पर टैक्स से पूरी तरह छूट पा सकते हैं। यदि आपने कोई अन्य संपत्ति (जैसे जमीन) बेचकर मकान खरीदा है, तो धारा 54एफ के तहत सीमित छूट मिलती है।
4. प्रॉपर्टी को 24 महीने होल्ड करें और लॉन्ग टर्म गेन में बचत पाएं
यदि आप खरीदी गई संपत्ति को कम से कम 24 महीने रखते हैं, तो बेचते समय आपको सिर्फ 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। इससे पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म टैक्स स्लैब के तहत अधिक टैक्स देना पड़ता है। अतः यह होल्डिंग पीरियड बड़ा टैक्स बचाव कर सकता है।
5. होम लोन लेकर पूंजी को बेहतर रिटर्न वाले साधनों में लगाएं
यदि आपके पास पूरा फंड है, तब भी घर खरीदने के लिए 8-8.5% ब्याज पर होम लोन लेना समझदारी हो सकती है। अपनी बची हुई पूंजी को आप म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश विकल्पों में लगाकर सालाना 10-15% रिटर्न कमा सकते हैं। इस तरह आप टैक्स छूट के साथ-साथ ज्यादा रिटर्न भी पा सकते हैं।
निष्कर्ष:
घर खरीदना न सिर्फ एक भावनात्मक निर्णय है, बल्कि एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लान भी हो सकता है — यदि आप उपलब्ध टैक्स लाभों को समझकर उनका लाभ उठाएं। खासकर पत्नी के नाम के साथ रजिस्ट्री कराना और होम लोन के फायदे लेना, आपकी बचत को कई गुना बढ़ा सकता है। टैक्स प्लानिंग के इन उपायों को अपनाकर आप अपने सपनों का घर खरीदते समय वित्तीय रूप से भी सशक्त रह सकते हैं।