“गिफ्ट डीड की एकतरफा रद्दीकरण की अनुमति नहीं: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय”

🔹 “गिफ्ट डीड की एकतरफा रद्दीकरण की अनुमति नहीं: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय”
(Gift Deed Cannot Be Unilaterally Revoked Without Reserved Right: Supreme Court)


🔍 विस्तृत लेख:

भूमिका:
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में “LAWS(SC)-2025-6-12” में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जो ‘स्थानांतरण संपत्ति अधिनियम, 1882’ (Transfer of Property Act, 1882) की धारा 126 से संबंधित है। यह निर्णय गिफ्ट डीड (Gift Deed) की वैधता और उसके रद्दीकरण की शर्तों को लेकर स्पष्ट मार्गदर्शन देता है।


📌 प्रकरण की पृष्ठभूमि:
इस मामले में दानकर्ता (Donor) ने संपत्ति एक गिफ्ट डीड के माध्यम से दानग्राही (Donee) को दी थी। बाद में दानकर्ता ने यह दावा किया कि दानग्राही ने उनकी देखभाल नहीं की, और इसलिए गिफ्ट डीड को रद्द किया जाना चाहिए।


⚖️ मुख्य प्रश्न:
क्या गिफ्ट डीड को इस आधार पर रद्द किया जा सकता है कि दानग्राही ने दानकर्ता की देखभाल नहीं की?


🧾 सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि:

  1. गिफ्ट डीड केवल तभी रद्द की जा सकती है जब उसमें रद्द करने का अधिकार स्पष्ट रूप से आरक्षित (reserved) किया गया हो।
    • यदि गिफ्ट डीड में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, तो उसका एकतरफा रद्दीकरण कानूनी रूप से अमान्य है।
  2. दानकर्ता की अपेक्षाएं पूरी नहीं होने पर (जैसे देखभाल या भरण-पोषण न देना), गिफ्ट डीड स्वतः रद्द नहीं हो जाती।
  3. भरण-पोषण के लिए उचित उपाय:
    • अगर दानकर्ता को दानग्राही से भरण-पोषण की शिकायत है, तो उसे ‘भरण-पोषण की मांग’ हेतु अलग से दावा (suit) दायर करना चाहिए, न कि गिफ्ट डीड को रद्द करना।
  4. हाईकोर्ट के निर्णय की पुष्टि:
    • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया कि गिफ्ट डीड में किसी भी प्रकार का रद्द करने का अधिकार आरक्षित नहीं किया गया था और इस कारण हाईकोर्ट द्वारा गिफ्ट डीड को वैध ठहराना उचित था।

📘 विधिक दृष्टिकोण (धारा 126, स्थानांतरण संपत्ति अधिनियम, 1882):
धारा 126 के अनुसार,

“दान का रद्दीकरण केवल उन्हीं शर्तों पर संभव है जो या तो दान में लिखी गई हों या दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट रूप से सहमति से निर्धारित हों।”


🔍 निष्कर्ष:
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि गिफ्ट डीड एक बार निष्पादित (executed) और पंजीकृत होने के बाद, केवल वैधानिक और अनुबंधित शर्तों पर ही रद्द की जा सकती है।
दानग्राही द्वारा अपेक्षित देखभाल न दिए जाने से केवल गिफ्ट डीड स्वतः रद्द नहीं होती। इसके लिए दानकर्ता को भरण-पोषण का दावा अलग से करना होगा।


📜 यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?

  • यह संपत्ति कानून की स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  • यह गिफ्ट डीड के दुरुपयोग या भावनात्मक आधार पर रद्दीकरण को रोकता है।
  • यह बताता है कि दान एक निस्वार्थ क्रिया है, न कि सेवा या प्रतिदान आधारित अनुबंध।